सीरियाई शरणार्थियों को घर जाने की अनुमति देगा जर्मनी
२४ अप्रैल २०२५
जर्मन गृह मंत्रालय के नए प्रस्ताव में अगर कोई शरणार्थी अपने देश की यात्रा इस मकसद से करना चाहता है ताकि वह भविष्य में हमेशा के लिए वापस जा सके, तो उसे इजाजत दी जा सकती है.
तस्वीर: LOUAI BESHARA/AFP
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जर्मन गृह मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने हाल में कहा कि जर्मन सरकार सीरियाई शरणार्थियों का सुरक्षा दर्जा खत्म किए बिना, उनको एक तय समय के लिए अपने देश जाने की अनुमति दे सकती है. फिलहाल लागू होने वाले कानून के मुताबिक, कोई कोई शरणार्थी उस देश में वापस जाता है, जहां से वह डर कर भागा था, तो कानूनी रूप से उसका शरणार्थी दर्जा छिना जा सकता है.
लेकिन पिछले साल दिसंबर में सीरियाई तानाशाह बशर अल असद की सत्ता ढहने के बाद से बर्लिन ने सीरिया के साथ फिर से कूटनीतिक संबंध मजबूत करने की कोशिश की है. और दमिश्क में जर्मन दूतावास भी दोबारा खोला गया है.
2011 से जनवरी 2025 तक चल सीरिया में गृह युद्धतस्वीर: LOUAI BESHARA/AFP
जर्मनी यह बदलाव क्यों ला रहा है?
इस प्रस्ताव के तहत, जर्मनी में रह रहे सीरियाई शरणार्थियों को चार हफ्तों के लिए या दो-दो हफ्तों के लिए दो बार अपने देश जाने की इजाजत दी जाएगी. गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद सीरियाई लोगों को अपनेवतन वापस जाने का फैसला खुद से और स्वेच्छा से करने में मदद करना है. उन्होंने कहा, "इसके लिए लोगों को खुद जाकर देखना होगा कि अगर उनका घर अब भी सुरक्षित है या उनके रिश्तेदार अब भी जिंदा है या नहीं.”
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बयान में यह भी कहा गया कि अगर सीरिया की स्थिति सुधरती है, तो बड़ी संख्या में शरणार्थियों की वापसी के लिए ऐसे दौरे आवश्यक होंगे. उन्होंने बताया कि इन यात्राओं की अनुमति "कुछ शर्तों” के साथ ही दी जाएगी. अगर शरणार्थी "हमेशा के लिए वापसी की मंशा” लेकर जाना चाह रहे हो, तो उन्हें अपनी यात्रा की जानकारी संबंधित प्रवासी विभाग को पहले से देनी होगी.
बवेरिया प्रांत के गृह मंत्री और सीएसयू के नेता योआखिम हेरमनतस्वीर: Dwi Anoraganingrum/Panama Pictures/IMAGO
सीएसयू ने प्रस्ताव को खारिज किया
जर्मनी की क्रिश्चियन सोशलिस्ट यूनियन पार्टी (सीएसयू) और बवेरिया राज्य के गृह मंत्री ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है. बवेरिया के गृह मंत्री योआखिम हैरमन ने इन यात्राओं को "तथ्य-जांच के बहाने से की जाने वाली छुट्टियां” करार दिया. उन्होंने जर्मनी और सीरिया के बीच "अनियंत्रित यात्रा” के खिलाफ कहा कि "राष्ट्रीय स्तर पर फैसले” लेने की बजाय पूरे यूरोप के अनुसार समाधान ढूंढना चाहिए.
सीएसयू ने फरवरी में जर्मनी के आम चुनावों में अपनी सहयोगी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन (सीडीयू) के साथ मिलकर बहुमत हासिल किया है. जर्मनी की भावी केंद्र सरकार में संघीय गृह मंत्रालय सीएसयू को मिलने की संभावना है. पार्टी आप्रवासन नीतियों को सख्त करने की योजना बना रही है.
दिसंबर में बशर अल-असद की सत्ता ढहने के अगले ही दिन से जर्मन अधिकारियों ने सीरियाई नागरिकों की शरणार्थी प्रक्रियाएं अस्थायी रूप से रोक दी थी. जर्मनी के साथ-साथ कई अन्य यूरोपीय देशों ने भी ऐसा ही कदम उठाया.
जर्मनी में दस लाख से अधिक सीरियाई लोग रहते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग खून-खराबे वाले लंबे गृह युद्ध के दौरान अपना देश छोड़कर भागे थे.
कियारा बाचेल्स/एसएम
सीरिया में राष्ट्रपति महल के पास सुरंगों का विशाल नेटवर्क मिला
सीरिया के राष्ट्रपति आवास से सुरंगों का नेटवर्क माउंट कासयोन के पहाड़ी ढलानों पर मौजूद सेना के अड्डे तक जाता है. पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के शासनकाल से जुड़े कई ऐसे राज हैं जो अब बेपर्दा हो रहे हैं.
तस्वीर: BAKR ALKASEM/AFP
सुरंगों का नेटवर्क
दमिश्क में सुरंगों के इस विशाल नेटवर्क तक अब विद्रोही और पत्रकार भी पहुंच गए हैं. असद की सरकार के पतन के बाद ही मीडिया और आम लोगों को भी इनके बारे में पता चल रहा है.
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माउंट कासयोन
बशर अल असद के शासन के दौर में आम लोगों के माउंट कासयोन तक जाने की मनाही थी. यह स्नाइपरों के लिए एक आदर्श जगह थी जहां से राष्ट्रपति भवन और दूसरी सरकारी इमारतों पर नजर रखी जा सकती है.
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सेना का ठिकाना
असद के शासन में इसी कासयोन पर्वत पर तैनात तोपखानों से कई सालों तक विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों पर गोली बारी हुई. ये वो इलाके हैं जो राजधानी के ठीक बाहर मौजूद थे.
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बैरल बमों की कतार
माउंट कासयोन पर जंग लगी हुई खाली बैरलों की कतार किसी कलाकृति की तरह सजी हैं. इनके विस्फोटक वहां से कुछ दूर रखे हुए हैं. सीरिया के गृहयुद्ध में इनका खूब इस्तेमाल हुआ. संयुक्त राष्ट्र ने विरोधियों और उनके कब्जे वाले इलाकों पर इन बैरल बमों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की थी.
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खुफिया बंकर
सुरंगों में दो ऐसी हैं जो खुफिया बंकर जैसे दिखती हैं. इनमें सैनिकों के लिए बड़े बड़े कमरे हैं. इन बंकरों में संचार के उपकरण, बिजली, वेंटिलेटर और हथियारों की आपूर्ति बनाए रखने की व्यवस्था की गई है.
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साधारण सुरंग
बाकी सुरंग सामान्य रूप से चट्टानों को काट कर बनाई गई हैं. इनमें हथियारों को रखने का इंतजाम है. इतनी उन्नत व्यवस्था के बावजूद सीरिया की सेना ने हथियार डाल दिए. विद्रोही जब आगे बढ़े तो दो हफ्ते में ही सैनिक टैंक और हथियार छोड़ कर चले गए.
तस्वीर: BAKR ALKASEM/AFP
बशर की तस्वीरों पर निशानेबाजी
विशाल गार्ड परिसर में अब सत्ता संभाल चुके विद्रोही लड़ाके बशर अल-असद और उनके पिता की तस्वीरों का इस्तेमाल निशानेबाजी के अभ्यास के लिए करते हैं. उनके पिता की मौत साल 2000 में हुई थी जिसके बाद बशर सत्ता में आए. टैंक और दूसरे भारी हथियार अब भी चट्टानों के ढांचे के नीचे मौजूद हैं.
तस्वीर: BAKR ALKASEM/AFP
असद की जेलें
पूरे सीरिया में जेलों का एक बड़ा नेटवर्क मौजूद है. इन जेलों में लोगों को कैद कर रखा जाता और उन पर कई तरह के अत्याचार भी होते थे. इनके जरिए बड़े पैमाने पर लोगों से धन भी वसूला जाता. कभी जेल में बंद लोगों को छोड़ने तो कभी उनके बारे में जानकारी देने के बदले पैसे की उगाही होती थी.
तस्वीर: Asaad al-Asaad/newscon/picture alliance
अब जेलों में क्यों जा रहे हैं लोग
सत्ता बदलने के बाद इन जेलों से हजारों कैदियों को आजाद किया जा चुका है. जेलें खुली हुई हैं और बड़ी संख्या में लोग अपने लापता परिजनों की खोज में इन जेलों का दौरा कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि जेल की चारदीवारी से उन्हें उनके परिजनों का कोई सुराग मिल सकेगा. एनआर/वीके (एएफपी)