जलवायु परिवर्तन में भूटान का योगदान न के बराबर है लेकिन इस देश को इसके बहुत बुरे प्रभाव झेलने पड़ रहे हैं. ग्लेशियर पिघल रहे हैं, मॉनसून की बारिश भी अनियमित हो चुकी है, सूखा और बाढ़ दोनों ही फसलों को तबाह कर रहे हैं. लेकिन देश कुछ मजबूत कदम उठाकर समस्या से निपटने की कोशिश में लगा है.