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यूक्रेन ने रूस पर लगाया काखोव्का बांध उड़ाने का आरोप

६ जून २०२३

डनीपर नदी पर बना काखोव्का बांध विस्फोट के कारण नष्ट हो गया है. इंजन रूम के भीतर हुए धमाके से पनबिजलीघर पूरी तरह तहस-नहस हो गया. यूक्रेन की पनबिजली कंपनी के मुताबिक, यह मरम्मत किए जाने की स्थिति में नहीं है.

यूक्रेन की सरकारी हाइड्रोइलेक्ट्रिक कंपनी ने बताया कि बांध के इंजन रूम में विस्फोट हुआ, जिससे पावर प्लांट पूरी तरह बर्बाद हो गया.
यूक्रेन की सरकारी हाइड्रोइलेक्ट्रिक कंपनी ने बताया कि बांध के इंजन रूम में विस्फोट हुआ, जिससे पावर प्लांट पूरी तरह बर्बाद हो गया. तस्वीर: Maxar Technologies/REUTERS

दक्षिणी यूक्रेन का काखोव्का बांध उड़ा दिया गया है. यूक्रेन और रूस, दोनों ओर के अधिकारियों ने बांध को हुए नुकसान की पुष्टि की है. यूक्रेन की सरकारी हाइड्रोइलेक्ट्रिक कंपनी ने बताया कि बांध के इंजन रूम में विस्फोट हुआ, जिससे पावर प्लांट पूरी तरह बर्बाद हो गया. सोवियत संघ के दौर में बना यह बांध क्रीमियन प्रायद्वीप में भी पानी की आपूर्ति करता था. साथ ही, जापोरिझिया परमाणु संयंत्र को भी यहीं से पानी की आपूर्ति होती थी. यह संयंत्र अभी रूस के नियंत्रण में है. 

इस घटना के कारण डनीपर नदी के निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा है. यूक्रेनी अधिकारियों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि काखोव्का बांध को नुकसान पहुंचने की स्थिति में करीब 480 करोड़ गैलन पानी बाहर निकल सकता है और खेरसॉन समेत दर्जनों इलाकों में पानी भर सकता है.

यूक्रेन के आतंरिक मामलों के मंत्रालय ने टेलिग्राम पर भेजे अपने संदेश में डनीपर नदी के दाहिने किनारे पर बसे 10 गांवों के निवासियों से घरों में लगे बिजली के उपकरण बंद कर जरूरी कागजातों और पालतू जानवरों को साथ लेकर सुरक्षित जगह चले जाने को कहा.

यह तस्वीर यूक्रेनी राष्ट्रपति के जारी किए एक वीडियो से ली गई है. इसमें बांध के टूटे हिस्से से पानी बाहर निकलता नजर आ रहा है. तस्वीर: Ukrainian Presidential Office via AP/picture alliance

नाटो महासचिव ने की निंदा

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्वीट किया, "काखोव्का पनबिजली बिजलीघर के बांध की तबाही पूरी दुनिया के लिए इस बात की पुष्टि करती है कि उन्हें यूक्रेनी जमीन के हर कोने से निकाल बाहर किया जाना चाहिए. एक मीटर भी उनके लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए क्योंकि वे हर मीटर को आतंक के लिए इस्तेमाल करते हैं." राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस संकट से निपटने के लिए आपातकालीन बैठक भी बुलाई है. राष्ट्रपति जेलेंस्की की संचार सलाहकार ने बताया है कि धमाके के कारण करीब 150 टन इंजन ऑइल डनीपर नदी में मिल गया है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो सकता है. 

यूक्रेन ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी यह मामला उठाया. यूक्रेन के प्रतिनिधि ने रूस को "टेररिस्ट स्टेट" बताते हुए कहा कि इस घटना के कारण बड़ी संख्या में लोगों को बाहर निकालना पड़ रहा है और पर्यावरण को भी बहुत नुकसान पहुंचा है.

जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा है कि बांध पर किया गया हमला, रूसी राष्ट्रपति पुतिन की हिंसा बढ़ाने और नागरिक सुविधाओं से जुड़े ढांचे को निशाना बनाने की रणनीति के मुताबिक है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के मद्देनजर यह और जरूरी हो जाता है कि जब तक जरूरी हो, जर्मनी यूक्रेन की मदद करे. 

नाटो के महासचिव येंस स्टॉल्टेनबर्ग ने इस घटना की निंदा करते हुए एक ट्वीट में लिखा, "काखोव्का बांध की तबाही से हजारों नागरिकों के लिए जोखिम पैदा हो गया है और गंभीर पर्यावरणीय नुकसान हुआ है. यह क्रूर कार्य है, जो एक बार फिर यूक्रेन में रूसी युद्ध की क्रूरता दिखलाती है." 

बाढ़ का पानी नोवाया काखोव्का के मध्य हिस्से तक पहुंच गया है. तस्वीर: Kherson Region emergency service/Tass/dpa/picture alliance

रूस ने क्या कहा?

उधर रूसी अधिकारियों का आरोप है कि यूक्रेनी सेना के हमलों से बांध क्षतिग्रस्त हुआ. रूस के नियुक्त किए गए नोवा काखोव्का के मेयर व्लादीमीर लियोनतेव ने बताया कि बिजलीघर पर हुए कई हमलों से उसके वॉल्व क्षतिग्रस्त हुए और जलाशय का पानी बेकाबू होकर नीचे की ओर बहने लगा. लियोनतेव ने बांध पर हुए हमले को बेहद गंभीर आतंकवादी गतिविधि बताया.

रूसी अधिकारियों ने बताया है कि कई द्वीपों में पानी भर गया है. दोनों देशों के अधिकारियों का कहना है कि नीचे के इलाके में करीब 80 बसाहटों के पानी में डूबने का जोखिम है. खेरसॉन प्रशासन ने अंदेशा जताया कि पांच घंटे में पानी नाजुक स्तर पर पहुंच जाएगा. खतरे वाले इलाकों से आबादी को निकाला जा रहा है.

इस घटना के कारण डनीपर नदी के निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा है. हजारों लोगों पर विस्थापित होने का खतरा है. तस्वीर: Kherson Region emergency service/Tass/dpa/picture alliance

परमाणु बिजलीघर पर भी जोखिम

यूक्रेन के न्यूक्लियर ऑपरेटर ने अपने बयान में कहा कि बांध में विस्फोट से जापोरिझिया परमाणु बिजलीघर प्रभावित हो सकता है, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (आईएईए) ने ट्वीट किया कि उसके विशेषज्ञ जापोरिझिया परमाणु बिजलीघर के हालात पर नजर रख रहे हैं, लेकिन फिलहाल संयंत्र पर परमाणु सुरक्षा से जुड़ा कोई तात्कालिक खतरा नहीं है.

यूक्रेन में युद्ध के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले असर से जुड़े समूह के मुताबिक, बांध के पूरी तरह ध्वस्त होने से बाएं किनारे का ज्यादातर हिस्सा बह जाएगा. बांध के जलाशय में पानी की गंभीर कमी से परमाणु संयंत्र में कूलिंग के प्रभावित होने का जोखिम है. इसके अलावा उत्तरी क्रीमिया में पानी की आपूर्ति भी रुक जाएगी. 

डनीपर नदी पर बने छह बांधों में से पांच पर यूक्रेन का नियंत्रण है. यह नदी पूरे देश में पानी और बिजली आपूर्ति के लिए बेहद अहम है. यूक्रेन और रूस, दोनों पहले भी एक-दूसरे पर बांध को निशाना बनाने के आरोप लगा चुके हैं. अक्टूबर 2022 में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अंदेशा जताया था कि रूस बाढ़ लाने के लिए बांध को नष्ट कर देगा. पिछले कुछ महीने से बांध में पानी के बहाव पर भी चिंता जताई जा रही थी. फरवरी 2023 में पानी का स्तर इतना कम हो गया था कि जापोरिझिया परमाणु बिजलीघर में हादसे की आशंका थी. फिर मई में भारी बारिश और बर्फ पिघलने पर जल स्तर सामान्य से ज्यादा हो गया था.

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एसएम/एए (एपी, एफपी, रॉयटर्स)

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