जर्मनी: फोक्सवागन में हफ्ते भर के भीतर दूसरी हड़ताल
९ दिसम्बर २०२४जर्मनी की कार कंपनी फोक्सवागन के कर्मचारियों ने फिर हड़ताल बुलाई है. पिछले हफ्ते 2 दिसंबर को कर्मचारियों ने मैनेजमेंट को चेतावनी देते हुए दिनभर में दो घंटे की हड़ताल की थी.
अब सोमवार, 9 दिसंबर को कर्मचारियों के प्रतिनिधियों और कंपनी प्रबंधन के बीच बातचीत होनी है. प्रस्तावित वेतन कटौती, बड़े स्तर पर छंटनी और तीन कारखाने बंद करने की योजना बातचीत के प्रमुख मुद्दे हैं. अपनी मांगों के समर्थन में प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए कर्मचारियों ने आज ही चार घंटे की हड़ताल बुलाई है.
फोक्सवागन: दो घंटे की हड़ताल से क्या चेतावनी देना चाहते हैं कर्मचारी?
समूचे जर्मनी में फोक्सवागन के नौ कारखानों में हड़ताल
जर्मन शहर वोल्फ्सबुर्ग में फोक्सवागन का मुख्य प्लांट है. यहीं दोनों पक्षों के बीच चौथे चरण की वार्ता होनी है. इससे पहले के तीन चरणों की बातचीत में दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं हो पाया था. कर्मचारियों के श्रम संगठन "आईजी मेटाल" ने ताजा हड़ताल की जानकारी देते हुए बताया, "दिसंबर की शुरुआत में करीब 1,00,000 हड़तालियों ने फोक्सवागन के मैनेजमेंट को स्पष्ट संकेत दिया था. अब हम 9 दिसंबर को भी हड़ताल करेंगे और बातचीत की मेज पर कंपनी के ऊपर दबाव बढ़ाएंगे."
जर्मनी: क्या फोक्सवागन के संकट से उबर पाएगा वोल्फ्सबुर्ग शहर
जर्मनी भर में फोक्सवागन के कुल 10 कारखाने हैं. इनमें से नौ प्लांटों ने पिछली हड़ताल में हिस्सा लिया था. इस बार भी यही नौ स्ट्राइक में शामिल हो रहे हैं. ये नौ प्लांट इन शहरों में हैं: वोल्फ्सबुर्ग, त्सविकाउ, हैनोवर, एमडन, कासेल-बउनाटाल, ब्राउनश्वाइग, जाल्सगिटर, ड्रेसडेन और केमनित्श. एकमात्र पश्चिमी जर्मनी के ओसनाब्रुक शहर का कारखाना हड़ताल से बाहर है. यूनियन ने बताया कि हड़ताल क्रमानुसार होगा. सबसे पहले वोल्फ्सबुर्ग प्लांट पर कर्मचारी सुबह की पारी में हड़ताल शुरू करेंगे.
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लेबर यूनियन बनाम फोक्सवागन: प्रमुख मुद्दे
फोक्सवागन के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी ओलिवर ब्लूमे ने लागत घटाने की प्रस्तावित योजनाओं का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि स्थितियां गंभीर हैं और "तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है." कामगारों का प्रतिनिधित्व कर रहे आईजी मेटाल ने प्रबंधन की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें पेशकश की गई है कि कर्मचारी मौजूदा वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती स्वीकार करें.
क्या जर्मन कार नीति की विफलता है फोक्सवागन संकट?
यूनियन की यह भी मांग है कि जर्मनी में कंपनी के सभी 10 कारखाने चालू रहें, जबकि खबरों के मुताबिक, कंपनी इनमें कम-से-कम तीन फैक्ट्रियों पर ताला लगाना चाहती है. बातचीत की राह में संभावित छंटनियां भी बड़ा ब्रेकर हैं. यूनियन मांग कर रहा है कि फोक्सवागन के साथ सीधी तरह जुड़े करीब 1,30,000 कर्मचारियों पर से छंटनी का जोखिम हटे और उन्हें नौकरी की गारंटी दी जाए.
चांसलर शॉल्त्स ने कहा, प्लांट बंद करना सही कदम नहीं
उधर, जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने भी फोक्सवागन में चल रही रस्साकशी पर प्रतिक्रिया दी है. शॉल्त्स ने कहा कि फोक्सवागन की ओर से फैक्ट्रियों को बंद किया जाना गलत कदम होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी पर अपने कर्मचारियों का दायित्व है.
जर्मन मीडिया 'फुन्क' से बातचीत में शॉल्त्स ने कहा, "विशेष निर्णय तो मालिकों और श्रम प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के जरिए लिए जाएंगे. मेरी राय स्पष्ट है: कारखानों को बंद करना सही कदम नहीं होगा." शॉल्त्स ने आगे कहा, "यह इसलिए सही नहीं होगा कि प्रबंधन की ओर से लिए गए खराब फैसलों ने इस मुश्किल स्थिति में योगदान दिया है."
फोक्सवागन कर्मचारियों ने कैसे और बढ़ाई जर्मन कार कंपनी की परेशानी
जर्मनी का लोअर सैक्सनी राज्य, फोक्सवागन में दूसरा सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है. शॉल्त्स की ही तरह राज्य के मुख्यमंत्री श्टेफान वाइल ने भी कंपनी से फैक्ट्रियां ना बंद करने की अपील की है.
शॉल्त्स ने अपने बयान में खराब फैसलों के बाबत प्रबंधन की जिस भूमिका को रेखांकित किया, कमोबेश वही चीज कर्मचारी और लेबर यूनियन की ओर से भी कही जा रही है. उनका कहना है कि फोक्सवागन आज जिस संकट का सामना कर रहा है, उसके लिए कामगार नहीं बल्कि मैनेजमेंट जिम्मेदार है. ऐसे में कर्मचारियों की नौकरी और वेतन पर गाज गिरना सही नहीं है.
एसएम/एए (डीपीए, रॉयटर्स)