पश्चिमी कैमरून में अलगाववादी हिंसा
४ मई २०१८Separatist violence in Cameroon
सीरिया में जंग के सात साल, क्या हुआ हासिल
सीरिया में जंग के सात साल, क्या हुआ हासिल
सीरिया का गृहयुद्ध आठवें साल में दाखिल हो गया है. 2011 में राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ बगावत से शुरू हुआ यह संघर्ष एक बर्बर गृहयुद्ध में तब्दील हो गया. एक नजर इस जंग की बर्बादियों पर जो चंद आंकड़े बन कर रह गई हैं.
मौतों का अंबार
सीरिया के गृहयुद्ध में बीते सात साल के दौरान लगभग 5.11 लाख लोग मारे गए हैं. दोनों तरफ से होने वाली सैन्य कार्रवाइयों में बड़ी संख्या में आम लोग भी मारे जाते हैं.
दरबदर सीरियाई
गृहयुद्ध के कारण 60 लाख से ज्यादा लोग बेघर हुए हैं जिनमें पचास लाख से ज्यादा लेबनान, जॉर्डन और तुर्की जैसे देशों में शरण लिए हुए हैं. हजारों लोग यूरोप तक भी पहुंचे हैं.
गरीबी में जिंदगी
लेबनान में रहने वाले तीन चौथाई सीरियाई शरणार्थी हर दिन करीब ढाई सौ रुपये से भी कम पर गुजारा कर रहे हैं. वहीं उनके बच्चों पर बाल मजदूरी और छोटी उम्रों में शादी का खतरा मंडरा रहा है.
घर वापसी
इस बीच हजारों शरणार्थी सीरिया लौटे भी हैं. 2017 में सीरिया लौटने वालों की संख्या लगभग 66 हजार रही. हालांकि वहां नई जिंदगी की शुरुआत आसान नहीं, क्योंकि बहुत से लोगों के घर मलबे में तब्दील हो गए हैं.
खाने के लाले
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 29 लाख सीरियाई ऐसे इलाकों में रहते हैं जहां लड़ाई के कारण पहुंचना मुश्किल है. 65 लाख सीरियाई लोगों के पास पर्याप्त खाना नहीं है जबकि 40 लाखों पर भूख का खतरा मंडरा रहा है.
स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले
राष्ट्र का कहना है कि 2018 के शुरुआती दो महीनों में स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य कर्मियों पर 67 हमले हुए हैं. यह 2017 में इस अवधि के दौरान होने वाले हमलों की तुलना में दोगुना है.
मजबूत होते असद
रूस 2015 में राष्ट्रपति असद के समर्थन में सीरियाई गृह युद्ध में कूदा. इसके अलावा सीरियाई सरकार को ईरान का भी समर्थन मिल रहा है. इसी के बूते सरकारी बल बड़े इलाके को फिर हासिल करने में कामयाब रहे हैं. विद्रोहियों के कई बड़े गढ़ अब सरकार के नियंत्रण में हैं.
कानूनी जंग
माना जा रहा है कि सीरिया के लोग 20 लाख से ज्यादा मुकदमे ठोंक सकते हैं ताकि उन्हें अपने ध्वस्त घरों और संपत्ति की बर्बादी का हर्जाना मिल सके. (स्रोत: यूनिसेफ, यूएनएचसीआर, विश्व खाद्य कार्यक्रम, सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स)