उत्तर कोरिया फिर क्यों हथियारों का परीक्षण कर रहा है?
३१ मार्च २०२१
लंबे अंतराल के बाद उत्तर कोरिया फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सब्र को परख रहा है और बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है. लेकिन इससे उत्तर कोरिया क्या हासिल करना चाहता है.
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उत्तर कोरिया दुनिया के सबसे अलग थलग देशों में है. वहां से जानकारी बहुत छन छन कर आती है. लेकिन जब बात परमाणु हथियारों और बैलेस्टिक मिसाइलें विकसित करने की हो, तो उसके इरादे बहुत स्पष्ट नजर आते हैं.
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में एशियन इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च के सीनियर फेलो गो म्योंग ह्युन कहते हैं, "उत्तर कोरिया ने अपने भावी परमाणु विकास कार्यक्रम का नक्शा तैयार कर लिया है. वे काफी समय से कह रहे हैं और अपनी परेडों में इसे दिखा भी रहे हैं. पिछली पार्टी कांग्रेस में भी इस पर चर्चा हुई थी."
जनवरी में उत्तर कोरिया की सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की आठवीं कांग्रेस हुई, जिसमें देश भर से आए हजारों प्रतिनिधि राजधानी प्योंगयांग में जुटे. इस आयोजन का समापन एक परेड से हुआ जिसमें आधुनिक मिसाइलों और सैन्य टेक्नोलोजी का प्रदर्शन किया गया. यह परेड अमेरिका और दक्षिण कोरिया के व्यापाक सैन्य अभ्यासों के खिलाफ चेतावनी भी थी.
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से सिंगापुर में मुलाकात की थी. उस वक्त अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यासों को रोकने पर सहमति बनी थी. इसके बदले में किम भी उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइलों या परमाणु परीक्षणों पर रोक के लिए राजी हुए थे.
इसके बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने व्यापक सैन्य अभ्यासों से परहेज किया. लेकिन जब दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने मार्च में 10 दिन का कमांड पोस्ट सिमुलेटिड वॉर गेम अभ्यास किया, तो उत्तर कोरिया इससे भड़क गया. किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने कहा, "वॉर गेम और दुश्मनी संवाद और सहयोग के साथ साथ नहीं चल सकते." उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन के प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि "अगर अमेरिका को अगले चार साल तक चैन की नींद सोनी है तो बदबू फैलाने से बचे."
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किम जोंग उन के पास क्या क्या है
उत्तर कोरिया में जहां आम लोग कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं, वहीं देश के नेता किम जोंग उन के ऐशो आराम में कोई कमी नहीं है. चलिए देखते हैं उनके पास क्या क्या है.
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कुमसुसान पैलेस
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के पूर्वोत्तर छोर पर यह शानदार महल स्थित है, जिसे देश के संस्थापक किम इल सुंग का मकबरा भी कहा जाता है. दुनिया में किसी कम्युनिस्ट नेता को समर्पित यह सबसे बड़ा महल है. महल की उत्तरी और पूर्वी दिशाओं की तरफ एक गहरी खायी बनी है.
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होटल रयुगयोंग
रयुगयोंग दुनिया के सबसे बड़े होटलों में से एक है जिसमें 105 मंजिलें हैं. पिरामिड के आकार वाले इस होटल का निर्माण 1987 में शुरू हुआ था. उस वक्त देश पर किम इल सुंग का राज था जो मौजूदा नेता किम इल सुंग के दादा थे. हालांकि यह होटल अब तक अधूरा है.
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आसमानी ताकत
उत्तर कोरिया के पास अलग अलग तरह के लगभग 1000 विमान हैं जिनमें से ज्यादातर सोवियत संघ या चीन में बने हैं. इनमें हमलावर हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और ड्रोन भी शामिल हैं. किम जोंग उन के पास एसएएम और ट्रिपल ए सिस्टम जैसे कई एयर डिफेंस सिस्टम भी हैं.
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स्की रिजॉर्ट
किम जोंग उन के आदेश पर समुद्र तल से 1,360 मीटर की ऊंचाई पर मासिक नाम की जगह पर एक स्की रिजॉर्ट बनवाया गया है. यहां हजारों तादाद में सैलानी आते हैं. जाहिर है उन सभी पर उत्तर कोरिया की सेना सख्त निगरानी रखती है. यहां सैलानियों के लिए 120 कमरों वाला एक होटल है.
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खुफिया मोबाइल नेटवर्क
बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में एक खुफिया मोबाइल नेटवर्क है जो सिर्फ किम जोंग उन और उनके करीबी लोगों के लिए ही है. उत्तर कोरिया के कोरियोलिंक नेटवर्क के टेक्नीकल डायरेक्टर रहे अहमद अल-नोआमेनी के मुताबिक आम लोग इस नेटवर्क को इस्तेमाल नहीं कर सकते.
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प्राइवेट द्वीप
देश के तटीय इलाके में एक गोपनीय द्वीप है. किम जोंग उन के मेहमान बन कर उत्तर कोरिया गये कई अमेरिका सेलिब्रिटीज को इसी द्वीप पर रखा गया था. बताया जाता है कि यहां पर मौज मस्ती का सब इंतजाम है और किम जोंग उन के लिए एक खास हेलीकॉप्टर फील्ड भी है.
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गोल्फ कोर्स
जोंग उन के उत्तर कोरिया में कुछ बेहतरीन गोल्फ कोर्स हैं. सरकारी कर्मचारी इन्हें हमेशा चकाचक रखते हैं. गोल्फ के अलावा उत्तर कोरिया में फुटबॉल, बास्केटबॉल, आइस हॉकी और कुश्ती लोकप्रिय खेल हैं. ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया ने 16 स्वर्ण, 16 रजत और 24 कांस्य पदकों को मिलाकर कुल 56 मेडल जीते हैं.
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सैन्य पोत
उत्तर कोरिया के नौसैनिक बेड़े में कई युद्धपोत, गश्ती नौकाएं और बड़े सैन्य शिप शामिल हैं. अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना उत्तर कोरिया की अहम प्राथमिकताओं में शामिल है. परमाणु हथियारों की तरफ बढ़ते उसके कदम अमेरिका समेत पूरी दुनिया के लिए चुनौती हैं.
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लग्जरी कारें
बताया जाता है कि 2014 में किम जोंग उन ने जमकर खरीददारी की. लगभग 1.6 करोड़ डॉलर तो उन्होंने कारें खरीदने पर ही खर्च किये. इन कारों में मर्सडीज बेंज लिमोजीन और लग्जरी स्पोर्ट्स कारें शामिल थीं. यह सभी कारें उत्तर कोरिया पर लगाये संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में शामिल हैं.
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पियानो के शौकीन
बताया जाता है कि किम जोंग उन के पास 20 से ज्यादा पियानो हैं जो उनके "साम्राज्य" में फैले अलग अलग घरों में रखे हैं. अफवाहें तो यहां हैं कि वह रोज पियानो बजाते हैं और अगर कोई गलती हो जाये तो दोष पियानो का है, किम का नहीं. (तस्वीर सांकेतिक है)
तस्वीर: AP
पनडुब्बियां
किम जोंग उन के पास सोवियत जमाने की कुछ पुरानी पनडुब्बियां हैं. सोवियत विस्की पनडुब्बियों के अलावा उत्तर कोरिया के पास दर्जनों चीनी रोमियो पनडुब्बियां भी हैं. कुछ पनडुब्बियां उत्तर कोरिया की सेना ने खुद भी तैयार की हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Sinmun
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जो बाइडेन का इम्तिहान
उत्तर कोरिया ने 21 मार्च को दो क्रूज मिसाइलें दागीं. इसके दो दिन बाद उसने छोटी दूरी की दो बैलेस्टिक मिसाइलें टेस्ट कीं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन करती हैं. बहुत से कोरियाई पर्यवेक्षक मानते हैं कि उत्तर कोरिया अमेरिका में जो बाइडेन के नए प्रशासन को संदेश देना चाहता है. हालांकि बाइडेन प्रशासन ने इन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी और कहा कि "इसमें कुछ भी नया नहीं है".
गो का कहना है, "जब अमेरिका ने क्रूज मिसाइल दागे जाने को अहमियत नहीं दी तो उत्तर कोरिया ने महसूस किया कि उसे खुराक बढ़ानी होगी. उत्तर कोरिया का यही तरीका है कि वह शुरुआत छोटी करता है और फिर तनाव को बढ़ाता चला जाता है.. और फिर एकदम झटका देता है."
हाल में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से उत्तर कोरिया को लेकर उनके रुख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अगर वे तनाव को बढ़ाने का फैसला करते हैं तो हम उसी तरह से उन्हें जवाब देंगे. लेकिन मैं कुछ हद तक कूटनीति के लिए भी तैयार हूं, लेकिन इसके लिए शर्त अंततः परमाणु निरस्त्रीकरण होगी."
जर्मनी का एनजीओ फ्रीडरिष नॉयमन फाउंडेशन 18 साल से उत्तर कोरिया में काम कर रहा है. इसके कोरियाई ऑफिस के प्रमुख क्रिस्टियान टाक्स कहते हैं कि हालिया हथियार परीक्षणों का उद्देश्य स्पष्ट रूप से बाइडेन प्रशासन को संदेश देना था. वह कहते हैं कि उत्तर कोरिया ने ठीक उस समय परीक्षण किए जब बाइडेन प्रेस कांफ्रेस कर रहे थे. बाइडेन प्रशासन की तरफ से बातचीत के संकेतों का भी उत्तर कोरिया ने कोई जवाब नहीं दिया.
उत्तर कोरिया की क्षमताएं
उत्तर कोरिया अपने हथियारों की क्षमता को परखने के लिए भी मिसाइल टेस्ट करता है, जिसमें अधिकारियों के मुताबिक "नई तरह की" मिसाइलें भी शामिल हैं. टाक्स कहते हैं, "हमने हाल की परेडों में नई तरह की हथियार टेक्नोलोजी देखी है, जबकि पिछले साल टेस्ट बहुत कम हुए. मुझे लगता है कि वे बातचीत की मेज पर जाने से पहले कुछ टेस्ट पूरे कर लेना चाहते हैं."
उत्तर कोरिया ने पहले भी ऐसे परीक्षण किए हैं, हालांकि उस बात को 11 महीने हो जुके हैं जब उसने पिछली बार छोटी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलों को टेस्ट किया था. लेकिन चीजें उस वक्त और जटिल हो जाती हैं जब ऐसी खुफिया रिपोर्टें मिलती हैं कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों का जखीरा भी बढ़ा रहा है. उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि वह कभी परमाणु हथियार बनाने का अपना कार्यक्रम नहीं छोड़ेगा, कम से कम अमेरिका को संतुष्ट करने के लिए तो बिल्कुल नहीं.
उधर अमेरिका में आने वाले नए राष्ट्रपति से हमेशा कोई ना कोई समझौते करने की उम्मीद लगाई जाती है. अगर कोई समझौता होता है तो उत्तर कोरिया को उसका बहुत फायदा होगा. उस पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है. गो भी मानते हैं कि हथियारों में कटौती की डील संभव है, लेकिन वह यह भी कहते हैं, "उत्तर कोरिया का परमाणु निरस्त्रीकरण जल्द संभव नहीं दिखता है, कम से कम एक अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल में तो बिल्कुल नहीं. इसमें बहुत समय लगेगा."
रिपोर्ट: फ्रांक स्मिथ (स्योल)
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उत्तर कोरिया की अजीब जिंदगी
आपका कैसा हेयर स्टाइल हो, आप क्या पहनें और आप अपना जन्मदिन कब मनाएं, ऐसे नियमों को आप अजीब कहेंगे या नहीं? दुनिया से अलग थलग देश उत्तर कोरिया के अजीब नियमों बारे में जानिए और बताइए.
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राष्ट्रीय विचारधारा
उत्तर कोरिया अब साम्यवादी राष्ट्र नहीं है. 2009 से इस देश ने नई विचारधारा को अपनाया हुआ है जिसे यहां "जूचे" कहते हैं. इस विचारधारा का प्रस्ताव सबसे पहले किम इल सुंग ने 1955 ने दिया था जिसके अनुसार, "इंसान हर चीज का मालिक है और सब कुछ तय करता है."
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तारीखें
उत्तर कोरिया जूचे कैलेंडर पर चलता है जिसे 1997 में लागू किया गया. यह किम इल सुंग की जन्मतिथि 15 अप्रैल 1912 पर आधारित है. 1912 को पहला जूचे वर्ष माना जाता है. कैलेंडर के महीने पारंपरिक ग्रेगोरियन कैलेंडर जैसे हैं.
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उत्तर कोरिया का स्वर्ग
उत्तर कोरिया एक रूढ़िवादी देश के रूप में मशहूर है. यहां के लोग तानाशाह शासक के अधीन गरीबी और बेबसी के शिकार हैं. हालांकि मैरिजुआना के लती लोगों के लिए यह देश स्वर्ग है. यह कानूनी है और इसे ड्रग्स की श्रेणी में भी नहीं रखा गया है.
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स्टेडियम
मई 1989 को बनकर तैयार हुआ उत्तर कोरिया का रुंगराडो मे डे स्टेडियम देश का गौरव है. यहां डेढ़ लाख लोग समा सकते हैं. स्टेडियम में फुटबॉल और एथलेटिक्स जैसे खेलों के अलावा सामूहिक जिम्नास्टिक्स और कई कलात्मक उत्सवों का आयोजन होता है. यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
बालों का स्टाइल
सत्ता में आने के एक साल बाद उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बालों के स्टाइल के बारे में एक नया कानून लागू किया. पुरुषों के पास केवल 10 विकल्प हैं और महिलाओं के पास 18.
तस्वीर: picture alliance/AP Images
जन्मदिन मना रहे हो?
उत्तर कोरिया में 8 जुलाई और 17 दिसंबर को पैदा होने वालों को इन तारीखों में अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति नहीं है. कारण यह कि ये दो तारीखें उनके पूर्व शासकों किम इल सुंग और किम जोंग इल की पुण्यतिथियां हैं.
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जीन्स ना पहनें
उत्तर कोरिया अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. उत्तर कोरियाई शासन ने अपने नागरिकों के जीन्स पहनने पर पाबंदी लगा रखी है. इसे अमेरिकी पहनावे के प्रतीक के रूप में देखा जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/chromorange
सबसे ताकतवर
उत्तर कोरिया में सबसे ताकतवर शख्स यानि किम जोंग उन. वह देश के सबसे युवा तानाशाह शासक हैं जिन्हें अत्यंत क्रूर माना जाता है. हालांकि वे अपने हेयरस्टाइल के लिए खासे मशहूर हैं. लेकिन उनके जैसा हेयरस्टाइल बनवाने की किसी और को अनुमति नहीं.