ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा है कि भारत का रूस के खिलाफ वोट ना करने का फैसला उसकी रूस पर निर्भरता के चलते हैं. ट्रस ने भारत से रूस के खिलाफ खड़ा होने को भी कहा.
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ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा है कि भारत कुछ हद तक रूस पर निर्भर करता है, जो उसकी संयुक्त राष्ट्र में रूस की निंदा में लाए गए प्रस्ताव पर वोट के दौरान गैरहाजिर रहने के लिए जिम्मेदार है. रूस के यूक्रेन पर हमले के कारण संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया था, जिस पर मतदान से भारत गैरहाजिर रहा था.
ब्रिटिश मंत्री ने एक संसदीय समिति को बताया, "यहां मुद्दा यह है कि भारत कुछ हद तक रूस पर निर्भर करता है. यह निर्भरता रक्षा संबंधों में भी है और आर्थिक संबंधों में भी. और मेरा मानना है कि आगे बढ़ने के लिए भारत के साथ रक्षा और आर्थिक संबंधों में नजदीकियां बढ़ानी होंगी."
रूस को झटका देने वाली बड़ी कंपनियां
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ट्रस ने कहा कि उन्होंने इस बारे में भारतीय विदेश मंत्री से बात की है. उन्होंने कहा, “मैंने अपने समकक्ष जयशंकर से बात की है और भारत को रूस के खिलाफ खड़ा होने के लिए प्रोत्साहित किया है.”
भारत रूस के साथ?
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और फिर महासभा में भी रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव में भारत के अलावा यूएई और चीन ने भी मतदान से गैरहाजिर रहने का फैसला किया था, जिसे पश्चिमी देश रूस के समर्थन के रूप में देख रहे हैं.
यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र की महासभा के विशेष आपात सत्र बुलाने पर सुरक्षा परिषद में मतदान हुआ और इस बार भी भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. भारत का कहना है कि हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए और कूटनीति और बातचीत से समस्या को सुलझाना चाहिए.
प्रतिबंधों के लपेटे में आए पुतिन के मित्र
पश्चिमी देशों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी माने जाने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं. देखिए इस लिस्ट में कौन कौन से रूसी सेठ हैं.
तस्वीर: Christian Charisius/dpa/picture alliance
इगोर सेशिन
सेशिन रूस के पूर्व उप प्रधानमंत्री रह चुके हैं. फिलहाल वह सरकारी तेल कंपनी रोजनेफ्ट के सीईओ हैं. सेशिन को पुतिन की विश्वस्त करीबियों में गिना जाता है.
तस्वीर: Alexei Nikolsky/Russian Presidential Press and Information Office/TASS/picture alliance
अलेक्सेई मोर्दाशोव
रूस के सबसे बड़े प्राइवेट मीडिया ग्रुप, नेशनल मीडिया ग्रुप में मोर्दाशोव ने खूब निवेश किया है. यूरोपीय संघ का आरोप है कि मोर्दाशोव ने यूक्रेन को अस्थिर करने वाली नीतियों का समर्थन किया. मीडिया टाइकून इन आरोपों से इनकार करते हैं.
तस्वीर: Tass Zhukov/TASS/dpa/picture-alliance
अलीशेर उस्मानोव
उज्बेकिस्तान में पैदा हुए उस्मानोव धातु और टेलिकॉम सेक्टर के टायकून हैं. ईयू के मुताबिक उस्मानोव ने पुतिन के एक करीबी सलाहकार को करोड़ों की रकम दी. अमेरिका और ब्रिटेन ने उस्मानोव को ब्लैकलिस्ट कर दिया है.
तस्वीर: Alexei Nikolsky/Kremlin/Sputnik/REUTERS
मिखाएल फ्रिडमैन और एवेन
यूरोपीय संघ के मुताबिक इस तस्वीर में दिख रहे फ्रिडमैन पुतिन के सबसे करीबी रूसी फाइनेंसरों में से एक हैं. फ्रिडमैन और उनके पार्टनर पियोत्र एवेन बैंकिंग, रिटेल और तेल से अरबों डॉलर कमा चुके हैं. ईयू के दस्तावेजों के मुताबिक फ्रिडमैन नियमित रूप से पुतिन से मुलाकात करते हैं.
तस्वीर: Mikhail Metzel/ITAR-TASS/imago
बोरिस और इल्गोर रोटेनबर्ग
रोटेनबर्ग परिवार का पुतिन से करीबी नाता बताया जाता है. बोरिस एसएमपी बैंक के सहमालिक भी हैं. यह बैंक रूसी गैस कंपनी गाजप्रोम से जुड़ा है. बोरिस के बड़े भाई आर्कादी पर पहले ही ईयू और अमेरिका के प्रतिबंध हैं.
तस्वीर: Sergey Dolzhenko/epa/dpa/picture-alliance
गेनादी तिमशेकों
तिमशेंको, बैंक रोसिया के बड़े शेयर धारकों में शामिल हैं. ईयू के डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक रूसी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इस बैंक को अपना पर्सनल बैंक मानते हैं. बैंक रूसी टेलीविजन स्टेशनों में भी पैसा लगा चुका है और उसका निवेश क्रीमिया तक फैला है.
तस्वीर: Sergei Karpukhin/AFP/Getty Images
लक्जरी याटें जब्त
नए प्रतिबंधों के तहत संपत्तियां जब्त की गई हैं और यात्रा पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं. बीते कुछ दिनों में इटली, फ्रांस और ब्रिटेन में रूसी कुलीन वर्ग की कई लक्जरी याटें जब्त की गई हैं. इनमें सेशिन, उस्मानोव और तिमशेंको की याट्स भी शामिल हैं. (रिपोर्ट मोनिर घाएदी)
तस्वीर: Imago/M. Segerer
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भारत ने इस बारे में एक बयान जारी कर बताया था कि उसने मतदान में हिस्सा ना लेना का फैसला क्यों किया. अपने बयान में उसने कहा, “भारत यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम से बहुत व्याकुल है. हम आग्रह करते हैं कि हिंसा रोके जाने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए. सभी सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का सम्मान करते हुए एक रचनात्कम हल खोजना चाहिए.”
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पश्चिमी देश नाखुश
भारत के इस रुख से पश्चिमी देश बहुत ज्यादा खुश नहीं रहे हैं. हाल ही में भारत में जर्मनी के राजदूत वॉल्टर लिंडनर ने उम्मीद जताई थी कि आने वाले दिनों में भारत रूस को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अपना रवैया बदलेगा. लिंडनर ने 'द हिंदू' अखबार को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भले ही यूक्रेन भारत से दूर हो, "लेकिन अगर हम यूक्रेन के नागरिकों के खिलाफ हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को बर्दाश्त करते हैं....तो यह दुनिया में और स्थानों तक भी फैल सकता है, हो सकता है भारत के काफी करीब भी."
लिंडनर ने आगे कहा, "अभी भी समय है, हम भारत को अपने विचार बता रहे हैं. अगर इस तरह का युद्ध को उकसावा एक नया नियम बन गया तो सबका नुकसान होगा और हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बात को भारत में स्वीकारा जाएगा और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्पष्टीकरण में या मत में या मतदान के स्वरूप में कुछ बदलाव आएगा."
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि रूस को लेकर अभी तक भारत की स्थिति का "समाधान नहीं निकला है" और इस पर अमेरिका भारत से "अभी भी बातचीत कर रहा है." इसी बयान के बाद सुरक्षा परिषद में मतदान हुआ था, जिससे भारत गैरहाजिर रहा था.
वीके/एए (रॉयटर्स, एपी)
कितने परमाणु हथियार हैं दुनिया में और किसके पास
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के तीन दिन बाद ही परमाणु हथियारों को भी हाई अलर्ट पर रखने का हुक्म दिया. रूस के पास कुल कितने परमाणु हथियार हैं. रूस के अलावा दुनिया में और कितने परमाणु हथियार है?
तस्वीर: AP Photo/picture-alliance
कितने परमाणु हथियार
स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान यानी सीपरी हर साल दुनिया भर में हथियारों के बारे में रिपोर्ट तैयार करती है. सीपरी के मुताबिक 2021 की शुरुआत में दुनिया भर में कुल 13,080 परमाणु हथियार मौजूद थे. इनमें से 3,825 परमाणु हथियार सेनाओं के पास हैं और 2,000 हथियार हाई अलर्ट की स्थिति में रखे गए हैं, यानी कभी भी इनका उपयोग किया जा सकता है. तस्वीर में दिख रहा बम वह है जो हिरोशिमा पर गिराया गया था.
तस्वीर: AFP
किन देशों के पास है परमाणु हथियार
सीपरी के मुताबिक दुनिया के कुल 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया के नाम शामिल हैं. दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कमी आ रही है हालांकि ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों में कटौती की वजह से हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
उत्तर कोरिया
डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी उत्तर कोरिया ने 2006 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. वर्तमान में उसके पास 40-50 परमाणु हथियार होने का अनुमान है.
तस्वीर: KCNA/KNS/AP/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण कब किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल इस्राएल के पार 90 परमाणु हथियार होने की बात कही जाती है. इस्राएल ने भी परमाणु हथियारों की कहीं तैनाती नहीं की है. तस्वीर में शिमोन पेरेज नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर नजर आ रहा है. इस्राएल ने बहुत समय तक इसे छिपाए रखा था.
तस्वीर: Planet Labs Inc./AP/picture alliance
भारत
भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 156 हथियार हैं जिन्हें रिजर्व रखा गया है. अब तक जो जानकारी है उसके मुताबिक भारत ने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है. भारत ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण 1974 में किया था.
तस्वीर: Indian Defence Research and Development Organisation/epa/dpa/picture alliance
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के पास कुल 165 परमाणु हथियार मौजूद हैं. पाकिस्तान ने भी अपने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है और उन्हें रिजर्व रखा है. पाकिस्तान ने 1998 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
ब्रिटेन
ब्रिटेन के पास मौजूद परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 225 हथियार है. इनमें से 120 परमाणु हथियारों को ब्रिटेन ने तैनात कर रखा है जबकि 105 हथियार उसने रिजर्व में रखे हैं. ब्रिटेन ने पहला बार नाभिकीय परीक्षण 1952 में किया था. तस्वीर में नजर आ रही ब्रिटेन की पनडुब्बी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
तस्वीर: James Glossop/AFP/Getty Images
फ्रांस
फ्रांस ने 1960 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था और फिलहाल उसके पास 290 परमाणु हथियार मौजूद हैं. फ्रांस ने 280 परमाणु हथियारों की तैनाती कर रखी है और 10 हथियार रिजर्व में रखे हैं. यह तस्वीर 1971 की है तब फ्रांस ने मुरुरोआ एटॉल में परमाणउ परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
चीन
चीन ने 1964 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. उसके पास कुल 350 परमाणु हथियार मौजूद हैं. उसने कितने परमाणु हथियार तैनात किए हैं और कितने रिजर्व में रखे हैं इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
तस्वीर: Zhang Haofu/Xinhua/picture alliance
अमेरिका
परमाणु हथियारों की संख्या के लिहाज से अमेरिका फिलहाल दूसरे नंबर पर है. अमेरिका ने 1,800 हथियार तैनात कर रखे हैं जबकि 2,000 हथियार रिजर्व में रखे गए हैं. इनके अलावा अमेरिका के पास 1,760 और परमाणु हथियार भी हैं. अमेरिका ने 1945 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: Jim Lo Scalzo/EPA/dpa/picture alliance
रूस
वर्तमान में रूस के पास सबसे ज्यादा 6,255 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,625 हथियारों को रूस ने तैनात कर रखा है. 2,870 परमाणु हथियार रूस ने रिजर्व में रखे हैं जबकि दूसरे परमाणु हथियारों की संख्या 1,760 है. रूस के हथियारों की संख्या 2020 के मुकाबले थोड़ी बढ़ी है. रूस ने 1949 में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल की थी.