जापान में तीन दशकों के बाद वेतन में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी
५ जुलाई २०२३जापान में श्रमिक संघ के सदस्यों के वेतन में 4 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले 30 सालों में सबसे ज्यादा है. जापान में बहुत से ऐसे भी लोग हैं जिनका वेतन बिलकुल नहीं बढ़ा है लेकिन महंगाई की मार उन्हें भी बराबर झेलनी पड़ रही है.
पिछले कई दशकों के मुकाबले जापान में इस साल कुछ पेशों के लिए वेतन बढे हैं. लेकिन जाहिर है चीजों के दाम भी, जिसके कारण बचत करना भी जापान के लोगों के लिए पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मई में यह पिछले साल के मुकाबले 3.2 प्रतिशत ऊपर था, जो कि केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी ज्यादा है.
थिंक टैंक टोक्यो शोको रिसर्च के हिसाब से, सभी बड़ी कंपनियों ने इस साल वेतन में बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही कई बड़े श्रमिक संघ के सदस्यों के वेतानों में 4 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई, जो कि पिछले 30 सालों में सबसे ज्यादा है. वहीं एक चौथाई छोटे और मध्यम व्यवसाय, जो दो-तिहाई से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं, उन्होंने बिलकुल वेतन नहीं बढ़ाया.
जापन में जल्दी नहीं बढ़ता है वेतन
टोक्यो डिपार्टमेंटल स्टोर में सेल्सक्लर्क क्योको सानो का कहना है, "मेरा वेतन बिल्कुल नहीं बढ़ा है." वे बोलीं, "बॉडी लोशन जैसी चीजें उनके दाम बढ़ने से पहले खरीद कर कोई फायदा नहीं है क्योंकि जल्दी ही आप इनका इस्तेमाल करके इन्हे खत्म कर देते हैं और फिर इन्हे दोबारा खरीदना ही पड़ता है. कॉस्मेटिक की चीजों पर अक्सर एक्सपायरी डेट रहती है."चीन ने चिप बनाने के मटीरियल के निर्यात पर रोक लगाई
जापानी कर्मचारी अपने अमरीका और यूरोप के समकक्षों की तुलना में कम वेतन पाते हैं. जापान में औसत वेतन ओईसीडी के तकरीबन 51,000 डॉलर के औसत के मुकाबले केवल तीन-चौथाई ही है. टोक्यो में बहुत सी नौकरियों के लिए प्रति घंटे वेतन औसतन 1,300 येन है यानि 9.30 डॉलर, जो कि पहले के 1,000 येन (7.10 डॉलर) प्रति घंटा के मुकाबले थोड़ा ज्यादा है.
अमेरिका के न्यू यॉर्क में एक बरिस्ते का वेतन लगभग 22,500 डॉलर प्रति वर्ष है. वहीं इकोनॉमिक रिसर्च इंस्टिट्यूट ने खुलासा किया है कि, जापान में बरिस्ता केवल 2.19 मिलियन येन यानि 15,700 डॉलर ही कमाते हैं. बरिस्ता कॉफी बार में कॉफी परोसने वाले को कहते हैं.
1990 के दशक में जापान का वित्तीय बुलबुला फूटने के बाद अर्थव्यवस्था स्थिर हो गई थी और इसलिए वेतन भी नहीं बढ़े. हिदियो हयाकावा का मानना है कि नियोक्ताओं ने छंटनी को रोकने के लिए वेतनों में वृद्धि नहीं की. हयाकावा टोक्यो फाउंडेशन फॉर पालिसी रिसर्च, जो एक स्वतंत्र थिंक टैंक है, उसमें एक वरिष्ठ फेलो हैं. वे कहते हैं, "अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे आगे बढ़ना शुरू कर रही है, लेकिन अभी यह कहना मुश्किल होगा कि चीजें ठीक रहेंगी और वेतन वृद्धि अगले साल भी जारी रहेगी."