कब्रिस्तान के चक्कर काटते भूकंप पीड़ित
२० मार्च २०२३![सीरिया में गुमनाम लोगों की कब्रें](https://static.dw.com/image/65047265_800.webp)
तुर्की की सीमा से सटा पश्चिमोत्तर सीरिया का जंदारिस शहर. मलबे के ढेर में तब्दील हुए जंदारिस के एक कब्रिस्तान में हाल ही में 70 शव दफनाये गए हैं. वे किसके थे? यह कोई नहीं जानता. बस इतना पता है कि ये सारे लोग, छह फरवरी 2023 को आये विनाशकारी भूकंप में मारे गए.
एक कब्र के उपर रखे साधारण से पत्थर में सिर्फ इतना लिखा है कि, "उसने हरा स्वेटर पहना था." वहां एक बच्ची को दफनाया गया है. कब्रिस्तान के केयरटेक्र मायसरा अल हुसैन कहते हैं, "कुछ मामलों में तस्वीर नहीं ली गई, जैसे बच्चों के मामले में. क्योंकि चोटें इस तरह की थीं कि कोई भी पहचान नहीं सकता. इसीलिए हमें लिखना बड़ा कि उसने हरे रंग का स्वेटर पहना था."
कब्रिस्तानों के चक्कर
अल हुसैन कहते हैं कि दफनाने से पहले कुछ मृतकों के चेहरे की तस्वीरें ली गईं. इसी उम्मीद में कि इन तस्वीरों से पहचान में मदद मिल सकेगी. भूकंप के बाद से लापता परिजनों की तलाश में लोग रोज, ऐसे कब्रिस्तानों तक आते हैं. अल हुसैन तस्वीरें उनके सामने सरका देते हैं.
पहचान हो जाने पर परिजनों को कब्र तक ले जाया जाता है. शिनाख्त ना करने पाने वाले लोग, कब्रों के ऊपर लिखे नोट और यादाश्त के सहारे, अपनों का सुराग पाने की कोशिश करते हैं.
सैकड़ों लोग लापता
स्थानीय प्रशासन के पास अब भी भूकंप के बाद से लापता हुए लोगों का सटीक आंकड़ा नहीं है. लापता लोगों में इंतिसार शेखो का 12 साल का भतीजा मुस्तफा भी है. इमारत के मलबे में मुस्तफा की मां और उसके दो भाई बहनों के शव मिले. पिता और एक भाई बच गए. अस्पताल के बाद कब्रिस्तानों के चक्कर काट रहीं इंतिसार रोते हुए कहती हैं, "मैं लगातार लोगों से संपर्क कर रही हूं लेकिन उसकी कोई खबर नहीं मिल रही है."
65 साल के फादेल अल जाबेर का भी हर दिन तलाश में गुजरता है. जाबेर पास के सालकिन शहर में रहते हैं. वे जिस अपार्टमेंट में रहते थे, वह मलबे के ढेर में बदल चुका है. परिवार के चार लोगों के शव मिल चुके हैं, बाकी लापता हैं.
ऐसी अफवाहें है कि 13 साल का मोहम्मद, 11 साल की शाम और छह साल की सहर बच गए. लेकिन तीनों कहां हैं, इसकी जानकारी नहीं है. जाबेर, घूम घूमकर लोगों को अपने मोबाइल में तीनों बच्चों की फोटों दिखाते रहते हैं.
छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप ने उत्तरी सीरिया और दक्षिणी तुर्की में 50,000 से ज्यादा लोगों की जान ली. दोनों ही देशों में सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं.
ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स)