यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराधी घोषित करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पारित किया है. जेलेंस्की ने कहा कि रूस के साथ वार्ता अब अधिक यथार्थवादी दिखती है.
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यूक्रेन और यूक्रेन के बीच युद्ध अब 21वें दिन में दाखिल हो चुका है. यूक्रेन के कई शहरों में लड़ाई अभी भी जारी है. रूस पर दबाव बढ़ाते हुए अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराधी मानने वाले एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया. रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किए गए और दोनों पक्षों के सीनेटरों द्वारा समर्थित इस प्रस्ताव ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) को रूस के यूक्रेन पर हमले के दौरान किए गए युद्ध अपराधों की जांच करने के लिए प्रोत्साहित किया है.
डेमोक्रेटिक सीनेटर चक शूमर ने सीनेट में अपने भाषण में कहा, "इस कक्ष में मौजूद हम सभी डेमोक्रेट और रिपब्लिकन साथ मिलकर कहते हैं कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेनी लोगों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए जवाबदेही से बच नहीं सकते."
यूक्रेन में बुधवार सुबह कई शहरों में हवाई सायरन भी सुना गया. ये सायरन लोगों को संभावित मिसाइल हमलों की चेतावनी देने के लिए होते हैं ताकि वे कहीं सुरक्षित जगहों पर शरण ले सकें. राजधानी कीव में भारी गोलाबारी हो रही है, इसलिए शहर में 35 घंटे से कर्फ्यू लगा हुआ है. मंगलवार को यहां हवाई हमलों में कम से कम पांच लोग मारे गए. यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में सुरक्षा बलों ने मंगलवार को रूस के हमले को नाकाम कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से हर दिन लगभग 70,000 बच्चे शरणार्थी बन गए हैं, जबकि यूक्रेन से भागने वाले शरणार्थियों की कुल संख्या 30 लाख से अधिक हो गई है.
इस तरह देश का हौसला बढ़ाते हैं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की
वोलोदिमीर जेलेंस्की रूसी हमले के पहले दिन से राजधानी कीव में डटे हुए हैं. रूसी हमला तीखा होने के बाद से वो सख्त सुरक्षा घेरे में हैं. हालिया तस्वीरों में वो युद्ध में घायल हुए सैनिकों से मिलते दिखाई दे रहे हैं.
"राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, सब यहीं हैं"
युद्ध के शुरुआती दिनों में जेलेंस्की के देश छोड़ जाने की अफवाह का जवाब देने के लिए उन्होंने कीव की सड़क से अपना वीडियो साझा किया था. वो हर रोज वीडियो संदेश जारी करते हैं.
तस्वीर: Instagram/@zelenskiy_official/via REUTERS
जीरो लाइन पर राष्ट्रपति
यह तस्वीर युद्ध शुरू होने से एक हफ्ता पहले की है. जेलेंस्की 17 फरवरी को दोनेत्स्क इलाके में थे. जिसे बाद में रूस ने बतौर देश मान्यता दे दी थी.
तस्वीर: Ukrainian Presidency/AA/picture alliance
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वार्ता में प्रगति
यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडलों के बीच मंगलवार को चौथे दौर की वार्ता में कुछ प्रगति की रिपोर्टें हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि बातचीत अब "अधिक यथार्थवादी" लगती है. जेलेंस्की ने मंगलवार को लंदन में यूरोपीय नेताओं की बैठक में देश पर नो-फ्लाई जोन को लागू करने का फिर से आग्रह करते हुए कहा कि उन्होंने महसूस किया कि नाटो का अब यूक्रेन को स्वीकार करने का कोई इरादा नहीं है.
युद्ध के बीच यूक्रेन में ऐसी है जिंदगी
यूक्रेन में हो रही तबाही से जुड़ी सैकड़ों तस्वीरें बाहर आ रही हैं. खंडहर, जो कुछ दिनों पहले तक घर थे. जहां कल बाजार थे, वहां कंक्रीट का मलबा भरा है...ये सब तो फिर भी निर्जीव हैं. लाखों इंसान शरणार्थी बन गए हैं.
तस्वीर: Alexandros Avramidis/REUTERS
बर्बादी के दस्तावेज
8 मार्च को ली गई इस तस्वीर में खारकीव की एक क्षतिग्रस्त इमारत दिख रही है. सामने जहां मलबा पड़ा है, उसे गौर से देखिए. कुछ दिनों पहले तक यहां बच्चों के खेलने का मैदान था. उन दिनों की निशानी उस हरे-पीले झूले में खोजिए, जिसपर कुछ रोज पहले तक बच्चे मजे से फिसलते होंगे. अब उसी यूक्रेन के 10 लाख बच्चे शरणार्थी हो गए हैं.
तस्वीर: Sergey Bobok/AFP/Getty Images
आत्मरक्षा
रूस से जंग में नागरिक भी साथ हैं. 4 मार्च को पश्चिमी कीव में मोलोतोव कॉकटेल बना रही एक महिला. चेकपोस्ट बनाना, खंदक खोदना, टायर जमा करके उनपर किताबों के ढेर रखना, ताकि जरूरत पड़ने पर रूसी सैनिकों को चकमा देने के लिए उसे जलाकर काला धुआं पैदा किया जा सके...कीव की घेराबंदी कर रहे रूसी सैन्य काफिले से मुकाबले के लिए राजधानी में नागरिक बड़े स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं.
तस्वीर: Lafargue Raphael/ABACA/picture alliance
मिलकर लड़ेंगे
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की लगातार सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर नागरिकों का हौसला बढ़ा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से मदद मांग रहे हैं. आपने युद्ध पर बनी पीरियड फिल्में देखी हैं? जब सेनापति युद्ध में आगे रहता है, तो सेना का हौसला बना रहता है.
तस्वीर: Instagram/@zelenskiy_official/via REUTERS
ऑल फॉर वन
नागरिकों को युद्ध लड़ने की इमरजेंसी ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि रूसी सेना से लड़ने के लिए लोगों की कमी ना हो. यह तस्वीर राजधानी कीव के पश्चिम में बसे जेटोमेयर की है.
तस्वीर: Viacheslav Ratynskyi/REUTERS
चोट लगी है, टूटे नहीं हैं
9 मार्च को मारियोपोल के एक मैटरनिटी अस्पताल पर हमला हुआ. तस्वीर में एक महिला क्षतिग्रस्त इमारत के बाहर अपना सामान लिए खड़ी है. 12 दिनों से रूस ने इस शहर की घेराबंदी की हुई है. गोलीबारी में अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा आम लोग मारे गए हैं. मारियोपोल काउंसिल ने अपने बयान में कहा है कि वे अपने शहर में मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराध को ना कभी भूलेंगे और ना इसके लिए रूस को कभी माफ करेंगे.
यह तस्वीर यूक्रेन के ओडेसा की है. 27 साल के विक्टर अनातोलेविच अपनी तीन बरस की बेटी को गोद में थामे अंडरग्राउंड शेल्टर में जा रहे हैं. जब बमबारी के लिए रूसी विमान आ रहे होते हैं, जब कोई मिसाइल दागी जा रही होती है, तो हमले का संकेत देने के लिए सायरन बजता है. लोग फौरन शेल्टरों की ओर भागते हैं. घंटों वहां दुबके रहना पड़ता है.
तस्वीर: Alexandros Avramidis/REUTERS
शरणागत
4 मार्च की इस तस्वीर में कीव सेंट्रल स्टेशन पर बचाव ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते लोग दिख रहे हैं. 24 फरवरी से अब तक करीब 25 लाख लोग शरणार्थी बन चुके हैं.
तस्वीर: Dimitar Dilkoff/AFP/Getty Images
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दोनों देशों के बीच मंगलवार को हुई वार्ता के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि रूस की मांगें अब "अधिक यथार्थवादी" होती जा रही हैं. बुधवार को दोनों पक्षों की फिर मुलाकात होने की संभावना है. इस बीच जेलेंस्की बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करने वाले हैं. उन्होंने कुछ महीने पहले अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था और यह उनका दूसरा संबोधन होगा.
जेलेंस्की के संबोधन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 80 करोड़ डॉलर की सहायता की घोषणा करने वाले हैं. वहीं जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा है कि कोई भी नाटो और रूस के बीच सीधा सैन्य टकराव नहीं चाहता है. उनका कहना है कि प्रतिबंध पहले से ही मॉस्को को इतने कड़े झटके दे रहे हैं जिसकी कल्पना क्रेमलिन ने नहीं की थी.
इस बीच यूक्रेन का कहना है कि मंगलवार को लगभग 20,000 लोग मारियोपोल से भागने में सफल रहे.
एए/सीके (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)
महंगे फुटबॉल क्लब खरीदने वाले 'रूसी ओलिगार्क', कुछ पुतिन के करीबी
यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन के करीबियों पर अमेरिका और यूरोपीय संघ पाबंदियां लगा रहे हैं. कई दशकों से यूरोप में निवेश कर रहे 'रूसी ओलिगार्क' भी इस जंग की चपेट में आ गए हैं. एक नजर ऐसे ही रूसी अरबपतियों पर.
तस्वीर: Martin Meissner/AP/picture alliance
रोमान अब्रामोविच (चेल्सी एफसी)
56 साल के रोमान अब्रामोविच पहले रूसी अरबपति थे जिन्होंने खेल जगत में कदम रखा. इंग्लिश प्रीमियर लीग की टीम चेल्सी को खरीदने के बाद उन्होंने बड़े बदलाव किए. नतीजा रहा कि कई रूसी अरबपति खेल में निवेश करने लगे. ब्रिटेन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से यह मंहगी खेल संपत्ति उनके हाथों से निकलती दिख रही है.
तस्वीर: Martin Meissner/AP/picture alliance
अलीशेर उस्मानोव (एवर्टन एएफसी)
अरबपति अलीशेर उस्मानोव एवर्टन फुटबॉल क्लब में निर्णायक हिस्सेदारी खरीदने से पहले आर्सेनल एफसी में भी हिस्सेदार थे. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से नजदीकियों की वजह से उन पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. जिसकी वजह से अब क्लब पर उनका नियंत्रण नहीं है. उस्मानोव की कंपनी एवर्टन के नए स्टेडियम की भी स्पॉन्सर है.
तस्वीर: Alexander Nemenov/AFP/Getty Images
वलेरी ओइफ (एसबीवी विटीसी)
रूसी ओलिगार्क वलेरी ओइफ साल 2018 से डच फुटबॉल लीग एरिडिवीसी की प्रतिभागी टीम विटीसी के मालिक हैं. ओइफ ने इस क्लब की हिस्सेदारी अपने रूसी दोस्त आलेक्सांद्र चिगरिंस्की से खरीदी थी. ओइफ पर अब तक किसी तरह के प्रतिबंध नहीं लगे हैं. लेकिन उनके दोस्त और चेल्सी के मालिक रोमान अब्रामोविच पर पबांदियां लगने के बाद ओइफ क्लब में अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कह चुके हैं.
तस्वीर: Maurice van Steen/VI Images/imago images
दमित्री राइबोलोवलेव (एएस मोनाको और सर्कल ब्रुगे)
56 साल के दमित्री राइबोलोवलेव ने फ्रेंच लीग 2 खेलने वाले क्लब एएस मोनाको को खरीदा था. उनके निवेश के बाद क्लब टॉप डिवीजन में लौट आया और फिर से यूरोपीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगा. दमित्री बेल्जियम के सर्कल ब्रुगे फुटबॉल क्लब के मालिक भी हैं. उन्होंने 2010 में रूस छोड़ दिया था.
तस्वीर: Norbert Scanella//PanoramiC/imago images
माक्सिम डेमिन (एएफसी बाउनमॉथ)
एएफसी बाउनमॉथ के सह-मालिक माक्सिम डेमिन ने क्लब को प्रीमियर लीग तक पहुंचाने के लिए काफी निवेश किया था. वो प्रतिबंधों से अभी तक बचे हुए हैं. उनके पास अब ब्रिटेन की नागरिकता है. डेमिन के निवेश को बावजूद बाउनमॉथ को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है.