'मैड डॉग' अमेरिका के रक्षा मंत्री बने तो क्या होगा!
२ दिसम्बर २०१६
जो लोग अभी तक सिर्फ ट्रंप के बयानों से सहमे थे, उन्हें अब डरने की एक और वजह मिल गई है. ट्रंप ने अमेरिकी सेना के पूर्व जनरल जेम्स माटिस को अपनी सरकार में रक्षा मंत्री बनाने का एलान किया है.
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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप आजकल अपनी सरकार के मंत्रियों को चुनने में जुटे हैं. रक्षा मंत्री के पद के लिए उन्होंने अमेरिकी सेना के एक पुराने जनरल जेम्स माटिस को चुना है. वही माटिस जिन्हें “मैड डॉग” यानी पागल कुत्ता कहा जाता है.
अपने समर्थकों के सामने ट्रंप ने कहा, "हम 'मैड डॉग' माटिस को अपना रक्षा मंत्री बना रहे हैं.” अमेरिका के दुश्मनों के लिए माटिस के दिल में कोई रहम नहीं है और इसीलिए उन्हें 'मैड डॉग' कहा जाता है. इसके अलावा उन्हें 'केयोस' और 'वॉरियर मॉन्क' जैसे नामों से भी जाना जाता है.
कहां कहां नाकाम रही अमेरिकी सेना, देखिए
कहां कहां नाकाम रही अमेरिकी सेना
एक नजर उन लड़ाइयों पर, जिनमें अमेरिका और उसकी सेना को किरकिरी का सामना करना पड़ा.
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वियतनाम युद्ध (1954-1975)
उत्तरी वियतनाम की कम्युनिस्ट सत्ता और दक्षिणी वियनाम के बीच 1954 में लड़ाई छिड़ी. दक्षिणी वियतनाम की ओर से अमेरिका भी लड़ाई में उतरा. 21 साल लंबे संघर्ष में 58,000 अमेरिकियों समेत 30 लाख लोग मारे गए. देश के अंदर भारी विरोध के बाद 1973 को अमेरिकी सेना ने वियतनाम छोड़ दिया. दो साल बाद देश का एकीकरण हुआ.
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अफगानिस्तान में दखल (1979-1989)
अफगानिस्तान में कम्युनिस्ट सत्ता को बेदखल करने के लिए अमेरिका और पाकिस्तान ने स्थानीय लोगों को हथियार बांटे. तालिबान का जन्म हुआ. तालिबान ने सोवियत सेना को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया. अमेरिकी नीतियों की क्षणिक जीत, देर सबेर बड़े आतंकवाद के रूप में सामने आई.
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अफगानिस्तान की जंग (2001-2014)
11 सितंबर 2001 के हमले के बाद अमेरिकी सेना नाटो सहयोगियों के साथ अफगानिस्तान पहुंची. अमेरिका की अगुवाई वाली सेना ने अल कायदा का सफाया करना शुरू किया, लेकिन वक्त के साथ लड़ाई जटिल होती गई. लड़ाई में तालिबान कूद पड़ा. 2014 में अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय सेना अफगानिस्तान से निकलने लगी और तालिबान का प्रभाव फिर से बढ़ने लगा. हाल में तालिबान और अमेरिका के बीच बातचीत बेनतीजा खत्म हुई.
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इराक में दखल (2003)
इराक के पास बड़े पैमाने पर जनसंहार के रासायनिक हथियार हैं, इस थ्योरी के साथ अमेरिकी सेना इराक में घुसी. जर्मनी समेत कुछ देश अमेरिका से ऐसा ना करने को कहते रहे, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने किसी की नहीं सुनी. अमेरिकी सेना पर मानवाधिकार हनन के गंभीर आरोप लगे. इसके बाद इराक इस्लामिक स्टेट का गढ़ बन गया. आज भी इराक स्थिर नहीं हो पाया है.
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66 साल के माटिस 2013 में अमेरिका सेना से रिटायर हुए थे और उस वक्त वो उस अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख थे जिसके सैनिक इराक और अफगानिस्तान में तैनात थे और उस पर सीरिया, यमन और ईरान जैसे देशों की जिम्मेदारी भी थी. बताते हैं कि कभी माटिस ने कहा था, "विनम्र रहिए, पेशेवर रहिए, लेकिन आप जिस हर एक आदमी से मिलें, आपके पास उसे मारने की योजना होनी चाहिए.” ये बात उन्होंने 2003 में इराक में तैनात नौसैनिकों से कही थी.
"मैड डॉग" माटिस को अगर अमेरिकी रक्षा मंत्री के तौर पर नियुक्त कर दिया जाता है तो इसे एक संकेत माना चाहिए कि ट्रंप ईरान को लेकर ओबामा प्रशासन की नीति को बदलना चाहते हैं. माटिस इसके बड़े आलोचक रहे हैं. माटिस ने ईरान को मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति के लिए इकलौता सबसे बड़ा खतरा बताया था. संभावना यह भी है कि रूस के मुद्दे पर माटिस के विचार ट्रंप से अलग होंगे. जहां अभी तक ट्रंप पुतिन के साथ मिल काम करने को लेकर सकारात्मक बातें कहते आए हैं, वहीं माटिस चेतावनी दे चुके हैं कि रूस नाटो के टुकड़े टुकड़े करना चाहता है.
अमेरिका और रूस का युद्ध हो जाए तो..
रूस-अमेरिका में युद्ध हो जाए तो
शीत युद्ध के बाद रूस अमेरिका के रिश्ते एक बार फिर खराब दौर से गुजर रहे हैं. यहां तक कि युद्ध की बात भी होने लगी है. मिलिट्री टाइम्स ने दोनों की सैन्य शक्ति की तुलना की है. देखिए...
तस्वीर: Reuters/Sputnik/Kremlin/A. Druzhinin
डिफेंस बजट
रूस का रक्षा बजट है 60 अरब डॉलर. अमेरिका का 560 अरब डॉलर.
रूस के पास 8 लाख 45 हजार सैनिक हैं. अमेरिका के पास हैं 13 लाख 50 हजार.
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एयरक्राफ्ट
रूस के पास 1200 टैक्टिकल एयरक्राफ्ट हैं. अमेरिका के पास 3290.
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लॉन्ग रेंज एयरक्राफ्ट
दूर तक जाकर मार करने वाले रूस के पास 180 विमान हैं. अमेरिका के पास 157.
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युद्धक पोत
समुद्रतल पर जंग में सक्षम जहा रूस के पास हैं 217. अमेरिका के पास 272.
तस्वीर: Reuters//U.S. Navy/Mass Communication Specialist Seaman Anna Van Nuys
विमानवाहक युद्धपोत
रूस के पास सिर्फ एक है. अमेरिका के पास 10 हैं.
तस्वीर: Reuters/Norwegian Royal Airforce
पनडुब्बी
रूस के पास 59 पनडुब्बियां हैं. अमेरिका के पास 71.
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परमाणु हथियार
रूस के पास 7700 परमाणु हथियार हैं. अमेरिका के पास 7100.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
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व्यक्तिगत तौर पर, माटिस पढ़ने के बहुत शौकीन हैं. उनके पास सात हजार किताबों वाली एक लाइब्रेरी है. अपने तहत काम करने वाले सैनिकों को भी वह पढ़ने के लिए कहते थे. उन्होंने कहा था कि जंग के मैदान की सबसे अहम जगह वह है, जो आपको "दोनों कानों के बीच" है. वो अपनी बातों में बहुत सी ऐतिसाहिक बातों का हवाला देते हैं और इस बात पर गर्व करते हैं कि उनकी परवरिश एक लाइब्रेरी के साथ हुई है, न कि टीवी के साथ.