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ओमिक्रॉन के आगे कमर कस लें एशिया-प्रशांत के देश

३ दिसम्बर २०२१

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को ओमिक्रॉन की वजह से कोविड-19 के मामलों में उछाल के लिए तैयारी करने को कहा है. नया वेरिएंट भारत में भी आ चुका है और सरकार इससे निपटने के लिए कई कदम उठा रही है.

Australien Sydney Airport | Coronavirus | Hygienemaßnahmen
तस्वीर: Loren Elliott/REUTERS

पश्चिमी प्रशांत इलाके के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रांतीय निदेशक ताकेशी कसई ने कहा कि छुट्टियों के दौरान लोगों के ज्यादा इधर से उधर जाने और मिलने जुलने को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती डाटा के अनुसार ओमिक्रॉन वायरस की दूसरी किस्मों से ज्यादा संक्रामक हो सकता है.

कसई ने मनिला में संगठन के प्रांतीय मुख्यालय से एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा, "सीमा नियंत्रण से इस वेरिएंट के देशों के अंदर प्रवेश को टाला जा सकता है और थोड़ी मोहलत हासिल की जा सकती है, लेकिन हर देश और हर समुदाय को मामलों में एक नई उछाल के लिए तैयार हो जाना चाहिए.

अब एशिया में फैलता ओमिक्रॉन

हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि इन सब के बीच एक सकारात्मक खबर यह है अभी तक ऐसी कोई भी जानकारी नहीं आई है जो यह संकेत दे कि हमें अपनी प्रतिक्रिया की दिशा बदलने की जरूरत है.

न्यू यॉर्क में बूस्टर डोज लेने के लिए कतार में लगे लोगतस्वीर: John Minchillo/AP/picture alliance

उन्होंने जोर दे कर कहा कि देशों को और लोगों को टीका लगाने की, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की और मामलों में उछाल का समय रहते पता लगाने के लिए सर्विलांस को और मजबूत करने की जरूरत है.

ओमिक्रॉन ने इस सप्ताह एशिया में पांव जमाने शुरू कर दिए. जापान, मलेशिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के अलावा भारत में भी इसके संक्रमण के मामले पाए गए. दक्षिण अफ्रीका के ज्यादा जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों का प्रवेश बंद कर देने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में भी नए वेरिएंट का सामुदायिक प्रसार पाया गया है. अमेरिका के भी कम से कम पांच राज्यों में मामले सामने आ चुके हैं.

क्या हो उपाय

एशिया-प्रशांत के देशों में टीकाकरण की दर में काफी अंतर है और कई जगह स्थिति चिंताजनक है. भारत में पूर्ण टीकाकरण सिर्फ लगभग 38 प्रतिशत लोगों का हुआ है. इंडोनेशिया में यह आंकड़ा 35 प्रतिशत है. अमेरिका तक में भी पूरी तरह से टीके की खुराकें ले चुके लोगों की संख्या 60 प्रतिशत से कम ही है.

थाईलैंड में बैंकॉक के हवाई अड्डे पर बैठे अंतरराष्ट्रीय यात्रीतस्वीर: Chalinee Thirasupa/REUTERS

ऑस्ट्रेलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पॉल केली ने कहा कि संभव है कि ओमिक्रॉन कुछ ही महीनों के अंदर पूरी दुनिया में सबसे हावी वेरिएंट बन जाएगा लेकिन अभी इस बात का कोई सबूत उपलब्ध नहीं है कि यह डेल्टा से ज्यादा खतरनाक होगा.

जर्मनी ने कहा कि वो टीका ना लेने वालों के लिए आवश्यक स्थानों के अलावा हर तरह के स्थलों पर प्रवेश को प्रतिबंधित कर देगा. जर्मनी अगले साल टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के लिए कानून लाने की भी तैयारी कर रहा है.

ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देश बूस्टर खुराक देने की योजनाओं को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन यात्रा प्रतिबंधों की तरह यह भी विवादास्पद है. विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही बूस्टर खुराकों का विरोध कर चुका है. ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने भी कहा है कि इनके प्रभावी होने का "कोई सबूत नहीं है."

सीके/एए (डीपीए,रॉयटर्स)

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