पुलिस बर्लिन ट्रक हमले के सिलसिले में यूरोप भर में 24 वर्षीय ट्यूनीशियाई अनीस आमरी को तलाश रही है. उसे ही क्रिसमस बाजार में लोगों पर ट्रक चढ़ाने का संदिग्ध माना जा रहा है जिसमें 12 लोग मारे गए. जानिए कौन है यह अनीस आमरी?
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आमरी जर्मनी कब पहुंचा?
आमरी जुलाई 2015 में जर्मनी पहुंचा. जर्मन राज्य नॉर्थ राइन वेस्टफालिया (एनआरडब्ल्यू) के गृह मंत्री राल्फ येएगर का कहना है कि वह बहुत "इधर ऊधर घूमने वाला" व्यक्ति है. पहले बाडेन वुर्टेमबर्ग में पहुंचा, फिर एनआरडब्ल्यू और उसके बाद बर्लिन में. वह बर्लिन फरवरी से रह रहा था. उसने सबसे ज्यादा समय वहीं बिताया.
उसका स्टेटस क्या है?
शरण के लिए दिया गया आमरी का आवेदन जून में खारिज हो गया था और एनआरडब्ल्यू के क्लेव शहर के अधिकारी उसे वापस उसके देश भेजने की प्रक्रिया में लगे थे. लेकिन येएगर ने कहा, "इस व्यक्ति को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सका क्योंकि उसके पास कोई वैध पहचान दस्तावेज नहीं था." उनका कहना है कि ट्यूनीशिया ने आमरी को पहले अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया था. लेकिन बाद में, उत्तर अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया उसके दस्तावेज भेजने पर राजी हो गया जो बुधवार को पहुंचे. यानी ट्रक हमले के दो दिन बाद. येएगर ने कहा, "इससे ज्यादा मैं इस मुद्दे पर कुछ और नहीं कहना चाहता हूं." इससे पहले वह कह चुके हैं कि उत्तर अफ्रीकी अपराधियों को वापस प्रत्यर्पित करना बहुत मुश्किल होता है.
देखिए जब मौत लाती हैं गाड़ियां
जब गाड़ियां लाती हैं मौत
आतंकवादी छोटी बड़ी गाड़ियों को आतंक और मौत ले आने वाले खतरनाक औजार के रूप में बदल देने की नीति अपना रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियां लाचार हैं. देखिए यूरोप में कहां कहां हुआ है गाड़ियों से आतंकी हमला.
तस्वीर: Reuters/B. McDermid
मैनहटन
अमेरिका में न्यूयॉर्क शहर के मैनहटन इलाके में एक ट्रक ड्राइवर ने साइकिल और पैदल लेन में घुसकर लोगों को कुचला. इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गयी और करीब 11 लोग बुरी तरह से घायल हैं. पुलिस ने संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है. इसका नाम सेफुलो साइपोव है और इसकी उम्र 29 साल बताई जा रही है.
तस्वीर: Reuters/A. Kelly
बार्सिलोना
17 अगस्त, 2017 की शाम स्पेन के बार्सिलोना में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में हमलावर ने लोगों पर किराये पर ली वैन चढ़ा दी. आतंकी गुट तथाकथित इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 13 लोगों की जान चली गयी है और करीब 100 लोग घायल हैं. जांचकर्ता इसे शहर में कई जगहों पर सिलसिलेवार हमले करने की योजना का हिस्सा मानते हैं.
तस्वीर: Imago/E-Press Photo.com
लंदन
4 जून, 2017 की रात लंदन के लिये भयानक रही. लंदन ब्रिज पर एक सफेद वैन ने कई लोगों को टक्कर मारी. ब्रिज पर लोगों को कुचलने के बाद यह वैन पास के बॉरो मार्केट में घुस गई. कार में सवार संदिग्ध बाहर निकले और लोगों पर चाकुओं से हमला किया. हालांकि पुलिस ने जल्द ही संदिग्धों को घेर लिया और गोलीबारी में मार गिराया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Leal-Ollivas
लंदन
लंदन स्थित ब्रिटिश संसद वेस्टमिंस्टर के पास एक हमलावर ने अपनी कार से फुटपाथ पर जा रहे लोगों को रौंद डाला. मार्च 2017 के इस हमले में एक पुलिसकर्मी समेत चार लोगों की जान चली गयी. हमलावर भी पुलिस की गोली से मारा गया.
तस्वीर: picture-alliance/AP/J.West
बर्लिन
जुलाई में फ्रांस के नीस में तो दिसंबर में बर्लिन के क्रिसमस मेले में गाड़ी मौत लेकर आई. ट्रक भीड़भाड़ वाले खुले बाजार में घुसा और लोगों को कुचलता हुआ 80 मीटर तक चला. घटना में 12 लोगों की जान गई और 48 लोग घायल हुए.
तस्वीर: Reuters/F. Bensch
नीस
फ्रांस के नीस शहर में सड़कों पर जुटे बास्टिल डे मनाते लोगों को एक ट्रक रौंदता हुआ निकल गया. करीब दो किलोमीटर तक अनगिनत लोगों को कुचलते निकले इस ट्रक की चपेट में आने से अब तक कम से कम 84 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और बहुत सारे लोग घायल हैं.
तस्वीर: Reuters/E. Gaillard
इस्राएल और फलस्तीन
नीस में हमलावर की ये शैली दुनिया में कोई पहली बार नहीं आजमाई गई है. इस्राएल और फलस्तीन के कुछ इलाकों से कारों को लोगों के ऊपर चढ़ाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. पिछली अक्टूबर से ही वहां ऐसे हमलों की चपेट में आने से 215 फलीस्तीनी, 34 इस्राएली, दो अमेरिकी, एक एरिट्रियाई और एक सूडानी नागरिक की मौत हुई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Safadi
ब्रिटेन
हाल के सालों में पश्चिमी देशों को इसी किस्म के तीन बड़े हमले झेलने पड़े. दो ब्रिटेन में और एक अन्य हमला कनाडा में हुआ. मई 2013 में नाइजीरियाई मूल के दो इस्लामी कट्टरपंथियों ने अपनी कार को एक ब्रिटिश सैनिक ली रिग्बी पर चढ़ा दिया था. दिन दहाड़े उनका गला काटने की कोशिश भी की. उन्हें ब्रिटिश सेना के हाथों मुसलमानों के मारे जाने पर गुस्सा था.
तस्वीर: Reuters
कनाडा
लंदन की घटना के करीब 18 महीने बाद कनाडा में भी एक इस्लामी कट्टरपंथी ने एक कनेडियन सैनिक पैट्रिक विंसेंट के ऊपर गाड़ी चढ़ा कर उसे मार डाला और एक अन्य को घायल किया. इसके बाद 25 साल के हमलावर मार्टिन रुले ने खुद पुलिस को फोन कर जिहाद के नाम पर यह हमला करने की बात कही. मार्टिन ने अपना धर्म बदल कर इस्लाम कुबूल किया था.
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स्कॉटलैंड
जून 2007 में दो आदमियों ने अपनी जलती हुई जीप को ले जाकर स्कॉटलैंड के ग्लासगो एयरपोर्ट की मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग में घुसा दिया. इनमें से एक हमलावर को आजीवन कारावास की सजा मिली. मामले की सुनवाई कर रहे जज ने हमलावर को "धार्मिक कट्टरपंथी" माना.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
हत्या की प्रेरणा
कई सालों से इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन कभी वीडियो बनाकर तो कभी सोशल मीडिया पर संदेश भेज कर नए समर्थकों और अनुयायियों से उनके हाथ में जो आए उसी से हमले करने की अपील करते रहे हैं. ऐसे ही संदेशों के कारण कई जगहों पर आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP
'काफिर' के खिलाफ
सितंबर 2014 में आईएस के 'आक्रमण मंत्री' माने जाने वाले अबु मोहम्मद अल-अदानी ने ये संदेश जारी किया था: "अगर तुम कोई बम नहीं फोड़ सकते, गोली नहीं चला सकते, तो किसी फ्रेंच या अमेरिकन काफिर से अकेले में मिलो और फिर चाहे पत्थर से उसका सिर फोड़ो या चाकू से गला काटो, या कार के नीचे दबा दो."
तस्वीर: Reuters/I. Abu Mustafa
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आमरी के बारे में हम क्या जानते हैं?
जो जन्म की तारीख बताई गई है उसके हिसाब से वह 22 दिसंबर को वह 24 साल का हो गया. उसने कई नामों का इस्तेमाल किया है और सुरक्षा एजेंसियों की उस पर नजर थी. उनकी नजर में वह एक संदिग्ध खतरा था. येएगर के अनुसार उसके कट्टरपंथी मुसलमानों से संपर्क थे.
ज्युड डॉयचे त्साइटुंग अखबार उन मीडिया संस्थानों में शामिल हैं जिन्होंने खबर दी कि आमरी के संपर्क सलाफी उपदेशक अबु वला से हैं. अबु वला को हाल में जर्मन शहर हिल्डेशाइम में गिरफ्तार किया गया.
हमले के एक दिन बाद बर्लिन
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उसका अतीत क्या है?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आमरी चार साल तक इटली की जेल में रहा. समाचार एजेंसी इंसा ने पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा है कि आमरी 2011 में इटली में एक शरणार्थी की तरह पहुंचा और उसे सिसली में नाबालिगों के लिए बनाए गए सेंटर में रखा गया. सेंटर में रहते हुए उसने कई तरह के अपराध किए. अखबार "ला स्टैंपा" के अनुसार इनमें सेंटर में आग लगाना भी शामिल है. जब वह बालिग हो गया तो उस पर आरोप तय किए गए और जेल भेजा गया. सजा पूरी होने के बाद अधिकारियों ने उसे ट्यूनीशिया प्रत्यर्पित करने की कोशिश की, लेकिन इसमें कई तरह की दिक्कतें आईं. इसके बाद आमरी इटली से जर्मनी आ गया.
देखिए जर्मनी पर आंतक के साए
जर्मनी पर आतंक के साए
जर्मनी में पिछले डेढ़ साल के दौरान पुलिस कई आतंकवादी हमलों की साजिशों को नाकाम बनाने में कामयाब रही. इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर आए जर्मनी में हुई चरमपंथी घटनाओं पर एक नजर.
तस्वीर: Reuters/M. Rehle
अप्रैल, 2017
जर्मन फुटबॉल क्लब बोरुसिया डॉर्टमुंड के खिलाड़ियों की बस के करीब तीन धमाके हुए. उस वक्त टीम 11 अप्रैल को चैंपियंस लीग का क्वार्टरफाइनल मुकाबला खेलने जा रही थी. इस घटना में एक खिलाड़ी घायल हुआ है. पुलिस अभी इसे आतंकी घटना नहीं मान रही है. जांच जारी है.
तस्वीर: Reuters/K. Pfaffenbach
दिसंबर, 2016
बर्लिन के एक क्रिसमस बाजार में जर्मनी का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें 12 लोग मारे गए थे. हमले के पीछे एक ट्यूनीशियाई युवक था जिसकी शरण की अर्जी ठुकरा दी गई थी. बाद में वह मिलान में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया.
तस्वीर: Reuters/F. Bensch
लाइपजिग अक्टूबर 2016
पुलिस ने लाइपजिग में 22 साल के एक सीरियाई शरणार्थी को गिरफ्तार किया. केमनित्स में उसके अपार्टमेंट से विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री मिली थी. वह बर्लिन एयरपोर्ट पर हमले की संदिग्ध योजना बना रहा था. दो दिन बाद उसने खुद को जेल में फांसी लगा ली.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Willnow
अंसबाख, जुलाई 2016
जुलाई में इस्लामिक स्टेट ने शरणार्थियों द्वारा किए गए दो हमलों की जिम्मेदारी ली. बवेरियन शहर अंसबाख में एक वाइन बार में हुए धमाके में 15 लोग घायल हुए. हमलावर ने खुद को भी मार दिया.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/D. Karmann
वुर्त्सबुर्ग, जुलाई 2016
17 साल का एक शरणार्थी कुल्हाड़ी और चाकू लेकर एक ट्रेन में चढ़ गया और उसने हांगकांग के एक सैलानी परिवार के चार सदस्यों और एक अन्य व्यक्ति को घायल कर दिया. पुलिस की गोली से हमलावर मारा गया. पुलिस के मुताबिक हमलावर आईएस से प्रेरित था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Hildenbrand
डुसेलडॉर्फ, मई 2016
तीन जर्मन राज्यों नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया, ब्रांडेनबुर्ग और बाडेन वुर्टेमबर्ग में आईएस के तीन संदिग्ध सदस्य गिरफ्तार किए गए. अधिकारियों का कहना है कि इनमें से दो की योजना नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया की राजधानी डुसलडॉर्फ के व्यस्त इलाके में खुद को उड़ाने की थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Hitij
एसेन, अप्रैल 2016
पुलिस ने एसेन में एक सिख गुरुद्वारे पर हुए धमाके के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया. धमाका एक शादी के दौरान हुआ जिससे इमारत की खिड़कियां और दीवारों को नुकसान हुआ.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kusch
हनोवर फरवरी 2016
जर्मन-मोरक्कन साफिया एस पर उत्तरी शहर हनोवर में एक पुलिस अधिकारी को चाकू घोंपने के आरोप तय किए गए. 16 वर्ष की इस लड़की पर आईएस से प्रेरित होने का संदेह है.
तस्वीर: Polizei
बर्लिन, फरवरी 2016
पुलिस ने बर्लिन में आतंकवादी हमले की योजना बनाने के संदिग्ध तीन अल्जीरियाई लोगों को गिरफ्तार किया जो आईएस से जुड़े थे. बर्लिन के अभियोजकों का कहना है कि उन्हें जर्मन राजधानी को निशाना बनाए जाने की "पुख्ता" योजना का पता चला था.
तस्वीर: Reuters/F. Bensch
ओबरउर्सेल, अप्रैल 2015
पुलिस को एक बाइक रेस उस वक्त रद्द करानी पड़ी जब पता चला कि इसे आतंकवादी हमले के जरिए निशाना बनाया जा सकता है. इस सिलसिले में एक तुर्क मूल के जर्मन और उसकी 34 वर्षीय पत्नी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस को उनके घर से विस्फोटक मिले.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Dedert
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क्या आमरी की पहले से जांच हो रही थी?
हां, बर्लिन के सरकारी अभियोजक उसके खिलाफ संदेह के आधार पर जांच करते रहे हैं. अधिकारियों को सुराग मिला कि उसने हथियार खरीदने के लिए बैंक में डकैती की योजना बनाई थी. इसलिए बर्लिन में उस पर मार्च से सितंबर तक नजर रखी गई. लेकिन पुलिस को यही पता चला कि वह बर्लिन में ड्रग डीलरों के लिए कुख्यात गोएलित्सर इलाके में छोटा-मोटा नशीले पदार्थों का धंधा करता था. सरकारी अभियोजकों का कहना है कि यह जानकारी आगे अधिकारियों को तक पहुंचा दी गई और उसकी निगरानी बंद हो गई.
क्या आमरी ही ट्रक का ड्राइवर था?
ट्रक में आमरी से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. अहम बात यह है कि उन्हें वहां क्यों रखा गया? क्या जानबूझ कर ऐसा किया गया ताकि कोई हमला करने का दावा कर सके? क्या ट्रक के मूल ड्राइवर पोलिश व्यक्ति से लड़ते हुए आमरी से वे दस्तावेज वहां गिर गए? या फिर ये दस्तावेज पुलिस को गुमराह करने के लिए जानबूझ कर ट्रक में रखे गए हैं? येएगर का कहना है, "हमले में उसके शामिल होने के लेकर स्पष्टता नहीं है."