डब्ल्यूएचओ ने कहा कोरोना महामारी समाप्ति से बहुत दूर
९ जून २०२०
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं और यह अभी मध्य अमेरिका में अपने चरम पर नहीं पहुंचा है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के देशों से कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए आग्रह किया है. दुनियाभर में कोरोना मामले 70 लाख से अधिक हो गए हैं और अब तक 4,03,009 लोगों की जान जा चुकी है. इस वक्त 210 देशों और क्षेत्रों में संक्रमण के मामले मौजूद हैं. पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस का अब तक टीका नहीं मिल पाया है. डब्ल्यूएचओ महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गैब्रेयेसुस ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा, "महामारी के छह महीने से अधिक समय बीतने के बाद किसी भी देश के लिए यह समय राहत देने वाला नहीं है."
रविवार 7 जून को दुनियाभर में 1,36,000 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए. यह एक दिन में कोरोना के सर्वाधिक मामले हैं. करीब 75 फीसदी मामले 10 देशों में दर्ज किए जिनमें ज्यादातर अमेरिका और दक्षिण एशिया के देश शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के विशेषज्ञ डॉ. माइक रायन से जब चीन से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि महामारी कैसे फैली इस पर शोध के लिए इंतजार किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "हमें अब इस पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है कि हम आज दूसरी लहर को रोकने के लिए क्या कर रहे हैं." रायन ने साथ ही कहा कि मध्य अमेरिकी देश जिनमें ग्वाटेमाला शामिल है, वहां संक्रमण अभी भी बढ़ रहा है और वह "जटिल" महामारी है. उन्होंने कहा कि यह अत्यधिक चिंता का विषय है. संगठन ने सरकार के मजबूत नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए आह्वान किया है.
ब्राजील अब महामारी का एक हॉटस्पॉट बन चुका है. अमेरिका के बाद ब्राजील में ही सबसे अधिक मामलों की पुष्टि हुई है. पिछले हफ्ते ब्राजील ने महामारी से मरने वालों की संख्या के मामले में इटली को पीछे छोड़ दिया था. ब्राजील मौत के आंकड़ों को लेकर भी भ्रामक तस्वीर पेश कर रहा है. ब्राजील ने कोरोना वायरस से हुई मौत के आंकड़े राष्ट्रीय वेबसाइट से हटा दिए थे और इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने और भ्रम फैला दिया जब उसने दो विरोधाभासी आंकड़े जारी कर दिए. रायन का कहना है कि ब्राजील का डाटा अब तक "बेहद विस्तृत" रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा ब्राजीलियाई लोगों के लिए यह समझना जरूरी है कि वायरस कहां है और जोखिम का प्रबंधन कैसे करना है.
अमेरिकी की जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक अभी अमेरिकी कोरोना वायरस के संक्रमण और मृत्यु के मामले में पहले स्थान पर है. इसके बाद ब्राजील सात लाख मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है. पांच सबसे प्रभावित देशों में रूस, ब्रिटेन और भारत हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स,एएफपी)
इम्युनिटी बढ़ाता है विटामिन सी
संक्रामक बीमारियों से बचाने वाली चीजों में विटामिन सी का नाम काफी ऊपर आता है. यह एक ऐसी चीज है जिसकी हमें रोजाना बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है. देखिए कैसे और कितना विटामिन सी हमें बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है.
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खाना ना भूलें
इंसान को छोड़कर ज्यादातर स्तनधारी अपने शरीर में विटामिन सी का निर्माण कर पाते हैं. इंसान को इसे बाहर से लेना पड़ता है. पानी में घुलने वाला यह विटामिन हमारे भोजन का हिस्सा होना चाहिए, जो कि संतरा, चकोतरा और किवी जैसे तमाम खट्टे फलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. काली मिर्च, ब्रॉकोली और ब्रसेल्स स्प्राउट जैसी सब्जियों में भी ये खूब मिलता है. बहुत ज्यादा गर्म करने पर इसके गुण कम हो जाते हैं.
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सबके लिए सेहत की बूटी
विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा ली जाए तो यह ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक से बचाती है. केवल बूढ़े, बीमार और वीगन लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सबके लिए काम की है. यह एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रिएंट है जो बहुत कम मात्रा में चाहिए और इससे शरीर को कोई ऊर्जा नहीं मिलती है. लेकिन शरीर की कई अहम प्रक्रियाओं के लिए इसकी ज़रूरत होती है, जैसे सेल मेटाबोलिज्म और शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र.
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रैडिकल्स की रैडिकल तोड़
अहम पोषण तत्व के अलावा इसकी दूसरी भूमिका एंटीऑक्सीडेंट की है. यह उस नुकसान को कम करता है जो ऑक्सीजन के फ्री रैडिकल्स के कारण शरीर को पहुंचता है. यह रैडिकल्स शरीर की सामान्य मेटाबोलिक प्रक्रियाओं में पैदा होती रहती हैं. तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थों के सेवन से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस काफी बढ़ जाता है और उसके कारण फ्री रैडिकल्स की मात्रा भी. ऐसे में विटामिन सी ज्यादा मात्रा में लेनी चाहिए.
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एंजाइम की मददगार भी
स्ट्रॉबेरी जैसे फलों से हमें केवल स्वाद में लिपटा विटामिन सी ही नहीं मिलता जो ऑक्सीजन रैडिकल्स से बचाए. इसके साथ ही यह कई एंजाइमों के काम में उनकी मदद करता है. एक सहकारक के रूप में विटामिन सी का इस्तेमाल शरीर में कोलेजन प्रोटीन के निर्माण में होता है जिससे हड्डियां, कार्टिलेज, टेंडॉन और त्वचा बनती है. इसीलिए इसकी कमी होने का पता भी कई बार त्वचा देख कर ही चल जाता है.
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चकोतरे का जादू
एंटीऑक्सीडेंट के रूप में यह हमारे शरीर की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने में मदद करता है. संक्रमणों से बचाने में विटामिन सी काम आता है. संक्रमण होने पर यह शरीर की इम्यून सेल्स, न्यूट्रोफिल्स को उस जगह तक पहुंचाने में मदद करता है. यह कोशिकाएं वहां पहुंच कर फैगोसाइटोसिस को बढ़ावा देती हैं, जिससे रोगाणुओं का खात्मा हो जाता है.
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कमी का क्या नतीजा?
अगर किसी को विटामिन सी की बहुत ज्यादा कमी हो जाए तो स्कर्वी की बीमारी हो सकती है. इसके लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए जैसे चोट भरने में लंबा समय लगना, शरीर पर खरोंचे दिखना, बाल का झड़ना, दांतों और जोड़ों में दर्द होना. कई बार यह बीमारी जानलेवा भी हो जाती है. रोजाना कम से कम 10 मिलिग्राम का डोज लेकर आप खुद को इससे बचा सकते हैं.
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कितना काफी है?
जर्मन कंज्यूमर एडवाइस सेंटर के अनुसार, पुरुषों को रोज 110 मिलिग्राम और महिलाओं को मिलिग्राम विटामिन सी लेना चाहिए. तो वहीं अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर बालिगों के लिए रोज 400 मिलिग्राम की सलाह देते हैं. सच तो ये है कि अगर आपने इसकी ज्यादा मात्रा भी ले ली तो उससे कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि वह मूत्र के साथ बाहर निकल जाएगा. (यूलिया फेर्गिन/आरपी)