भारतीय फिल्मों को इतना क्यों पसंद करते हैं पाकिस्तानी?
२९ दिसम्बर २०२३
पाकिस्तान में भारतीय फिल्में, खासकर बॉलीवुड की हिंदी फिल्में बहुत पसंद की जाती हैं. दोनों देशों के बीच राजनीतिक विवादों के बावजूद ऐसा क्या है जो वहां के लोगों को हिंदी फिल्मों की ओर खींचता है?
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पाकिस्तान में जब भी कोई भारतीय फिल्म रिलीज होती है तो उसे वहां के सेंसर बोर्ड के सख्त मानकों पर आंका जाता है. सेंसर बोर्ड इस बात पर सख्त निगाह रखता है कि कोई ऐसी फिल्म पाकिस्तान में रिलीज ना हो, जो वहां के सांस्कृतिक या राजनीतिक मानकों पर उचित ना हो.
2019 के बाद से बॉलीवुड की कोई फिल्म पाकिस्तान में रिलीज नहीं हुई है. इस साल जनवरी में जब शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान‘ को कराची के धनी इलाके डीएचए में सार्वजनिक रूप से दिखाया गया तो सेंसर बोर्ड ने उसकी स्क्रीनिंग रोक दी थी.
2023 में भारत की उपलब्धियां
साल 2023 गुजरने वाला है और कुछ दिनों बाद नया साल दस्तक दे देगा. जानिए, साल 2023 भारत के लिए क्या खास लेकर आया.
तस्वीर: Kevin Winter/Getty Images
जी-20
जी-20 की अध्यक्षता कर भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज दुनिया तक पहुंचाई. दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के दिग्गज नेता शामिल हुए. भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ जी-20 का सदस्य बना. भारत के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकों का आयोजन हुआ.
तस्वीर: AFP
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ
जनवरी 2023 में पहली बार भारत में वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का आयोजन हुआ. 125 देश एकसाथ इस मंच पर जुटे.
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मोटे अनाज को मिली वैश्विक पहचान
भारत के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया. मोटे अनाज मुख्य रूप से एशिया और अफ्रीका में उगाए जाते हैं और भारत इनका सबसे बड़ा उत्पादक है.
तस्वीर: DW
देश को मिली नई संसद
28 मई को देश के नाम संसद की नई इमारत समर्पित हुई. नए संसद भवन के निर्माण के लिए देश भर से निर्माण सामग्रियां लाईं गईं.
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भारत मंडपम
26 जुलाई 2023 को दिल्ली के प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम का उद्घाटन हुआ. भारत मंडपम देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है. इसे खासकर जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए तैयार किया गया था.
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रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम
इसी साल 20 अक्टूबर को देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का शुभारंभ हुआ. प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राइमरी सेक्शन का उद्घाटन किया था. आरआरटीएस पर चलने वाली रैपिड रेल का नाम नमो भारत रखा गया है.
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चंद्रयान-3
अगस्त 23, 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराकर इतिहास रच दिया. इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया.
तस्वीर: Amit Dave/REUTERS
सौर मिशन आदित्य एल-1
2 सितंबर को देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल-1 का सफल प्रक्षेपण किया गया. आदित्य एल-1 सूर्य का निरीक्षण करेगा. इस मिशन का लक्ष्य सूर्य के बाहरी हिस्से को समझना है.
तस्वीर: AP
नारी शक्ति वंदन
लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाला विधेयक इस साल लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ. आरक्षण कानून बनने के 15 वर्षों तक लागू रहेगा और संसद इसे आगे बढ़ा सकती है. हालांकि परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण लागू हो पाएगा.
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सेंसेक्स 71 हजार के पार
इस साल भारत का शेयर बाजार पहली बार चार ट्रिलियन डॉलर के बाजार मूल्य को पार कर गया, जो दुनिया के पांचवें सबसे बड़े इक्विटी बाजार के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है. सेंसेक्स ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए पहली बार 71 हजार का आंकड़ा पार किया.
तस्वीर: AP
एशियाई खेलों में भारत का डंका
भारत ने चीन के हांगझू में आयोजित एशियन गेम्स में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए कुल 107 पदक (28 स्वर्ण, 38 रजत, 41 कांस्य पदक) जीते.
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भारत की झोली में दो ऑस्कर
ऑस्कर अवॉर्ड्स 2023 में भारत की ओर से तीन फिल्में नॉमिनेटेड थीं. आरआरआर फिल्म का गीत नाटू-नाटू ने बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता और "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शार्ट फिल्म के पुरस्कार से नवाजा गया. ऑस्कर पुरस्कारों के 94 साल के इतिहास में भारत को चौथी बार ऑस्कर हासिल हुआ.
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भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कभी दोस्ताना नहीं रहे हैं. रिश्तों में इस तनाव का असर फिल्मों पर सबसे पहले होता है. फिर भी पाकिस्तान के फिल्म दर्शक बॉलीवुड और उसके सितारों के बड़े फैन हैं. शाहरूख खान वहां भी उतने ही बड़े स्टार हैं, जितने भारत में हैं. उनके अलावा आमिर खान, दीपिका पादुकोण और रणवीर कपूर को भी पाकिस्तान में खूब पसंद किया जाता है.
पिछले कुछ सालों में दक्षिण भारतीय फिल्मों को भी पाकिस्तान में खूब पसंद किया गया है. लेकिन उर्दू से समानता के कारण हिंदी फिल्मों की लोकप्रियता का अब भी कोई जवाब नहीं है.
क्यों लोकप्रिय है बॉलीवुड?
इन दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों भारत और पाकिस्तान के लोग अक्सर एक-दूसरे से कहते मिल जाएंगे कि दोनों तरफ के लोग एक जैसे हैं. दोनों की भाषा, संस्कृति और रहन-सहन में बहुत अधिक समानताएं हैं. खासकर सिनेमा और संगीत तो करीब-करीब एक ही जैसा है.
पाकिस्तान एक्टर मोहिब मिर्जा कहते हैं, "पिछले दिनों एक टीवी होस्ट इसी विषय पर बात कर रहा था. उसका कहना था 1947 में बंटवारे से पहले दोनों इलाकों में एक ही जैसी फिल्में बन रही थीं. हमारे हीरो भी पहाड़ों में गीत गाते थे और पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचते थे. लेकिन इसका असर क्या होता है, यह एक अलग सवाल है. बॉलीवुड असल में मौलिक नहीं है. उस पर दूसरे देशों का बहुत प्रभाव है.”
डॉयचे वेले से बातचीत में मिर्जा कहते हैं कि पाकिस्तान में लोगों को बॉलीवुड फिल्में इसलिए इतनी पसंद हैं क्योंकि उनकी मार्किटिंग बहुत जबरदस्त होती है. वह कहते हैं, "कुछ भी हो जाए, भारत में क्या हो रहा है ये खबर हमें मिल ही जाती है.”
लेकिन पत्रकार गाजी सलाहुद्दीन मिर्जा इससे इत्तिफाक नहीं रखते. वह कहते हैं, "पाकिस्तान में बॉलीवुड का इतना असर उसकी क्वॉलिटी के कारण है. उनकी फिल्में हम क्वॉलिटी और कंटेंट के कारण देखते हैं, जो हमारे यहां उतना अच्छा नहीं है. उन्होंने तकनीक में बहुत सुधार किया है. उनके पास बहुत बड़ा इंटरनेशनल मार्किट है इसलिए वे एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं और पैसा खर्च कर सकते हैं. भारत की आर्थिक सफलता की भी इसमें बड़ी भूमिका है.”
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सब तो एक जैसा है
इसी महीने अपनी पहली फिल्म ‘गुंजल' रिलीज करने वाले फिल्मकार शोएब सुल्तान कहते हैं कि दोनों फिल्मों में बहुत समानताएं हैं. बॉलीवुड के बारे में वह कहते हैं, "यह एक विशाल उद्योग है. हमारे दर्शक उन फिल्मों को देखते हैं क्योंकि वे मनोरंजक होती हैं और सपने दिखाए जाते हैं.”
पाकिस्तान की अपनी एक बड़ी फिल्म इंडस्ट्री नहीं है. पैसा कमाने के लिए वहां के डिस्ट्रीब्यूटर और सिनेमा मालिक हॉलीवुड फिल्मों पर निर्भर रहते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि पाकिस्तानी फिल्में बहुत कम बनती हैं.
2023 विकीपीडिया पर क्या खोजा गया
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध और विभिन्न विषयों पर जानकारी देने वाली वेबसाइट विकीपीडिया ने 2023 में सबसे ज्यादा पढ़े गए अपने लेखों की सूची जारी की है. देखिए, इस साल लोगों ने विकीपीडिया पर क्या देखाः
तस्वीर: Johny Hoque
सबसे ऊपर चैटजीपीटी
इस साल विकीपीडिया पर चैटजीपीटी के पेज को लगभग साढ़े चार करोड़ (449,490,406) पेजव्यूज मिले.
तस्वीर: Jaap Arriens/NurPhoto/picture alliance
2023 में मौतें
दूसरे नंबर पर रहा 2023 में मौतें (Deaths in 2023), जिसे लगभग 4.3 करोड़ (42,666,860) बार देखा गया.
तस्वीर: Ahmad Hasaballah/Getty Images
क्रिकेट वर्ल्ड कप
तीसरे नंबर और छठे नंबर पर 2023 क्रिकेट वर्ल्ड कप का पेज रहा, जिसे लगभग 3.9 करोड़ (38,171,653) बार देखा गया. ‘क्रिकेट वर्ल्ड कप’ का पेज 2.59 करोड़ बार देखा गया.
तस्वीर: SAJJAD HUSSAIN/AFP
आईपीएल
इंडियन प्रीमियर लीग भी टॉप 10 में दो बार शामिल है. इंडियन प्रीमियर लीग के पेज को 3.2 करोड़ पेज व्यूज मिले और यह चौथे नंबर पर रहा. 2023 इंडियन प्रीमियर लीग को 2.06 करोड़ बार देखा गया और यह नौवें नंबर पर रहा.
तस्वीर: SAJJAD HUSSAIN/AFP/Getty Images
ओपेनहाइमर
इस साल आई फिल्म ओपेनहाइमर भी विकीपीडिया पर खूब चर्चित रही. उससे जुड़े पेज पांचवें और सातवें नंबर पर रहे. फिल्म ओपेनहाइमर को 2.83 करोड़ पेज व्यूज मिले, जबकि जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर को लगभग 2.57 करोड़ पेजव्यूज मिले.
तस्वीर: Melinda Sue Gordon/Universal Pictures /AP/picture alliance
जवान और पठान
हिंदी फिल्म जवान का पेज 2.17 करोड़ पेज व्यूज के साथ आठवें नंबर पर रहा, जबकि पठान का पेज 1.93 करोड़ पेजव्यूज के साथ 10 वें नंबर पर रहा.
तस्वीर: Anonno Mamun
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फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर नदीम मांडवीवाला कहते हैं, "जब तक हम फिल्में बनाना शुरू नहीं करते, लोग बॉलीवुड फिल्में देखते रहेंगे. दुनिया में यही दोनों देश ऐसे हैं जहां एक जैसी फिल्में बनती हैं. गाने, संगीत, कहानियां, पहनावा, भाषा सब कुछ एक जैसा है. वे इसे हिंदी कहते हैं, हम उर्दू कहते हैं. उनकी हिंदी में 80 फीसदी उर्दू अल्फाज होते हैं.”
पर बात सिर्फ मनोरंजन की नहीं है. मांडवीवाला इस बात की ओर ध्यान दिलाते हैं कि पाकिस्तान में हिंदी फिल्मों की अहमियत उससे कहीं ज्यादा है. वह कहते हैं, "हमारे लोग इंडिया के बारे में उनकी फिल्मों की वजह से ही इतना जानते हैं. पिछले 40 साल से पाकिस्तानी पब्लिक इंडियन कंटेंट देख रही है.”
2019 में जब पाकिस्तान ने भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया तो वहां के फिल्म उद्योग को खासी परेशानी हुई है. मांडवीवाला इसे अच्छा नहीं मानते. वह कहते हैं, "हम सरकार से कहते हैं कि दो ही विकल्प हैं. या भारतीय फिल्मों को इजाजत दें या फिर हर साल 100-150 फिल्में बनाएं, ताकि पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री जिंदा रहे.”