व्लादिमीर पुतिन 2024 तक रूस के राष्ट्रपति रहेंगे. शायद उसके बाद भी वे सत्ता में बने रहने का कोई ना कोई पैंतरा निकाल लें. जानिए कभी सोवियत संघ के खुफिया एजेंट रहे पुतिन कैसे देश के सबसे ताकतवर इंसान बने.
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वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने सोवियत संघ की खुफिया पुलिस केजीबी के साथ काम करना शुरू किया. उस समय उनकी उम्र 23 साल थी. केजीबी ने उन्हें पूर्वी जर्मनी के शहर ड्रेसडन में भेजा जहां वे ट्रांसलेटर के रूप में काम करने लगे. पुतिन खुफिया एजेंट के रूप में क्या क्या करते रहे, इस पर अटकलें लगती रही हैं. लेकिन उनकी जीवनी लिखने वाली माशा गेसन की मानें, तो उनका काम महज प्रेस क्लिपिंग जमा करना था और इसमें कुछ भी बहुत महत्वपूर्ण नहीं था.
बर्लिन की दीवार गिरने के बाद पुतिन अपने शहर सेंट पीटर्सबर्ग लौट गए. यहां से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ और उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. 1990 में सेंट पीटर्सबर्ग के नगर पार्षदों ने पाया कि पुतिन ने विदेशी सहायता के बदले स्टील बेचे जाने की अनुमति दी. स्टील तो बिका लेकिन उसके बदले में सहायता के रूप में जो खाद्य सामग्री आनी थी, वह कभी पहुंची ही नहीं. इस मामले में एक जांच समिति बिठाई गई, पुतिन को दोषी भी पाया गया लेकिन उनकी सिफारिश ऐसी थी कि वे अपने पद पर बने रहे. बताया जाता है कि मेयर अनाटोली सोबचाक से उनके अच्छे संबंध थे.
व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2016 के सबसे ताकतवर इंसान हैं. उनके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप हैं. आइए, देखते पुतिन की शख्सियत के अलग-अलग पहलू.
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केजीबी से क्रेमलिन तक
पुतिन 1975 में सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी में शामिल हुए थे. 1980 के दशक में उन्हें जर्मनी के ड्रेसडेन में एजेंट के तौर पर नियुक्त किया गया. यह विदेश में उनकी पहली तैनाती थी. बर्लिन की दीवार गिरने के बाद वह वापस रूस चले गए. बाद में वे येल्त्सिन की सरकार में शामिल हो गए. बोरिस येल्त्सिन ने घोषणा की कि पुतिन उनके उत्तराधिकारी होंगे और उन्हें रूस का प्रधानमंत्री बनाया गया.
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पहली बार राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के समय पुतिन आम लोगों के लिए एक अनजान चेहरा थे. लेकिन अगस्त 1999 में सब बदल गया जब चेचन्या के कुछ हथियारबंद लोगों ने रूस के दागेस्तान इलाके पर हमला किया. राष्ट्रपति येल्त्सिन ने पुतिन को काम सौंपा कि चेचन्या को वापस केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में लाया जाए. नए साल की पूर्व संध्या पर येल्त्सिन ने अचानक इस्तीफे का ऐलान किया और पुतिन को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया.
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दमदार व्यक्तित्व
मीडिया में पुतिन की अकसर ऐसी तस्वीरें छपती रहती हैं जो उन्हें एक दमदार व्यक्तित्व का धनी दिखाती हैं. उनकी यह तस्वीर सोची में एक नुमाइशी हॉकी मैच की है जिसमें पुतिन की टीम 18-6 से जीती. राष्ट्रपति ने आठ गोल किए.
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बोलने पर बंदिशें
रूस में एक विपक्षी रैली में एक व्यक्ति ने मुंह पर पुतिन के नाम की टेप लगा रखी है. 2013 में क्रेमलिन ने घोषणा की कि सरकारी समाचार एजेंसी रियो नोवोस्ती को नए सिरे से व्यवस्थित किया जाएगा. उसका नेतृत्व एक क्रेमलिन समर्थक अधिकारी को सौंपा गया जो अपने पश्चिम विरोधी ख्यालों के लिए मशहूर था. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर नाम की संस्था प्रेस आजादी के मामले में रूस को 178 देशों में 148वें पायदान पर रखती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/V.Maximov
पुतिन की छवि
पुतिन को कदम उठाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. केजीबी का पूर्व सदस्य होना भी इसमें मददगार होता है. इस छवि को बनाए रखने के लिए अकसर कई फोटो भी जारी होते हैं. इन तस्वीरों में कभी उन्हें बिना कमीज घोड़े पर बैठा दिखाया जाता है तो कभी जूडो में अपने प्रतिद्वंद्वी को पकटते हुए. रूस में पुतिन को देश में स्थिरता लाने का श्रेय दिया जाता है जबकि कई लोग उन पर निरंकुश होने का आरोप लगाते हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Nikoskyi
सवालों में लोकतंत्र
जब राष्ट्रपति पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी ने 2007 के चुनावों में भारी जीत दर्ज की तो आलोचकों ने धांधली के आरोप लगाए. प्रदर्शन हुए, दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया और पुतिन पर लोकतंत्र को दबाने के आरोप लगे. इस पोस्टर में लिखा है, “आपका शुक्रिया, नहीं.”
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खतरों के खिलाड़ी
काले सागर में एक पनडुब्बी की खिड़की से झांकते हुए पुतिन. क्रीमिया के सेवास्तोपोल में ली गई यह तस्वीर यूक्रेन से अलग कर रूस में मिलाए गए इस हिस्से पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन का पूरी तरह नियंत्रण होने का भी प्रतीक है.
तस्वीर: Reuters/A. Novosti/RIA Novosti/Kremlin
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इसके बाद के सालों में पुतिन राजनीति में अपनी जगह बनाते चले गए. 1997 में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने उन्हें अपना डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ घोषित किया. इसके एक साल बाद ही वे रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी के अध्यक्ष बने. 1999 में येल्तसिन ने उन्हें रूस के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया. येल्तसिन के समर्थक और प्रतिस्पर्धी दोनों इस फैसले के खिलाफ थे लेकिन कोई भी पुतिन को प्रधानमंत्री बनने से रोक नहीं सका. फिर जब येल्तसिन ने अचानक ही राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया, तो पुतिन कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए. इस पद पर उन्होंने सबसे पहला काम यह किया कि येल्तसिन पर लगे भर्ष्टाचार के सभी आरोपों से उन्हें मुक्त कर दिया.
साल 2000 में पुतिन 53 प्रतिशत वोटों के साथ देश के राष्ट्रपति चुने गए. उनकी जीत में उनकी 'इमेज' ने एक बड़ी भूमिका निभाई. अपने बाकी के प्रतिद्वंद्वियों से अलग पुतिन कानून और व्यवस्था को मानने वाले उम्मीदवार के रूप में उभरे. देश भ्रष्टाचार से परेशान था. ऐसे में देशवासियों को पुतिन में एक उम्मीद की किरण दिखाई दी और वे इस उम्मीद पर खरे भी उतरे. उन्होंने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाला. देश ने आर्थिक रूप से जो अच्छे दिन देखे, उन्होंने पुतिन की लोकप्रियता को और भी बढ़ा दिया. 2004 में लोगों ने एक बार फिर उन्हें अपना नेता चुना.
रूस के विरोधियों का हुआ यह हश्र
रूस की सरकार पर अकसर अपने विरोधियों को साफ करने के आरोप लगते रहे हैं. इस तरह की घटनाओं में कई बार घातक जहर का इस्तेमाल किया गया है. एक नजर कुछ ऐसे ही मामलों पर.
तस्वीर: Reuters/J. Roberts
अज्ञात पदार्थ
सबसे ताजा मामला रूस के पूर्व जासूस सेरगेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी का है. ब्रिटिश पुलिस का कहना है कि उन पर एक दुर्लभ पदार्थ से हमला किया गया जिसके बाद उनकी हालत काफी वक्त तक गंभीर बनी रही. ब्रिटेन में रूसी दूतावास ने स्क्रिपाल और उनकी बेटी को जहर दिए जाने के बारे में ब्रिटिश मीडिया की खबरों पर चिंता जताई है. रूस का कहना है कि वह इस मामले की जांच में हर तरह के सहयोग को तैयार है.
जहरीला छाता
शीत युद्ध के दौर में एक बुल्गारियाई विद्रोही को जहरीली नोक वाले एक छाते से मारा गया था. मारकोव एक लेखक और पत्रकार थे. उस समय के कम्युनिस्ट नेतृत्व के कटु आलोचक मारकोव ने 11 सितंबर 1978 को दम तोड़ा. विद्रोहियों का कहना है कि उनकी हत्या के पीछे सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी का हाथ था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/epa/Stringer
पोलोनियम-210
केजीबी के पू्र्व जासूस एलेक्जेंडर लितविनेंको ने लंदन के मिलेनियम होटल में ग्रीन टी पी, जिसमें जहरीला पदार्थ पोलोनियम-210 मिला था. आरोप लगते हैं कि यह हत्या खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कहने पर हुई थी, हालांकि रूसी सरकार ने इससे हमेशा इनकार किया. पुतिन के कटु आलोचक लितविनेंको लंदन में रह रहे थे.
तस्वीर: Reuters/V. Djachkov
अचानक मौत
नवंबर 2012 में लंदन के एक होटल के बाद अपने एक आलीशान घर में 44 वर्षीय रूसी नागरिक एलेक्जेंडर पेरेपीलिछनी मृत पाए गए. उन्होंने रूसी मनी लॉन्ड्रिंग की छानबीन करने वाली एक स्विस जांच में मदद की थी जिसके बाद उन्हें रूस से भागना पड़ा. उनकी अचानक मौत के बाद भी हत्या होने का संदेह गहराया. लेकिन रूस ने भी इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Kalker
अब तक बाकी निशान
यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर युशचेंकों के चेहरे पर 2004 में उस समय जहरीला पदार्थ फेंका गया जब वह राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक रैली में थे. पश्चिम समर्थक युशचेंको तत्कालीन प्रधानमंत्री और रूस समर्थक विक्टर यानुकोविच के खिलाफ मैदान में थे. दर्जनों बार सर्जरी के बावजूद युशचेंकों के चेहरे और शरीर से अब तक निशान नहीं गए हैं. रूस ने इसमें भी अपना हाथ होने से इनकार किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Leodolter
कई बार हमले की कोशिश
रूस के विपक्षी कार्यकर्ता व्लादिमीर कारा-मुर्जा का मानना है कि उन्हें 2015 से 2017 के बीच कई बार जहर देने की कोशिश हुई. बाद में जर्मनी प्रयोगशाला के टेस्ट में उनके शरीर में तीव्र स्तर का पारा, तांबा, मैगनीज और जिंक के अवशेष मिले. रूस ने इस मामले से भी पल्ला झाड़ लिया.
तस्वीर: Reuters/J. Roberts
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लेकिन अमेरिका की तरह रूस में भी राष्ट्रपति तीसरी पारी नहीं खेल सकता. लिहाजा दिमित्री मेद्वेदेव देश के राष्ट्रपति बने और उन्होंने पुतिन को अपना प्रधानमंत्री चुना. माना जाता है कि मेद्वेदेव केवल कागजों पर ही राष्ट्रपति थे जबकि देश की कमान असल में पुतिन के ही हाथों में थी. मेद्वेदेव के दौर में घोषणा हुई कि अगले चुनाव से राष्ट्रपति का कार्यकाल चार की जगह छह सालों का होगा.
2012 में पुतिन फिर राष्ट्रपति पद पर लौटे. इस बार छह सालों के लिए और इस बार उन्होंने मेद्वेदेव को अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया. इस पर उनकी कड़ी आलोचना भी हुई. इस बीच देश की अर्थव्यवस्था फिर बिगड़ी, भ्रष्टाचार और मानवाधिकार के उल्लंघन के भी लगातार आरोप लगते रहे. लेकिन बावजूद इसके पुतिन एक बार फिर सत्ता में आ गए हैं. इस बार रिकॉर्ड 75 फीसदी वोटों के साथ. उनके सामने कोई भी कड़ा प्रतिद्वंद्वी नहीं खड़ा था. ऐसे में चुनाव से पहले ही उनकी जीत तय मानी जा रही थी.
पुतिन की जीवनी लिखने वाली माशा गेसन का कहना है कि वे माफिया के रूप में सरकार चला रहे हैं. पश्चिम में उन्हें "बॉन्ड का विलन" भी कहा जाता है. माशा का कहना है कि रूस में उन्हें इस छवि का फायदा मिला है और अब वे कम से कम 2024 तक इस छवि को बरकरार रख सकते हैं.
एलिजाबेथ शूमाखर/आईबी
पुतिन के परिवार से आप मिले हैं?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आपने विश्व नेताओं के साथ खूब देखा होगा. शायद छुट्टियां मनाते हुए उनकी दबंग तस्वीरें भी आपने देखी हों. लेकिन क्या आप उनके परिवार से मिले हैं?
तस्वीर: picture-alliance/AA/Russian Presidential Press and Information Office
ताकतवर पुतिन
पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से रूसी ताकत और सत्ता पुतिन के इर्द गिर्द ही घूम रही है. वह दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों में शुमार होते हैं. विश्व भर के मीडिया में वह छाये रहते हैं. लेकिन इस दौरान उनके परिवार के सदस्यों की झलक कम ही देखने को मिलती है.
तस्वीर: Alexey Druzhinin/AFP/Getty Images
पुतिन का परिवार
किसी जमाने में खुफिया एजेंसी केजीबी के एजेंट रहे पुतिन की दो बेटियां हैं येकातेरीना और मारिया. 1983 में उन्होंने ल्युदमिला पुतिना से शादी की. लेकिन 2014 में उनका तलाक हो गया. पुतिन अपनी निजी जिंदगी को पोशीदा रखने के लिए जाने जाते हैं.
तस्वीर: Imago
रॉक एंड रोल डांसर
2015 में उनकी छोटी बेटी येकातेरीना उस वक्त सुर्खियों में आयी जब पता चला कि वह मॉस्को में ही कैटरीना तीखोनोवा के नाम से रह रही हैं. तीखोनोवा एक्रोबेटिक रॉक एंड रोल डांसर हैं और 2013 में स्विट्जरलैंड में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में तीसरे स्थान पर आयी थीं.
तस्वीर: Reuters/J. Dabrowski
अरबों की संपत्ति
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तीखोनोवा की शादी पुतिन के एक दोस्त के बेटे किरिल शामालोव से हुई है. शामालोव पेशे से कारोबारी हैं और उनकी संपत्ति दो अरब डॉलर के आसपास बतायी जाती है. उन्होंने तेल और पेट्रोकेमिकल्स उद्योग में भारी निवेश किया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Mordasov
बड़ी बेटी मारिया
येकातेरीना पुतिन की छोटी बेटी है जो 1986 में जर्मन शहर ड्रेसडेन में जन्मी. उस वक्त पुतिन जर्मनी में तैनात थे. उनकी बड़ी बेटी मारिया 1985 में लेनिनग्राद में पैदा हुई. यह तस्वीर 2008 की है जिसमें मारिया अपने पिता पुतिन के साथ मॉस्को में एक मतदान केंद्र की तरफ जाती दिख रही हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP
तलाक की घोषणा
और उनकी पत्नी ल्युदमिला ने अपने तलाक की घोषणा सरकारी टीवी पर की. उन्होंने कहा कि यह उन दोनों का साझा फैसला है. पुतिन ने बताया कि वे एक साथ नहीं रह रहे हैं और उनकी मुलाकातें भी नहीं होतीं. दोनों की शादी लगभग 30 साल चली.
तस्वीर: Reuters
ताज का दीदार
पुतिन के सत्ता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी ल्युदमिला आम तौर पर लाइमलाइट से दूर ही रहती थीं. हालांकि रूस की प्रथम महिला के तौर पर उन्होंने कई विदेशी दौरे किये. अक्टूबर 2004 में पुतिन जब भारत गये, तो उन्होंने अपनी पत्नी के साथ आगरा में ताज का भी दीदार किया था.
तस्वीर: Reuters
एक दूसरे के करीब
पेशे से एयर होस्टेस रहीं ल्युदमिला ने पुतिन से अपनी शादी खत्म करने की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि वे हमेशा एक दूसरे के करीब बने रहेंगे. पुतिन ने भी ऐसा ही कहा. यह तस्वीर 2008 की है जब पुतिन और ल्युदमिला मॉस्को के एक रेस्त्रां में खाना खाने पहुंचे थे.