अनुमान से ज्यादा तेजी से हो रहा है ब्रह्मांड का विस्तार
१० दिसम्बर २०२४पहले हबल टेलिस्कोप ने दिखाया था कि ब्रह्मांड के विस्तार की जिस दर का वैज्ञानिकों को अंदाजा था, वो उससे आठ प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैल रहा है. अब जेम्स वेब ने भी इस खोज की पुष्टि कर दी है. लेकिन इससे वैज्ञानिक काफी चिंतित हैं और इसके कारणों को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
जेम्स वेब द्वारा जुटाई गई जानकारी ऐसे संकेत दे रही है कि हबल का डाटा गलत नहीं था. यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में छपा है.
इसके मुख्य लेखक नोबेल पुरस्कार जीतने वाले एस्ट्रोफिजिसिस्ट एडम रीस हैं, जो अमेरिका के मेरीलैंड में जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय में काम करते हैं. रीस को ब्रह्मांड के विस्तार की खोज के लिए ही नोबेल पुरस्कार मिला था.
रीस का कहना है, "यह वेब टेलिस्कोप के डाटा का सबसे बड़ा सैंपल है और यह हबल स्पेस टेलिस्कोप की उस पेचीदा खोज की पुष्टि करता है जिसमें हम एक दशक से उलझे हुए हैं. वो ये कि ब्रह्मांड इतनी तेजी से फैल रहा है जिसका अनुमान हमारी सबसे अच्छी थ्योरी भी नहीं लगा सकती."
डार्क मैटर की अबूझ पहेली
उन्होंने आगे कहा, "ऐसा लग रहा है कि ब्रह्मांड की हमारी समझ में कुछ कमी है. इस समझ में दो तत्वों के बारे में काफी अज्ञानता है - डार्क मैटर और डार्क एनर्जी. और ब्रह्मांड का 96 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं दो तत्वों से बना है, तो यह कोई छोटी बात नहीं है."
जॉन्स हॉपकिंस में ही एस्ट्रोफिजिक्स में डाक्टरल छात्र और इस स्टडी के सह-लेखक सियांग ली ने बताया, "जेम्स वेब के नतीजों का यह मतलब हो सकता है कि शायद हमें ब्रह्मांड के हमारे मॉडल को बदलने की जरूरत है, हालांकि इस समय यह कहना बहुत मुश्किल है कि यह है क्या."
डार्क मैटर यानी मैटर का वह रूप जो अदृश्य है लेकिन सितारों, ग्रहों, चंद्रमाओं और धरती की हर चीज पर उसके गुरुत्व प्रभाव के आधार पर यह माना जाता है कि वो है. डार्क एनर्जी यानी ऊर्जा का वह रूप जो दिखाई नहीं देती लेकिन माना जाता है कि वह अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर फैली हुई है, गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ काम करती है और ब्रह्मांड के विस्तार को चलाती है.
समझ में कमी का क्या कारण है
रीस कहते हैं, "डार्क मैटर, डार्क एनर्जी और डार्क रेडिएशन को लेकर कई अवधारणाएं हैं जो संभावित रूप से इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. उदाहरण के लिए न्यूट्रिनोस (एक तरह का गोस्ट सबएटॉमिक कण) या हो सकता है गुरुत्वाकर्षण का ही कोई अनोखा गुण इसके पीछे हो सकता है."
शोधकर्ताओं ने एक खास मेट्रिक को मापने के लिए तीन अलग अलग तरीकों का इस्तेमाल किया. यह मेट्रिक है धरती से आकाशगंगाओं के बीच की दूरी जहां सेफिड्स नाम के एक तरह के चमकते सितारे के बारे में पता चला है. इसके बारे में वेब और हबल के माप एक जैसे आए.
ब्रह्मांड के विस्तार की दर को हबल कांस्टेंट कहा जाता है और इसे किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापारसेक में मापा जाता है, जो 32.6 लाख प्रकाश वर्ष के बराबर है.
एक प्रकाश वर्ष यानी वो दूरी जो प्रकाश एक वर्ष में तय करता है, जो कि 9,500 अरब किलोमीटर होती है. ब्रह्मांड विज्ञान की पारंपरिक समझ के मुताबिक, हबल कांस्टेंट का मूल्य 67-68 होना चाहिए.
हबल और जेम्स वेब का डाटा इस मूल्य को औसत 73 बता रहा है और दिखा रहा है कि यह 70 से 76 तक हो सकता है. 13-14 अरब साल पहले हुए बिग बैंग विस्फोट ने ब्रह्मांड की शुरुआत की और यह तबसे फैल ही रहा है. 1988 में वैज्ञानिकों ने बताया कि इस विस्तार की गति बढ़ रही है और माना जाता है कि इसका कारण डार्क एनर्जी है.
तो आखिर हबल टेंशन का यह रहस्य सुलझेगा कैसे? रीस कहते हैं, "हमें इसे बेहतर समझने के लिए और डाटा चाहिए. यह विसंगति कितनी बड़ी है? क्या है विसंगति चार से पांच प्रतिशत की है या 10 से 12 प्रतिशत? और यह ब्रह्मांड की किस अवधि में मौजूद है? इनके जवाब से आगे पता चलेगा."
सीके/आरपी (रॉयटर्स)