अरबों में है प्राकृतिक आपदाओं की कीमत
११ अक्टूबर २०१८ये है दुनिया का सबसे खतरनाक इलाका
ये है दुनिया का सबसे खतरनाक इलाका
प्राकृतिक आपदाओं से सबसे ज्यादा लोग कहां मारे जाते हैं. जवाब है एशिया प्रशांत क्षेत्र. यूएन के मुताबिक इस इलाके में 1970 से 20 लाख से ज्यादा लोग आपदाओं से शिकार बने हैं. यानी हर साल औसतन 43,000 लोगों की जानें गयी हैं.
कुदरत का कहर
एशिया प्रशांत क्षेत्र में 2016 के दौरान प्राकृतिक आपदाओं में पांच हजार लोग मारे गये जबकि 77 अरब डॉलर की संपत्ति बर्बाद हो गयी. इस इलाके में दुनिया की 60 फीसदी आबादी रहती है और यहां प्राकृतिक आपदाओं का खतरा सबसे ज्यादा है.
मौतों के कारण
1970 से दुनिया भर में प्राकृतिक आपदाओं के कारण जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें से 57 प्रतिशत मौतें प्रशांत एशिया क्षेत्र के खाते में आती हैं. इन मौतों के बुनियादी कारण भूकंप और तूफान थे. इसके अलावा बाढ़ से भी बहुत से लोग मारे गये.
जोखिम पांच गुना
बाकी दुनिया के मुकाबले एशिया प्रशांत क्षेत्र में रहने वाले लोग की जिंदगी को जोखिम पांच गुना ज्यादा है. यही वजह है इस इलाके से अकसर तूफानों और भूकंपों की खबरें आती हैं.
भारी नुकसान
1970 से लेकर 2016 के बीच इस क्षेत्र को प्राकृतिक आपदाओं के कारण 1.3 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. यह नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है.
कितने हुए प्रभावित
एशिया प्रशांत क्षेत्र में 1970 से 6.3 अरब लोग बाढ़, सूखे और तूफानों से प्रभावित हुए हैं. वहीं दुनिया के दूसरे हिस्सों में ऐसे प्रभावितों की संख्या 0.9 अरब है.
करोड़ों बेघर
कुदरती विपदाओं के कारण 2013 से 2015 के बीच 6.04 करोड़ लोग बेघर हुए. इनमें आधे से ज्यादा लोग एशिया प्रशांत क्षेत्र के थे. इनमें फिलीपींस के 1.5 करोड़, चीन के 1.3 करोड़ और भारत के 92 लाख लोग शामिल हैं.
एक साल में कितनी तबाही
2016 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 4,987 लोग मारे गये. सबसे ज्यादा 3,250 मौतें बाढ़ से हुई. ये मौतें बांग्लादेश, चीन, उत्तर कोरिया, भारत नेपाल और पाकिस्तान में हुई. इसके बाद तूफानों में 880 लोग और गर्मी से 336 लोग मारे गये.
सूखे से सूखी जिंदगी
प्रशांत एशिया क्षेत्र में सूखा भी लोगों की मौत की वजह बन रहा है. 2016 के दौरान इस क्षेत्र में सूखे से 1.3 करोड़ मारे गये. इनमें ज्यादातर चीन और कंबोडिया के लोग शामिल थे.
महिलाओं पर मार
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों में बड़ी संख्या महिला और लड़कियों की होती है. भूकंप जैसी आपदा के समय ज्यादातर महिलाएं घरों में ही होती हैं. इस बात की संभावना भी कम ही होती है कि उन्हें तैरना या पेड़ पर चढ़ना आता होगा.
महिलाओं को बनाएं सक्षम
इंडोनेशिया के आचेह प्रांत प्रांत में 2004 की सूनामी के दौरान मरने वाले लोगों में 77 प्रतिशत महिलाएं थीं. ऐसे में, महिलाओं को प्राकृतिक आपदाओं का बेहतर तरीके से मुकाबला करने के लिए सक्षम बनाया जाना जरूरी है.