पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के लिए पश्चिमी देशों को बताया दोषी
९ मई २०२२रूस सोमवार को नाजी जर्मनी पर जीत की 77वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपना प्रमुख भाषण यह कहते हुए शुरू किया कि रूसी सैनिक एक बार फिर रूस की सुरक्षा के लिए युद्ध लड़ रहे हैं.
मास्को के रेड स्क्वेयर पर करीब 11,000 सैनिकों ने परेड में हिस्सा लिया. व्लादिवोस्तोक और नोवोसिबिर्स्क में भी सेना की परेड हुई.
विजय दिवस के भाषण में और क्या बोले पुतिन?
इस बार पुतिन का भाषण पूरी तरह से यूक्रेन में चल रही लड़ाई पर केंद्रित था, जो 24 फरवरी को रूसी हमले के साथ शुरू हुई. पुतिन का कहना है कि वह "अकेला सही फैसला" था और यह आक्रमण को रोकने के लिए किया गया. पुतिन ने कहा, "पश्चिमी देश रूस पर आक्रमण की तैयारी कर रहे थे. नाटो सीमा पर तनाव पैदा कर रहे थे. वे रूस की नहीं सुनना चाहते थे. उनकी अपनी योजनाएं थीं."
रूसी राष्ट्रपति का दावा है कि उनका देश "मातृभूमि" के लिए डोनबास में लड़ाई लड़ रहा है, जिसका मकसद है कि "कोई भी दूसरे विश्वयुद्ध के सबक न भूले." उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश यूक्रेन की लड़ाई में अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल होगा.
पुतिन ने रूसी सैनिकों के परिवारों के प्रति समर्थन जताया. उन्होंने कहा, "हर सैनिक और अफसर की मौत हमारे लिए दर्दनाक है. सरकार उनके परिवारों का ख्याल रखने के लिए सब कुछ करेगी."
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कितने सच हैं पुतिन के दावे?
आशंका जताई जा रही थी कि पुतिन इस भाषण में सैन्य कार्रवाइयों के और विस्तार की घोषणा कर सकते हैं. हालांकि, पुतिन ने भविष्य में सैनिकों की किसी भी तरह की कार्रवाई या जमावड़े का जिक्र नहीं किया.
डीडब्ल्यू संवाददाता आरोन टिल्ट्रॉन का कहना है, "पुतिन ने यूक्रेन के लोगों और वहां की सरकार को अतीत के नाजियों से कुछ हद तक जोड़कर उन्हें अवैध ठहराने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि यह रूस और रूस की सुरक्षा से जुड़ा है और यूक्रेन के लोगों के साथ ही पश्चिमी देशों पर रूस पर हमला करने का आरोप लगाया."
टिल्टॉन का कहना है, "वास्तव में यह जमीनी स्थिति को उलटना है. हम जानते हैं कि रूसी फेडरेशन के खिलाफ कोई पश्चिमी आक्रामकता नहीं है. रूस वह देश था, जिसने पहले हमला किया. रूस ने बमबारी और गोलीबारी शुरू की, लेकिन चूंकि व्लादिमीर पुतिन की दीर्घकालीन योजना में लोगों को एक लंबे संघर्ष के लिए तैयर करना है, तो उन्हें लोगों से कुछ ऐसी बातें कहनी होंगी, ताकि वे उनके साथ रहें."
अमेरिकी राष्ट्रपति का दफ्तर क्रेमलिन हमले को युद्ध नहीं, बल्कि एक "विशेष सैन्य अभियान" कहता है.
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रूस में विजय दिवस क्या है?
सोवियत दौर के बाद आज रूस में जिस अवसर को 'विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है, वह कई दशकों तक एक दुखद स्मृति दिवस रहा है. सोवियत संघ ने दूसरे विश्वयुद्ध में अपने लाखों लोग खो दिए थे और 9 मई का दिन उस नुकसान को याद करने का था. हालांकि, पिछले कई वर्षों से यह तस्वीर बदल गई है. पुतिन ने इस दिन का इस्तेमाल आमतौर पर घरेलू दबाव का सामना करने में किया है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि रूस, "दूसरे विश्वयुद्ध के विजेताओं के लिए जो जरूरी था, वह सब कुछ भूल गया है." जेलेंस्की ने चेतावनी दी है, "शैतान दूसरी वर्दी में अलग नारों के साथ लौट आया है, लेकिन उसका उद्देश्य वही है."
बीते कुछ वर्षों से उलट इस बार इस परेड के मौके पर किसी विदेशी राष्ट्रप्रमुख को रूस नहीं बुलाया गया.
यूक्रेन में कैसे हालात हैं?
परेड से ठीक एक दिन पहले यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि रूसी हवाई हमले में एक स्कूल में शरण लिए 60 लोगों की मौत हो गई.
कई मोर्चों पर जंग जारी है, लेकिन रूस मारियोपोल में अपनी जीत के सबसे करीब है. हालांकि, वहां के स्टील प्लांट में मौजूद यूक्रेनी सैनिक अब भी हथियार डालने से इनकार कर रहे हैं. मारियोपोल पर पूरा नियंत्रण रूस को क्राइमिया के साथ पूर्वी हिस्से को जोड़ने में मदद करेगा. क्राइमिया पहले से ही रूस के कब्जे में है, जबकि पूर्वी इलाके में कुछ हिस्सों पर रूसी अलगाववादियों का नियंत्रण है. कई विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि पुतिन विजय दिवस के मौके पर इस लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं.
एनआर/वीएस (एपी,एएफपी)