जब पहचान थी, तब पैसा नहीं था. आज पैसा है, लेकिन पहचान खो चुकी है. बेल्जियम में 2,50,000 यूरो का इनाम जीतने वाले एक अल्जीरियाई युवक की यही कहानी है. सारा खेल 5 यूरो के स्क्रैचकार्ड से शुरू हुआ.
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अल्जीरिया से भागकर 28 साल का एक युवक यूरोपीय देश बेल्जियम आ गया. पुलिस और प्रशासन से छिपते छुपाते जिंदगी गुजारने वाले इस शख्स को लकी स्क्रैचकार्ड खरीदने की लत भी थी. गैरकानूनी तरीके से रह रहे इस युवक ने कुछ हफ्ते पहले जब एक स्क्रैचकार्ड खुरचना शुरू किया तो पहली बार उसकी आंखें चमकने लगीं. स्क्रैचकार्ड के भीतर 2,50,000 यूरो (करीबन 2.06 करोड़ रुपये) का नकद इनाम था. आप्रवासी युवक को लगा कि अब जिंदगी आसान हो जाएगी. लेकिन यह तो बस कानूनी पचड़ों की शुरुआत थी.
इतिहास के सबसे बड़े जैकपॉट
लॉटरी की लत बहुतों को बर्बाद कर देती है और गिने चुने लोगों को तंगहाल से मालामाल कर देती है. अमेरिका में इसका बड़ा क्रेज है. एक नजर अब तक की सबसे बड़ी लॉटरी जीतों पर.
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59 करोड़ डॉलर
मई 2013 में अमेरिका के फ्लोरिडा की 84 साल की ग्लोरिया मैकेंजी ने यह जैकपॉट जीता. टैक्स के बाद उन्हें एकमुश्त 37 करोड़ डॉलर की राशि मिली.
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64.8 करोड़ डॉलर
दिसंबर 2013 में अमेरिका के जॉर्जिया प्रांत के इरा करी और स्टीव ट्रैन ने यह लॉटरी जीती. परिवार ने लॉटरी बंद होने से चंद घंटे पहले टिकट खरीदा
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65.6 करोड़ डॉलर
मार्च 2012 में तीन ग्रुपों के हाथ यह लॉटरी लगी. इसमें एक दंपत्ति, तीन दोस्त और एक गोपनीय पहचान वाला व्यक्ति विजेता बने.
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75.8 करोड़ डॉलर
अगस्त 2017 में मैसाच्युसेट्स की मैविस एल वाजनिक के हाथ तिजोरी लगी. लॉटरी जीतने के बाद मैविस ने अपनी कंपनी को फोन किया और तुरंत नौकरी छोड़ने की खबर दी.
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1.53 अरब डॉलर
मार्च 2019 को साउथ कैरोलाइना राज्य के एक व्यक्ति ने यह लॉटरी जीती. विजेता ने अपना नाम सार्वजनिक नहीं किया.
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1.58 अरब डॉलर
लॉटरी इतिहास के इस सबसे बड़े इनाम के तीन टिकट थे. एक टिकट टेनेसी के दंपति, दूसरा फ्लोडरिया के जोड़े और तीसरा टिकट कैलिफोर्निया के जोड़े के पास था. तीनों के हिस्से में 53.3 करोड़ डॉलर आए. टैक्स कटने के बाद 32.7 करोड़ डॉलर हाथ लगे. ये उसी लॉटरी का टिकट है.
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पहचान पत्र क्यों फाड़ देते हैं कुछ आप्रवासी
युवक जब जैकपॉट का पैसा क्लेम करने पहुंचा तो अधिकारियों ने उससे पहचान पत्र मांगा. गैरकानूनी ढंग से रह रहे अरबी नौजवान के पास ना तो बेल्जियम का पहचान पत्र था और ना ही अल्जीरिया का. बेल्जियम के अधिकारी किसी दिन उसकी मूल पहचान का पता लगाकर उसे वापस अल्जीरिया ना भेज दें, इस डर से उसने अल्जीरिया का पहचान पत्र पहले ही फाड़ दिया था. एशिया और अफ्रीका से गैरकानूनी तरीके से यूरोप पहुंचने वाले बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं. मूल पहचान साबित ना होने पर कोई भी देश किसी को वापस नहीं भेज सकता है.
अब इस अल्जीरिया युवक को ढाई लाख यूरो पाने के लिए आधिकारिक रूप से अपनी पहचान साबित करनी है. इस काम में उसकी मदद कर रहे हैं वकील आलेक्जांडर फेरस्ट्राएटे, "मेरा मुवक्किल एक गैरकानूनी स्थिति में फंसा है, उसके पास ना तो कोई कागज है और ना ही कोई बैंक खाता. ऐसे में हम उन दस्तावेजों को खोज रहे हैं जो उसकी पहचान साबित कर दें. हमें अल्जीरिया में उसके परिवार से संपर्क करना होगा."
इनाम पाने के लिए युवक के तीन दोस्तों ने भी खूब जुगत लगाई लेकिन सफलता की जगह शक पैदा हो गया. अब लकी स्क्रैचकार्ड, बेल्जियम के शहर ब्रुगे की अदालत में जमा है.
शरणार्थियों के लिए ऐसी होती है प्रक्रिया
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अब इंग्लैंड नहीं, अल्जीरिया वापसी
विजेता युवक के मुताबिक, उसने स्क्रैचकार्ड कुछ हफ्ते पहले जेब्रुगे में 5 यूरो में खरीदा था. जेब्रुगे, बेल्जियम की पोर्ट सिटी है. गैरकानूनी रूप से यूरोप तक पहुंचने वाले कई लोग जेब्रुगे से ट्रकों और कंटेनरों में छुपकर इंग्लैंड जाने की कोशिश करते हैं.
वकील आलेक्जांडर फेरस्ट्राएटे का कहना है कि उनका मुवक्किल बेल्जियम में शरणार्थी के तौर पर नहीं रहना चाहता है. वकील के मुताबिक विजेता युवक को प्रशासन ने भरोसा दिया है कि इनाम की रकम मिलने तक उसे अल्जीरिया वापस नहीं भेजा जाएगा.
बेल्जियम में लॉटरी या स्क्रैचकार्ड से एक लाख यूरो से ज्यादा का इनाम जीतने पर राजधानी ब्रसेल्स जाना पड़ता है. बड़ी रकम कंपनी के ब्रसेल्स स्थित हेडक्वार्टर में ही दी जाती है.
ओएसजे/एनआर (एएफपी)
उत्तरी अफ्रीका में तैर कर सरहद पार करते शरणार्थी
उत्तरी अफ्रीका में हजारों लोग मोरक्को छोड़ कर पड़ोस में स्थित स्पेन के एन्क्लेव सेउता चले गए हैं. कुछ नाव से गए, कुछ तैर कर तो कुछ समुद्र के छिछले इलाके में पैदल ही सरहद पार कर गए.
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तैर कर यात्रा
करीब 6,000 लोग मोरक्को से स्पेन के छोटे से एन्क्लेव सेउता चले गए हैं. उनमें से कई तैर कर गए तो कुछ लोगों ने रबर की डिंगियों का इस्तेमाल किया. इन कोशिशों में कम से कम एक व्यक्ति डूब गया.
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छिछले समुद्र में पैदल यात्रा
कुछ स्थानों पर पानी का स्तर इतना कम था कि कुछ लोग सेउता से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित तटों से छिछले पानी में पैदल चल कर ही आ गए.
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यूरोप की सीढ़ी
अफ्रीका से जाने वाले प्रवासी लंबे समय से सेउता को यूरोप जाने की सीढ़ी के रूप में देखते रहे हैं, लेकिन इससे पहले कभी इतनी तेजी से लोगों का आगमन नहीं हुआ. स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्पेन के साथ चल रहे एक झगड़े की वजह से मोरक्को ने अपनी सीमाओं पर नियंत्रण ढीले कर दिए हैं. मोरक्को के एक बागी नेता को स्पेन के एक अस्पताल में उपचार की अनुमति मिलने के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब हो गए.
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मोरक्को में निडेक के तट से शुरू होती है यात्रा
कई प्रवासी अपनी यात्रा की शुरुआत उत्तरी मोरक्को के शहर निडेक की पहाड़ियों पर चढ़ कर करते हैं. 17 मई को जब मोरक्को ने सीमाओं पर नियंत्रण ढीले किए तो सीमा पार करने के इच्छुक लोगों ने मौका लपक लिया.
तस्वीर: Fadel Senna/AFP
पहुंचने पर गिरफ्तार
लेकिन सेउता पहुंचते ही स्पेन के सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. स्पेन मोरक्को के रहने वालों को शरणार्थी दर्जा नहीं देता है. सिर्फ बिना अभिभावकों के आए नाबालिग सरकार की देख-रेख में देश में रह सकते हैं.
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सेउता में मानवीय संकट
हजारों शरणार्थियों के अचानक आ जाने से सेउता में तैनात स्पेन की सेना, सिविल गार्ड और आपातकालीन कर्मियों पर दबाव बढ़ गया है. 85,000 लोगों की आबादी वाले इस शहर में स्पेन की सरकार को अतिरिक्त 200 अधिकारी भेजने पड़े. इनमें दंगा-विरोधी पुलिस दस्ता और सीमा नियंत्रण लागू करने वाले कर्मी भी शामिल हैं.
तस्वीर: Javier Fergo/AP/dpa/picture alliance
तुरंत वापस भेजना चाहता है स्पेन
स्पेन में मोरक्को से आ रहे वयस्कों को एक फुटबॉल स्टेडियम में ले जाया गया. उन्हें वापस मोरक्को भेजा जाएगा और प्रक्रिया के पूरा होने तक उन्हें स्टेडियम में ही इंतजार करना पड़ेगा.
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बच्चे और किशोर भी पहुंचे
सेउता पहुंचने वालों में कई नाबालिग बच्चे भी शामिल थे. ऐसे बच्चों को रेड क्रॉस जैसे समूहों द्वारा चलाए जा रहे केंद्रों में भेज दिया गया. (बीट्रीस क्रिस्टोफारु)