रूस ने इसी हफ्ते एक मिसाइल परीक्षण किया जिसने एक उपग्रह को ध्वस्त कर दिया. अब उसके 1,500 से ज्यादा छोटे-बड़े टुकड़े धरती की कक्षा में तैर रहे हैं. यह मलबा कितना खतरनाक है, जानिए...
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रूस की धरती से अंतरिक्ष में मार कर सकने वाली मिसाइल के परीक्षण पर अमेरिका और कई अन्य देशों ने आपत्ति जताई है. इस मिसाइल से रूस ने अपने ही एक बंद पड़ चुके उपग्रह को ध्वस्त कर दिया. इस धमाके से उपग्रह का मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भी खतरे में आ गया.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मलबा आने वाले कई साल तक अंतरिक्ष में गतिविधियों के लिए खतरा बना रहेगा. आइए, समझते हैं कि यह अंतरिक्ष का यह मलबा होता कैसा है और क्यों खतरनाक है?
अंतरिक्ष से लौटना इतना मुश्किल क्यों?
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स्पेस जंक के नाम से जाना जाने वाला यह मलबा अंतरिक्ष यान और उपग्रहों के वे टुकड़े होते हैं जो इस्तेमाल किए जाने के बाद पृथ्वी की कक्षा में ही छोड़ दिए जाते हैं. यानी हमारे सिरों के कई किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में ऐसे टुकड़े लगातार तैर रहे हैं.
ऐसा ही मलबा तब भी पैदा होता है जब अंतरिक्ष में मिसाइलों के परीक्षण किए जाते हैं. रूस के अलावा चीन, अमेरिका और भारत ने भी ऐसे परीक्षण किए हैं और अपने उपग्रहों को ध्वस्त किया है. भारत ने जब ऐसा परीक्षण किया था तब भी अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने तीखी प्रतिक्रिया की थी क्योंकि यह मलबा अन्य उपग्रहों के लिए खतरा पैदा करता है.
पृथ्वी की कक्षा में यह मलबा धरती के चारों ओर बहुत तेज रफ्तार से चक्कर काट रहा होता है. खासकर निचली कक्षा में 25,265 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार चक्कर काट रहे ये टुकडे अन्य उपग्रहों से टकराकर भारी नुकसान कर सकते हैं.
साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉटिक्स रिसर्च ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर ह्यू लुइस कहते हैं, "कक्षा में स्थापित किया गया हर उपग्रह अंतरिक्षीय मलबा बन सकता है.” यानी, जिस तादाद में नए उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे जा रहे हैं, उससे तय है कि मलबा और बढ़ेगा. ईलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और वनवेब सैटलाइट जैसी कंपनियां बड़ी संख्या में उपग्रह स्थापित कर रही हैं.
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कितने बड़े होते हैं टुकड़े?
अमेरिकी सरकार अंतरिक्ष में तैर रहे टुकड़ों पर नजर रखती है. नासा के मुताबिक सॉफ्टबॉल के आकार से बड़े करीब 23 हजार टुकड़े धरती का चक्कर काट रहे हैं. एक सेंटीमीटर से बड़े लगभग पांच लाख टुकड़े हैं जबकि दस करोड़ टुकड़े ऐसे हैं जिनका आकार एक मिलीमीटर या उससे बड़ा है.
इनमें से वे टुकड़े ज्यादा खतरनाक हैं जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के आसपास हैं. आईएसएस एक दिन में पृथ्वी से 15-16 चक्कर लगाता है. यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) का अंदाजा है पृथ्वी की कक्षा में मौजूद मलबे का वजन 9,600 टन से ज्यादा होगा.
पहली बार स्पेस में फिल्म की शूटिंग
पहली बार स्पेस में फिल्म की शूटिंग
रूस ने एक बार फिर अंतरिक्ष के मामले में अमेरिका से बाजी मार ली है. अंतरिक्ष में शूट होने वाली पहली फिल्म के लिए एक्टर और निर्देशक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गई हैं.
यूलिया पेरेसिल्ड इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंच चुकी हैं. वह कोई वैज्ञानिक नहीं हैं कि शोध करने गई हों.. और टूरिस्ट भी नहीं हैं कि घूमने गई हों.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
पहली फिल्म की शूटिंग
यूलिया पेरेसिल्ड एक एक्टर हैं. रूसी फिल्म एक्टर अंतरिक्ष में शूट होने वाली दुनिया की पहली फिल्म की शूटिंग के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंची हैं.
तस्वीर: Ramil Sitdikov/POOL/TASS/picture alliance
डायरेक्टर भी साथ
पेरसिल्ड ने 5 अक्टूबर दोपहर 1.55 पर रूस के सोयूज एमएस-19 रॉकेट में उड़ान भरी जिसकी जिम्मेदारी कॉस्मोनॉट एंटन श्कापलेरोव के हाथ में थी. इस रॉकेट में तीसरा व्यक्ति क्लिम शिपेंको हैं जो इस फिल्म के डायरेक्टर हैं.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
चुनौती है फिल्म
पेरेसिल्ड और क्लिमेंको जिस फिल्म की शूटिंग के लिए स्पेस गए हैं, उसका नाम है- चैलेंज. फिल्म में पेरेसिल्ड एक सर्जन की भूमिका में हैं, जो एक अंतरिक्ष यात्री की सर्जरी के लिए स्पेस पहुंचती है.
तस्वीर: Roscosmos/Handout/REUTERS
लंबी ट्रेनिंग
स्पेस में फिल्म बनाने वाली पहली एक्टर बनने पर 37 साल की पेरेसिल्ड ने जाने से पहले कहा कि इस रोल के लिए उन्हें खासी ट्रेनिंग करनी पड़ी है, जो शारीरिक और मनोवैज्ञानिक ही नहीं नैतिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण था.
चूंकि ज्यादा कलाकारों को स्पेस में नहीं ले जाया जा सकता था, इसलिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद वैज्ञानिक ही फिल्म में एक्टिंग भी करेंगे.
तस्वीर: Dmitri Lovetsky/Roscosmos Space Agency via AP/picture alliance
भावुक हो गई बेटी
अपनी मां को उड़ान भरते देख पेरेसिल्ड की बेटी आना ने भरे हुए गले से मीडिया से कहा कि उन्हें अब तक यकीन नहीं हो रहा है कि उनकी मां अंतरिक्ष में जा रही हैं.
ईएसए के स्पेस सेफ्टी प्रोग्राम ऑफिस के प्रमुख होल्गर क्राक कहते हैं कि अगर यह मलबा इसी तरह बढ़ा रहा तो एक दिन अंतरिक्ष काम करने लायक जगह नहीं रह जाएगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मलबे का सबसे ज्यादा असर उन उपग्रहों पर होगा जो एक हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर काट रहे हैं. इस ऊंचाई पर संचार उपग्रह स्थापित किए जाते हैं.
होल्गर क्राक कहते हैं, "अगर आप इसी क्षेत्र में लंबे समय तक रहना चाहते हैं और चक्कर काटना चाहते हैं तो व कुछ दशक बाद संभव नहीं हो पाएगा.”
कचरे की सफाई कैसे हो?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक जो कचरा धरती से 600 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर होगा वह कुछ सालों में धरत पर गिर जाता है. लेकिन जो टुकड़े एक हजार किलोमीटर या उससे अधिक ऊंचाई पर हैं वे कई सदियों तक आसमान में ही चक्कर काटते रहते हैं.
लुईस बताते हैं कि अगर हम अंतरिक्ष में मलबे की सफाई करना चाहते हैं तो उस कचरे को हटाना होगा जो एक हजार किलोमीटर या उससे अधिक ऊंचाई पर है. जापान की अंतरिक्ष एजेंसी (JAXA) और यूरोपीय स्पेस एजेंसियों ने ऐसी कई कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है जो अंतरिक्ष में मलबे की सफाई कर रही हैं.
जापानी एजेंसी ने एस्ट्रोस्केल नाम की कंपनी के साथ मिलकर छह महीने लंबा एक प्रोजेक्ट शुरू किया है जो स्पेस जंक हटाने का पहला अभियान है. इसके अलावा ईएसए भी स्विस कंपनी क्लीयरस्पेस के साथ मिलकर ऐसे ही अभियान पर काम कर रही है.
वीके/सीके (रॉयटर्स)
स्पेस की सैर करने वाले वे चंद लोग
अंतरिक्ष पर्यटन की शुरुआत को 20 साल पूरे हो गए हैं. लेकिन आज भी यह पर्यटन बस कुछ लोगों के लिए ही उपलब्ध है. देखिए, किस किस ने स्पेस की सैर की है.
तस्वीर: Isaiah J. Downing/REUTERS
पहला अंतरिक्ष पर्यटक
इतालवी मूल के अमेरिकी अरबपति डेनिस टीटो अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले आम नागरिक थे. हालांकि वह कारोबारी बनने से पहले नासा में इंजीनियर रह चुके थे लेकिन दो करोड़ डॉलर खर्च कर जब वह अंतरिक्ष की सैर पर गए तो आम नागरिक ही थे. 28 अप्रैल 2001 को हुई उस यात्रा के बाद लगा था कि अंतरिक्ष पर्यटन बहुत जल्द आम बात हो जाएगी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
मार्क शटलवर्थ
लेकिन 20 साल बाद भी यह क्षेत्र मुख्यत अमीर श्वेत पुरुषों के ही दायरे में है. मसलन इंटरनेट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर मार्क शटलवर्थ जो टीटो के एक साल बाद अंतरिक्ष की सैर करके आए, दक्षिण अफ्रीका से हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/M. Grachyev
एक भी अश्वेत नहीं
आज तक एक भी अश्वेत व्यक्ति अंतरिक्ष यात्रा पर नहीं गया है. प्रिटोरिया के एक डीजे मांडला मासेको को एक निजी वेंचर एस अपोलो स्पेस अकैडमी के जरिए स्पेस में जाने का मौका मिला था लेकिन 30 वर्षीय मासेको की यात्रा से पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.
तस्वीर: Themba Hadebe/AP Photo/picture alliance
ग्रेगरी ओलस्न
आधिकारिक तौर पर तीसरे अंतरिक्ष पर्यटक होने का रुतबा अरबपति वैज्ञानिक ग्रेगरी ओल्सन को हासिल है. उन्होंने अपनी टिकट एक कंपनी स्पेस अडवेंचर से खरीदी थी और रूसी रॉकेट सोयूज से अंतरिक्ष में गए थे. इस टिकट को खरीदने के लिए उन्होंने अपनी कंपनी सेंसर्स अनलिमिटेड बेच दी थी. वह कहते हैं कि वह ऐसा फिर कर सकते हैं.
तस्वीर: Ivan Sekretarev/AP Photo/picture alliance
अनुशे अंसारी
इंजीनियर और एक्सप्राइज फाउंडेशन की संस्थापक अनुशे अंसारी का बचपन का सपना था स्पेस की सैर. 2006 में उन्होंने यह सपना पूरा किया जब वह 11 दिन अंतरिक्ष में बिताकर आईं. ऐसा करने वालीं वह पहली मुस्लिम महिला और पहरी ईरानी भी थीं.
तस्वीर: picture-alliance/Everett Collection
हेलेन शरमन
शरमन 1991 में एक मिशन पर अंतरिक्ष गई थीं. वह ब्रिटेन की पहली अंतरिक्ष यात्री भी थीं. लेकिन उनकी यात्रा को पर्यटन की श्रेणी में रखा जा सकता है क्योंकि यह एक निजी कंपनी का मिशन था. यानी वह वैज्ञानिक पर्यटक थीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
चार्ल्स सिमोन्यी
दो बार अंतरिक्ष की सैर करने वाले चार्ल्स सिमोन्यी पहले पर्यटक हैं. अरबपति सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने 2007 और 2009 में अंतरिक्ष यात्रा की है. हंगरी के सिमोन्यी को 13 साल की आयु में जूनियर एस्ट्रोनॉट के तौर पर भी चुना गया था.
तस्वीर: Mikhail Metzel/picture-alliance/dpa
रिचर्ड गैरियट
ब्रिटिश-अमेरिकी रिचर्ड गैरियट (बाएं) के पिता ओवन भी एक नासा एस्ट्रोनॉट थे. उनके कई परिजन और पड़ोसी भी अंतरिक्ष यात्रा कर चुके हैं. लेकिन वह खुद एस्ट्रोनॉट बनने के बजाय कंप्यूटर गेम डिवेलपर बन गए. 2018 में उन्होंने अपने खर्चे पर अंतरिक्ष यात्रा की.
तस्वीर: AP
गाई लालीबेर्टे
कनाडा में क्युबेक के रहने वाले गाई मशहूर सर्कस कंपनी ‘सर्कस ऑफ द सन’ से जुड़े हैं. 2009 में उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की थी. उनकी यात्रा के बाद एक दशक तक कोई यात्री स्पेस की सैर पर नहीं गया.
तस्वीर: AP
रिचर्ड ब्रैन्सन
वर्जिन गैलक्टिक ने इसी साल 11 जुलाई को अंतरिक्ष की यात्रा की, वह भी अपने ही बनाए अंतरिक्ष यान में. यह किसी निजी कंपनी द्वारा बनाए गए यान में पर्यटकों की यात्रा का पहला मौका था.
तस्वीर: Andres Leighton/AP Photo/picture alliance
जेफ बेजोस
एमेजॉन के मालिक जेफ बेजोस ने भी अंतरिक्ष की सैर का बचपन का अपना सपना 20 जुलाई 2021 को पूरा किया. उनके साथ तीन और लोग थे. ब्रैन्सन और बेजोस को उम्मीद है कि अंतरिक्ष यात्रा बहुत जल्द आम बात हो जाएगी.