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यूएई की सुरक्षा के लिए अमेरिका भेजेगा लड़ाकू जहाज और विमान

२ फ़रवरी २०२२

यमन के हूथी बागियों द्वारा यूएई पर कई मिसाइल हमलों के बाद अमेरिका ने यूएई के पास अपने लड़ाकू जहाज और विमान भेजने का फैसला किया है. यूएई पर अभी तक तीन मिसाइल हमले हो चुके हैं.

यूएई पर हमलों से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है
अबू धाबी शहरतस्वीर: Ahmed Jadallah/REUTERS

अमेरिका द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक इस तैनाती का उद्देश्य "यूएई को मौजूदा खतरे के खिलाफ सहायता" देना है. इस बयान के पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अबू धाबी के युवराज मोहम्मद बिन जायेद अल-नाह्यान के बीच बातचीत हुई.

यूएई यमन के हूथी बागियों से युद्ध कर रहे सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है. हूथियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है और अब उन्होंने सऊदी के अलावा यूएई को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. वो यूएई पर तीन हफ्तों में तीन मिसाइल हमले कर चुके हैं. इन हमलों से सात सालों से चल रहे यमन युद्ध में एक नया मोर्चा खुल गया है. इस युद्ध में अभी तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं और करोड़ों विस्थापित हो चुके हैं.

अमेरिकी मदद

अमेरिका इस गठबंधन का समर्थक है. अमेरिकी बयान में बताया गया कि अमेरिकी नौसेना का गाइडेड मिसाइल विनाशक यूएसएस कोल यूएई की नौसेना के साथ साझेदारी में काम करेगा और अबू धाबी में बंदरगाह पर रुकेगा. अमेरिका नवीनतम तकनीक वाले पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान भी तैनात करेगा.

अबू धाबी का हवाई अड्डा जहां हूथियों के हमले में तीन लोग मारे गए थेतस्वीर: Planet Labs PBC/AP/picture alliance

इसके अलावा अमेरिका "अर्ली वॉर्निंग इंटेलिजेंस" देना भी जारी रखेगा. अमेरिका ने कहा है कि यह तैनाती इस बात का "स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका यूएई के साथ एक दीर्घकालिक सामरिक साझेदार" के रूप में खड़ा है.

ताजा घटनाओं के बाद खाड़ी में तनाव बढ़ गया है और वो भी ऐसे समय पर जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है. इन तनावों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम भी सात सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं.

बाइडेन के लिए चुनौती

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हूथी जो बाइडेन प्रशासन के लिए भी विदेश नीति के मोर्चे पर एक और नाकामयाबी बन गए हैं. अमेरिकी अधिकारी इस समय हूथियों और उनके चोटी के नेताओं के खिलाफ वित्तीय कदमों पर विचार कर रहे हैं. संभव है कि इसी सप्ताह कुछ नए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी जाए.

यूएसएस कोल जिसे अमेरिका यूएई की मदद के लिए तैनात करेगातस्वीर: U.S. Navy/AP Photo/picture alliance

बाइडेन प्रशासन कई बार हूथी नेताओं को बातचीत के लिए मजबूर करने की कोशिश कर चुका है लेकिन वो हर बार असफल रहा है. बाइडेन जब सत्ता में आए थे तब उनके प्रशासन ने यमन युद्ध में सैन्य रूप से शामिल होने से खुद को दूर रखा और शांति वार्ता की कूटनीतिक कोशिशें कीं. लेकिन हूथियों ने अमेरिकी राजदूतों को ठेंगा दिखा दिया और अपने हमले और तेज कर दिए.

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इस वजह से यह मध्य पूर्व का एक ऐसा संकट बन गया है जिसमें बाइडेन प्रशासन और अमेरिकी सेना काफी गहराई तक शामिल है, बावजूद इसके कि बाइडेन अमेरिका का ध्यान अमेरिका की अपनी चुनौतियों की तरफ ही रखना चाहते हैं.

सीके/एए (एएफपी, एपी)

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