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आपदासीरिया

कब्रिस्तान के चक्कर काटते भूकंप पीड़ित

२० मार्च २०२३

ताजा खुदी एक कब्र पर पर कोई नाम लिखा नहीं है. वहां बस इतना लिखा है कि उसने हरा स्वेटर पहना था. भूकंप के बाद से सीरिया में कई लोग अपने परिवारजनों को खोजने के लिए भटक रहे हैं.

सीरिया में गुमनाम लोगों की कब्रें
तस्वीर: Khalil Ashawi/REUTERS

तुर्की की सीमा से सटा पश्चिमोत्तर सीरिया का जंदारिस शहर. मलबे के ढेर में तब्दील हुए जंदारिस के एक कब्रिस्तान में हाल ही में 70 शव दफनाये गए हैं. वे किसके थे? यह कोई नहीं जानता. बस इतना पता है कि ये सारे लोग, छह फरवरी 2023 को आये विनाशकारी भूकंप में मारे गए.

एक कब्र के उपर रखे साधारण से पत्थर में सिर्फ इतना लिखा है कि, "उसने हरा स्वेटर पहना था." वहां एक बच्ची को दफनाया गया है. कब्रिस्तान के केयरटेक्र मायसरा अल हुसैन कहते हैं, "कुछ मामलों में तस्वीर नहीं ली गई, जैसे बच्चों के मामले में. क्योंकि चोटें इस तरह की थीं कि कोई भी पहचान नहीं सकता. इसीलिए हमें लिखना बड़ा कि उसने हरे रंग का स्वेटर पहना था."

जंदारिस के एक कब्रिस्तान के केयरटेकर मायसरा अल हुसैनतस्वीर: Khalil Ashawi/REUTERS

कब्रिस्तानों के चक्कर

अल हुसैन कहते हैं कि दफनाने से पहले कुछ मृतकों के चेहरे की तस्वीरें ली गईं. इसी उम्मीद में कि इन तस्वीरों से पहचान में मदद मिल सकेगी. भूकंप के बाद से लापता परिजनों की तलाश में लोग रोज, ऐसे कब्रिस्तानों तक आते हैं. अल हुसैन तस्वीरें उनके सामने सरका देते हैं. 

पहचान हो जाने पर परिजनों को कब्र तक ले जाया जाता है. शिनाख्त ना करने पाने वाले लोग, कब्रों के ऊपर लिखे नोट और यादाश्त के सहारे, अपनों का सुराग पाने की कोशिश करते हैं.   

सैकड़ों लोग लापता

स्थानीय प्रशासन के पास अब भी भूकंप के बाद से लापता हुए लोगों का सटीक आंकड़ा नहीं है. लापता लोगों में इंतिसार शेखो का 12 साल का भतीजा मुस्तफा भी है. इमारत के मलबे में मुस्तफा की मां और उसके दो भाई बहनों के शव मिले. पिता और एक भाई बच गए. अस्पताल के बाद कब्रिस्तानों के चक्कर काट रहीं इंतिसार रोते हुए कहती हैं, "मैं लगातार लोगों से संपर्क कर रही हूं लेकिन उसकी कोई खबर नहीं मिल रही है."

अपने भतीजे मुस्तफा की खोज में भटकतीं इंतिसार शेखोतस्वीर: Khalil Ashawi/REUTERS

65 साल के फादेल अल जाबेर का भी हर दिन तलाश में गुजरता है. जाबेर पास के सालकिन शहर में रहते हैं. वे जिस अपार्टमेंट में रहते थे, वह मलबे के ढेर में बदल चुका है. परिवार के चार लोगों के शव मिल चुके हैं, बाकी लापता हैं.

ऐसी अफवाहें है कि 13 साल का मोहम्मद, 11 साल की शाम और छह साल की सहर बच गए. लेकिन तीनों कहां हैं, इसकी जानकारी नहीं है. जाबेर, घूम घूमकर लोगों को अपने मोबाइल में तीनों बच्चों की फोटों दिखाते रहते हैं.

छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप ने उत्तरी सीरिया और दक्षिणी तुर्की में 50,000 से ज्यादा लोगों की जान ली. दोनों ही देशों में सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं.

ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स)

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