पृथ्वी पर नाम मात्र की प्रजातियां हैं जिनकी मादाएं एक वक्त के बाद बच्चे पैदा करना बंद कर देती हैं. ऐसा क्यों होता है? व्हेल मछलियों के अध्ययन से इसका जवाब मिला है.
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रजोनिवृत्ति यानी माहवारी का बंद हो जाना एक अनूठी चीज है जो पृथ्वी पर मौजूद बहुत कम प्रजातियों में पाई जाती है. पृथ्वी पर पाए जाने वाले 6,000 से ज्यादा स्तनधारियों में से सिर्फ छह ऐसी प्रजातियां हैं जिनमें रजोनिवृत्ति होती है. इनमें एक तो इंसान हैं, और उसके बाद व्हेल मछिलयां हैं. व्हेल मछलियों में भी सभी प्रजातियों में नहीं बल्कि किलर व्हेल और चार अन्य प्रजातियों रजोनिवृत्ति से गुजरती हैं.
वैज्ञानिक इन व्हेल प्रजातियों पर अध्ययन कर रहे हैं ताकि रजोनिवृत्ति के रहस्यों को और तरतीबवार समझा जा सके. हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि रजोनिवृत्ति क्यों शुरू हुई. वैज्ञानिकों ने चार व्हेल प्रजातियों की 32 मछलियों के पूरे जीवन का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि जो पांच व्हेल प्रजातियां रजोनिवृत्ति से गुजरती हैं यानी किलर व्हेल, फॉल्स किलर व्हेल, बेलूगा व्हेल, नारवाल्स और पायलट व्हेल, वे अन्य प्रजातियों के मुकाबले लगभग चार दशक ज्यादा लंबा जीती हैं.
इनके जैसी अन्य दांत वाली प्रजातियां जैसे स्पर्म व्हेल और बालीन व्हेल में रजोनिवृत्ति नहीं होती. इंग्लैंड की एक्सटर यूनिवर्सिटी में प्राणी व्यवहार पढ़ाने वाले सैम एलिस, जो इस अध्ययन में मुख्य शोधकर्ता थे, कहते हैं, "शोध के निष्कर्ष हमें रजोनिवृत्ति के विकास के बारे में बहुत अनूठी जानकारी देते हैं. जिन व्हेल मछलियों में रजोनिवृत्ति होती है, उनका प्रजनन चक्र अन्य प्रजातियों जैसा ही है. लेकिन प्रजनन के बाद का जीवन अलग-अलग है.”
मांओं को लंबा जीवन
यह शोध पत्र नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. इसके बारे में एलिस बताते हैं, "जीवन-विकास की प्रक्रिया में मादाओं को ज्यादा लंबा जीवन दिया गया है ताकि मांएं और दादियां अपने परिवारों को प्रजनन के बाद भी सहारा देती रहें. हमने ऐसा इंसानों में भी देखा है, जहां महिलाओं का प्रजनन चक्र मानव प्रजाति के सबसे करीबी प्राणियों जैसा ही होता है लेकिन उनका जीवन कहीं ज्यादा लंबा होता है.”
आजाद होने वाली है 50 साल से कैद 2,268 किलो वजनी व्हेल लोलिता
50 साल बाद आजाद होगी किलर व्हेल लोलिता
तस्वीर: Miami Herald/TNS/abaca/picture alliance
कहानी लोलिता की
57 साल की लोलिता एक ओर्का है. ओर्का व्हेल एक किलर व्हेल होती हैं. लोलिता को 1970 में सिएटल के पास पकड़ा गया था. लोग इसको टोकी नाम से भी पुकारते हैं. इसका वजन करीब 2268 किलो है.
तस्वीर: Miami Herald/abaca/picture alliance
लोलिता के अब अच्छे दिन आने वाले हैं
मियामी सीएक्वारियम ने कहा कि वह गैर लाभकारी फ्रेंड्स ऑफ लोलिता के साथ करार पर पहुंच गया है. लोलिता अब सीएक्वारियम में करतब नहीं करती है. वह रिटायर हो चुकी है.
लोलिता को अगले दो साल में प्रशांत महासागर में छोड़ दिया जाएगा. वह अपने प्राकृतिक निवास स्थान यानी समंदर में रहने चली जाएगी. जब लोलिता को पकड़ा गया था तो वह मात्र चार साल की थी. लोगों को उम्मीद है कि वह खुले समंदर में शिकार कर पाएगी.
तस्वीर: Miami Herald/TNS/abaca/picture alliance
लोलिता के दीवाने
सीएक्वारियम में लोलिता को देखने हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं. सालों से लोलिता लोगों का मनोरंजन कर रही थी. मार्च 2022 में लोलिता को रिटायर कर दिया गया था. लोलिता की रिहाई के लिए लंबा संघर्ष चला.
तस्वीर: Wilfredo Lee/AP Photo/picture alliance
आजादी के लिए कागजी कार्यवाही
लोलिता की आजादी उतनी आसान नहीं है. मियामी हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक लोलिता को उसके प्राकृतिक निवास में वापस लाने की योजना को संघीय मंजूरी की जरूरत है. मियामी डेड काउंटी मेयर डानिएला लेविन कावा का कहना है कि लोलिता को आजाद करने के लिए काफी कागजी कार्रवाई की जरूरत है.
लोलिता की मां जिसका नाम ओशियन सन है, आज भी प्रशांत उत्तर पश्चिम में आजाद घूम रही है. उसकी उम्र अनुमानित 90 साल है. यही कारण है कि अधिकार कार्यकर्ताओं की दलील है कि लोलिता भी लंबी आयु तक जिंदा रह सकती है.
लंबा जीवन इन व्हेल प्रजातियों की मादाओं को अपने बच्चों का ध्यान रखने के लिए ज्यादा समय देता है और चूंकि उनका प्रजनन चक्र बंद हो जाता है, इसलिए वे अपनी बेटियों के साथ किसी तरह के मुकाबले में भी नहीं होतीं.
सहायक शोधकर्ता, वॉशिंगटन में सेंटर फॉर व्हेल रिसर्च के निदेशक डैरेन क्रॉफ्ट कहते हैं, "जब एक ही समूह में मां और बेटी दोनों एक वक्त पर प्रजनन करती हैं तो संसाधनों को लेकर विवाद की संभावना रहती है क्योंकि दोनों ही अपने बच्चों को प्राथमिकता देती हैं. ऐसा होना और बढ़ जाएगा अगर मादाएं लंबे समय तक बच्चे जनती रहें. प्रजनन बंद हो जाने से इस विवाद की संभावना कम हो जाती है.”
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बुजुर्ग मादाओं का व्यवहार अलग
अमेरिका के पश्चिमी तट पर रहने वालीं किलर व्हेल्स के अध्ययन में पाया कि मादाएं 40 वर्ष की उम्र में प्रजनन बंद कर देती हैं लेकिन अक्सर 60 या 80 साल से ज्यादा जीती हैं. जबकि नर व्हेल 40 साल से पहले ही मर जाती हैं.
यह अध्ययन दिखाता है कि नानी व्हेल मछली अपनी बेटी और नाती-नातिनों को भोजन और सुरक्षा के रूप में लंबे समय तक सहारा देती हैं.
एलिस बताते हैं, "हमने पाया कि जिन बच्चों के पास प्रजनन चक्र से मुक्त हो चुकी नानी का सहारा होता है, उनके जिंदा रहने की संभावनाएं अन्यों के मुकाबले ज्यादा होती हैं. एक अन्य शोध बताता है कि जब संसाधन कम होते हैं, तब मादाएं ही समूह का नेतृत्व करती हैं, जो दिखाता है कि जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी उन्हें संसाधनों की ओर नेतृत्व की क्षमता देती है.”
3डी जानवरों वाला चिड़ियाघर, जिसमें आप व्हेल से डायनासोर तक के साथ खेल सकते हैं
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में एक नए तरीके का चिड़ियाघर खुला है, जहां लोगों को जानवरों के होलोग्राफिक अवतार दिखाए जाते हैं. यहां आप उन जानवरों से भी मिल सकते हैं, जिनसे असल में कभी नहीं मिल पाएंगे.
तस्वीर: Hologram Zoo
छू भी सकते हैं
भागते हाथियों से बचना हो, दरियाई घोड़े के जबड़े में झांकना हो या जिराफ को थपथपाना हो. ब्रिसबेन के होलोग्राम जू में सब मुमकिन है. कंप्यूटर से बनाए गए ये जानवर एक किस्म का डिजिटल धोखा हैं. ये दिमाग को यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि आप कुछ देख रहे हैं, जबकि असल में वह है ही नहीं.
तस्वीर: Hologram Zoo
मछलियों के साथ छई छपा छई
दिसंबर 2022 में खुला यह होलोग्राम जू अपनी तरह का दुनिया का पहला जू है. होलोग्राम टेक्नॉलॉजी में लेजर की मदद से हवा में जानवर प्रकट किए जाते हैं. यह तकनीक अंदाजा लगाती है कि लोग कहां खड़े हैं. फिर होलोग्राम जानवर लोगों से मिलते-जुलते हैं. जैसे यहां लग रहा है कि यह लड़की कछुए और मछली के साथ तैर रही है.
तस्वीर: Hologram Zoo
खूब सारी हंसी, खूब सारा हल्ला-गुल्ला
इस जू में लोग, डॉल्फिन, गिरगिट और 30 मीटर लंबी व्हेल समेत 50 से ज्यादा होलोग्राफिक जानवर देख सकते हैं. इन्हें देखते हुए लोग कभी जोर से हंसते हैं, तो कभी चीख पड़ते हैं. यह जू बनाने वाले ब्रूस डेल बीबीसी को बताते हैं कि न जाने क्यों, पर जब भी व्हेल लोगों के सामने से गुजरती है, तो सभी शांत हो जाते हैं और उसे निहारते रह जाते हैं.
तस्वीर: Hologram Zoo
लौट आए डायनासोर
एक और जानवर, जो बच्चों से बूढ़ों तक सबको लुभाता है, वह है डायनासोर. इस चिड़ियाघर के मेहमानों के लिए कई प्रजातियों के डायनासोर भी डिजाइन किए गए हैं. डेल ने हाल ही में सिडनी के ऑस्ट्रेलिया म्यूजियम में होलोग्राम से बने डायनासोर की एक प्रदर्शनी भी लगाई थी.
तस्वीर: Hologram Zoo
बस, फोटो न खींचिएगा
इस जू में होलोग्राफिक जानवरों को निहारने के लिए लोगों को खास चश्मे लगाने होते हैं और इन जानवरों की फोटो खींचने की इजाजत नहीं है. इन्हें बनाने वाली कंपनियों ने ये तस्वीरें खास प्रॉसेस की हैं, वरना फोटो खींचने पर होलोग्राम दिखेंगे ही नहीं. इन तस्वीरों में दिख रहा ग्लो भी कंपनी ने अलग से जोड़ा है.
तस्वीर: Hologram Zoo
अनुभव तो शानदार है
जानवरों को देखकर जी भर गया हो, तो लोग होलोग्राफिक गेम्स भी खेल सकते हैं या फिर भ्रम पैदा करने वाला पुल भी पार कर सकते हैं, जो बहुत ऊंचाई पर बना महसूस होता है. साथ ही, इस होलोग्राम तकनीक में सेंसरी टेक्नोलॉजी भी जोड़ी गई है, ताकि लोग फूलों और पेड़ों की महक सूंघ सकें.
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ऐसे ही होंगे भविष्य के चिड़ियाघर?
इस जू के संस्थापक ब्रूस डेल के पास भविष्य के लिए कई बड़ी-बड़ी योजनाएं हैं. इसे बनाने वाली कंपनी एक्सियोम होलोग्राफिक्स ने हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी एयरबस के साथ एक समझौता भी किया है. इसके तहत मालदीव में बिल गेट्स की मिल्कियत वाले होटलों में होलोग्राम अक्वेरियम बनाए जा रहे हैं.
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ये बुजुर्ग मादाएं मछलियां भी पकड़ती हैं और उन्हें आधा काटकर परिवार के अन्य सदस्यों में बांटती हैं. ऐसा व्यवहार युवा मछलियों में बहुत कम देखा जाता है जबकि नर मछलियों में तो लगभग नहीं होता.
शोधकर्ता कहते हैं कि रजोनिवृत्ति इंसानों और व्हेल मछलियों में अलग-अलग विकसित हुई है. इन दोनों का साझा पूर्वज नौ करोड़ साल पहले हुआ था.
क्रॉफ्ट कहते हैं, "जीवन के विकास के लिहाज से देखा जाए तो प्रजनन चक्र बंद हो जाने के बाद के जीवन को समझना मुश्किल है. अधिकतर प्रजातियों में विकास चक्र मादाओं को जीवन के अंत तक प्रजनन का गुण देता है ताकि वे अपने जीन आने वाली पीढ़ियों में पहुंचा सकें. तो इंसानों और दांतों वाली व्हेल मछलियों में रजोनिवृत्ति कैसे विकसित हुई? यह नया विश्लेषण बताता है कि रजोनिवृत्ति का विकास जीवन की अवधि बढ़ने के साथ हुआ है लेकिन प्रजनन की अवधि नहीं बढ़ी."