अमेरिकी-रूसी नागरिक को देशद्रोह के आरोप में 12 साल की सजा
१६ अगस्त २०२४
कसेनिया खवाना को रूस की एक अदालत ने देशद्रोह का दोषी ठहराते हुए 12 साल की जेल की सजा सुनाई है. यह सजा यूक्रेन की मदद के लिए एक संस्था को लगभग $52 की दान राशि देने के मामले में दी गई है.
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रूस में जन्मीं अमेरिकी नागरिक, 33 साल की कसेनिया खवाना को रूस में एक अदालत ने 12 साल की जेल की सजा सुनाई है. उन पर अमेरिका की एक समाजसेवी संस्था को 51.80 डॉलर का दान देने का आरोप था.
रूसी अधिकारियों ने खवाना को उनके शादी के पहले के नाम कसेनिया कैरेलिना के रूप में पहचाना है. उन्हें फरवरी में यूराल माउंटेंस शहर येकातेरिनबर्ग में गिरफ्तार किया गया था और पिछले हफ्ते एक बंद ट्रायल में दोषी ठहराया गया था.
कैसे पकड़ी गईं कसेनिया खवाना
खवाना पूर्व बैले डांसर हैं. खबरों के मुताबिक उन्होंने एक अमेरिकी नागरिक से शादी की और लॉस एंजेलीस जाने के बाद अमेरिकी नागरिकता ले ली. वह अपने परिवार से मिलने रूस वापस आई थीं.
उनका फोन जनवरी में येकातेरिनबर्ग पहुंचने के बाद जब्त कर लिया गया था. पुलिस को फोन में दान का सबूत मिला. वापस अमेरिका जाने से ठीक पहले, उन्हें छोटे अपराध के आरोप में 15 दिन की जेल हुई और फिर उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया.
क्या है दिल्ली का आबकारी 'घोटाला'
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार जब नई आबकारी नीति लेकर आई थी, तब किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि इसकी वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ही जेल हो जाएगी. एक नजर इस नीति पर और इसमें कथित अनियमितताओं के आरोपों पर.
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2021 में आई नीति
दिल्ली की नई आबकारी नीति 'आप' सरकार ने 2021 में लागू की थी. इसके तहत दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री के व्यापार से पूरी तरह बाहर निकालने की योजना बनाई गई थी. आम आदमी पार्टी के मुताबिक इस नीति का मकसद सरकार का राजस्व बढ़ाने के अलावा शराब की काला बाजारी खत्म करना, विक्रेताओं के लिए लाइसेंस के नियमों को लचीला बनाना और उपभोक्ताओं के अनुभवों को बेहतर बनाना था.
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घर पर डिलीवरी
नई नीति के तहत शराब की दुकानें सुबह तीन बजे तक खुली रखने और शराब की घर पर डिलीवरी करवाने जैसे नियम भी प्रस्तावित थे. साथ ही शराब विक्रेताओं को दामों में छूट देने की इजाजत भी दी गई थी.
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बढ़ी सरकार की कमाई
कुछ महीनों तक उपभोक्ताओं को शराब के दामों में भारी छूट भी मिली. नतीजतन शराब दुकानों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं. एक रिपोर्ट के अनुसार इससे दिल्ली सरकार के रेवन्यू में 27 फीसदी की वृद्धि हुई और राज्य ने लगभग 8,900 करोड़ रुपए कमाए.
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जांच के आदेश
लेकिन नीति लागू होने से पहले ही दिल्ली के शराब बाजार में जो उथल पुथल शुरू हुई वो कई महीनों तक चलती रही. लगभग आधी दुकानें बंद हो गईं. अप्रैल 2022 में जब दिल्ली में नए मुख्य सचिव नरेश कुमार की नियुक्ति हुई तो उन्होंने नई नीति में जांच के आदेश दिए.
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अनियमितताओं के आरोप
जुलाई 2022 में मुख्य सचिव ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्होंने नीति में अनियमितताओं का दावा किया. इस रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि बतौर आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब विक्रेताओं को लाइसेंस देने के बदले कमीशन और रिश्वत ली.
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कमीशन और रिश्वत
नरेश कुमार ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि लाइसेंस फीस और शराब की कीमतों में नियमों को ताक पर रखकर छूट दी गई, जिससे सरकार को करीब 144 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ. यह भी दावा किया गया कि कमीशन और रिश्वत से मिली रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में किया.
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सीबीआई ने शुरू की जांच
मुख्य सचिव ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को भी अपनी रिपोर्ट सौंपी और इस मामले में जांच करने के लिए कहा. इसी रिपोर्ट के आधार पर उप राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी. सीबीआई ने अगस्त 2022 में सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
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उप-मुख्यमंत्री गिरफ्तार
आरोपियों में तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर समेत तीन अफसर, दो कंपनियां और नौ कारोबारी शामिल थे. मनीष सिसोदिया के घर छापे मारे गए और कई बार पूछताछ के बाद 26 फरवरी 2023 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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केजरीवाल की भूमिका
पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सीधे तौर पर इस मामले में नाम नहीं था लेकिन बाद में तेलंगाना के निजामाबाद से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को गिरफ्तार किया गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू से भी इस मामले में पूछताछ की गई और उन्होंने ही केजरीवाल का नाम लिया.
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मुख्यमंत्री गिरफ्तार
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में अगस्त, 2022 में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया और 21 मार्च, 2024 को इसी मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. तब से मुख्यमंत्री तिहाड़ जेल में हैं. 26 जून को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट के परिसर से सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया.
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रूसी एजेंसी फेडरल सिक्यॉरिटी सर्विस ने कहा कि उन्होंने "यूक्रेनी संगठनों के हित में पैसा इकट्ठा किया था, जिसे बाद में स्वास्थ्य संबंधी सप्लाई, उपकरणों, हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया."
मानवाधिकार संस्था द फर्स्ट डिपार्टमेंट ने बताया है कि आरोप 51.80 डॉलर यानी लगभग 4,400 रुपये की दान राशि से जुड़े हैं जो एक अमेरिकी चैरिटी को दी गई थी. खवाना पर मुकदमा येकातेरिनबर्ग में हुआ, जो मॉस्को से लगभग 1,420 किलोमीटर पूर्व में है.
अमेरिकी प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी प्रवक्ता जॉन किर्बी ने खवाना की सजा को "कठोर और प्रतिशोधात्मक क्रूरता" कहा. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारी खवाना तक पहुंच पाने की कोशिश कर रहे हैं.
किर्बी ने कहा, "हम $50 की बात कर रहे हैं. इसे देशद्रोह कहना पूरी तरह बेतुका है."
खवाना के वकील, मिखाइल मुशाइलोव ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहे हैं. वकील ने कहा, "उन्होंने पैसे ट्रांसफर करने की गलती स्वीकार की, लेकिन यह नहीं माना कि उनका इरादा उन्हें उन संगठनों तक पहुंचाने का था जहां ऐसा लगता है कि पैसे पहुंचे."
नावाल्नी के बाद रूस में अभी और भी विपक्षी ऐक्टिविस्ट जेलों में हैं
रूस के प्रमुख विपक्षी नेता ऐलेक्सी नावाल्नी की जेल में मौत के बाद देश में विपक्ष के अन्य कार्यकर्ताओं को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं. अभी भी ऐसे कई विपक्षी ऐक्टिविस्ट बचे हैं जो उन्हीं की तरह लंबे समय से कैद हैं.
तस्वीर: Liesa Johannssen/REUTERS
इल्या याशिन
इल्या याशिन नावाल्नी के पुराने सहयोगी हैं. उन्हें यूक्रेन के बूचा में रूसी सैनिकों के कथित युद्ध अपराधों के बारे में दिए गए बयान की वजह से आठ साल से ज्यादा जेल की सजा सुनाई गई थी. 40 साल के याशिन ने पुतिन को उस "नरसंहार के लिए जिम्मेदार" बताया था और कहा था, "एक ईमानदार आदमी के रूप में जेल की सलाखों के पीछे 10 साल बिताना, आपकी सरकार जो खून बहा रही है उस पर शर्मिंदगी से चुपचाप मरने से बेहतर है."
तस्वीर: Yury Kochetkov/Pool/AP/picture alliance
व्लादिमीर कारा-मुर्जा
42 साल के विपक्षी नेता व्लादिमीर कारा-मुर्जा को देशद्रोह और अन्य आरोपों में अप्रैल 2023 को 25 साल जेल की सजा दी गई थी. उन्हें जनवरी 2024 में साइबेरिया में बनी एक नई पीनल कॉलोनी में भेज दिया गया था जहां उन्हें एक कड़े एकांत कक्ष में रखा गया है. आरोप है कि उन्हें दो बार जहर देकर मारने की कोशिश की गई है जिनसे वह बच तो गए लेकिन उन्हें एक बीमारी हो गई.
तस्वीर: Maxim Grigoryev/TASS/dpa/picture alliance
इगोर गिरकिन
इगोर गिरकिन को इगोर स्त्रेलकोव के नाम से भी जाना जाता है. वह एक राष्ट्रवादी सेना के पूर्व प्रमुख कमांडर हैं. उन्होंने 2014 में क्रीमिया को हथिया लेने में रूस की मदद की थी. लेकिन बाद में वह पुतिन के विरोधी हो गए. 53 साल के गिरकिन ने चुनावों में पुतिन के खिलाफ लड़ने की इक्षा जाहिर की थी. उन्हें पुतिन की निंदा करने के बाद जनवरी 2024 में "चरमपंथ भड़काने" के आरोप में चार साल जेल की सजा दी गई थी.
तस्वीर: Alexander Zemlianichenko/AP Photo/picture alliance
लिलिया चानिशेवा, वादिम ओस्तानिन, सेनिया फादेयेवा
लिलिया चानिशेवा, वादिम ओस्तानिन और सेनिया फादेयेवा नावाल्नी के अभियान और उनके भ्रष्टाचार-विरोधी संगठन एफबीके के पूर्व सहयोगी हैं. चानिशेवा को "एक चरमपंथी संगठन बनाने" के लिए जून 2023 में 7.5 साल जेल की सजा, ओस्तानिन को एक "चरमपंथी समुदाय" में शामिल होने के लिए जुलाई 2023 में नौ साल जेल की सजा और फादेयेवा को एक "चरमपंथी संगठन" चलाने के लिए दिसंबर 2023 में 9.5 साल जेल की सजा दी गई थी.
तस्वीर: DW
इगोर सेर्गुनिन, एलेक्सेई लिप्तसर, वादिम कोब्जेव
इगोर सेर्गुनिन, एलेक्सेई लिप्तसर और वादिम कोब्जेव नावाल्नी के वकील हैं. उन पर नावाल्नी की सलाखों के पीछे से 'चरमपंथी गतिविधियों' को चलाने में मदद करने के आरोप लगे हैं. रूस के गृह मंत्रालय ने फरवरी 2024 में नावाल्नी के दो और वकीलों को अपनी वॉन्टेड लिस्ट में शामिल किया. ये दोनों हैं ओल्गा मिखाइलोवा और अलेक्सान्दर फेदुलोव. माना जा रहा है कि दोनों ही इस समय रूस से बाहर हैं. - सीके/वीके (रॉयटर्स)
तस्वीर: Yevgeny Kurakin/AFP/Getty Images
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इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के अनुसार उन्होंने कहा, "उन्होंने नहीं सोचा था कि उनके द्वारा ट्रांसफर किए गए पैसे रूस-विरोधी कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे."
फरवरी 2022 में यूक्रेन में सैनिक भेजने के बाद से रूस ने असंतोष पर सख्ती से कार्रवाई की है और यूक्रेन में अभियान की आलोचना करने वाले या रूसी सेना को बदनाम करने वाले बयानों को अपराध बना दिया है. तब से चिंता बढ़ी है कि रूस अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य बना रहा है.
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अमेरिकी नागरिक निशाने पर
गुरुवार को एक अन्य मामले में, मॉस्को के मेश्कांस्की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने जोसेफ टेटर नामक एक अमेरिकी नागरिक को पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोप में दो महीने की हिरासत में रखने का आदेश दिया. एक दिन पहले, उसी अदालत ने टेटर को "छोटे अपराध" के आरोप में 15 दिन की प्रशासनिक गिरफ्तारी की सजा सुनाई थी.
रूस की सरकारी समाचार एजेंसियों तास और आरआईए-नोवोस्ती ने कहा कि यह अमेरिकी नागरिक एक महंगे होटल में अपने दस्तावेज दिखाने के लिए कहे जाने के बाद आक्रामक हो गया. उन्होंने दावा किया कि होटल ने जरूरी दस्तावेजों की कमी के कारण उन्हें ठहरने से मना कर दिया, जिसके बाद अमेरिकी नागरिक ने कथित तौर पर पुलिस अधिकारी पर हमला किया.
किताबें पढ़कर इस देश में सजा कम करा सकते हैं कैदी
बोलीविया की भीड़भाड़ वाली जेलों में कैदी अब किताबें पढ़कर अपनी सजा कम करा सकते हैं. यह कार्यक्रम ब्राजील में चलाए गए ऐसे ही एक कार्यक्रम से प्रभावित है. कार्यक्रम का एक और उद्देश्य साक्षरता बढ़ाना भी है.
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ब्राजील से सीख
दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में मुकदमे की लंबी अवधि के कारण कई कैदियों को दशकों तक जेल में ही अपना जीवन बिताना पड़ता है. देश की एक जेल ने उनके कारावास को 'सार्थक' बनाने के लिए किताबें पढ़ने की व्यवस्था की.
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"सलाखों के पीछे किताबें"
बोलीविया सरकार का कार्यक्रम "बुक्स बिहाइंड बार्स" कैदियों को उनकी रिहाई की तारीख से कुछ दिन या सप्ताह पहले जेल से बाहर निकलने का मौका देता है. बोलीविया में आजीवन कारावास या मृत्युदंड नहीं है, लेकिन धीमी न्यायिक प्रणाली के कारण सुनवाई कई सालों तक चलती है.
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कार्यक्रम से आकर्षित हुए कैदी
बोलीविया के लोकपाल कार्यालय का कहना है कि यह कार्यक्रम 47 जेलों में शुरू किया गया है. ये जेल वैसे हैं जिनके पास कैदियों के लिए शिक्षा या सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के लिए भुगतान करने के लिए संसाधन नहीं हैं. अब तक 865 कैदी पढ़ने और लिखने की अपनी आदत में सुधार ला चुके हैं.
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पढ़ने का इनाम
उन कैदियों में से एक जैकलीन ने इस कार्यक्रम के तहत एक साल के भीतर आठ किताबें पढ़ ली. उन्होंने पढ़ाई की चार परीक्षा भी पास कर ली. जैकलीन कहती हैं, "हमारे जैसे लोगों के लिए यह वास्तव में बहुत मुश्किल है जिनके पास कोई आय नहीं है और जिनका बाहर परिवार नहीं है."
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नई जिंदगी
लोकपाल कार्यालय की नादिया क्रूज कहती हैं इस कार्यक्रम का मकसद सुनवाई का इंतजार कर रहे कैदियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है. क्रूज कहती हैं, "यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सजा में जो कटौती की जाती वह अपेक्षाकृत कम होती है (कुछ घंटे या दिन). यह इस बात पर निर्भर करता है कि बोर्ड क्या फैसला करता है."
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भीड़ है जेलों की समस्या
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि देश की जेलों में संख्या से अधिक कैदी बंद हैं और कई बार कैदी स्वच्छता की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी करते हैं. इन सब मुश्किलों के बीच पढ़ना लिखना कैदियों के लिए जेल से बाहर निकलने का आसान रास्ता हो सकता है.
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मॉस्को में अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि वे इस रिपोर्ट से अवगत हैं, लेकिन गोपनीयता प्रतिबंधों के कारण और टिप्पणी नहीं करेंगे.
एक अगस्त को रूस और पश्चिम के बीच शीत युद्ध के बाद का सबसे बड़ा कैदी आदान-प्रदान हुआ था. इस आदान-प्रदान में वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर इवान गेरशकोविच और अमेरिकी कॉर्पोरेट सुरक्षा अधिकारी पॉल व्हीलन शामिल थे, जिन्हें जासूसी के आरोपों में दोषी ठहराया गया था. हालांकि वे इन आरोपों को गलत बताते हैं.
इसके अलावा, यूएस-रूसी दोहरी नागरिकता वाली अलसु कुर्माशेवा को भी रिहा किया गया, जिन्हें रूसी सेना के बारे में "झूठी जानकारी" फैलाने के आरोप में साढ़े छह साल की सजा सुनाई गई थी.
रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान की आलोचना करने वाले कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को भी रिहा किया था.