कोवैक्सीन पर डबल्यूएचओ का फैसला जल्द आ सकता है. इस फैसले पर लाखों लोगों की यात्राओं के फैसले टिके हुए हैं क्योंकि विभिन्न देश तभी भारतीय टीके को मान्यता देंगे, जब उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की मान्यता मिलेगी.
विज्ञापन
सुगाथन पी. आर. को काम पर लौटना है. नौ महीने से वह नौकरी पर नहीं गए हैं. दक्षिण भारत में एक गांव के रहने वाले सुगाथन सऊदी अरब में काम करते हैं लेकिन अब तक भारत में ही फंसे हैं क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की वैक्सीन कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है.
सुगाथन की ही तरह करोड़ों भारतीयों ने कोवैक्सीन का टीका लगवाया था. अब जबकि सीमाएं खुल रही हैं और लोग दूर देश की यात्राएं कर पा रहे हैं, कोवैक्सीन लगवाए ये लोग फंसे हुए हैं क्योंकि इनके टीके को बहुत से देश मान्यता नहीं दे रहे हैं.
कब आएगा फैसला
57 वर्षीय सुगाथन कहते हैं, "मैं यहां कब तक खाली बैठा रह सकता हूं.” वह जनवरी में केरल आए थे. पिछले साल उनके पिता की मृत्यु हो गई थी लेकिन फ्लाइट उपलब्ध ना होने के कारण वह तब नहीं आ पाए थे. फिर जनवरी में जैसे ही उन्हें फ्लाइट मिली वह टिकट लेकर घरवालों के पास चले गए. पर तब से वहीं फंसे हैं.
बेहतर हेल्थ सिस्टम बनाने के लिए WHO की सात सिफारिशें
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था बनाने के लिए एक रिपोर्ट में सात सिफारिशें की हैं. महामारी से जूझ रही दुनिया को जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था की जरूरत है, उसे हासिल करने के लिए ये कदम उठाने होंगे.
तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS
ये सात कदम उठाने होंगे
कोविड ने दुनिया में 49 लाख जानें ली हैं. भारत में चार लाख 53 हजार लोग मर चुके हैं. ऐसा फिर ना हो, इसके लिए ये सात कदम उठाने होंगे.
तस्वीर: ADNAN ABIDI/REUTERS
तैयारी
महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का फायदा उठाएं. भविष्य में ऐसे संकट से निपटने की तैयारी को और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जाए.
तस्वीर: Avishek Das/Zuma/picture alliance
निवेश
जन स्वास्थ्य सेवा में निवेश किया जाए, खासकर उन क्षेत्रों में जो आपातकालीन संकटों से निपटने के लिए जरूरी हैं.
तस्वीर: Sakib Ali/Hindustan Times/imago images
प्राथमिक स्वास्थ्य
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत बनाया जाए. प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की नींव मजबूत की जाए.
तस्वीर: Himanshu Sharma/abaca/picture alliance
तंत्र
पूरे समाज को शामिल करने के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने में निवेश किया जाए.
तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS
शोध
शोध, खोज और अध्ययन का माहौल बनाया जाए और इन क्षेत्रों को बेहतर बनाने पर काम किया जाए.
सिर्फ घरेलू स्तर पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए निवेश किया जाए. जो खतरनाक क्षेत्र हैं, उनमें आपातकालीन संकट से निपटने की तैयारी के लिए निवेश हो.
तस्वीर: Sajjad Hussain/AFP/Getty Images
समीक्षा
आबादी के उन हिस्सों पर विशेष ध्यान दिया जाए जो कोविड के दौरान ज्यादा प्रभावित हुए. उन तबकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में जो कमी रह गई, उसे दूर किया जाए.
तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS
8 तस्वीरें1 | 8
सुगाथन बताते हैं, "मेरे पास सऊदी जाकर दोबारा कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने का विकल्प था. लेकिन दोबारा वैक्सीन लेने का मेरी सेहत पर क्या असर होता, इसको लेकर मैं उलझन में था.” हालांकि अब वह यह खतरा उठाने के बारे में भी सोच रहे हैं. वह कहते हैं, "अगर कोवैक्सीन को मान्यता नहीं मिलती है तो मैं वहां जाकर मान्यताप्राप्त वैक्सीन लगवाने का खतरा उठाऊंगा.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोवैक्सीन पर मंगलवार को फैसला करना था. लेकिन इस वैश्विक संस्था का कहना है कि अभी प्रक्रिया जारी है. सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा कि जल्दी ही इस बारे में फैसला हो सकता है.
यूएन की मीडिया ब्रीफिंग में प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने पत्रकारों को बताया, "अगर सबकुछ सही रहा और समिति संतुष्ट हुई तो हम अगले 24 घंटे में इस बारे में कोई फैसला पा सकते हैं.”
विज्ञापन
क्यों नहीं मिल रही मान्यता
कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने बनाया है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और आईसीएमआर (ICMR) ने मिलकर बनाया है. इसे जनवरी में ही भारतीय ड्रग कंट्रोलर (DCGI) ने इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी. तबसे अब तक भारत में कोवैक्सीन की करीब 6 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं.
भारत की टीका यात्रा
भारत ने 21 अक्टूबर को 100 करोड़ कोरोना टीकों की यात्रा पार कर ली. 130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. हालांकि इन 100 करोड़ में से अधिकतर वो लोग हैं जिन्हें सिर्फ एक टीका लगा है.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
एक अरब टीके
भारत ने 100 करोड़ टीके लगाने का मुकाम 21 अक्टूबर, 2021 को हासिल कर लिया. कोरोना के खिलाफ 279 दिनों में 100 करोड़ टीके का अहम पड़ाव हासिल किया.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
"टीम इंडिया की कामयाबी"
100 करोड़ से अधिक टीके लग जाने के अगले दिन यानी 22 अक्टूबर 2021 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रमुख हिंदी और अंग्रेजी अखबारों में आलेख लिखा. उन्होंने लिखा 100 करोड़ टीके टीम इंडिया की सफलता है. मोदी ने अपने आलेख में लिखा, "भारत ने टीकाकरण की शुरुआत के मात्र 9 महीने बाद ही 21 अक्टूबर, 2021 को टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया है."
22 अक्टूबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मेड इन इंडिया की ताकत बहुत बड़ी होती है. हमारे लिए लोकतंत्र का मतलब सबका साथ है." उन्होंने कहा नई सफलता से नया आत्मविश्वास जागा है.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
ऐतिहासिक पल
100 करोड़ डोज पूरे होने पर देश की 100 ऐतिहासिक इमारतों को विशेष लाइटिंग के जरिए सजाया गया.
तस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS
सजा लालकिला
ऐतिहासिक लाल किले को भी तिरंगे वाली रोशनी से सजाया गया. इस मौके पर खादी का सबसे बड़ा तिरंगा फहराया गया.
तस्वीर: Altaf Qadri/AP Photo/picture alliance
खास फ्लाइट
स्पाइस जेट ने देश के 100 करोड़ टीके पूरे होने पर एक खास फ्लाइट को उतारा. इस पर मोदी की तस्वीर के साथ कोरोना वॉरियर्स की भी तस्वीरें लगीं हैं.
तस्वीर: Manish Swarup/AP Photo/picture alliance
बीजेपी समर्थकों का जश्न
सत्ताधारी दल बीजेपी के समर्थकों ने गुजरात के अहमदाबाद में कुछ इस तरह से 100 करोड़ डोज पूरे होने का जश्न मनाया.
तस्वीर: Ajit Solanki/AP Photo/picture alliance
राज्यों की भूमिका
नौ राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी पूरी 18 प्लस आबादी को टीके की एक खुराक लगा दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार देश की 31 फीसदी वयस्क आबादी को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
चुनौती अभी बाकी
देश में लगभग तीन-चौथाई वयस्कों को अब एक टीका लग चुका है और लगभग 31 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. हालांकि 18 साल से कम उम्र के करोड़ों भारतीयों - जो आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हैं उन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है.
तस्वीर: Dibyangshu Sarkar/AFP
कोवैक्सीन को मान्यता का इंतजार
विश्व स्वास्थ्य संगठन से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अब तक मान्यता नहीं मिली है. कंपनी ने संगठन को जरूरी डेटा सौंपे हैं लेकिन अब तक कौवैक्सीन को मंजूरी का इंतजार है. भारत को उम्मीद है कि जल्द ही डब्ल्यूएचओ इसको मंजूरी दे देगा.
तस्वीर: Nasir Kachroo/NurPhoto/picture alliance
10 तस्वीरें1 | 10
लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकी ड्रग कंट्रोलर (USFDA) से इसे इस्तेमाल के लिए अनुमति नहीं मिली है. भारत बायोटेक की अमेरिकी सहयोगी ऑक्युजेन ने इसे अमेरिका में इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने की मांग की थी, जिसे USFDA ने नकार दिया था. दोनों ही जगहों पर वैक्सीन को अनुमति न दिए जाने की वजह कंपनी की ओर से तीसरे चरण के ट्रायल से जुड़ी पर्याप्त जानकारियां न देना बताया गया था.
हालांकि इसके बावजूद ऐसे कई देश हैं, जिनकी ड्रग कंट्रोलर एंजेंसियों ने कोवैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. भारत के अलावा अब तक गुयाना, ईरान, मॉरीशस, मेक्सिको, नेपाल, पराग्वे, फिलीपींस, जिम्बाब्वे और एस्टोनिया में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
भारत के प्रधानमंत्री सहित केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों ने कोवैक्सीन की ही डोज ली है. इसने भी इस वैक्सीन के प्रति लोगों के विश्वास में बढ़ोतरी की है.