यूक्रेन: खाना खरीदने जाओ, तो जिंदा घर लौटने की उम्मीद नहीं
३ मार्च २०२२
यूक्रेन का खारकीव शहर बर्बाद हो गया है. एक बड़ी आबादी जान बचाने के लिए भाग चुकी है. जो नहीं भाग पाए हैं, वे डरकर छुपे हुए हैं. इस तबाही के बीच भी कई लोगों को अपना फर्ज याद है. पढ़िए ऐसी ही एक पत्रकार की आपबीती.
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धमाके, हवाई बमबारी और मिसाइल हमले की चेतावनी देते सायरन और तबाह हो चुके घर. यूक्रेन के खारकीव की रहने वाली ओलेना ओस्टैपचेनको जब अपने शहर की बर्बादी, इसकी आपबीती सुनाना शुरू करती हैं, तो मिसाल देने के लिए उन्हें जो इकलौता संदर्भ याद आता है वह है, सोवियत संघ के दौर में बनी दूसरे विश्वयुद्ध की भयावहता बयान करने वाली फिल्में. ओलेना के शहर में अभी जो हो रहा है, उससे मिलता-जुलता बस यही उदाहरण उनकी स्मृति में है.
खारकीव, यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यह रूस की सीमा के पास बसा है और यहां ज्यादातर लोग रूसी भाषा बोलते हैं. 24 फरवरी को तड़के जब रूस ने अपने पड़ोसी यूक्रेन पर हमला किया, तो उसके शुरुआती निशाने की परिधि में खारकीव भी था.
इस बात को अब एक हफ्ते से ज्यादा वक्त हो चुका है. इस दौरान खारकीव पर लगातार हमले हो रहे हैं. उसके आसमान से मिसाइलों की जैसे बारिश हो रही है. रिहाइशी इलाके और प्राशासनिक इमारतें तहस-नहस हो चुकी हैं. देखकर लगता है मानो 40 का दशक लौट आया हो. जैसे यह शहर अचानक ही वापस विश्व युद्ध के दौर में पहुंच गया हो.
रूस में लोगों की जिंदगी भर की कमाई दांव पर
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क्यों युद्ध शुरू होने तक रुके रहे लोग?
ओलेना पत्रकार हैं. वह एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट के लिए लिखती हैं. अपने शहर का हाल बताते हुए वह कहती हैं, "हमने किताबों में युद्ध का जो हाल पढ़ा है, फिल्मों में जैसा देखा है, यह वैसा ही कोई दृश्य लगता है." एक हफ्ते पहले तक यहां लगभग 14 लाख लोगों का बसेरा था, लेकिन अब बहुत से लोग जान बचाकर भाग गए हैं. ओलेना कहती हैं कि वे भागने वाले लोग सीधे-सादे, सरल लोग थे. क्योंकि उन्होंने भागने की जल्दी नहीं दिखाई. जब तक युद्ध उनके दरवाजे तक नहीं पहुंच गया, वे रुके रहे. ओलेना, उनके आखिरी घड़ी तक रुके रहने की वजह बताती हैं, "हमने सोचा, हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. रूसी पक्का हम पर बम नहीं गिराएंगे."
ओलेना, उनका 25 साल का बेटा जो अभिनेता है और उसके पार्टनर ने अबतक अपना शहर छोड़ा है. वे घर में हैं, लेकिन बाहर कदम रखने से भी डरते हैं. घर भी सुरक्षित नहीं लगता. वे गलियारे और बाथरूम में रहते हैं. उनका डर बेवजह नहीं है. शहर के कई लोग बस इसलिए मारे गए क्योंकि वे जरूरत का सामान लेने घर से निकले थे. अब यहां सामान्य जिंदगी नामुमकिन सी हो गई है.
न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए ओलेना कहती हैं, "आज थोड़ी शांति थी. जिंदगी में थोड़ी सुगबुगाहट आई थी, लेकिन जैसे ही किसी प्लेन की आवाज कानों में पड़ती है, वह क्रूर सा खौफ लौट आता है. हमने बचपन में जो फिल्में देखी थीं, उनमें ऐसा ही होता था."
'पापा को कीव में ही छोड़ आए हैं'
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बेटे के लिए रुक गईं ओलेना
गोलीबारी शुरू होने के पहले ओलेना ने सोचा था कि वह अपना शहर खारकीव नहीं छोड़ेंगी. फिर चाहे यह यूक्रेन के पास रहे, या इसपर रूस का कब्जा हो जाए. मगर अब वह असहाय महसूस करती हैं. कहती हैं, "बम धमाकों और मिसाइलों के मुकाबले मैं कुछ नहीं कर सकती हूं." दो दिन पहले ओलेना ने भागने का मन बनाया. वह तैयार थीं, लेकिन उनका बेटा एक अस्पताल में वॉलंटियर बन गया.
वह नहीं भागना चाहता है, सो अब ओलेना भी कहीं नहीं जाएंगी. वह रुक गई हैं क्योंकि डरती हैं कि अगर वह गईं, तो इतनी अकेली हो जाएंगी कि शायद अपना मानसिक संतुलन खो देंगी. उन्हें उम्मीद है कि उनके रुकने से शायद उनके बेटे को कुछ राहत मिले. ओलेना को लगता है कि वह अपने बेटे को मना लेंगी कि वह कोई जोखिम ना उठाए, अपनी जान दांव पर ना लगाए.
युद्ध लड़ते नागरिक
रूस-युक्रेन युद्ध की कीमत चुका रहे आम नागरिक यूक्रेन के शहरों की सुरक्षा में अपना सब कुछ झोंके हुए हैं. देखिए, मोर्चे से ऐसे नागरिकों की कुछ तस्वीरें जो युद्ध झेल रहे हैं.
तस्वीर: Efrem Lukatsky/AP/picture alliance
सीने में दम है
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने लोगों से अपने देश, शहर और परिवारों की सुरक्षा के लिए आगे आने को कहा तो लोग सब भुलाकर चले आए.
तस्वीर: Efrem Lukatsky/AP Photo/picture alliance
बम बनाते नागरिक
रूसी हमलों का जवाब देने के लिए कीव के नागरिक अलग-अलग तरीकों से तैयारी कर रहे हैं. एक नागरिक संगठन के ये सदस्य मॉल्टोव कॉकटेल बना रहे हैं.
तस्वीर: Efrem Lukatsky/AP Photo/picture alliance
बम की आहट पर
जैसे ही किसी हमले की आहट होती है, औरतें और बच्चे भूमिगत शेल्टर की ओर दौड़ते हैं. लेकिन कुछ हैं जो मदद को दौड़ते हैं.
यहां एक सड़क पर टायरों से मोर्चा तैयार कर लिया गया है. कोशिश बस एक यही है कि रूसी सैनिकों को शहर में घुसने से रोकना है.
तस्वीर: Emilio Morenatti/AP/picture alliance
आग और धुआं
कीव में कई जगह आग और धुआं इतना ज्यादा है कि लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है.
तस्वीर: Evgen Kotenko/Photoshot/picture alliance
हौसला बना रहे
सैनिक लगातार धकेले जाने के बावजूद हौसला बनाए हुए हैं. उनके चेहरों पर यदा कदा मुस्कुराहट भी दिख जाती है.
तस्वीर: Efrem Lukatsky/AP/picture alliance
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ओलेना का शहर कभी बहुत गुलजार, जिंदादिल था. सोवियत संघ के जमाने में वह कुछ समय के लिए यूक्रेन की राजधानी भी रहा था. लेकिन आज वह पहचाना नहीं जाता. शहर का सार्वजनिक यातायात थम गया है. सड़क पर राहगीर और साइकल सवार भी दिखने बंद हो गए हैं. राजधानी कीव की तरह खारकीव की मेट्रो सुरंगें भी हवाई बमबारी से बचने के लिए शेल्टर में तब्दील कर दी गई हैं. बिजली, पानी और हीटिंग सिस्टम की आपूर्ति भी कई बार रोकी जाती है. सुपरमार्केट कुछ देर के लिए खुलते हैं, लेकिन ज्यादातर रैक खाली हैं. मीट की तो खासतौर पर तंगी है.
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किससे मिलती है हिम्मत?
इस हिंसा और निराशा के बीच भी ओलेना को जो एक चीज आगे बढ़ा रही है, वह है उनका काम. उनकी पत्रकारिता. लोगों तक खबर पहुंचाने का उनका फर्ज. वह भी तब, जब यह तक पक्का नहीं कि उन्हें वेतन मिलेगा भी कि नहीं. मिलेगा, तो कब मिलेगा. ओलेना कहती हैं, "यह मुझे खुद को बटोरने में मदद करता है."
3 मार्च को यूक्रेन और रूस के बीच फिर से वार्ता होने की उम्मीद है. मगर ओलेना को इस बातचीत से कुछ बड़ी राहत मिलने की बहुत आस नहीं है. वह कहती हैं, "मुझे नहीं पता कि हम किस चीज से उम्मीद लगा सकते हैं." ओलेना अपनी निराशा में संकेत देती हैं कि शायद अब एक ही उपाय शेष है. शायद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सत्ता से बेदखल करके ही यह युद्ध रुक सकेगा.
रूसी आक्रमण से यूक्रेन का हुआ ये हाल
कई हफ्तों से जारी कूटनीतिक कोशिशों को बेकार साबित करते हुए रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल ही दिया. यूक्रेन में इसका क्या असर हुआ है, देखिए इन तस्वीरों में.
तस्वीर: Kunihiko Miura/AP Photo/picture alliance
धुएं के बादल से चिंता में पड़े लोग
यूक्रेन के चुगुयेव सैन्य हवाईअड्डे से उठता धुआं देख कर इलाके के आसपास बसे लोग चिंता में डूबे. 24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन में हमले शुरु किए. कई हिस्सों से धमाके सुनाई दिए और धुआं उठता दिखा.
तस्वीर: Aris Messinis/AFP/Getty Images
सैन्य हवाई अड्डों को बनाया निशाना
यूक्रेन का यह सैन्य हवाईअड्डा खारकीव में है, जहां से उठा काला धुआं कई किलोमीटर दूर तक देखा जा सकता था. रूस के विदेश मंत्री ने बड़े स्तर पर हमलों की चेतावनी दी थी.
तस्वीर: Aris Messinis/AFP/Getty Images
चुहुजीव पर एयर स्ट्राइक
यूक्रेनी दमकलकर्मी यहां चुहुजीव इलाके में आग बुझाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. रूस के हवाई हमले के कारण ऐसी कई रिहायशी इमारतों में आग लग गई.
तस्वीर: Wolfgang Schwan/AA/picture alliance
रिहायशी इमारतों में फंसे लोग
एयर स्ट्राइक का शिकार बनी कई इमारतों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश करते यूक्रेनी बचावकर्मी. चुहजीव के कई घर और अपार्टमेंट बने निशाना.
तस्वीर: Wolfgang Schwan/AA/picture alliance
कीव में गूंजे सायरन
हवाई छापे के पहले कीव की फिजा में सायरनों की गूंज सुन कर आम शहरियों का जीवन जैसे थम गया. मेट्रो स्टेशन में शरण लेने वाली लड़कियां अपने फोन से प्रियजनों को संपर्क करती हुईं.
तस्वीर: AFP via Getty Images
पैसे निकलने की होड़
यूक्रेन के कई शहरों में बैंकों के सामने कैश निकालने की होड़ मची दिखी. तस्वीर पश्चिमी यूक्रेन के लवीव शहर की है जहां लोग एटीएम के बाहर लंबी लंबी कतारों में घंटों खड़े दिखे.
तस्वीर: Kunihiko Miura/AP/picture alliance
शहर छोड़ कर भागते
बड़ी संख्या में लोग कीव शहर से बाहर निकलते दिखाई दिए. हवाई हमले के बाद सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें दिखीं जो कि शहर से बाहर जाने के रास्ते पर बढ़ रही थीं.
तस्वीर: Chris McGrath/Getty Images
सड़कों का हाल देख खेतों से भागे
खारकीव शहर में तो ऐसा हाल हुआ कि लोग अपनी गाड़ी लेकर ऐसे रास्तों से निकलने लगे, जहां सड़कें हैं ही नहीं. खेतों से होकर गुजरते यूक्रेनी हमले की जगह से दूर जाने की कोशिश में.
तस्वीर: ANTONIO BRONIC/REUTERS
दवा की दुकान पर घायल करने वाला सामान
खारकोव और लुहांस्क के सीमावर्ती इलाके पर स्थित बेलगोरोद की एक दवा की दुकान के सामने ही यह बम का गोला पाया गया. बेलगोरोद में बच्चों के स्कूल बंद करने पड़े.
तस्वीर: Anton Vergun/TASS/dpa/picture alliance
क्रीमिया का हाल
क्रीमिया में सड़कों पर गश्त करती सैन्य गाड़ियां. आर्मिआंस्क शहर में सेना की भारी गहमागहमी रही. 2014 में रूस ने यूक्रेन से क्रीमिया को छीन लिया था और तबसे वहां भारी सैन्य मौजूदगी रहती है.
तस्वीर: REUTERS
कीव में शेलिंग के बाद
पुलिस अधिकारी कीव में रूसी हमले के असर का मुआयना करते हुए. 24 फरवरी की अलसुबह ही रूस की ओर से कीव, खारकीव और ओडेसा इलाकों में हवाई हमले हुए. तस्वीर में मिसाइल का बचा हुआ हिस्सा दिख रहा है.
तस्वीर: Valentyn Ogirenko/REUTERS
यूरोपीय महाद्वीप के सबसे बड़े देश का हाल
यूक्रेन पहले विश्व युद्ध के बाद कुछ समय तक एक स्वतंत्र देश रहा. फिर सोवियत संघ में शामिल कर लिया गया. 1991 में यूक्रेन ने आधिकारिक रूप से खुद को स्वतंत्र घोषित किया जिसे रूस ने भी कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों में मान्यता दी.
तस्वीर: Efrem Lukatsky/AP Photo/picture alliance
पश्चिम की ओर झुकाव से नाराज रूस
पूर्वी यूक्रेन में, रूस-समर्थक अलगाववादी डोनेस्क और लुहांस्क इलाकों के उन हिस्सों में लड़ते आए हैं, जिन्हें वे "गणराज्य" कहते हैं. यूक्रेन पर हमला बोलने से पहले रूस ने इनको "स्वतंत्र गणराज्य" के रूप में मान्यता देने की घोषणा की.