ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जीता अविश्वास मत
७ जून २०२२
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया है. 359 में से 211 सांसदों ने जॉनसन का समर्थन किया है.
विज्ञापन
प्रधानमंत्री जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी के ही कुछ सांसदों ने उनके नेतृत्व को चुनौती देते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाए थे. जॉनसन की सरकार पर लंबे समय से पार्टीगेट स्कैंडल को लेकर काफी दबाव था. जॉनसन की कोरोना नियमों के उल्लंघन और डाउनिंग स्ट्रीट में पार्टी करने को लेकर आलोचना हो रही है. वे नियमों को तोड़ने को लेकर माफी भी मांग चुके हैं.
सोमवार को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में कुल 359 कंजर्वेटिव सांसदों में से 211 का समर्थन हासिल करने में जॉनसन कामयाब रहे. जॉनसन ने 59 प्रतिशत सांसदों का समर्थन हासिल किया. जॉनसन को अपनी पूर्ववर्ती थेरेसा मे की तुलना में एक प्रतिशत कम वोट मिला है. साल 2018 में इसी तरह के वोट के बाद थेरेसा मे ने विश्वास प्रस्ताव के छह महीने के भीतर ही इस्तीफा दे दिया था.
हालांकि, जॉनसन ने वोट को "निर्णायक परिणाम" के रूप में बताया. उन्होंने कहा जिसका मतलब है कि "एक सरकार के रूप में हम आगे बढ़ सकते हैं और उन चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो मुझे लगता है कि वास्तव में लोगों के लिए मायने रखती हैं."
सांसदों ने वोट पर कैसे प्रतिक्रिया दी?
सोमवार को आए नतीजे का कई सांसदों ने स्वागत किया जिनमें वित्त मंत्री ऋषि सूनक भी शामिल थे. वित्त मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, "मैं उनका समर्थन कर रहा हूं और उनका समर्थन करना जारी रखूंगा. कल हम अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और बेहतर सार्वजनिक सेवाएं देने के लिए काम पर वापस आ जाएंगे."
लेकिन अन्य सांसदों ने कहा कि परिणाम का मतलब जॉनसन और उनकी पार्टी को उसके विभाजनों द्वारा शक्तिहीन कर दिया गया है.
जॉनसन हाल के महीनों में एक के बाद एक विवादों से जूझ रहे हैं. उनपर खुलासा हुआ था कि उन्होंने और उनके कर्मचारियों ने बार-बार ऐसी पार्टियों का आयोजन किया, जिन्होंने देश के कोविड-19 प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ाईं. ये वैसे नियम थे जो खुद जॉनसन की सरकार ने जनता पर लगाए थे. जॉनसन ने नियमों के उल्लंघन को लेकर माफी भी मांगी थी लेकिन पार्टी के ही कई सांसद उन पर दबाव बनाने लगे थे.
कंजर्वेटिव 1922 के अध्यक्ष ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि कुल 359 वोट डाले गए और इनमें से कोई भी खराब मत नहीं था. जनता के सामने नतीजे के आने के कुछ समय पहले ही जॉनसन को वोट के परिणाम के बारे में अवगत कराया गया था.
1922 की समिति के नियमों के मुताबिक एक प्रधानमंत्री जो इस तरह के वोट से बच जाता है, उसे अपनी ही पार्टी के भीतर एक और साल के लिए फिर से चुनौती नहीं दी जा सकती है. इस तरह के अविश्वास को हारने वाले प्रधानमंत्री को पार्टी के नेता के रूप में पद छोड़ देना चाहिए और वह अगले चुनाव में पार्टी के नेता के तौर पर खड़ा नहीं हो सकता है.
एए/वीके (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)
इन राष्ट्राध्यक्षों को मांगनी पड़ी माफी
पिछले कुछ दिनों से ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की एक पार्टी चर्चा में है. इसके लिए उन्हें माफी मांगनी पड़ी है. उनके अलावा ऐसे और भी राष्ट्राध्यक्ष हुए हैं, जिन्होंने अपनी किसी हरकत या गलती के लिए माफी मांगी है.
तस्वीर: Fotolia/lafota
बोरिस जॉनसन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने बर्ताव पर माफी मांगी है. यह मामला डाउनिंग स्ट्रीट में हुई एक गार्डन पार्टी में शामिल होने से जुड़ा है. यह पार्टी तब हुई, जब ब्रिटेन में सख्त लॉकडाउन लगा हुआ था. प्रधानमंत्री ने इस पार्टी में शामिल होने की बात पहले नहीं कबूली थी. मुद्दा गरमाने के बाद उन्होंने गलती मानी और माफी मांगी. आगे की स्लाइडों में देखिए माफी मांगने वाले कुछ और नेता.
तस्वीर: House of Commons/PA via AP/picture alliance
बिल क्लिंटन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का नाम एक स्कैंडल से जुड़ा था. राष्ट्रपति रहते हुए उनके व्हाइट हाउस की एक इंटर्न मोनिका लेवेंस्की से अनुचित संबंध थे. महीनों तक इनकार करते रहने के बाद अगस्त 1998 में क्लिंटन ने आरोप कबूले. टीवी पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने लोगों को और यहां तक कि अपनी पत्नी को भी गुमराह किया. क्लिंटन ने अपने किए पर गहरा अफसोस जताया था.
तस्वीर: Timothy A. Clary/AFP
पार्क ग्यून हे
दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून हे पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप थे. 2016 में महाभियोग चलाकर उन्हें पद से हटाया गया. उन्हें 24 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, दिसंबर 2021 में पांच साल की कैद के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. महाभियोग के पहले उन्होंने कई बार माफी मांगी थी. नवंबर 2016 में टीवी पर प्रसारित एक संदेश में उन्होंने कहा कि जो भी हो रहा है, उनकी गलती के चलते हो रहा है.
तस्वीर: Ahn Young-joon/AP Photo/picture alliance
जस्टिन ट्रूडो
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कई बार विवादों में फंस चुके हैं. 2019 में चुनाव से ठीक पहले उनकी कुछ पुरानी तस्वीरें और वीडियो सामने आए. इन तस्वीरों में ट्रूडो ने अपने चेहरे को मेकअप से काला-भूरा किया हुआ था. इस 'ब्लैकफेस' विवाद को लेकर उनकी बहुत आलोचना हुई. पहले तो ट्रूडो ने कहा कि उन्हें ये तस्वीरें याद नहीं हैं. बाद में उन्होंने कहा कि लोगों को ठेस पहुंचाने के लिए वह माफी चाहते हैं.
तस्वीर: Sean Kilpatrick/ZUMAPRESS/picture alliance
टोनी ब्लेयर
अक्टूबर 2015 में अमेरिकी समाचार नेटवर्क सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इराक हमले से जुड़ी 'गलतियों' पर माफी मांगी थी. ब्लेयर ने कहा था, "मैं इस बात की माफी मांगता हूं कि हमें जो खुफिया रिपोर्ट मिली, वह गलत थी. हालांकि सद्दाम ने अपने नागरिकों और बाकियों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन इराक का प्रोग्राम वैसा नहीं था जैसा हम समझ रहे थे."
तस्वीर: DW
रोड्रिगो डुटेर्टे
सितंबर 2016 में फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. इसके बाद कई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि डुटेर्टे ने इस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति बराक ओबामा को "सन ऑफ अ होर" कहा है. खबर सामने आने पर व्हाइट हाउस ने ओबामा और डुर्टेटे की प्रस्तावित मीटिंग रद्द कर दी. इसके बाद डुटेर्टे ने बयान जारी कर खेद जताया. यह भी कहा कि गाली ओबामा को नहीं, बल्कि एक पत्रकार को दी थी.
तस्वीर: Toto Lozano/Malacanang Presidential Photographers Division/AP/picture alliance