क्या इंसान आदतों का गुलाम है
२६ मार्च २०१८![Projekt Zukunft vom 25.03.2018 - Pzud Machtn](https://static.dw.com/image/43079259_800.webp)
Why we are creatures of habit
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जाहिर है हर जर्मन व्यक्ति एक सा नहीं होगा, ना ही उसके शौक एक से होंगे. लेकिन जर्मनी में ये 10 तरह के शौक रखने वाले आपको कई लोग मिल जाएंगे. देखिए.
जर्मन लोगों के टॉप 10 शौक
जाहिर है हर जर्मन व्यक्ति एक सा नहीं होगा, ना ही उसके शौक एक से होंगे. लेकिन जर्मनी में ये 10 तरह के शौक रखने वाले आपको कई लोग मिल जाएंगे. देखिए.
बीयर
केवल चेक गणराज्य के लोग ही औसतन जर्मन लोगों से अधिक बीयर पीते हैं. ऐसा भी नहीं कि सभी जर्मनों को बीयर पसंद है लेकिन इसकी सामाजिक रूप से काफी स्वीकृति है.
कागज पत्र
फाइलों के ऐसे 'बाइंडर' का ईजाद भी जर्मनी में ही हुआ था. इससे भी समझा जा सकता है कि जर्मन लोग अपना बही खाता नियमित रूप से सहेज कर रखने के कितने शौकीन होते हैं और उनकी जरूरत भी पड़ती है.
मोल-तोल
जिन लोगों को हमेशा बेस्ट डील की तलाश रहती है, उनके लिए जर्मन भाषा में खास शब्द है "श्नेप्शेनयेगर." कई जर्मन लोग हमेशा छूट वाली चीजें ही खोजते हैं. और पैसे बचाने वाले उपायों को पॉप कल्चर में कूल और सेक्सी माना जाता है.
यात्रा
दुनिया में कहीं भी जाएं आपकी किसी जर्मन पर्यटक से मुलाकात हो ही जाएगी. ज्यादतर लोगों को यात्राएं करना पसंद है, जो उन्हें दुनिया भर में ले जाती है. कुछ पुराने पसंदीदा ठिकाने भी हैं, जहां सभी जर्मन जाते हैं. जैसे स्पेन का मायोर्का द्वीप.
गार्डेन कॉलोनी
शहरों में रहने वाले जर्मन भी थोड़े बाहर के इलाके में अपनी बागवानी का शौक पूरा करने के लिए बागीचे की जगह रखते हैं. देश में ऐसे करीब 14 लाख "श्रेबरगेर्टेन" हैं, जो असल में एक छोटे से कमरे के साथ बने छोटे प्लॉट हैं.
एफकेके
जर्मनी से ही न्यूडिस्ट मूवमेंट शुरू हुआ. 19वीं सदी के अंत तक आते आते "फ्रायकॉर्परकुल्टुअर" या एफकेके के कई क्लब बन चुके थे. पूर्वी जर्मनी में अधिक लोकप्रिय हुआ यह फ्री बॉडी कल्चर आज भी कई जगहों पर है.
सड़क के नियम
भले ही सड़क पर कोई गाड़ी ना आती दिख रही हो, फिर भी लाल बत्ती पर सड़क पार करना किसी जर्मन के लिए आम बात नहीं. जर्मनी में आमतौर पर लोग सड़क नियमों का काफी पालन करते हैं. अगर कोई ऐसा करे तो कई बार दूसरे उन्हें टोक देते हैं.
श्टामटिश का चलन
पहले जर्मनी में किसी पब में नियमित रूप से जाने वाले लोगों के लिए एक टेबल रिजर्व रहती थी, जो श्टामटिश कहलाती थी. यहां बैठकर लोग खेल से लेकर राजनीति तक की हल्की फुल्की बातें करते. आजकल भी कई तरह की दिलचस्पी वाले समूहों के नियमित रूप से मिलने का चलन है. उसे भी श्टामटिश कहते हैं.
आपराधिक शो
रविवार की शाम को टीवी पर दिखाया जाना वाले आपराधिक वारदातों पर आधारित शो टाटऑर्ट बहुत लोकप्रिय है. करीब एक करोड़ जर्मन इस समय टीवी स्क्रीन के सामने होते हैं. यह शो सन 1970 से ही चला आ रहा है. आजकल लोग शो देखते देखते कहानी के बारे में ट्वीट्स भी करते हैं.
रोजाना केक
किसी के जन्मदिन या वर्षगांठ के लिए नहीं बल्कि हर शाम ही जर्मनी में "काफे उंड कूखन" का वक्त होता है. शाम को कॉफी के साथ केक का आनंद लेना जर्मन खानपान की खासियत है. रविवार को तो खासकर बहुत से लोग परंपरा की तरह केक खाते हैं. (एलिजाबेथ ग्रेनियर/आरपी)