नाटो की बैठक: यूक्रेन को नो फ्लाई जोन ना बनाने की मांग
४ मार्च २०२२
लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री ने यूक्रेन को नो फ्लाई जोन न बनाने की चेतावनी दी है. नाटो देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में उन्होंने कहा कि ऐसा किया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
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यूक्रेन के कई अहम शहरों में जारी रूसी हमले के बीच यूरोपीय देशों और नाटो के अधिकारियों की लगातार बैठकें हो रही हैं. शुक्रवार को नाटो देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने का मुद्दा भी उठा. इस मांग का विरोध करते हुए लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री ज्यां असेलबॉर्न ने कहा इससे विवाद और ज्यादा भड़केगा.
असेलबॉर्न ने कहा, नो फ्लाई जोन "कौन लागू करवाएगा?" उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नाटो ने यूक्रेन युद्ध में दखल दिया तो इसके नतीजे भयावह हो सकते हैं. साथी विदेश मंत्रियों से बातचीत के दौरान असेलबॉर्न ने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे पैर जमीन पर ही रहने चाहिए."
असेलबॉर्न के इन बयानों से पहले स्पेन के विदेश मंत्री खोसे मानुएल अल्बारेस ने कहा था कि नो फ्लाई जोन के मुद्दे पर बातचीत नाटो के विदेश मंत्री की बैठक के दौरान होगी. यूक्रेनी राष्ट्रपति और कई नेता भी रूसी हमले को कमजोर करने के लिए यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने की मांग करते आ रहे हैं.
क्या होता है नो फ्लाई जोन
नो फ्लाई जोन (एनएफजेड) उस इलाके को कहा जाता है, जिसके ऊपर विमानों के उड़ान भरने पर प्रतिबंध हो. आम तौर पर ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जाता है. शांतिपूर्ण माहौल में, अहम आयोजनों के दौरान कई देश किसी खास इलाके या शहर को एनएफजेड घोषित करते हैं.
दूसरी तरफ सैन्य संघर्ष में नो फ्लाई जोन बहुत संवेदनशील मुद्दा बन जाता है. नो फ्लाई जोन घोषित करने वाले देश या संगठन के लड़ाकू विमान, एनएफजेड इलाके की निगरानी करते हैं. अगर कोई दूसरा विमान नो फ्लाई जोन में घुसता है तो उसे जबरदस्ती नीचे उतारा या फिर गिराया जा सकता है. 1990 के दशक में इराक और बोस्निया में संघर्ष के दौरान इन देशों को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया था. हाल के बरसों में कुछ समय तक पूर्वी यूक्रेन, सीरिया और लीबिया को नो फ्लाई जोन घोषित किया जा चुका है.
लेकिन पूरे यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने का सीधा मतलब है, रूस से सीधा टकराव. अगर नाटो यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करता है तो उसे निगरानी के लिए अपने फाइटर जेट यूक्रेन के ऊपर उड़ाने होंगे. और इस दौरान नाटो का सीधा सामना रूसी विमानों और हेलिकॉप्टरों से होगा. यही वजह है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समेत नाटो के तमाम नेता यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने से साफ इनकार कर रहे हैं.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके है कि अगर कोई तीसरा देश इस संघर्ष में कूदा तो वह अपने इतिहास का सबसे बुरा दौर देखेगा.
"यूक्रेन विवाद में बेलारूस की भूमिका नहीं"
इस बीच रूस का साथ देने के कारण दबाव झेल रहे बेलारूस के राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंको ने शुक्रवार को सरकारी मीडिया के जरिए देश को संबोधित करते हुए कहा, "बेलारूस की सेना ने स्पेशल ऑपरेशंस में हिस्सा नहीं लिया है और आगे भी इसमें हिस्सा लेने का कोई इरादा नहीं है." यूक्रेन की उत्तरी सीमा बेलारूस से लगती है. दोनों देशों के बीच 1,084 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है.
यूक्रेन में रूसी सेना के दाखिल होने से ठीक पहले लुकाशेंको ने मॉस्को जाकर रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. फरवरी में बेलारूस में रूसी सेना का बड़ा जमावड़ा लगा, जिसे उस वक्त सामान्य सैन्याभ्यास बताया गया. बाद में बेलारूस की तरफ से भी रूसी सेना यूक्रेन में दाखिल हुई.
पड़ोस में छिड़े तीखे सैन्य संघर्ष के बीच लुकाशेंको ने बेलारूसी जनता से कहा, "आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है." 67 साल के लुकाशेंको को पश्चिमी मिलिट्री एक्सपर्ट पुतिन की कठपुतली कहते हैं. बेलारूसी राष्ट्रपति पर आरोप हैं कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की भरपूर मदद की. जनता को संबोधित करते हुए लुकाशेंको ने यह भी कहा कि बेलारूस को यूक्रेन के संघर्ष में घसीटने की भरसक कोशिशें की जा रही हैं.
20 जुलाई 1994 से राष्ट्रपति पद पर बैठे लुकाशेंको को यूरोप का आखिरी तानाशाह भी कहा जाता है. यह बात किसी से नहीं छुपी है कि यूक्रेन में घुसने वाले रूसी विमानों, हेलिकॉप्टरों और मिसाइलों को लुकाशेंको ने बेलारूस में सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराया. इसके साथ ही बेलारूस ने खुद को बार बार रूस और यूक्रेनी अधिकारियों की बातचीत के लिए मेजबान के तौर पर भी पेश किया.
यूक्रेन सरकार का दावा है कि एक समय उनके देश में बेलारूस की फौज भी या तो लड़ रही थी या लड़ने की तैयारी कर रही थी.
ओएसजे/एके (डीपीए, एएफपी)
रूस-यूक्रेन युद्ध में कौन सा देश किसके साथ है
रूस कई फ्रंट से यूक्रेन पर हमला कर रहा है. हवाई बमबारियों के अलावा यूक्रेन पर क्रूज और बलिस्टिक मिसाइल भी दागे जाने की खबर है. पुतिन ने यूक्रेन की सेना से समर्पण करने को कहा है.
तस्वीर: Anatolii Stepanov/AFP
अमेरिका
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि दुनिया की प्रार्थना यूक्रेनी जनता के साथ है. उन्होंने रूस को चेताया, "राष्ट्रपति पुतिन ने जानबूझकर युद्ध शुरू किया है. इसके चलते होने वाली मौतों और बर्बादी का जिम्मेदार केवल रूस होगा. अमेरिका और साथी देश संगठित होकर मजबूती से इसका जवाब देंगे. पूरी दुनिया रूस को जिम्मेदार मानेगी."
तस्वीर: Alex Brandon/AP Photo/picture alliance
जर्मनी
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा, "24 फरवरी की यह तारीख यूक्रेन के लिए भीषण और यूरोप के लिए मायूस करने वाली है. हम रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगे, ताकि रूसी नेतृत्व के आगे साफ हो जाए कि उन्हें इस हमले की बड़ी कीमत चुकानी होगी. पुतिन ने यह युद्ध शुरू करके गंभीर चूक की है. जर्मनी नाटो की प्रतिबद्धताओं के साथ खड़ा है."
तस्वीर: Michael Kappeler/Pool via REUTERS
ब्रिटेन
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, "यूक्रेन में हो रही भीषण घटनाओं से मैं स्तब्ध हूं. आगे क्या करना है, इसपर मैंने राष्ट्रपति जेलेन्स्की से बात की है. बिना किसी उकसावे के यूक्रेन पर हमला करके राष्ट्रपति पुतिन ने खूनखराबे और बर्बादी का रास्ता चुना है. ब्रिटेन और हमारे सहयोगी डटकर इसका जवाब देंगे."
तस्वीर: Matt Dunham/AP Photo/picture alliance
फ्रांस
राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद एक आपातकालीन बैठक बुलाई. इस मुद्दे पर राष्ट्र के नाम उनका एक संदेश टीवी पर भी प्रसारित हुआ. इसमें माक्रों ने कहा, "फ्रांस, यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा." फ्रेंच विदेश मंत्री जॉं ईव लु द्रियॉं ने भी कहा कि फ्रांस, हर तरह से यूक्रेन को समर्थन देगा.
तस्वीर: John Thys/AP/picture alliance
चीन
चीन ने यूक्रेन पर किए गए रूसी हमले को 'आक्रमण' कहे जाने का विरोध किया है. विदेश मंत्री वांग यी ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को फोन भी किया. इसमें उन्होंने कहा कि चीन समझता है कि यूक्रेन मामले का अपना एक जटिल इतिहास है. उन्होंने लावरोव से यह भी कहा कि चीन सुरक्षा से जुड़ी रूस की जायज चिंताओं को भी समझता है.
तस्वीर: Keith Tsuji/ZUMA/picture alliance
कनाडा
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने रूसी हमले की निंदा की. उन्होंने कहा कि रूस को इस आक्रामकता की सजा मिलेगी. ट्रूडो बोले, "बिना किसी उकसावे के किया गया यह हमला यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है. हम रूस से अपील करते हैं कि वह अपनी सेना और प्रॉक्सी फोर्स को यूक्रेन से निकाल ले."
तस्वीर: Adrian Wyld/empics/picture alliance
तुर्की
राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने हमले की निंदा की. टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में एर्दोआन ने कहा, "हम यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करना जारी रखेंगे." एर्दोआन ने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन, दोनों से तुर्की के करीबी संबंध हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच संघर्ष देखकर उन्हें बहुत निराशा हो रही है.
तस्वीर: Irina Yakovleva/ITAR-TASS/imago images
भारत
इस मामले पर अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान नहीं आया है. मगर यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी में भारत का रुख स्पष्ट किया. उन्होंने मौजूदा घटनाक्रम पर दुख जताते हुए तनाव को तत्काल घटाने की अपील की. यह भी कहा कि सभी संबंधित पक्षों की जायज सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
तस्वीर: Amit Dave/REUTERS
दक्षिण कोरिया
राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा कि उनका देश रूस पर लगाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों का साथ देगा. राष्ट्रपति आवास ने एक बयान जारी कर कहा, "यूक्रेन की आजादी, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रहनी चाहिए. ताकत का इस्तेमाल करके निर्दोषों को नुकसान पहुंचाने का किसी हाल में समर्थन नहीं किया जा सकता है."
तस्वीर: Yonhap/REUTERS
ईरान
विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दोल्लाहियां ने एक ट्वीट में लिखा कि ईरान समस्या सुलझाने के लिए युद्ध का सहारा लेने में यकीन नहीं करता है. ईरान ने नाटो के उकसावे को यूक्रेन संकट की जड़ बताते हुए राजनैतिक और कूटनीतिक समाधान की अपील की.
तस्वीर: Michael Gruber/AP Photo/picture alliance
इटली
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने कहा कि सारे सहयोगी एकजुट हैं. यूक्रेन की संप्रभुता, यूरोपीय सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और साझा मूल्य बनाए रखने के लिए जो भी करना पड़े, वे साथ मिलकर करेंगे. पीएम द्रागी ने यह भी कहा कि समय आ गया है कि यूरोपीय संघ रूस पर बेहद सख्त प्रतिबंध लगाए.
तस्वीर: ALBERTO PIZZOLI/AFP
हंगरी
प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने कहा कि यूरोपीय संघ और नाटो के अपने साथियों के साथ मिलकर हंगरी भी रूस के हमले की निंदा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि हंगरी के लिए अपने लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी है. इसीलिए इस सैन्य संघर्ष से बाहर रहते हुए वह यूक्रेन को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है.
तस्वीर: Tamas Kovacs/MTI via AP/picture alliance
ग्रीस
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद ग्रीस ने अपनी सेना और एनर्जी स्टाफ की आपातकालीन बैठक बुलाई. इसमें प्रधानमंत्री किरयेकोस मित्सोताइकिस ने रूसी हमले की निंदा की. राष्ट्रपति कैटरीना सैकलारापुलू ने भी कहा कि एक आजाद देश पर किए गए रूसी हमले की वह कड़ी निंदा करती हैं.
तस्वीर: Ludovic Marin/AFP/AP/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल ने रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन बताया. विदेश मंत्री याइर लैपिड ने रूस की निंदा करते हुए यह भी कहा कि इस्राएल के रूस और यूक्रेन, दोनों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. उन्होंने दोनों देशों में रहने वाले यहूदियों की भी बात की. कहा कि उनकी सुरक्षा इस्राएल के लिए अहम है.