वैज्ञानिकों को ब्रिटेन में मिलेगी फास्ट ट्रैक वीजा की सुविधा
२७ जनवरी २०२०
दुनियाभर के वैज्ञानिकों को ब्रिटेन अपने नए वीजा नियमों की मदद से अपने देश में आकर्षित करना चाहता है.
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने विज्ञान के अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले बेहतरीन वैज्ञानिकों के लिए नए वीजा नियम पेश किए हैं. इन नए वीजा नियमों का मकसद दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों को ब्रिटेन आने के लिए लुभाना और उनकी मदद से देश को विज्ञान का "महाशक्ति" बनाना है.
'ग्लोबल टैलेंट रूट प्रोग्राम' कहे जा रहे इस कार्यक्रम के साथ ही जॉनसन ने उन्नत गणित के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए 30 करोड़ पाउंड लगाने के संकल्प की भी घोषणा की. यह राशि ऐसे शोधकर्ताओं और डॉक्टरेट के छात्रों की मदद करने में खर्च की जाएगी जो गणित के उन पहलुओं पर काम कर रहे हैं जिनसे हवाई यात्रा सुरक्षित बनाने, स्मार्ट फोन प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास में मदद मिलती है.
इस कार्यक्रम के तहत ब्रिटेन आने वाले लोगों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी. ब्रिटेन में नया वीजा नियम फरवरी से लागू हो जाएगा. एक बयान में प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा, "ब्रिटेन में वैज्ञानिक खोजों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है, लेकिन क्षेत्र का नेतृत्व करने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें प्रतिभा और अत्याधुनिक रिसर्च में निवेश जारी रखना होगा." जॉनसन ने आगे कहा कि "इसलिए ही हम ईयू से अलग हुए, मैं संदेश देना चाहता हूं कि ब्रिटेन दुनिया के सबसे प्रतिभाशालीन दिमागों के लिए खुला है और हम उनके आइडिया को वास्तविकता में तब्दील करने में मदद करना चाहते हैं."
ब्रिटेन और यूरोपीय संघ 31 जनवरी की रात एक-दूसरे से अलग होने जा रहे हैं. इसके कारण ब्रिटेन में कई दशकों का सबसे बड़ा आप्रवासन देखने को मिल रहा है. ब्रेक्जिट होने के बाद ईयू के नागरिक यूके में रहने और काम करने का अधिकार खो देंगे. ब्रिटेन को यही डर सता रहा है कि उसके यहां काम करने वाले कुछ बेहतरीन दिमाग देश छोड़ देंगे. गौरतलब है कि 2016 में ब्रिटेन में जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें 50 फीसदी से अधिक लोगों ने ईयू से अलग होने का फैसला लिया था. इसके बाद मार्च 2017 में ब्रिटेन की सरकार ने ब्रेक्जिट की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की थी. अब 31 जनवरी की रात ब्रिटेन ईयू से बाहर हो जाएगा.
एए/आरपी (एपी)
यूरोपियन यूनियन की टाइम लाइन
28 देशों के संघ यूरोपियन यूनियन के इतिहास में अब तक कौन सी अहम घटनाएं घटीं, इन तस्वीरों में देखें.
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1957
व्यापार की उलझनों को मिटाने के लिए, बेल्जियम, फ्रांस, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड्स और पश्चिमी जर्मनी ने मिलकर रोम की संधि के तहत यूरोपियन इकॉनोमिक कम्युनिटी यानि ईईसी का गठन किया.
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1973, 1981, 1985
1973 में डेनमार्क, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम भी इसके सदस्य बन गए. इसके बाद 1981 में ग्रीस और 1985 में स्पेन और पुर्तगाल भी ईईसी के सदस्य बने.
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1985
14 जून 1985 को 10 सदस्य देशों में से 5 ने शेंगेन समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते से सहमत सदस्य देशों की सीमाएं आपस में खुल गई. 2016 तक 26 देश शेंगेन इलाके से जुड़ गए हैं.
1992-1993
7 फरवरी 1992 में सदस्य देशों ने नीदरलैंड्स के मास्त्रिष्ट में यूरोपियन यूनियन की संधि पर हस्ताक्षर किए और 1993 में यह संधि लागू हो गई.
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2004
30 अप्रैल 2004 को ईयू के 15 सदस्यों की संख्या के 25 पहुंच जाने के मौके पर डब्लिन में एक समारोह का आयोजन हुआ. इसी साल जून में सदस्य देशों ने ईयू के संविधान को पारित किया. जिस पर अक्टूबर में सभी देशों ने हस्ताक्षर कर लिए.
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2005
फ्रांस में यूरोपीय संघ के संविधान के खिलाफ जनमत संग्रह हुआ जिसमें उसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद ऐसा ही नीदरलैंड्स में भी हुआ. जबकि संविधान के प्रभावी होने के लिए सभी 27 देशों की सहमति की जरूरत थी.
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2007
यूरोपीय संघ के नेता एक ऐसे समझौते के मसौदे पर सहमत हुए जिसे यूरोपीय संघ के दो देशों की ओर से खारिज हुए संविधान का विकल्प बनना था. इसे लिस्बन समझौता कहा गया.
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2009
लिस्बन समझौते के तहत 19 नवंबर 2009 को बेल्जियम के प्रधानमंत्री हरमन फान रूम्पे यूरोपीय आयोग के पहले अध्यक्ष बने.
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2012
यूरोपीय संघ को वर्ष 2012 में यूरोप में शांति और सुलह, लोकतंत्र और मानव अधिकारों की उन्नति में योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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2013
क्रोएशिया ने 28वें सदस्य के बतौर 1 जुलाई 2013 में यूरोपीय संघ में पदार्पण किया.
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2016
23 जून को यूरोपीय संघ में बने रहने या ना बने रहने पर लंबी बहस के बाद ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह में ब्रिटिश मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाने का फैसला लिया.
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2020
31 जनवरी 2020 को आखिरकार ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर हो गया. हालांकि यूरोपीय संघ के नियमों के तहत 11 महीने के लिए संक्रमण काल में कई चीजों को लागू रखने का फैसला किया गया जो 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है.