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भारत-पाकिस्तान रिश्तों के लिए ऐतिहासिक मौका था लाहौर समझौता

२९ मई २०२४

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने माना है कि पाकिस्तान ने 1999 के लाहौर समझौते का उल्लंघन किया था और यह पाकिस्तान की गलती थी. क्या था लाहौर समझौता और कैसे हुआ था उसका उल्लंघन?

नवाज शरीफ
नवाज शरीफ ने पहली बार माना है कि पाकिस्तान द्वारा लाहौर समझौते का उल्लंघन पाकिस्तान की गलती थीतस्वीर: K.M. Chaudary/AP/picture alliance

नवाज शरीफ ने यह बात अपनी पार्टी पीएमएल-एन की जनरल काउंसिल की उस बैठक में कही, जहां उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. शरीफ को छह साल पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया था.

बीते दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, "28 मई, 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे. उसके बाद वाजपेयी साहिब यहां आए और हमारे साथ एक समझौता किया. लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन कर दिया...यह हमारी गलती थी."

क्या था लाहौर समझौते में

जिस समझौते की शरीफ बात कर रहे थे उस पर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इसी ऐतिहासिक लाहौर यात्रा के दौरान 21 फरवरी, 1999 को दोनों नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे. बाद में उसी साल दोनों देशों की सांसदों ने भी समझौते को मंजूर किया था और फिर उसे उसी साल लागू भी कर दिया गया था.

जनरल परवेज मुशर्रफ ने बाद में दावा किया कि नवाज शरीफ को पूरी योजना के बारे में वाजपेयी की लाहौर यात्रा से 15 दिन पहले ही बता दिया गया थातस्वीर: MANAN VATSYAYANA/AFP via Getty Images

समझौते के तहत दोनों देशों की सरकारों ने शांति, स्थिरता और आपसी तरक्की के प्रति और शिमला समझौते और यूएन चार्टर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. दोनों ने माना कि परमाणु हथियार विकसित करने से दोनों के ऊपर यह जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वो टकराव से बचें और विश्वास बढ़ाने के कदम उठाएं.

यह भी फैसला लिया गया कि दोनों देश परमाणु हथियारों के अनाधिकृत इस्तेमाल को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाएंगे. साथ ही दोनों देशों ने परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार की तरफ अपनी प्रतिबद्धता जताई. समझौते में कश्मीर का भी जिक्र था और दोनों पक्षों ने प्रतिबद्धता जताई थी कि वो कश्मीर समस्या और सभी अन्य समस्याओं को सुलझाने की कोशिशें तेज करेंगे.

क्यों टूटा समझौता

दोनों देशों ने आतंकवाद के हर रूप की भी निंदा की और उसका मुकाबला करने का संकल्प लिया. लेकिन यह समझौता जल्द ही टूट गया. मई, 1999 में पाकिस्तानी सेना ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में घुसपैठ की और भारतीय इलाके में कुछ स्थानों पर कब्जा जमा लिया.

भारतीय सेना ने जवाब दिया और दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हो गया. युद्ध जुलाई, 1999 में खत्म हुआ और भारत ने अपने सभी इलाके पाकिस्तानी सेना के कब्जे से वापस ले लिए. शरीफ उस समय भी प्रधानमंत्री थे. उन्होंने युद्ध के बाद यह दावा किया कि यह पाकिस्तानी सेना का गुप्त अभियान था जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी.

लेकिन उस समय पाकिस्तानी सेना के प्रमुख रहे जनरल परवेज मुशर्रफ ने बाद में दावा किया कि शरीफ को पूरी योजना के बारे में वाजपेयी की लाहौर यात्रा से 15 दिन पहले ही बता दिया गया था. अब शरीफ ने पहली बार माना है कि पाकिस्तान द्वारा लाहौर समझौते का उल्लंघन पाकिस्तान की गलती थी.

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