रूस की ओरेश्निक मिसाइल: क्या है ये नया हथियार?
२९ नवम्बर २०२४रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में "निर्णायक केंद्रों" पर संभावित मिसाइल हमलों की चेतावनी दी है, जिससे यूक्रेन युद्ध में तनाव और बढ़ गया है. गुरुवार को अस्ताना में एक बैठक में पुतिन ने रूस द्वारा नई ओरेश्निक बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती और इसके विध्वंसक गुणों को उजागर किया, जिससे यूक्रेन संघर्ष में खतरनाक वृद्धि की आशंका और बढ़ गई है.
इस महीने यूक्रेन के ड्नीप्रो शहर पर हमला करने में ओरेश्निक मिसाइल का इस्तेमाल हुआ था. ओरेश्निक एक उन्नत मिसाइल है जिसे रूस ने हाल ही में विकसित किया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मिसाइल के बारे में जानकारी दी और इसे पश्चिमी देशों के रक्षा सिस्टम से बचने वाला बताया.
एक खतरनाक और सटीक हथियार
पुतिन के अनुसार, ओरेश्निक मिसाइल एक "सटीक हथियार" है. यह पारंपरिक हथियारों से अलग है क्योंकि इसमें न्यूक्लियर वॉरहेड नहीं है, लेकिन इसके वॉरहेड की शक्ति इतनी ज्यादा है कि यह किसी भी मजबूत सुरक्षा को तोड़ सकता है. पुतिन ने बताया कि इस मिसाइल का तापमान 4,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जो सूरज की सतह के समान है. इससे जो भी चीज इस विस्फोट के केंद्र में होगी, वह धूल में बदल जाएगी.
यह मिसाइल बहुत तेज गति से उड़ती है, जिससे इसे रोक पाना असंभव हो जाता है. ओरेश्निक की गति लगभग माक 10 है, यानी यह 2.5 से 3 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से उड़ सकती है. इसका मतलब है कि यह मिसाइल हवा में घूम सकती है और आधुनिक हवाई रक्षा प्रणालियों से बच सकती है.
मिसाइल की रेंज और ताकत
ओरेश्निक एक इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) है, जिसकी रेंज 1,000 से 5,500 किलोमीटर के बीच है. इसका मतलब है कि यह यूरोप में कहीं भी हमला कर सकती है. रूस के रणनीतिक मिसाइल बलों के कमांडर, सर्गेई कराकायेव ने कहा कि यह मिसाइल पूरे यूरोप को निशाना बना सकती है.
इस मिसाइल के बारे में और जानकारी देते हुए पुतिन ने बताया कि ओरेश्निक एक नए डिजाइन की मिसाइल है, जो पुराने सोवियत सिस्टम से अलग है. अमेरिकी रक्षा विभाग ने इसे एक "प्रायोगिक" मिसाइल बताया है, जो रूस के आरएस-26 रूबेज आईसीबीएम से विकसित की गई है.
पुतिन और कराकायेव ने कहा कि अगर एक साथ कई ओरेश्निक मिसाइलें दागी जाएं, तो उनका प्रभाव परमाणु हमले जितना हो सकता है. इससे यह साबित होता है कि ओरेश्निक सिर्फ एक साधारण मिसाइल नहीं, बल्कि एक बहुत ताकतवर हथियार है.
पुतिन का दावा है कि वर्तमान में कोई भी हवाई रक्षा प्रणाली ओरेश्निक मिसाइल को रोक नहीं सकती. इसकी तेज गति और उड़ान के दौरान दिशा बदलने की क्षमता इसे और भी खतरनाक बनाती है. रूस का कहना है कि इस मिसाइल के खिलाफ कोई प्रभावी उपाय नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और संधि उल्लंघन
ओरेश्निक की तैनाती ने पश्चिमी देशों को चिंता में डाल दिया है. 1987 में अमेरिका और सोवियत संघ ने इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (आईएनएफ) संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 500 से 5,500 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइलों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन 2019 में दोनों देशों ने इस संधि से बाहर निकलने का फैसला किया. रूस की इस नई मिसाइल के चलते इस संधि की फिर से चर्चा हो रही है.
ओरेश्निक का इस्तेमाल यूक्रेन युद्द में एक महत्वपूर्ण बढ़त है. रूस का कहना है कि इस मिसाइल का उत्पादन अब शुरू हो चुका है और भविष्य में इसका और अधिक इस्तेमाल हो सकता है. इस मिसाइल के बारे में यूक्रेनी खुफिया एजेंसियां कह रही हैं कि फिलहाल केवल कुछ प्रोटोटाइप ही तैयार हैं, लेकिन रूस इसे जल्द ही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकता है. हाल ही में यूक्रेन ने रूस पर अमेरिकी मिसाइलों से हमला किया था, जिसके बाद परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है.
पुतिन ने यह भी कहा कि ओरेश्निक जैसी मिसाइलों से रूस को वैश्विक सुरक्षा पर बड़ी पकड़ बनाने में मदद मिलेगी. हालांकि, इससे यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों ने सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए हैं. ओरेश्निक मिसाइल के जरिए रूस ने अपनी सैन्य ताकत को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है, जो आने वाले समय में युद्ध की दिशा को प्रभावित कर सकता है.
वीके/सीके (डीपीए, एएफपी)