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अमेरिका ने की भारत में पैगंबर पर विवादित टिप्पणी की निंदा

१७ जून २०२२

बीजेपी नेताओं द्वारा पैगंबर पर विवादित टिप्पणी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं जारी हैं. अमेरिका ने निंदा की है तो नीदरलैंड्स के एक सांसद ने नूपुर शर्मा का समर्थन किया है.

नुपूर शर्मा का विरोध जारी है
नुपूर शर्मा का विरोध जारी हैतस्वीर: Arun Sankar/AFP/Getty Images

अमेरिका ने औपचारिक रूप से भारत में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणियों की आलोचना की है. गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि दो बीजेपी नेताओं की टिप्पणियां निंदनीय हैं. गुरुवार को प्राइस ने कहा, "हम दो बीजेपी नेताओं द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों की निंदा करते हैं. हमें इस बात की खुशी है कि पार्टी ने सार्वजनिक रूप से इन टिप्पणियों की निंदा की है.”

पिछले महीने बीजेपी की प्रवक्ता के तौर पर नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में भाग लेते हुए पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उसके बाद दिल्ली बीजेपी के मीडिया सेल के प्रमुख रहे नवीन कुमार जिंदल ने भी पैगंबर के खिलाफ ट्विटर पर विवादित पोस्ट डाली थी.

इन टिप्पणियों पर भारत में कई दिन तक विरोध के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी लेकिनखाड़ी देशों से विरोध होने के बाद पार्टी को कार्रवाई करनी पड़ी. तब पार्टी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया और नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया.

निष्कासन पत्र में बीजेपी ने लिखा, "आपने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सद्भावना भड़काने वाले विचार प्रकट किए हैं. यह भारतीय जनता पार्टी के मूल विचारों के विरोध में है. आपने पार्टी के विचार एवं नीतियों के विरुद्ध कार्य किया है. अतः आपकी भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तुरंत प्रभाव से समाप्त की जाती है और आपको पार्टी से निष्कासित किया जाता है."

बीजेपी की इस कार्रवाई के बावजूद देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रिया जारी है. बांग्लादेश में गुरुवार को भारत विरोधी प्रदर्शन हुए और लोगों ने भारत से औपचारिक रूप से टिप्पणी पर माफीनामा जारी करने की मांग की.

इस बारे में पुलिस ने नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है.  दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर बताया, "हमने सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को विभाजनकारी तर्ज पर भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सोशल मीडिया विश्लेषण के आधार पर उपयुक्त धाराओं के तहत 2 प्राथमिकी दर्ज की हैं. एक नूपुर शर्मा से संबंधित है और दूसरी कई सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ है."

नूपुर शर्मा को समर्थन

कई हल्कों में नूपुर शर्मा को समर्थन भी मिल रहा है. भारत में तो नूपुर शर्मा के समर्थन में कई जगह प्रदर्शन हुए ही हैं, उन्हें नीदरलैंड्स के एक सांसद ने भी समर्थन दिया है. वहां की अति दक्षिणपंथी पार्टी फॉर फ्रीडम के नेता और सांसद गीअर्ट विल्डर्स ने कहा है कि वह नूपुर शर्मा को अपना मजबूत समर्थन व्यक्त करते हैं.

ट्विटर पर विल्डर्स ने लिखा, "मैंने द हेग में राजदूत रीनत संधू से मिलने की कोशिश की ताकि नूपुर शर्मा के प्रति अपना समर्थन जाहिर कर सकूं लेकिन लगता है कि राजदूत मिलने की इच्छुक नहीं हैं. हर बार बहाने. कितनी शर्म की बात है.”

गीअर्ट विल्डर्स की अक्सर इस्लाम विरोधी टिप्पणियों के लिए आलोचना होती है और स्थानीय मीडिया में कई बार उन्हें ‘हॉलैंड का ट्रंप' भी कहा गया. वह अपने देश में मुस्लिम आप्रवासियों के तीखे आलोचक और विरोधी रहे हैं और ‘इस्लाम को रोको' जैसे नारे देते रहे हैं.

भारत में मानवाधिकारों पर चिंता

पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेताओं द्वारा विवादित बयानों के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के घर गिराने की कार्रवाई को लेकर भी कई देशों में भारत सरकार की आलोचना हुई है. मानवाधिकारों ने इसे अमानवीय कार्रवाई बताया है.

उत्तर प्रदेश के बयान के विरोध में कई शहरों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे. सहारनपुर और प्रयागराज में पिछले हफ्ते बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और पत्थरबाजी हुई. प्रयागराज प्रशासन ने एक प्रदर्शनकारी जावेद मोहम्मद के घर को बुलडोजर से ढहा दिया. जावेद को 10 जून को हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है. आरोप है कि उन्होंने बिना नक्शा पास कराए बिल्डिंग बनाई थी.

लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने कहा है कि राज्य सरकार मुसलमानों को चुनकर निशाना बना रही है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी की प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, "यूपी सरकार एक समुदाय विशेष को टारगेट करके बुलडोजर विध्वंस व अन्य द्वेषपूर्ण आक्रामक कार्रवाई कर विरोध को कुचलने और भय व आतंक का जो माहौल बना रही है यह अनुचित व अन्यायपूर्ण. घरों को ध्वस्त करके पूरे परिवार को टारगेट करने की दोषपूर्ण कार्रवाई का कोर्ट जरूर संज्ञान ले."

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि उनकी सरकार भारत को मानवाधिकारों के सम्मान के लिए प्रोत्साहित करती है. प्राइस ने कहा, "हम उच्च स्तर पर भारत सरकार के साथ धार्मिक स्वतंत्रता समेत मानवाधिकारों की चिंताओं पर बात करते रहे हैं और भारत को प्रोत्साहित करते हैं कि वे मानवाधिकारों का सम्मान करें.”

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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