रूस के लिए कैसा रहेगा 2018
५ जनवरी २०१८![Syrien Putin ordnet Rückzug an - Besuch auf Militärbasis](https://static.dw.com/image/41742563_800.webp)
2018: a big year for Russia
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रूस का राष्ट्रपति चुनाव क्यों अहम है?
रूस का राष्ट्रपति चुनाव क्यों अहम है?
रूस में 2018 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में व्लादिमीर पुतिन की जीत में किसी को संदेह नहीं है. लेकिन यह चुनाव कई मायनों में दिलचस्प है. चलिए डालते हैं इन्हीं पहलुओं पर एक नजर.
ताकतवर पुतिन
व्लादिमीर पुतिन पिछले 17 साल से रूस पर राज कर रहे हैं, भले वह देश के राष्ट्रपति रहे हों या फिर प्रधानमंत्री. आगे भी वही देश के मुखिया रहेंगे. इसीलिए आने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उनके नेतृत्व पर बस मुहर लगनी है.
कितने लोग मैदान में
23 लोगों ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आयोग के सामने अपनी उम्मीदवारी पेश की है. इनमें महिला और पुरुष, दोनों शामिल हैं. लेकिन पुतिन के कटु आलोचक और विपक्षी नेता एलेक्सेई नावालनी को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है.
लोकप्रियता
सर्वेक्षणों में 75 से 83 प्रतिशत रेटिंग के साथ पुतिन रूस के सबसे लोकप्रिय राजनेता हैं. हालांकि यह भी सच है कि साल 2000 में जब से पुतिन सत्ता में आए हैं, तब से स्वतंत्र और क्रेमलिन आलोचक मीडिया के लिए जगह सिमटती गई है और विपक्ष भी दबाव में है.
चौथी बार राष्ट्रपति
चुनावों के बाद राष्ट्रपति के रूप में यह पुतिन का चौथा कार्यकाल होगा. इससे पहले वे साल 2000 से 2008 तक दो बार राष्ट्रपति रहे. संवैधानिक बाध्यताओं के कारण 2008 में वे प्रधानमंत्री बने. लेकिन 2012 में उन्होंने वापस राष्ट्रपति पद संभाला.
कब तक रहेंगे पुतिन
पुतिन स्टालिन के बाद रूस में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेता हैं. अब सवाल यह भी उठता है कि और कितने साल तक वे राज करते रहेंगे. रूसी संविधान के मुताबिक लगातार दो कार्यकाल से ज्यादा कोई व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर नहीं रह सकता.
फिर उसके बाद?
अगले कार्यकाल के बाद भी अगर पुतिन सत्ता में रहना चाहते हैं, तो वे किसी अन्य को राष्ट्रपति पद सौंप कर फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं. ऐसा वह पहले भी कर चुके हैं जब 2008 से 2012 के बीच दिमित्री मेद्वदेव ने राष्ट्रपति पद संभाला. या फिर संविधान में संशोधन कर पुतिन खुद पद पर बने रह सकते हैं.
पुतिन के विरोधी
इस समय रूस में पुतिन के विरोधियों में सबसे ऊपर एलेक्सेई नावालनी का नाम आता है. उन्होंने मौजूदा प्रधानमंत्री मेद्वदेव की अपार संपत्ति का खुलासा किया था. बहुत से रूसी युवाओं में नावालनी बेहद लोकप्रिय हैं. उनकी अपील पर पुतिन विरोधी प्रदर्शन भी हुए.
उम्मीदवारी पर बैन
नावालनी 2018 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने अपनी मुहिम का आगाज भी बहुत पहले कर दिया था. लेकिन सब बेकार रहा. एक पुराने मामले में नावालनी को दोषी दिए जाने को आधार बनाकर चुनाव आयोग ने उनकी उम्मीदवारी पर बैन लगा दिया.
नए चेहरे
कम्युनिस्ट पार्टी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों के अलावा इस चुनाव में कुछ नए चेहरे भी मैदान में उतरे हैं. इनमें टीवी एंकर और बिजनेसवूमन क्सेनिया सोबचाक के अलावा पॉर्न एक्ट्रेस रहीं एलेना बर्कोवा और जानी मानी पत्रकार कात्या गॉर्डन भी उम्मीदवारों की फहरिस्त में शामिल हैं.
बहिष्कार
नावालनी ने चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की है. 28 जनवरी को रूस के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन भी होने जा रहे हैं. नावालनी चाहते हैं कि लोग वोट ही डालने न जाएं, जिससे चुनाव प्रक्रिया ही सवालों में घिर जाए. लेकिन पुतिन ने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली हैं!