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एआई पर दुनिया की पहली शिखर बैठक क्यों है अहम

१ नवम्बर २०२३

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई पर दुनिया की पहली बड़ी बैठक ब्रिटेन में हो रही है. विश्वभर से राजनीति और तकनीक के जानकार, इस क्रांतिकारी डिजिटल तकनीक के सुरक्षित इस्तेमाल पर चर्चा करेंगे.

London | KI-Sicherheitsgipfel
तस्वीर: Toby Melville/Reuters/AP/picture alliance

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस, ईयू प्रमुख उरसुला फॉन डेय लाएन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुट्रेस इस बैठक में हिस्सेदारी कर रहे हैं. कुल 27 सरकारों के प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे हैं. समिट का मकसद एआई के बढ़ते इस्तेमाल से पैदा हो रहे सवालों पर विचार करना है.

विभिन्न क्षेत्रों में एआई के बढ़ते प्रयोग ने जहां एक ओर इसकी संभावनाओं की झलक दिखाई है, वहीं इससे इंसानी नौकरियों को खतरा, साइबर हमलों और तकनीक पर मानवीय नियंत्रण के बारे में डर भी पैदा हुआ है. इस बैठक के पहले ही दिन इलॉन मस्क हिस्सेदारी करने दिखे. पहले यह साफ नहीं था कि वह खुद आएंगे या फिर ऑनलाइन शिरकत करेंगे.

सुनक इस बैठक को लेकर काफी उत्साहित हैं हालांकि उन्हें अपने कुछ महत्वाकाक्षी विचारों को किनारे रखना पड़ातस्वीर: Stefan Rousseau/Pool via REUTERS

ऋषि सुनक की पहल

यह बैठक ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक की पहल पर हो रही है, बल्कि कहना चाहिए कि यह उन्हीं के दिमाग की उपज है. पिछले हफ्ते सुनक ने अपने एक बयान में जोर दिया था कि उनका लक्ष्य सुरक्षा के मामले पर एक अंतरराष्ट्रीय समझ विकसित करना है, जहां "हम साझेदारों के साथ सहयोग करके यह सुनिश्चित कर सकें कि एआई का प्रयोगसुरक्षित है."

सुनक ने कहा, "हम पूरी ताकत लगाकर इसके जोखिमों पर दुनिया के पहले अंतरराष्ट्रीय बयान पर सहमति की कोशिश करेंगे." हालांकि, खबरों के मुताबिक इस बैठक को लेकर ब्रिटेन को अपनी महत्वकांक्षाएं नियंत्रित भी करनी पड़ीं. जैसे एक नियामक बनाने जैसे विचारों से पीछे हटना, क्योंकि उसे लेकर ज्यादा उत्साह नहीं था.

एआई ने बहुत सारे क्षेत्रों के लिए उम्मीदें जगाई हैं लेकिन इसके प्रयोग को लेकर चिंताएं बनी हुई हैंतस्वीर: FABRICE COFFRINI/AFP

एआई से जुड़ी चिंताएं

एआई ने बहुत सारे क्षेत्रों के लिए उम्मीदें जगाई हैं. खासकर मेडिकल साइंस के विकास में इसके सकारात्मक इस्तेमाल की बहुत संभावनाएं दिखती हैं. सुनक को इस बैठक से बड़ी उम्मीदें हैं. वह एक साझा मंच से किसी औपचारिक प्रगति पर जोर देते रहे हैं. लेकिन पेशे से वकील कोरी क्राइडर, जो साफ-सुथरी तकनीक के लिए कैंपेन करते हैं, उन्हें लगता है कि एआई बैठक में चर्चा के अलावा शायद ही कुछ और होगा.

सैन फ्रांसिस्को में एक प्रेसवार्ता के दौरान सुनक पर टिप्पणी करते हुए क्राइडर कहती हैं, "अगर वह इस बारे में गंभीर होते, तो इसकी तह में जाते और ब्रिटेन की सारी बड़ी तकनीकी कंपनियों और नियामकों को साथ लाते. ऐसा नहीं हुआ. श्रम से जुड़े नियामक कहां हैं, जो यह देखें कि नौकरियां खतरे में हैं या खत्म हो रही हैं. डाटा सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले रेग्यूलेटर कहां हैं?"

इलॉन मस्क इस बैठक में हिस्सेदारी के लिए पहुंचे हालांकि पहले लग रहा था कि शायद वह ऑनलाइन शामिल होंगेतस्वीर: Leon Neal/Getty/AP/picture alliance

बैठक पर धुंध

इस वार्ता को लेकर सुनक की एक आलोचना यह भी हो रही है कि इसमें केवल तकनीक के जोखिमों पर ध्यान है. इसके बावजूद ब्रिटेन ने बुधवार को ही अफ्रीका में 46 मिलियन डॉलर की एआई परियोजाओं में पैसा लगाने की बात कही है. बैठक से पहले सोमवार को जी7 देशों में उन कंपनियों के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट पर सहमति बनी है, जो अत्याधुनिक एआई सिस्टम विकसित कर रही हैं. हालांकि, यह बाध्यकारी नहीं है.

व्हाइट हाउस ने एआई के इस्तेमाल से जुड़े अपने सुरक्षा मानक तय किए हैं, जिसके तहत कंपनियों को अपने कुछ खास तरह के सिस्टम सरकारी रिव्यू के लिए जमा करने होंगे. इस बैठक में चीनी प्रतिनिधि के भी शामिल होने की संभावना है. हालांकि, पश्चिमी देशों के साथ जारी तनाव के बीच बीजिंग को बुलावा भेजने पर भौंहें टेढ़ी जरूर हुई हैं.

एसबी/वीएस (एएफपी)

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