अमेरिका ने दी आप्रवासी कारवां को शरण मांगने की इजाजत
१ मई २०१८
9 तस्वीरें, जिन्होंने दुनिया बदल दी
9 तस्वीरें, जिन्होंने दुनिया बदल दी
तुर्की के तट पर मिले एक बच्चे के शव ने दुनिया भर को झकझोर दिया था. तस्वीर ने एक पल में शरणार्थी संकट की बहस को मानवीय बना दिया. एक नजर उन तस्वीरों पर जिन्होंने दुनिया पर गहरा असर किया.
नेपाम की बच्ची
दक्षिणी वियतनाम के गांव पर हुए नेपाम बम हमले के बाद जान बचाने के लिए भागते बच्चे. धमाके के बाद नौ साल की बच्ची जलते कपड़ों को फाड़कर दौड़ने लगी. तस्वीर में दिखाई पड़ने वाली बच्ची अब कनाडा में सकुशल रहती है. इस तस्वीर ने वियतनाम युद्ध के प्रति पश्चिमी जनमानस की सोच बदल दी. फोटोग्राफर निक उट को 1973 में इसके लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
डस्ट लेडी
धूल से सनी महिला. ये तस्वीर न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए 11 सिंतबर 2001 के आतंकवादी हमले के दौरान ली गई. तस्वीर में दिखने वाली महिला मैर्सी बोर्डर्स आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बन गई. उन्हें डस्ट लेडी कहा गया. हमले की वजह से वह पेट के कैंसर का शिकार हुई. 26 अगस्त 2015 को उनकी मौत हो गई.
टैंक मैन
5 जून 1989, सामने खड़े होकर टैंकों को रोकने की कोशिश करता एक शख्स. यह तस्वीर चीन के तियानानमेन चौक में हुए अत्याचार की प्रतीक है. 4 जून को इसी जगह पर चीन की सेना ने प्रदर्शनकारियों को बर्बर तरीके से कुचला. जेफ विडनर ने यह तस्वीर ली. इस शख्स को थोड़ी देर बार गिरफ्तार कर लिया गया. आज तक उनके बारे में कुछ पता नहीं है.
बेन ओनेजॉर्ग की मौत
2 जून 1967 को पुलिस ने ईरान के शाह की राजकीय यात्रा का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ बल प्रयोग किया. एक पुलिसकर्मी ने जर्मन छात्र बेनो ओनेजॉर्ग को गोली मारी. उनकी मौत के बाद जर्मनी में वामपंथी आंदोलन कट्टर हो उठा. हादसे के वक्त ओनेजॉर्ग की पत्नी गर्भवती थी.
कैनेडी की हत्या
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की डलास में हत्या. कैनेडी की हत्या उनकी सरकारी कार में हुई. अब्राहम जैप्रूडर कैनेडी के काफिले का वीडियो बना रहे थे, तभी राष्ट्रपति के सिर पर गोली लगी. जैप्रूडर इस तस्वीर को प्रकाशित नहीं करना चाहते थे, लेकिन यह तस्वीर सामने आ गई. जांच और जिज्ञासा के चलते इसे हजारों बार बारीकी से देखा जा चुका है.
म्यूनिख नरसंहार
1972 के ओलंपिक खेलों के दौरान म्यूनिख में इस्राएली ओलंपिक टीम के 11 सदस्यों को बंधक बनाया गया. बाद में उनकी हत्या कर दी गई. आतंकवादी फलीस्तीनी संगठन ब्लैक सितंबर के थे. यह तस्वीर बालकनी से नीचे झांकते एक अपहर्ता की है.
अफगान लड़की
स्टीव मैकरी का यह पोट्रे 1985 में नेशनल जियोग्राफिक में प्रकाशित हुआ. तस्वीर से पता नहीं चलता है कि पाकिस्तान में 12 साल की यह अफगान लड़की किन हालात में जी रही है. लेकिन यह तस्वीर अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के हमले और शरणार्थी संकट का प्रतीक बन गई. शरबत गुला नाम की इस लड़की को 2002 में फिर खोजा गया. उसने अपनी यह मशहूर तस्वीर पहले नहीं देखी थी.
एक बार फिर सीरिया
सीरिया में सरकार विरोधियों ने पांच साल के एक बच्चे का फुटेज जारी किया है. संतरी रंग की कुर्सी पर बैठा यह बच्चा खून और धूल से लथपथ है. बच्चे की पहचान ओमरान दाकनीश के रूप में हुई है.