बनारस की एक निचली अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में हो रहे वीडियो सर्वेक्षण पर आपत्तियों को नकार दिया है. अदालत ने आदेश दिया है कि मौजूदा सर्वे कमिश्नर की देख रेख में ही सर्वेक्षण चलता रहेगा.
विज्ञापन
मामला कुछ हिंदुओं द्वारा बनारस स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने की अनुमति मांगने से जुड़ा हुआ है. इस याचिका पर फैसला देने के लिए अदालत ने मस्जिद में सर्वेक्षण कर यह मालूम करने का आदेश दिया था कि वहां हिंदू देवी-देवताओं के लिए पूजा का स्थल मौजूद है या नहीं.
कुछ लोग मानते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 17वीं शताब्दी में यह मस्जिद 2,500 साल पुराने काशी विश्वनाथ मंदिर को आंशिक रूप से तुड़वा कर बनवाई थी. मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पीछे आज भी साल में एक बार हिन्दुओं को पूजा करने की अनुमति दी जाती है.
ताजा मामले में याचिकाकर्ताओं की मांग है कि उन्हें पूरे साल बिना किसी अड़चन के मस्जिद के अंदर पूजा करने की अनुमति दी जाए. याचिका पर फैसला करने के लिए अदालत ने मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था और इसकी निगरानी के लिए वकील अजय कुमार मिश्रा को कमिश्नर नियुक्त किया था.
लेकिन मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी पर आपत्ति व्यक्त की थी और मिश्रा को पक्षपातपूर्ण भी बताया था. अब अदालत ने अपने ताजा फैसले में वीडियोग्राफी पर की गई आपत्ति को खारिज कर दिया है. अदालत ने आदेश दिया है कि 17 मई तक पूरी मस्जिद का सर्वे पूरा कर लिया जाए और अदालत को रिपोर्ट दे दी जाए.
कमिश्नर को बदलने की अपील को भी अदालत ने खारिज कर दिया, लेकिन दो और वकीलों को कमिश्नर नियुक्त कर दिया. वकील अजय सिंह और विशाल सिंह अजय कुमार मिश्रा के साथ मिल कर सर्वे का काम पूरा कराएंगे. अदालत ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव को आदेश भी दिया है कि वो पूरे सर्वेक्षण की देखरेख करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि काम में कोई बाधा ना आए.
जिला प्रशासन के अधिकारियों को कहा गया है कि अगर कोई भी सर्वेक्षण के काम में बाधा डालता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए. इससे पहले जब मस्जिद में वीडियोग्राफी की कोशिश की गई थी तब मस्जिद के बाहर काफी हंमागा हो गया था और मस्जिद समिति ने वीडियो बनाने की इजाजत नहीं दी थी.
इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ताज महल के बंद पड़े कमरे खुलवाने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने आदेश में यह भी कहा कि ताज महल के "असली इतिहास" पर शोध करने के लिए कोई समिति नियुक्त नहीं की जाएगी.
अदालत ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिस पर अदालत कुछ कह सके. याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा कि ऐसे शोध के लिए मांग करने का याचिकाकर्ता को कोई अधिकार नहीं है.
देखिए विश्व की 10 सबसे बड़ी मस्जिदें
मॉस्को में यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक जुमा मस्जिद है. इस छह मंजिला मस्जिद में 20,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में 10,000 लोगों के लिए नमाज पढ़ने की जगह है. दुनिया की कुछ बड़ी मस्जिदों पर एक नजर.
तस्वीर: imago/T. Müller
जुमा मस्जिद, मॉस्को
मॉस्को की केंद्रीय मस्जिद जुमा मस्जिद या कैथीड्रल मस्जिद के नाम से भी जानी जाती है. 1904 में बनी यह मस्जिद यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिदों में शामिल है और जीर्णोद्धार के बाद यहां 10,000 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/V. Maximov
अल हरम मस्जिद, मक्का
इस्लाम धर्म की सबसे महत्वपूर्ण और साढ़े तीन लाख वर्गमीटर में फैली दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है अल हरम. मूल रूप से 16वीं सदी में बनी इस मस्जिद में 9 मीनारें हैं. मस्जिद के अंदर काबा है जो इस्लाम का मुख्य पवित्रस्थल है.
तस्वीर: picture-alliance/dAP Photo/K. Mohammed
पैगंबर मस्जिद, मदीना
मक्का की अल हरम मस्जिद के बाद मदीने की मस्जिद इस्लाम का दूसरी सबसे पवित्र स्थल है. यहां पैगंबर मुहम्मद की कब्र है. यह मस्जिद 622 ईस्वी में बनी थी. इस मस्जिद में 600,000 श्रद्धालु एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/epa
अल अक्सा मस्जिद, येरूशलम
येरूशलम में टेंपल माउंट पर स्थित अल अक्सा मस्जिद 5,000 जगहों के साथ दुनिया की छोटी मस्जिदों में शुमार होती है, लेकिन सोने के गुंबद वाली 717 ईस्वी में बनी यह मस्जिद विश्वविख्यात है और इस्लाम की तीसरी सबसे महत्वपूर्ण मस्जिद है.
तस्वीर: picture alliance/CPA Media
हसन मस्जिद, कासाब्लांका
सीधे अटलांटिक सागर तट पर बनी मस्जिद का नाम मोरक्को के पूर्व शाह हसन द्वितीय के नाम पर है. इसे 1993 में उनके जन्म की 60 वीं सालगिरह पर बनाया गया था. इसकी 210 मीटर ऊंची मीनार मस्जिदों में विश्व रिकॉर्ड बनाती है.
तस्वीर: picture alliance/Arco Images
शेख जायद मस्जिद, अबू धाबी
इस मस्जिद का उद्घाटन 2007 में हुआ. यह दुनिया की 8वीं सबसे बड़ी मस्जिद है. यह 224 मीटर लंबे और 174 मीटर चौड़े इलाके पर बनी है और मीनारों की ऊंचाई 107 मीटर है. मुख्य गुंबद का व्यास 32 मीटर है जो विश्व रिकॉर्ड है.
तस्वीर: imago/T. Müller
जामा मस्जिद, दिल्ली
मुगल सम्राट शाह जहां द्वारा बनवाई गई जामा मस्जिद भारत की प्रसिद्ध मस्जिदों में शामिल है. 1656 में बनकर पूरी हुई पुरानी दिल्ली की यह मस्जिद दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी मस्जिद है. यहां 25,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं.
तस्वीर: Reuters/Ahmad Masood
रोम की मस्जिद
कैथोलिक धर्म की राजधानी कहे जाने वाले रोम में भी एक विशाल मस्जिद है. 30,000 वर्गमीटर जगह वाली यह मस्जिद यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिद होने का दावा करती है. दस साल में बनी इस मस्जिद का उद्घाटन 1995 में किया गया था.
तस्वीर: picture-alliance/akg-images
अखमत कादिरोव मस्जिद, ग्रोज्नी
यह मस्जिद भूतपूर्व मुफ्ती और चेच्न्या के राष्ट्रपति रहे कादिरोव के नाम पर बनी है. वे 2004 में एक हमले में मारे गए थे. मस्जिद का निर्माण कार्य चेच्न्या युद्ध के कारण कई बार रोकना पड़ा. इसे 2008 में आम लोगों के लिए खोला गया.
इस मस्जिद का नाम रूसी अधिग्रहण से पहले कजान के आखिरी इमाम के नाम की याद दिलाता है. पड़ोस में स्थित कैथीड्रल के साथ इसे तातर जाति के मुसलमानों और ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों के शांतिपूर्ण सहजीवन का सूत माना जाता है.