अमेरिका की उत्तर कोरिया को धमकी
१७ अप्रैल २०१७उत्तर कोरिया पर्यटकों को क्या क्या दिखाता है
उत्तर कोरिया जाने वाले पर्यटकों को सिर्फ देश की अच्छी तस्वीर दिखाई जाती है, मुल्क की गरीबी और बदहाली नहीं. आप वहां सिर्फ गाइडेड टूर के जरिए ही घूम सकते हैं. ऐसे टूर में आपको क्या क्या दिखाया जाता है, चलिए जानते हैं.
मनसु हिल ग्रांड स्मारक
प्योंगयांग का यह विशाल स्मारक उत्तर कोरियाई क्रांति को समर्पित है. यहां पहुंचते ही किम इल सुंग और उनके बेटे और उत्तराधिकारी किम जोंग इल की विशाल प्रतिमाएं ध्यान खींचती हैं. अगर आप यहां कोई फोटो लेना चाहते हैं, तो दोनों नेताओं की पूरी प्रतिमाएं फोटो में आना जरूरी हैं.
किम इल सुंग स्क्वैयर
राजधानी प्योंगयांग का किम इल सुंग चौक उत्तर कोरिया की सबसे अहम जगहों में से एक है. यहां अकसर सांस्कृतिक कार्यक्रम, सैन्य परेड और रैलियां होती हैं. 75 हजार वर्ग मीटर में फैले इस चौक में एक लाख लोग आराम से आ सकते हैं. इसका नाम उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग के नाम पर रखा गया है.
प्योंगयांग मेट्रो
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में भूमिगत मेट्रो की दो लाइनें हैं. चोलिमा लाइन लगभग 12 किलोमीटर लंबी है जबकि ह्योक्सिन लाइन 10 किलोमीटर के इलाके को कवर करती है. प्योंगयांग मेट्रो को दुनिया की सबसे गहरी भूमिगत मेट्रो कहा जाता है जो जमीन के लगभग 110 मीटर नीचे बनी है.
जूखे टावर
उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग ने देश को आत्मनिर्भरता की जो विचारधारा दी, यह टावर उसी को समर्पित है. यह टावर प्योंगयांग में बहने वाली ताएतोंग नदी के पूर्वी किनारे पर खड़ा है जिसके सामने किम इल सुंग चौक है. यह टावर किम इल सुंग के 70वें जन्मदिन पर 1982 में बन कर तैयार हुआ.
चोलिमा प्रतिमा
मानसु हिल पर स्थित चोलिमा प्रतिमा भी प्योंगयांग का एक अहम आकर्षण है. इस प्रतिमा का निर्माण 1961 में किम इल सुंग के 49वें जन्मदिन पर उनके लिए तोहफे के तौर पर किया गया था. प्रतिमा में पंखों वाले पौराणिक घोड़े चोलिमा को दिखाया गया है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह एक दिन में 400 किलोमीटर दौड़ता था.
आर्क ऑफ ट्रायंम्फ
यह स्मारक भी 1982 में किम इल सुंग के 70वें जन्मदिन पर बनाया गया था. यह 1925 से 1945 के बीच जापान के खिलाफ कोरिया के प्रतिरोध की याद में बनाया गया है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा विजय स्मारक है जिसकी ऊंचाई 60 मीटर और चौड़ाई 50 मीटर है. सफेद ग्रेफाइट से बना यह स्मारक दिखने में नायाब लगता है.
पनमुनजोम
पनमुनजोम उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सीमा पर बसा एक गांव है. यहीं पर 1953 में उस अहम समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिसके तहत कोरियाई युद्ध रुका. जिस हॉल में समझौते की वार्ता हुई, उसे आज भी वैसा ही रखा गया है. उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच युद्ध तो थम गया, लेकिन संबंध आज भी बहुत खराब हैं.
आर्क ऑफ रियूनिफिकेशन
कोरिया के पुनर्एकीकरण के प्रस्ताव की याद में बने इस विशाल द्वार को अगस्त 2001 में खोला गया. इसमें उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया को दो महिलाओं के रूप से दिखाया गया है. 2000 में दोनों देश भविष्य में फिर से एक होने के लिए काम करने पर सहमत हुए थे, लेकिन उनके बीच गहरे मतभेदों और तनाव के कारण फिलहाल ऐसा संभव नहीं दिखता.
कोरिया सेंट्रल जू
प्योंगयांग के कोरिया सेंट्रल जू को 1959 में किम इल सुंग के निर्देश पर बनाया गया था. इस चिड़ियाघर में 650 प्रजातियों के लगभग पांच हजार जानवर हैं. एक वर्ग किलोमीटर में फैले इस चिड़ियाघर का शेर के मुंह वाला द्वार दूर से ही ध्यान खींचता है. हालांकि इस चिड़ियाघर पर जानवरों को ठीक तरीके से न रखने के आरोप भी लगते रहे हैं.
मुनसु वाटर पार्क
मुनसु वाटर पार्क प्योंगयांग के सबसे नए आकर्षणों में से एक है, जिसे नवंबर 2013 में आम लोगों के लिए खोला गया. यह पार्क 15 हेक्टेयर में फैला है और यहां पूरे साल कोई न कोई इंडोर या आउटडोर गतिविधियां चलती रहती हैं. यहां पर कई स्वीमिंग पूल, वॉलीबॉल कोर्ट, रॉक क्लाइम्बिंग वॉल, कैफे और बार हैं.
रयुगयोंग होटल
प्योंगयांग का रयुगयोंग होटल उत्तर कोरिया की सबसे ऊंची इमारत है. 105 मंजिला इस होटल को बनाने का काम 1987 में शुरू हुआ था लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है. फिर भी, ये प्योंगयांग की पहचान बन चुका है. 2013 में इसे आंशिक रूप से खोले जाने की घोषणा हुई थी, लेकिन फिर उसे टाल दिया गया.