यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पहली बार मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई.
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अंटोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा रूसी नेता और यूएन महासचिव ने ''संघर्ष क्षेत्रों में मानवीय सहायता और निकासी के प्रस्तावों पर चर्चा की. मारियोपोल की स्थिति के बारे में भी चर्चा हुई.'' डुजारिक ने कहा कि वे सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए कि अजोव्स्ताल स्टील प्लांट कॉम्प्लेक्स से नागरिकों की निकासी के लिए संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति को शामिल किया जाना चाहिए. अजोव्स्ताल स्टील प्लांट में यूक्रेनी सैनिक रूसी सेना को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. डुजारिक ने कहा निकासी पर संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय और रूसी रक्षा मंत्रालय के बीच चर्चा की जाएगी.
सफेद मेज के किनारे बैठे दोनों
बैठक के दौरान पुतिन और गुटेरेश एक सफेद मेज पर दूर दूर बैठे हुए थे. इन दोनों के अलावा इस मेज पर कोई नेता मौजूद नहीं था. यूएन ने कहा है कि यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली. गुटेरेश ने यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की आलोचना की और उसे अपने पड़ोसी देश की क्षेत्रीय अखंडता का खुला उल्लंघन बताया. उन्होंने रूस से स्टील फैक्ट्री में फंसे नागरिकों को निकालने देने के लिए आग्रह किया.
सबसे शक्तिशाली देश
सक्रिय सैन्य शक्ति के विभिन्न मानकों जैसे सैनिकों की संख्या, कुदरती संसाधन, एयरपोर्ट और बजट आदि पर परखने के बाद थिंक टैंक 'ग्लोबल फायर पावर' ने सबसे शक्तिशाली देशों की सूची बनाई है. टॉप 10 देश हैं...
तस्वीर: Eraldo Peres/AP/picture alliance
सबसे शक्तिशाली है अमेरिका
अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है. उसका रक्षा बजट 801 अरब डॉलर का है. उसके पास करीब 14 लाख से ज्यादा सैनिक हैं, जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है.
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रूस
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत रूस के पास 10 लाख से ज्यादा सैनिकों की जमात है. उसके पास हथियारों का विशाल जखीरा है.
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चीन
चीन को सैन्य शक्ति के रूप में तीसरे नंबर पर रखा गया है. उसकी सेना दुनिया में सबसे बड़ी है. चीन के पास लगभग 22 लाख सक्रिय सैनिक हैं.
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भारत
कुल सैन्य शक्ति में भारत चीन से थोड़ा ही पीछे माना गया है. चौथे नंबर की शक्ति भारत के पास परमाणु हथियारों का भी फायदा है.
जापान के पास सैनिकों की संख्या भले ही ज्यादा ना हो लेकिन वह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है, अपनी तकनीक और हथियारों के बल पर. उसके पास एक हजार के करीब तो लड़ाकू विमान हैं. 2021 में उसका रक्षा बजट दुनिया में छठा सबसे बड़ा था.
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दक्षिण कोरिया
उत्तर कोरिया से युद्ध का खतरा झेलना वाला दक्षिण कोरिया भी बड़ी सैन्य शक्ति के रूप में तैयार है. उसके पास करीब छह लाख सक्रिय जवान हैं, जो दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी सेना बनाते हैं.
तस्वीर: Kim Jae-Hwan/AFP
फ्रांस
फ्रांस हथियारों के निर्माण में सबसे बड़े देशों में से एक फ्रांस के आधुनिक हथियार उसे सातवीं सबसे बड़ी शक्ति बनाते हैं.
तस्वीर: abaca/picture alliance
ब्रिटेन
रक्षा बजट के मामले में टॉप 5 देशों में शामिल ब्रिटेन की सेना दुनिया की सबसे पुरानी सेनाओं में से एक है. हालांकि उसके पास सक्रिय जवानों की बहुत बड़ी संख्या नहीं है लेकिन परमाणु और अन्य आधुनिक हथियार उसे ताकत देते हैं.
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पाकिस्तान
भारत का पड़ोसी और प्रतिद्वन्द्वी पाकिस्तान नौवें नंबर पर है. उसके पास भी परमाणु हथियार हैं जो उसे शक्तिशाली देशों में शामिल करते हैं.
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ब्राजील
ब्राजील दुनिया का दसवां सबसे ताकतवर देश माना गया है. उसके पास चार लाख से कम सक्रिय सैनिक हैं और विदेशों से खरीदे व घरेलू स्तर पर बनाए गए उसके ताकतवर हथियार उसकी ताकत हैं.
तस्वीर: Eraldo Peres/AP/picture alliance
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पुतिन ने यह दावा करते हुए जवाब दिया कि रूसी सैनिकों ने स्टील प्लांट में फंसे लोगों के लिए मानवीय गलियारे की पेशकश की है. लेकिन उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सैनिक स्टील प्लांट में फंसे लोगों को ढाल बना रहे हैं.
रूसी हमले में विशाल अजोव्स्ताल स्टील प्लांट लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया है. लेकिन मारियोपोल में स्थित इस प्लांट से रूस को कड़ी टक्कर दी जा रही है. कहा जाता है कि खंडहर हो चुके प्लांट में अनुमानित 2,000 सैनिक और 1,000 नागरिक छिपे हुए हैं. मॉस्को की यात्रा के बाद गुटेरेश कीव दौरे पर जाएंगे जहां उनकी बैठक यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से होगी.
कई विश्लेषकों को यूक्रेन युद्ध में गुटेरेश के राजनयिक दौरे से बहुत ही कम उम्मीदें हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि रूसी आक्रमण से बचने के लिए इस साल 30 लाख और यूक्रेनी देश छोड़ सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने पिछले आंकड़ों का बदलाव करते हुए नए आंकड़े जारी किए हैं. एजेंसी ने कहा है कि इस साल कुल 83 लाख यूक्रेनी अपना देश छोड़कर कहीं और पनाह तलाशेंगे.
संयुक्त राष्ट्र के आकलन के मुताबिक अब तक करीब 53 लाख यूक्रेनी देश छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण लिए हुए हैं.
एए/वीके (एपी, रॉयटर्स)
युद्ध में तबाह हुआ मारियोपोल अब ऐसा दिखता है
दक्षिण पूर्वी यूक्रेन का शहर मारियोपोल कभी एक संपन्न बंदरगाह शहर और छुट्टी के लिए पसंदीदा जगह थी. शहर की आबादी कभी चार लाख से अधिक थी. रूसी सेना ने इसे कब्रिस्तान में बदल दिया है.
तस्वीर: Maxar Technologies/picture alliance/AP
बंदरगाह शहर
जंग से पहले तक मारियोपोल को एक ऐसी जगह के रूप में जाना जाता था जहां लोग आराम कर सकते थे और अपने खाली समय का आनंद ले सकते थे. अजोव सागर के तट पर बसे इस शहर की रणनीतिक रूप से काफी अहमियत है. बंदरगाह पर स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता था. यहीं से कई कंपनियां दुनिया भर में लोहा, स्टील, अनाज और मशीनों का निर्यात करती थीं.
तस्वीर: Ivanov Stanislav/Ukrinform/IMAGO
मौजूदा हाल
बंदरगाह की पहले की तस्वीर और अब की तस्वीर में जमीन आसमान का फर्क है. युद्धग्रस्त बंदरगाह में पानी में तैरता एक टूटा हुआ जहाज नजर आ रहा है. लोग शहर को छोड़कर भाग रहे हैं. अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.
तस्वीर: Sergei Bobylev/ITAR-TASS/IMAGO
कभी ऐसा था शहर का केंद्र
20 जून, 2019 को ली गई इस तस्वीर में बच्चे सिटी सेंटर के एक पार्क में पानी के फव्वारे में खेलते हुए नजर आ रहे हैं. पीछे एक चर्च भी नजर आ रहा है.
तस्वीर: Thomas Imo/photothek/IMAGO
बमबारी के बाद ऐसा हुआ
उसी चर्च की हाल की तस्वीर कुछ और बयां करती है. तस्वीर 1 अप्रैल, 2022 को ली गई थी. कोई सोच भी नहीं सकता है कि यहां लोग बिना किसी भय के मस्ती करने आते थे.
तस्वीर: Sergei Bobylev/ITAR-TASS/IMAGO
रंगमंच के बाहर विरोध का स्थल
मारियोपोल क्राइमिया और रूस समर्थित अलगाववादियों वाले डोनबास इलाके के बीच में है. रूस की बमबारी यहां लगातार जारी है. क्राइमिया को 2014 में यूक्रेन से अलग कर दिया गया था, तब एक महिला यूक्रेनी झंडे के साथ रूस के खिलाफ अकादमिक क्षेत्रीय नाटक थिएटर के बाहर विरोध करतीं हुईं.
तस्वीर: EST&OST/IMAGO
अब कुछ नहीं बचा
16 मार्च को हुए रूसी हवाई हमले के बाद आज स्थिति बहुत अलग है. थिएटर में करीब एक हजार लोगों समेत बच्चों ने शरण ली थी, इसका इस्तेमाल हवाई हमले से बचने के लिए किया गया था. ऐसा माना जाता है कि हवाई हमले सैकड़ों मारे गए थे.
तस्वीर: Nikolai Trishin/ITAR-TASS/IMAGO
अजोव्स्ताल की स्टील फैक्ट्री
अजोव्स्ताल स्टील प्लांट की यह तस्वीर 2017 में ली गई थी. यह यूरोप के सबसे बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक है. बंदरगाह के अलावा मारियोपोल में सबसे ज्यादा रोजगार इसी फैक्ट्री में मिलती थी.
तस्वीर: Musienko Vladislav/Ukrainian News/IMAGO
कबाड़ बनी स्टील फैक्ट्री
17 अप्रैल, 2022 को अजोव्स्ताल स्टील फैक्ट्री की ली गई तस्वीर रूसी न्यूज एजेंसी ने जारी थी. रूसी सेना के तेज हमले के बाद फैक्ट्री अब कुछ इस तरह से नजर आ रही है.
तस्वीर: Sergei Bobylev/ITAR-TASS/IMAGO
मारियोपोल की सड़क
यह तस्वीर जो 2018 की गर्मियों की है, जो मारियोपोल की सड़कों को दिखाती है.
तस्वीर: MAXPPP/picture alliance
मारियोपोल में मातम
मारियोपोल की आज की तस्वीरें भारी तबाही दिखाती हैं. शहर अब खंडहर की तरह नजर आता है.