जंगलों की आग ने कई देशों से ज्यादा किया कार्बन उत्सर्जन
२९ अगस्त २०२४
पिछले साल कनाडा के जंगलों में लगी आग से उतना ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन हुआ जितना कुछ बड़े उत्सर्जक देशों में भी नहीं होता. एक अध्ययन ने राष्ट्रीय उत्सर्जन बजट पर सवाल उठाया है.
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पिछले साल की जंगल की आग से कनाडा में 647 मेगाटन कार्बन उत्सर्जन हुआ, जो 2022 में जर्मनी, जापान और रूस जैसे सात बड़े उत्सर्जक देशों से अधिक था. यह अध्ययन 'नेचर' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
सिर्फ चीन, भारत और अमेरिका ने उस अवधि में इससे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन किया. इसका मतलब है कि अगर कनाडा की जंगल की आग को देशों के साथ रैंक किया जाए, तो यह चौथे सबसे बड़े उत्सर्जक के रूप में सामने आएगी.
जंगलों पर निर्भरता मुश्किल
पिछले दशक में कनाडा के जंगलों में आग से उत्सर्जन आम तौर पर 29 से 121 मेगाटन के बीच रहा है. लेकिन जीवाश्म ईंधन जलाने से होने वाले जलवायु परिवर्तन के कारण सूखे और गर्म हालात बन रहे हैं, जिससे अत्यधिक आग लग रही है. 2023 की आग ने कनाडा में 1.5 करोड़ हेक्टेयर (3.7 करोड़ एकड़) जंगल जला दिए, जो इसके कुल जंगलों का लगभग 4 प्रतिशत है.
कनाडा के जंगलों में नहीं बुझ रही बेकाबू आग
कनाडा के जंगलों में भयंकर आग लगी है. इसे बुझाना बहुत चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है. दर्जनों दमकल कर्मी और वॉटर बॉम्बर आग बुझाने में जुटे हैं. प्रांत के प्रीमियर टिम ह्यूस्टन ने इसे अभूतपूर्व बताया है.
तस्वीर: Kamloops Fire Rescue/Handout/REUTERS
घर छोड़कर भाग रहे हैं लोग
प्रीमियर टिम ह्यूस्टन ने आग बुझाने के लिए सेना और तटरक्षकों की मदद मांगी है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जंगल में लगी आग को दिल तोड़ने वाला बताते हुए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि लोगों को घर छोड़कर भागते देखना काफी दुखद है.
तस्वीर: Alex Desjaralais/REUTERS
और भड़क सकती है आग
31 मई को नोव स्कोशा में 14 जगहों पर जंगलों में आग लगी थी. इनमें से तीन को बेकाबू की श्रेणी में रखा गया है. अब तक 200 घरों और इमारतों को नुकसान पहुंचा है. अधिकारियों का कहना है कि पूरी कोशिश के बाद भी अभी आग के और भड़कने का अंदेशा है.
तस्वीर: Instagram@alka.films/REUTERS
आग जलाने पर लगेगा भारी जुर्माना
वाइल्डफायर की गंभीरता के मद्देनजर पूरे प्रांत में कुछ जलाने, जैसे कैंपफायर वगैरह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसका उल्लंघन करने पर 18 हजार डॉलर से ज्यादा का जुर्माना लग सकता है. गर्मियों में जंगल शुष्क हो जाते हैं. ऐसे में आग लगने और बड़े इलाके में फैलने का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है.
तस्वीर: B.C. Wildfire Service/Handout/REUTERS
बढ़ते तापमान से चुनौतियां बढ़ीं
प्रीमियर टिम ह्यूस्टन ने लोगों से अपील करते हुए कहा, "जलाना बंद कीजिए. सिगरेट के बचे हिस्से को कार की खिड़की से बाहर फेंकना बंद कीजिए. अभी प्रांत में जो हो रहा है वो दिमाग झन्ना देने वाला है." इस हफ्ते नोव स्कोशा में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है. ऐसे में दमकल कर्मियों के लिए स्थितियां और थकाने वाली होंगी.
तस्वीर: B.C. Wildfire Service/Handout/REUTERS
जलवायु परिवर्तन के असर से जूझ रहा है कनाडा
हालिया सालों में पश्चिमी कनाडा में जलवायु परिवर्तन के कारण बार-बार मौसम का चरम मिजाज देखने को मिल रहा है. रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के कारण 2021 में यहां 500 से ज्यादा जानें गईं. पहले भी भीषण वाइल्डफायर से समूचे शहर तबाह हो चुके हैं. मई की शुरुआत में एल्बर्टा के जंगलों में लगी आग से करीब 10 लाख हेक्टेयर जंगल और घास के मैदान जल गए.
तस्वीर: Darren Calabrese/The Canadian Press/ZUMA/picture alliance
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यह निष्कर्ष इस चिंता को और बढ़ाते हैं कि दुनिया के जंगलों पर औद्योगिक उत्सर्जन के लिए लंबे समय तक कार्बन संग्रह के रूप में निर्भर रहना कितना खतरनाक हो सकता है, जबकि वे खुद आग पकड़कर समस्या को और बढ़ा सकते हैं.
नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के पर्यावरण वैज्ञानिक और अध्ययन के लेखक ब्रेंडन बायर्न ने कहा, "अगर हमारा लक्ष्य वास्तव में वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को सीमित करना है, तो हमें इस सोच में बदलाव करना होगा कि जंगल कितनी कार्बन सोख रहे हैं, इस आधार पर हमारी अर्थव्यवस्था के जरिए कितना कार्बन उत्सर्जन किया जा सकता है."
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उत्सर्जन में जंगलों की भूमिका
अध्ययन में कहा गया कि 2023 में कनाडा में देखा गया असामान्य रूप से गर्म तापमान 2050 के दशक तक आम बात हो जाएगा. इससे कनाडा के 34.7 करोड़ हेक्टेयर जंगलों में गंभीर आग लगने की संभावना बढ़ जाएगी, जिन पर कार्बन संग्रहण के लिए निर्भर किया जाता है.
2023: इतिहास का सबसे गर्म साल
बीता साल इतिहास का सबसे गर्म साल दर्ज हुआ है. जापान से लेकर अमेरिका तक दुनिया में कई जगह पिछले साल तापमान के रिकॉर्ड टूटे.
तस्वीर: Chad Hipolito/REUTERS
सबसे गर्म साल
2023 को बीते एक लाख साल में सबसे गर्म साल आंका गया है. इस साल औसत तापमान में भी सबसे ज्यादा वृद्धि हुई. सितंबर को अब तक का सबसे गर्म सितंबर होने का तमगा मिला.
तस्वीर: Javier Torres/AFP
कनाडा में बरसी आग
कनाडा में जुलाई में जंगलों की आग ने कोहराम मचाया. जुलाई देश का अब तक का सबसे गर्म महीना साबित हुआ.
तस्वीर: Chad Hipolito/REUTERS
अमेरिका में लगातार गर्मी
अमेरिका के फीनिक्स में 2023 में लगातार 31 दिन तक तापमान 43 डिग्री से ऊपर रहा. जून से सितंबर के बीच वहां 55 दिन ऐसे बीते जब तापमान 43 डिग्री से ऊपर था.
तस्वीर: Carlos Barria/REUTERS
दक्षिण अमेरिका में सर्दी में गर्मी
दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में इस साल सर्दियों के बीच में हीट वेव चली. चिली और उसके आसपास के इलाकों में जुलाई और अगस्त में तो तापमान औसत से 6 डिग्री ऊपर चला गया था.
तस्वीर: Javier Torres/AFP
यूरोप में गर्मी की लहरें
2023 में यूरोप में एक के बाद एक हीट वेव दर्ज हुईं. स्विट्जरलैंड से लेकर क्रोएशिया तक और भूमध्यसागरीय इलाकों में लगभग सभी देशों में गर्मी के चार महीने बहुत मुश्किल गुजरे और जगह-जगह जंगलों में आग लगती रही.
तस्वीर: FABRICE COFFRINI/AFP
चीन में गर्मी और बारिश का कहर
चीन के रेगिस्तानी इलाकों ने इस साल भीषण गर्मी झेली. दक्षिण-पश्चिमी तुरपान में तापमान 49 डिग्री को पार कर गया. कई इलाकों में इतनी बारिश हुई कि लगातार बाढ़ के हालात रहे.
तस्वीर: TINGSHU WANG/REUTERS
जापान का सबसे गर्म साल
जापान में इस साल अब तक की सबसे भीषण गर्मी पड़ी. राजधानी टोक्यो जैसे बड़े शहरों में रातों का तापमान अचानक बढ़कर उन्हें भट्ठी में तब्दील करता रहा.
तस्वीर: Philip FONG/AFP
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कनाडा ने वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का जो बजट बनाया है, उसमें जंगल की आग और उनसे निकलने वाले कार्बन का हिसाब नहीं है. देश की 2021 की राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान रणनीति के अनुसार, औद्योगिक गतिविधियों जैसे मानव स्रोतों से होने वाले उत्सर्जन को गिना जाता है, लेकिन जंगलों में कीट प्रकोप या जंगल की आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नहीं.
बायर्न ने कहा, "वातावरण इस कार्बन के बढ़ने को देखता है, चाहे हम अपनी गणना किसी भी हिसाब से करें."
दोबारा जंगल उगने में देरी
पिछले साल मई से सितंबर तक लगी जंगल की आग के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड के सैटेलाइट डेटा को देखकर, शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि 2,371 मेगाटन कार्बन उत्सर्जित हुआ, जिससे कनाडा की रैंकिंग विश्व के सबसे बड़े उत्सर्जक देशों में ग्यारहवें से चौथे स्थान पर आ गई.
बायर्न ने कहा कि यह चिंता बढ़ाता है कि आने वाले दशकों में अधिक बार और तीव्र आग कनाडा के जंगलों की कार्बन अवशोषित करने की क्षमता को दबा सकती है. कनाडा का बोरियल वन, जो प्रशांत से अटलांटिक महासागर तक फैला है, "संग्रहित" CO2 की बड़ी मात्रा रखता है.
कनाडा के जंगलों में आग लगने के 1 साल बाद का हाल
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आमतौर पर, जब झुलसे हुए जंगल दशकों में दोबारा उगते हैं, तो जंगल की आग से निकली कार्बन डाई ऑक्साइड फिर से अवशोषित हो जाती है. लेकिन साल भर में लगने वाली आग की संख्या और आकार में वृद्धि, साथ ही कुछ क्षेत्रों में सूखे के कारण, जंगलों को दोबारा उगने में अधिक समय लग सकता है. अध्ययन में कहा गया कि इससे "जंगलों द्वारा कार्बन अवशोषण में कमी हो सकती है."
अध्ययन में सिफारिश की गई है कि कनाडा को जंगलों द्वारा कार्बन अवशोषण में कमी की भरपाई करने के लिए अपने जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन के स्तर को कम करना होगा. कनाडा ने पेरिस समझौते के तहत 2005 के स्तर से 2030 तक 40 से 45 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने पर सहमति जताई है.