यूक्रेन: जान की बाजी लगाकर लोगों का रेस्क्यू करते ड्राइवर
१४ जून २०२२
अप्रैल में जब रूसी सेना यूक्रेनी बंदरगाह शहर मारियोपोल पर गोलाबारी कर रही थी, तब तीन छोटे बच्चों वाले परिवार ने भागने का फैसला किया. रूसी कब्जे वाले क्षेत्र से उनकी निकासी एक वॉलंटियर ड्राइवर की मदद से संभव हो पाई.
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मई की शुरुआत में यूक्रेनी शहर जापोरोजिया में मिनी बस से उतरते हुए 58 साल की लुडा लोबानोवा कहती हैं, ''ड्राइवर जेन्या एक संत हैं.'' लोबानोवा के साथ उनका आठ साल का बेटा इहोर, 7 साल की सोफिया और ढाई का व्लाद भी बस से उतरे. लोबानोवा कहती हैं कि उन्होंने कई बार अपने परिवार के साथ भागने की कोशिश की लेकिन हर बार उन्हें सीमा क्षेत्र से पीछे कर दिया गया. नम आंखों के साथ वह कहती हैं, ''जेन्या नहीं होते तो हम कामयाब नहीं हो पाते.''
ड्राइवर जेन्या ने उन्हें और उनके बच्चों को बस उतारने के बाद इसी तरह की मानवीय मदद और लोगों को देने के लिए फौरन वहां से रवाना हो गए.
यूक्रेन के अशांत पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में वॉलंटियर ड्राइवर स्थानीय लोगों को निकालने के लिए हर तरह के जोखिम उठा रहे हैं. खास तौर से सीमावर्ती इलाके के पीछे वाले क्षेत्र से. वॉलंटियर ड्राइवर यूक्रेनी लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने और वहां से लोगों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. वे जो रास्ता अपनाते हैं वह अक्सर खतरनाक और लंबा होता है. कभी-कभी सड़क इतनी लंबी होती है कि वाहन चालकों को दूरी तय करते समय आंखें बंद होने, चोट या मौत का सामना करना पड़ता है.
यूक्रेनी वॉलंटियर्स के मुताबिक पूर्वी डोनेत्स्क क्षेत्र में रूसी समर्थक अलगाववादियों ने दो दर्जन से अधिक ड्राइवरों को पकड़ लिया है और उन्हें दो महीने से अधिक समय से हिरासत में रखा है. कुछ ड्राइवरों का कहना है कि वे पैसे के लिए यह खतरनाक काम करते हैं, लेकिन कई इसे स्वेच्छा से या मुफ्त में करते हैं. ऐसे ड्राइवर या तो अकेले या किसी संगठित समूह के साथ जुड़े होते हैं.
कई लोगों को बचाने वाले ड्राइवर ओलेक्सांदर पेत्रेंको कहते हैं, "मैंने ऐसा करने का फैसला किया क्योंकि वे सभी महिलाएं और बच्चे हैं." पेत्रेंको मारियोपोल और आसपास के क्षेत्रों से यूक्रेनी नागरिकों को निकाल रहे हैं. उन्हें डर है कि वे बार-बार रूसी कब्जे वाले इलाके से लोगों को निकाल रहे हैं और इस वजह से उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है. पेत्रेंको कहते हैं, "मेरी भी एक मां है. मेरी गर्लफ्रेंड भी है. ये लोग वहां कैसे रह सकते हैं? उस मानव चक्की में. वहां जीवन बर्बाद हो गया है. अगर आप उन्हें बचा नहीं सकते हैं तो वे मर जाएंगे."
पेत्रेंको ने पहली बार अनुभवी ड्राइवरों के साथ काम किया. पेत्रेंको ने रास्ता याद किया और इस तरह के ऑपरेशन को कैसे चलाना है यह जाना. उन्होंने सख्त नियमों को अपनाया, जो ड्राइवरों और यात्रियों दोनों पर समान रूप से लागू होते हैं. जैसे मोबाइल फोन से तस्वीरों और मेसेज को डिलीट करना. रूस या रूस समर्थित अलगाववादियों की आलोचना न करना. कभी भी किसी राजनीतिक वाद-विवाद में न पड़ना. उनके मुताबिक, "गलत लोगों के साथ गलत टिप्पणी करने से आपकी आजादी और आपकी जान जा सकती है."
उनकी पहली यात्रा सबसे डरावनी थी, यहां तक कि मौसम भी इसका पूर्वाभास कर रहा था. वह कहते हैं, "यह धुंधला और उदास था. बारिश हो रही थी और जब आप ऐसे शहर में दाखिल होते हैं जो काले रंग में रंगा हो और पूरी तरह से जला हुआ हो तो ऐसा लगता है कि आप कोई फिल्म देख रहे हैं.''
यूक्रेन युद्ध में तबाह हुए रूसी टैंकों की कीव में प्रदर्शनी
यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में नष्ट हुए रूसी सेना के टैंक और सैन्य उपकरण 24 मई को यूक्रेन की राजधानी कीव में प्रदर्शनी के लिए रखे गए. लोग बड़ी रुचि के साथ इन्हें देखने पहुंच रहे हैं.
तस्वीर: GLEB GARANICH/REUTERS
कबाड़ बना टैंक
यूक्रेन की राजधानी कीव पर युद्ध शुरू होने के बाद से ही हमले हो रहे हैं, लेकिन नए हमलों की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. इसके बजाय राजधानी के केंद्र में एक प्रदर्शनी लगाई गई है, जहां विभिन्न रूसी टैंकों समेत सैन्य वाहनों को रखा गया है. प्रदर्शनी में रखे टैंक को देखता एक यूक्रेनी बच्चा.
तस्वीर: GLEB GARANICH/REUTERS
सड़क के किनारे क्षतिग्रस्त टैंक
कभी यह रूसी टैंक कीव में कहर बरपा रहा था लेकिन यूक्रेनी सेना इसे तबाह कर दिया. अब यह टैंक शहर के चौराहे पर रखा गया है.
तस्वीर: GLEB GARANICH/REUTERS
बच्चे भी आए देखने
क्षतिग्रस्त टैंकों को देखने के लिए काफी संख्या में बच्चे भी आ रहे हैं. वे इन टैंकों के सामने खड़े होकर तस्वीरें भी खिंचवा रहे हैं.
तस्वीर: GLEB GARANICH/REUTERS
उत्सुक निगाहें
यूक्रेनी लोगों का एक समूह कीव में प्रदर्शित एक रूसी टैंक को बड़ी उत्सुकता के साथ देख रहा है.
तस्वीर: GLEB GARANICH/REUTERS
युद्ध में मारे गए हजारों
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के मुताबिक इस साल 24 फरवरी को रूस द्वारा युद्ध शुरू करने के बाद से कम से कम 3,930 नागरिक मारे गए हैं और 4,532 घायल हुए हैं. माना जाता है कि वास्तविक संख्या काफी अधिक है.
तस्वीर: GLEB GARANICH/REUTERS
देश छोड़कर शरणार्थी बने नागरिक
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक लगभग 65 लाख लोग दूसरे देशों में पनाह लिए हुए हैं, जबकि 77 लाख से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. युद्ध आगे किस ओर जाएगा अभी तक किसी को अंदाजा नहीं है. इस तस्वीर में एक यूक्रेनी नष्ट हो चुके टैंक के पास से गुजरता हुआ.
तस्वीर: GLEB GARANICH/REUTERS
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पेत्रेंको अनुमान लगाते हैं कि उन्होंने ड्राइविंग छोड़ने से पहले करीब 130 लोगों को रूसी कब्जे वाले क्षेत्र से सुरक्षित निकाला. उन्होंने पकड़े जाने के जोखिम को देखते हुए ड्राइविंग छोड़ दी. अब वे वॉलंटियर ड्राइवरों की टीम के लिए साज ओ सामान पहुंचाने में मदद करते हैं.
मार्च के महीने में इसी तरह के एक ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया था. एक पत्रकार और उनका परिवार इस ड्राइवर की मदद से मारियोपोल से भागने में सफल रहा था. हालांकि पत्रकार का कहना है कि ड्राइवर को छोड़ दिया गया था लेकिन उसने दोबारा से लोगों की मदद के लिए फेरी लगानी शुरू कर दी और पकड़ा गया.
एए/वीके (एएफपी, एपी)
रूस-यूक्रेन युद्ध के 100 दिन, आंकड़ों में
यूक्रेन पर रूस के हमले को 100 दिन पूरे हो गए हैं और युद्ध अभी भी चलता ही चला जा रहा है. ये आंकड़े इस युद्ध की वजह से हुई मौत, बर्बादी, विस्थापन और आर्थिक तबाही की कहानी बयां करते हैं.
तस्वीर: Fanny Facsar/DW
इंसानी जानों का नुकसान
असल में कोई नहीं जानता कि कितने सैनिक और आम नागरिक मारे गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि दसियों हजारों यूक्रेनी नागरिक मारे जा चुके हैं. अकेले मारियोपोल में 21,000 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं. जेलेंस्की के मुताबिक यूक्रेन के 60 से 100 सैनिक रोज मारे जा रहे हैं. रूस के एक जनरल ने 25 मार्च को बताया था कि 1,351 रूसी सैनिक मारे गए थे. असल आंकड़े कहीं ज्यादा हो सकते हैं.
तस्वीर: Alexander Ermochenko/REUTERS
बर्बादी
यूक्रेन के मानवाधिकारों पर संसदीय आयोग के मुताबिक करीब 38,000 इमारतें नष्ट हो गई हैं, जिससे लगभग 2,20,000 लोग बेघर हो गए हैं. करीब 1,900 शैक्षणिक संस्थानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 180 तो पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. इसके अलावा 300 गाड़ियां, 50 रेल पुल, 500 फैक्टरियां बर्बाद हो गई हैं और करीब 500 अस्पतालों को नुकसान पहुंचा है.
तस्वीर: Aris Messinis/AFP
विस्थापन
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संस्था का अनुमान है कि युद्ध के दौरान कभी न कभी यूक्रेन छोड़ कर जाने वालों की संख्या करीब 68 लाख है. कुछ इलाकों में लड़ाई रुकने के बाद लगभग 22 लाख लोग वापस भी आ गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन संस्था के मुताबिक मई के अंत में 70 लाख से ज्यादा लोग देश के अंदर ही विस्थापित हो चुके थे.
तस्वीर: Natacha Pisarenko/AP
जमीन पर कब्जा
यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक हमले से पहले रूस का यूक्रेन के सात प्रतिशत इलाके पर नियंत्रण था, जिसमें क्रीमिया और अलगाववादियों के प्रभाव वाला डोनबास इलाका शामिल था. दो जून को जेलेंस्की ने बताया कि अब देश के 20 प्रतिशत इलाके पर रूसी सेना का कब्जा है. यह लगभग 58,000 अतिरिक्त किलोमीटर वर्ग, यानी क्रोएशिया के क्षेत्रफल से थोड़े बड़े इलाके के बराबर है.
तस्वीर: Maxar Technologies/REUTERS
आर्थिक तबाही
यूरोपीय डॉयलॉग के ऐकडेमिक निदेशक इवगेनी गोंतमाखेर ने कहा है कि रूस के खिलाफ इस समय 5,000 से भी ज्यादा प्रतिबंध लागू हैं. करीब 300 अरब डॉलर मूल्य का रूसी सोने और विदेशी मुद्रा का भंडार पश्चिमी देशों में जब्त है. युद्ध ने यूक्रेन की तो जीडीपी का 35 प्रतिशत हिस्सा ही नष्ट कर दिया है. यूक्रेन का 600 अरब डॉलर का सीधा सीधा नुकसान बताया जा रहा है.
तस्वीर: Alexander Reka/ITAR-TASS/IMAGO
वैश्विक असर
युद्ध का पूरी दुनिया पर आर्थिक असर पड़ा है. लंदन और न्यूयॉर्क में कच्चे तेल के दाम 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जिससे दूसरी चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं. खाने पीने की चीजों, ईंधन और फाइनेंसिंग के बढ़े दामों की वजह से विकासशील देशों पर बुरा असर पड़ा है. रूस और यूक्रेन से 44 प्रतिशत गेहूं का आयात करने वाले अफ्रीकी देशों में गेहूं की आपूर्ति अस्त-व्यस्त हो गई है (एपी).