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दिल्ली का प्रदूषण: गाड़ियों का धुआं सबसे ज्यादा जिम्मेदार

चारु कार्तिकेय
१६ नवम्बर २०२३

आईआईटी कानपुर का नया अध्ययन बता रहा है कि दिल्ली में सबसे ज्यादा पीएम 2.5 गाड़ियों के धुएं से निकल रहे हैं. दिल्ली में हर एक हजार लोगों पर 472 गाड़ियां हैं और जानकार इस संख्या को काफी ज्यादा मानते हैं.

दिल्ली का ट्रैफिक
दिल्लीतस्वीर: Altaf Qadri/AP/picture alliance

आईआईटी कानपुर दिल्ली सरकार के लिए प्रदूषण के स्रोत विभाजन का अध्ययन नियमित रूप से करता आया है, लेकिन 18 अक्टूबर से इस अध्ययन को फीस का भुगतान ना होने की वजह से रोक दिया गया था.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आईआईटी कानपुर के लिए दो करोड़ रुपये का भुगतान बकाया था. अब भुगतान कर दिए जाने का आश्वासन दिलाए जाने के बाद आईआईटी ने अध्ययन फिर से शुरू कर दिया है.

लगभग आधी हिस्सेदारी

इसके तहत रोजाना दिल्ली में प्रदूषण पर नजर रखी जाती है और प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाया जाता है. अध्ययन दिखा रहा है कि पिछले तीन दिनों से शहर में पीएम 2.5 के स्तर में सबसे बड़ा योगदान वाहनों के धुएं का है. सोमवार को इसकी हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी, मंगलवार को 45 प्रतिशत और बुधवार को 38 प्रतिशत थी.

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इसके बाद नंबर आता है सेकेंडरी ऐरोसोल्स यानी ऊर्जा संयंत्रों, रिफाइनरियों, ईंट भट्टियों, फैक्टरियों, खेती, ऑर्गेनिक कचरे और खुले नालों से निकलने वाली गैसों का. इन गैसों के आपस में मिलने से सल्फेट, नाइट्रेट, अमोनियम जैसे कण वातावरण में बनते हैं और हवा को प्रदूषित करते हैं.

दिल्ली के प्रदूषण में इन कणों का योगदान सोमवार को 20 प्रतिशत, मंगलवार को 31 प्रतिशत और बुधवार को 30 प्रतिशत था. इसके बाद बारी आती है बायोमास यानी लकड़ियों, गोबर, पराली, सूखी पत्तियों और टहनियों को जलाने से निकलने वाले धुएं की.

इस धुएं का प्रदूषण में योगदान सोमवार को 14 प्रतिशत, मंगलवार को 15 प्रतिशत और बुधवार को 23 प्रतिशत था. इस तरह का विस्तृत डाटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि दिल्ली का प्रदूषण की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी उसकी अपनी ही समस्याओं पर है.

नए कदमों की जरूरत

दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में 2021 तक 1.2 करोड़ से ज्यादा गाड़ियां थीं. लेकिन 2022 में पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगने से कुल गाड़ियों की संख्या 79.18 लाख पर आ गई. हालांकि जानकार अभी भी इस संख्या को काफी ज्यादा मानते हैं.

दिवाली की अगली सुबह दिल्ली में स्मॉग का नजारातस्वीर: Arun Thakur/Matrix/picture alliance

इनमें सबसे ज्यादा संख्या दुपहिया वाहनों की (करीब 66 प्रतिशत) है. इस आंकड़े के हिसाब से अभी भी दिल्ली में हर एक हजार लोगों पर 472 गाड़ियां हैं. दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है लेकिन प्रदूषण का स्तर दिखा रहा है कि ये सभी कोशिशें नाकाफी हैं और इन्हें और तेज करने की जरूरत है.

दिल्ली एनसीआर में बुधवार को औसत वायु गुणवत्ता 386 मापी गई. यह "बहुत खराब" श्रेणी में है. स्तर में गिरावट को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बैठक बुलाई है. उम्मीद की जा रही है कि प्रदूषण को देखते हुए बैठक में कुछ नए फैसले लिए जा सकते हैं.

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