यूक्रेन के लिए लड़ने गए ब्रिटिश व मोरक्कन नागरिकों को फांसी
१० जून २०२२
रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की मदद के लिए गए तीन लोगों को डोनबास इलाके में मौत की सजा सुनाई गई है. ब्रिटेन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है.
विज्ञापन
यूक्रेन में रूस की सेना के खिलाफ लड़ाई करते हुए पकड़े दो ब्रिटिश और एक मोरक्कोवासी को मौत की सजा सुनाई गई है. रूस के समर्थन वाले यूक्रेन के डोनबास इलाके में लगी रूस की एक अदालत ने यह फैसला सुनाया. हालांकि जिस अदालत ने यह सजा सुनाई है उसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त नहीं है. यह अदालत उस डोनेत्स्क गणराज्य में है जिसने रूस के समर्थन से अपने आपको स्वतंत्र घोषित कर दिया है.
रूसी मीडिया ने कहा कि ब्रिटेन के नागरिकों एडन आसलिन और शॉन पिनर व मोरक्को के रहने वाले ब्राहिम सौदून पर पेशेवर कातिल होने के आरोप लगाए गए थे. आरआईए नोवोस्ती ने कहा कि तीनों लोगों पर पेशेवर हत्या, सत्ता हासिल करने के लिए हिंसा और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग लेने जैसे संगीन आरोप थे.
रिहाई की कोशिश
दोनों ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों का दावा है कि ये लोग यूक्रेन की सेना के ही सदस्य हैं और लंबे समय से सेवारत हैं. रूस की टैस न्यूज एजेंसी के मुताबिक इन लोगों के वकीलों ने कहा है कि वे फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
रूस-यूक्रेन युद्ध के 100 दिन, आंकड़ों में
यूक्रेन पर रूस के हमले को 100 दिन पूरे हो गए हैं और युद्ध अभी भी चलता ही चला जा रहा है. ये आंकड़े इस युद्ध की वजह से हुई मौत, बर्बादी, विस्थापन और आर्थिक तबाही की कहानी बयां करते हैं.
तस्वीर: Fanny Facsar/DW
इंसानी जानों का नुकसान
असल में कोई नहीं जानता कि कितने सैनिक और आम नागरिक मारे गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि दसियों हजारों यूक्रेनी नागरिक मारे जा चुके हैं. अकेले मारियोपोल में 21,000 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं. जेलेंस्की के मुताबिक यूक्रेन के 60 से 100 सैनिक रोज मारे जा रहे हैं. रूस के एक जनरल ने 25 मार्च को बताया था कि 1,351 रूसी सैनिक मारे गए थे. असल आंकड़े कहीं ज्यादा हो सकते हैं.
तस्वीर: Alexander Ermochenko/REUTERS
बर्बादी
यूक्रेन के मानवाधिकारों पर संसदीय आयोग के मुताबिक करीब 38,000 इमारतें नष्ट हो गई हैं, जिससे लगभग 2,20,000 लोग बेघर हो गए हैं. करीब 1,900 शैक्षणिक संस्थानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 180 तो पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. इसके अलावा 300 गाड़ियां, 50 रेल पुल, 500 फैक्टरियां बर्बाद हो गई हैं और करीब 500 अस्पतालों को नुकसान पहुंचा है.
तस्वीर: Aris Messinis/AFP
विस्थापन
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संस्था का अनुमान है कि युद्ध के दौरान कभी न कभी यूक्रेन छोड़ कर जाने वालों की संख्या करीब 68 लाख है. कुछ इलाकों में लड़ाई रुकने के बाद लगभग 22 लाख लोग वापस भी आ गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन संस्था के मुताबिक मई के अंत में 70 लाख से ज्यादा लोग देश के अंदर ही विस्थापित हो चुके थे.
तस्वीर: Natacha Pisarenko/AP
जमीन पर कब्जा
यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक हमले से पहले रूस का यूक्रेन के सात प्रतिशत इलाके पर नियंत्रण था, जिसमें क्रीमिया और अलगाववादियों के प्रभाव वाला डोनबास इलाका शामिल था. दो जून को जेलेंस्की ने बताया कि अब देश के 20 प्रतिशत इलाके पर रूसी सेना का कब्जा है. यह लगभग 58,000 अतिरिक्त किलोमीटर वर्ग, यानी क्रोएशिया के क्षेत्रफल से थोड़े बड़े इलाके के बराबर है.
तस्वीर: Maxar Technologies/REUTERS
आर्थिक तबाही
यूरोपीय डॉयलॉग के ऐकडेमिक निदेशक इवगेनी गोंतमाखेर ने कहा है कि रूस के खिलाफ इस समय 5,000 से भी ज्यादा प्रतिबंध लागू हैं. करीब 300 अरब डॉलर मूल्य का रूसी सोने और विदेशी मुद्रा का भंडार पश्चिमी देशों में जब्त है. युद्ध ने यूक्रेन की तो जीडीपी का 35 प्रतिशत हिस्सा ही नष्ट कर दिया है. यूक्रेन का 600 अरब डॉलर का सीधा सीधा नुकसान बताया जा रहा है.
तस्वीर: Alexander Reka/ITAR-TASS/IMAGO
वैश्विक असर
युद्ध का पूरी दुनिया पर आर्थिक असर पड़ा है. लंदन और न्यूयॉर्क में कच्चे तेल के दाम 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जिससे दूसरी चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं. खाने पीने की चीजों, ईंधन और फाइनेंसिंग के बढ़े दामों की वजह से विकासशील देशों पर बुरा असर पड़ा है. रूस और यूक्रेन से 44 प्रतिशत गेहूं का आयात करने वाले अफ्रीकी देशों में गेहूं की आपूर्ति अस्त-व्यस्त हो गई है (एपी).
तस्वीर: Fanny Facsar/DW
6 तस्वीरें1 | 6
युनाइटेड किंग्डम और यूक्रेन ने इस फैसले की आलोचना की है और इसे युद्ध अपराधियों की सुरक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है. ब्रिटिश सरकार ने कहा कि दोनों नागरिकों को मौत की सजा सुनाए जाने को लेकर वह काफी चिंतिति है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि दोनों लोगों को रिहा कराने के लिए यूक्रेन के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.
एक प्रवक्ता ने कहा कि युद्ध अपराधियों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने जेनेवा कन्वेंशन की ओर इशारा किया जिसके तहत युद्ध अपराधियों को माफी का प्रावधान है. ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने भी अदालत के फैसले की निंदा की इसे ऐसा "फर्जी फैसला" बताया जिसकी कोई वैधता नहीं है.
ट्रस ने कहा, "मेरी संवेदनाएं परिवारों के सात हैं. उन्हें मदद देने के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं." ब्रिटिश मीडिया की खबरें हैं कि ट्रस इस मामले पर यूक्रेन के विदेश मंत्री से फोन पर बात करने वाली हैं. एक संभावना यह जताई जा रही है कि ब्रिटेन में कैद कुछ रूसी लोगों के बदले इन दोनों ब्रिटिश नागरिकों को रिहा कराया जा सकता है.
विज्ञापन
जेनेवा समझौते की दुहाई
विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम टूजेनहाट ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन पर "एक तरह की बदले की कार्रवाई करने और लोगों का अपहरण करने" का आरोप लगाया. उन्होंने बीबीसी रेडियो से कहा, "यह कोई देश नहीं है. यह कोई अदालत नहीं है. वे जज नहीं, आम लोग हैं जो लिबास पहनकर न्यायाधीश होने का स्वांग रच रहे हैं. सच्चाई यह है कि यह एक बेहद क्रूर कार्रवाई है जो तीन पूरी तरह निर्दोष लोगों के खिलाफ की गई है."
जर्मन सेना अलग से मिले 100 अरब की रकम से क्या खरीदेगी
कई दशकों से पुराने हथियार और साजो सामान से काम चलाने वाली जर्मन सेना को आधुनिक बनाने के लिए जर्मनी 100 अरब यूरो की रकम अलग से खर्च करने जा रहा है. आखिर इतनी बड़ी रकम से सेना के लिए क्या क्या खरीदा जाएगा.
तस्वीर: Sean Gallup/Getty Images
सबसे बड़ा हिस्सा वायु सेना को
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 100 अरब में से तकरीबन 40 अरब रकम से ज्यादा की रकम वायु सेना पर खर्च होगी. जर्मन नौसेना के लिए 19.3 और थल सेना के लिए 16.6 अरब यूरो की रकम खर्च की जाएगी. बाकी रकम संयुक्त रूप से सेना के लिये नई तकनीकों के विकास पर खर्च होगी.
तस्वीर: Sean Gallup/Getty Images
लड़ाकू विमान
जर्मन वायु सेना के पास फिलहाल टोरनाडो लड़ाकू विमान है जो बहुत पुराना हो चुका है और कई विमान तो अब उड़ने के काबिल भी नहीं रहे. जर्मन सरकार अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने की इच्छा रखती है. इतना ही नहीं वायु सेना में नया यूरोफाइटर और टोरनाडो की जगह लेने के लिए एक और विमान बेड़ा भी तैयार होगा.
तस्वीर: picture alliance/dpa/dpa-Zentralbild
एयर डिफेंस सिस्टम
जर्मनी इस्राएल से एक नया एयर डिफेंस सिस्टम एरो खरीदने की तैयारी में है. जर्मनी के पास पहले से पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम है लेकिन यह कम ऊंचाई और दूरी की मिसाइलों के लिए है. एरो पृथ्वी से बहुत ज्यादा ऊंचाई पर और लंबी दूरी तय कर के आने वाली मिसाइलों को रोकता है.
तस्वीर: ZUMA Wire/imago images
अर्ली वार्निंग सिस्टम
जर्मनी एक अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने की भी तैयारी में है. यह वार्निंग सिस्टम अंतरिक्ष में रहते हुए काम करेगा और मिसाइलों से हमले की जानकारी मुहैया करायेगा जिससे कि समय रहते एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से हमलावर मिसाइल को बेकार किया जा सके. एक ड्रोन डिफेंस सिस्टम भी विकसित करने की बात हो रही है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
हथियारबंद ड्रोन
जर्मनी की संसद ने हेरॉन टीपी ड्रोन के लिए 140 मिसाइल खरीदने की मंजूरी दे दी है. इसके लिए करीब 15.26 करोड़ यूरो का करार होगा. हाल के महीनों तक जर्मन सेना को हथियारबंद ड्रोन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी लेकिन अब मिल गयी है.
तस्वीर: Abir Sultan/EPA/dpa/picture alliance
कमांड और कंट्रोल सिस्टम
सेना के कमांड और कंट्रोल सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए जर्मन सेना 20.7 अरब यूरो की रकम खर्च कर रही है. इसमें एनक्रिप्टेड रेडियो, बैटल मैनेजमेंट सिस्टम और कई दूसरी चीजें शामिल हैं. इससे पहले माली जैसे देशों में जर्मन सेना उधार के एनक्रिप्टेड रेडियो का इस्तेमाल करती थी ताकि संयुक्त अभियानों में समस्या ना हो.
तस्वीर: AP
लड़ाकू जलपोत और पनडुब्बी
नौसेना के लिए जंगी जहाज, मिसाइल और पनडुब्बी भी जर्मन सेना की खरीदारी की लिस्ट में शामिल है. जर्मनी के-130 टाइप के पांच और लड़ाकू जलपोत खरीदेगा. ये जलपोत इसी तरह के पुराने जहाजों की जगह लेंगे. इसके साथ ही एफ-126 टाइप के दो और फ्रिगेट भी खरीदने के विकल्प पर भी विचार हो रहा है.
तस्वीर: Michael Kappeler/AFP/Getty Images
समुद्री गश्ती विमान
जर्मन सेना को बोइंग के बनाये पी8ए विमान भी मिलेंगे जो समुद्र में गश्त के लिए इस्तेमाल होते हैं. इसके अलावा भारी हथियारों से लैस लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर भी सेना में शामिल होंगे. फिलहाल सेना एच145एम इस्तेमाल कर रही है जिन्हें भारी हथियारों से लैस करने के बाद इनमें भी हमलावर हेलीकॉप्टर की क्षमता आ जायेगी.
तस्वीर: Björn Trotzki/imago images
वर्दी और हेलमेट
सरकार जर्मन सैनिकों के यूनिफॉर्म, हेलमेट और नाइट विजन जैसे उपकरणों पर करीब 2 अरब यूरो की रकम खर्च करेगी.
तस्वीर: Kay Nietfeld/dpa/picture alliance
मार्डर टैंक बदला जायेगा
थल सेना के लिए खरीदारी में मार्डर टैंक के दस्ते को बदलना भी शामिल है. इसके लिए नये टैंकों के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है.
तस्वीर: Frank Hofmann/DW
10 तस्वीरें1 | 10
असलिन जिस इलाके के रहने वाले हैं वहां के सांसद रॉबर्टन जेनरिक ने सरकार से मांग की है कि यूके में रूस के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया जाए. उन्होंने कहा कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून के बेलाग उल्लंघन किया है.
ब्रिटेन का कहना है कि जो भी विदेशी नागरिक यूक्रेन में युद्धरत थे और पकड़े गए हैं, उन सभी को अंतरराष्ट्रीय कानून में युद्ध के दौरान पकड़े गए सैनिकों को मिलने वाली सुरक्षा का अधिकार है और उनके साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता.
लड़ने पहुंचे विदेशी
24 फरवरी को रूस द्वारा हमला किए जाने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने विदेशियों से अपने यहां आकर लड़ने की अपील की थी. उसके बाद 16 हजार से अधिक वॉलंटियर वहां पहुंच गए थे. कुछ युद्ध लड़ने के लिए पहुंचे तो कुछ मानवीय मदद के लिए काम करने गए थे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि दसियों हजारों यूक्रेनी नागरिक इस युद्ध में मारे जा चुके हैं. अकेले मारियोपोल में 21,000 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं. जेलेंस्की के मुताबिक यूक्रेन के 60 से 100 सैनिक रोज मारे जा रहे हैं. रूस के एक जनरल ने 25 मार्च को बताया था कि 1,351 रूसी सैनिक मारे गए थे. असल आंकड़े कहीं ज्यादा हो सकते हैं.