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गर्मी ने बढ़ाई ऊर्जा की मांग, आपूर्ति में भारी कमी

२ मई २०२२

अप्रैल में उत्तर भारत में इतनी गर्मी देखी गई जितनी पिछले कई दशकों में नहीं देखी गई. एसी के बढ़े हुए इस्तेमाल की वजह से बिजली की मांग ने रिकॉर्ड स्तर छू लिया और छह सालों में सबसे बड़ा संकट पैदा हो गया है.

Indien Hitzewelle | Straßenszene in Delhi
तस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS

सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि उत्तर भारत में बिजली की जरूरत 16 से 75 प्रतिशत के बीच बढ़ गई. इसकी वजह से बिजली की मांग 13.2 प्रतिशत बढ़ कर 135.4 अरब किलोवॉट घंटों पर पहुंच गई.

मौसम विभाग ने अधिकांश पश्चिमी मध्य, उत्तर पश्चिमी, उत्तर और उत्तर पूर्वी इलाकों में सामान्य से ज्यादा अधिकतम तापमान का पूर्वानुमान दिया है. पाकिस्तान में भी इस साल गर्मी का स्तर चरम पर है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि एक अरब से भी ज्यादा लोगों पर गर्मी का दुष्प्रभाव पड़ सकता है.

(पढ़ें: छह साल में सबसे बुरा बिजली संकट झेल रहा है भारत)

 

बिजली की मांग में उछाल

वैज्ञानिकों ने गर्मी के मौसम के इतना जल्दी आ जाने को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा है. भारत में बिजली के अभूतपूर्व इस्तेमाल से अप्रैल में बड़े पैमाने पर बिजली की कटौती भी हुई. जैसे जैसे कोयले की आपूर्ति कम होने लगी, बिजली कंपनियों को मांग के प्रबंधन के लिए कटौती करनी पड़ी.

अहमदाबाद में अपने हेलमेटों में पानी भर कर नहाते हुए निर्माण श्रमिकतस्वीर: Amit Dave/REUTERS

बिजली की मांग के हिसाब से उसकी आपूर्ति में 2.41 अरब यूनिट की कमी पड़ गई, यानी 1.8 प्रतिशत की कमी, जो अक्टूबर 2015 के बाद से सबसे ज्यादा है. अप्रैल में दिल्ली में बिजली की मांग 42 प्रतिशत बढ़ी, पंजाब में 36 प्रतिशत और राजस्थान में 28 प्रतिशत.

(पढ़ें: जलवायु से जुड़े लक्ष्य हासिल करने में कोयला अब भी सबसे बड़ा रोड़ा)

पहाड़ी राज्यों में भी बुरा हाल

यहां तक कि अपने पहाड़ों के लिए लोकप्रिय पूर्वोत्तर के छोटे से राज्य सिक्किम में बढ़े हुए तापमान की वजह से बिजली के इस्तेमाल में 74.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बिजली की मांग 16 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ गई.

कोलकाता में गर्मी से बचने के लिए हावड़ा पुल के पास गंगा नदी में गोता लगाते बच्चेतस्वीर: Debajyoti Chakraborty/NurPhoto/picture alliance

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे दूसरे उत्तरी राज्यों और पूर्व में झारखंड में बिजली की मांग 25 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ गई. कम से कम सात राज्यों में छह सालों में कभी इतनी बिजली नहीं काटी गई थी जितनी अप्रैल में काटी गई. इनमें अधिकतर राज्य उत्तर के थे, लेकिन  दक्षिण में आंध्र प्रदेश भी शामिल था.

(पढ़ें: भयंकर गर्मी है और एसी ऑन नहीं कर रहे हैं भारत के ऊबर ड्राइवर)

आने वाले दिनों में और भी बिजली कटौती की संभावना है क्योंकि कोयले की कमी और गहरा गई है. बिजली कंपनियों के पास गर्मी के पहले के मौसम के लिए कोयले का भंडार नौ सालों में सबसे कम स्तर पर था. अप्रैल में यह भंडार 13 प्रतिशत और गिर गया.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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