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रूस के समर्थन में जर्मनी में प्रदर्शन

११ अप्रैल २०२२

जर्मनी में रूस के समर्थन में रविवार को फिर प्रदर्शन हुए. कुछ लोग इसे यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के समर्थन के रूप में देखते हैं लेकिन आयोजकों का कहना है कि उनका लक्ष्य देश में रूसियों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना है.

तस्वीर: Thomas Lohnes/Getty Images

जर्मनी में रविवार को दूसरे दिन भी रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली और यूक्रेन में हमले के बाद से देश की बड़ी रूसी भाषी आबादी के साथ भेदभाव को खत्म करने की मांग की. लगभग 600 लोगों ने देश के वित्तीय केंद्र फ्रैंकफर्ट में मार्च किया जिस दौरान कई लोगों ने रूसी झंडे लहराए. जर्मन पुलिस के मुताबिक उत्तरी शहर हनोवर में भी इसी तरह का प्रदर्शन हुआ, जिसमें लगभग 350 कारों का काफिला शामिल था.

हालांकि रैली की शुरुआत में देरी हुई क्योंकि अधिकारियों ने आदेश दिया था कि वाहनों के बोनट को झंडे से ढका न जाए. ऐसे प्रदर्शनों के आयोजकों ने कहा कि वे जर्मनी में रहने वाले रूसियों के प्रति बढ़ती असहिष्णुता जैसे मुद्दों को उजागर करना चाहते हैं. हालांकि कई समीक्षकों ने सवाल किया है कि क्या प्रदर्शन कुछ हद तक युद्ध का समर्थन करते हैं. उनके अनुसार इस तरह की दोनों रैलियां यूक्रेन समर्थक प्रदर्शनों के जवाब में रैलियों के अनुरूप हैं.

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जर्मनी में रूसी मूल के लोग

जर्मनी लगभग 12 लाख रूसी और लगभग 3,25,000 यूक्रेनियों का घर है. 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से जर्मन पुलिस ने रूसियों के खिलाफ 383 घृणा अपराध और यूक्रेनियन के खिलाफ 181 अपराध दर्ज किए हैं.

एक दिन पहले, रूस समर्थक काफिले कई जर्मन शहरों से होकर गुजरे थे. लगभग 190 कारों का एक काफिला "रूसी भाषी लोगों के खिलाफ भेदभाव के खिलाफ" नारे के साथ स्टुटगार्ट से होकर गुजरा. कार रैली में भाग लेने वाले "रूसी फोबिया बंद करो" वाले बैनर लिए हुए थे. रैली के दौरान वे स्कूलों में रूसी भाषी बच्चों के साथ भेदभाव को समाप्त करने का आह्वान कर रहे थे. 

शहर के अधिकारियों ने पहले ही रैली में शामिल होने वाले लोगों को चेतावनी दी थी कि कार्यक्रम यूक्रेन संघर्ष का समर्थन नहीं कर सकता. अधिकारियों ने जेड और वी जैसे प्रतीकात्मक अक्षरों के इस्तेमाल के खिलाफ भी चेतावनी दी, जो रूसी आक्रमण और समर्थन का प्रतीक बन गए हैं.

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विरोध के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया

रूस-समर्थक प्रदर्शनों को जर्मनी में कड़ी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं और कई लोग ऐसी रैलियों को क्रेमलिन के समर्थन के रूप में देखते हैं. इसी तरह के समर्थकों ने पिछले हफ्ते बर्लिन में कार रैली की थी, जिसकी कई लोगों ने कड़ी आलोचना की थी. जर्मन अखबार बिल्ड ने इसे "शर्मनाक परेड" कहा था.

प्रदर्शन को गैर-राजनीतिक बताया गया था, लेकिन उसी दिन यूक्रेनी शहर बुचा में कथित रूसी अत्याचारों का खुलासा हुआ था. जर्मनी में यूक्रेन के राजदूत आंद्री मेलनिक ने गुस्से में प्रतिक्रिया देते हुए बर्लिन की मेयर फ्रांजिस्का गेफी से सवाल किया, "आप इस शर्मनाक काफिले को बर्लिन के केंद्र से कैसे गुजरने दे सकती हैं?"

एए/सीके (एएफपी, डीपीए)

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