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क्या जर्मन कार नीति की विफलता है फोक्सवागन संकट?

डिर्क काउफमान | नदीन मेना मिशोलेक
१ नवम्बर २०२४

यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी फोक्सवागन बिक्री और लागत से जुड़े गंभीर संकट से गुजर रही है. कंपनी को अपने कई संयंत्रों को बंद करना पड़ सकता है और हजारों कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ सकती है.

जर्मनी में फोक्सवागन की इमारत पर दिखता लोगो
यूरोप की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी फोक्सवागन कई समस्याओं से जूझ रही हैतस्वीर: Alicia Windzio/dpa/picture alliance

जर्मन भाषा में एक शब्द है ‘साइटेनवेंडे', जिसका मतलब होता है ‘बदलाव का समय'. फिलहाल, जर्मन राजनीति में इस शब्द का इस्तेमाल लगातार किया जा रहा है. यूक्रेन पर रुसी हमले के बाद विदेश और रक्षा नीति से जुड़ी नई चुनौतियों से निपटने के लिए जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने यह शब्द, जर्मन अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर हो रहे बदलावों के बारे में बताने के लिए इस्तेमाल किया.

इन बदलावों में जर्मन ऑटो उद्योग और इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता इस्तेमाल भी शामिल है. यूरोप की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी फोक्सवागन और इसकी मौजूदा समस्याएं इस तरह के बदलावों का एक प्रमुख उदाहरण है.

ऑटो उद्योग से जुड़े अपने नए विश्लेषण में, कंसल्टेंसी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने दिखाया है कि बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग बढ़ती जा रही है. पीडब्ल्यूसी का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में सड़कों पर ईवी की संख्या में वृद्धि देखने को मिलेगी. फ्रैंकफर्ट स्थित इस बाजार विश्लेषक ने यह भी पाया कि मौजूदा समय में कौन से मॉडल सफल हैं और कौन नहीं.

जर्मनी के लिहाज से, ये नतीजे काफी गंभीर हैं. इसकी वजह यह है कि टेस्ला का मॉडल वाई, यूरोप, चीन और अमेरिका जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अब तक का सबसे अधिक बिकने वाला ईवी है. जबकि, वीडब्ल्यू की ईवी कारें काफी पीछे हैं.

2024 की तीसरी तिमाही में फोक्सवागन की आमदनी 64 फीसदी तक कम हो गई हैतस्वीर: Erik S. Lesser/EPA/dpa/picture alliance

ऑडी प्लांट बंद होना पूर्व-संकेत 

हनोवर में यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज में कार उद्योग विशेषज्ञ फ्रांक श्वोपे का मानना है कि बाजार में खराब पैठ, वीडब्ल्यू की मौजूदा मुश्किलों का एक मुख्य कारण है. श्वोपे ने डीडब्ल्यू को बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और चीन की नई प्रतिस्पर्धी कंपनियों की वजह से भी वीडब्ल्यू के वाहनों की बिक्री में कमी आयी.

फोक्सवागन ने कंपनी की कम होती आमदनी के लिए बाजार से जुड़ी समस्याओं को भी जिम्मेदार ठहराया. कंपनी को 2024 की तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में एक साल पहले की समान तिमाही की तुलना में लगभग 64 फीसदी की कमी देखने को मिली. सामान्य शब्दों में कहें, तो उसकी आमदनी 64 फीसदी तक कम हो गई.

जर्मन बिजनेस अखबार हांडेल्सब्लाट की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडब्ल्यू अब विशेष रुप से वेतन से जुड़े खर्च कम करना चाहता है. कंपनी का लक्ष्य 4 अरब यूरो की बचत करना है. वेतन में 10 फीसदी की कटौती से उसे 80 करोड़ यूरो की बचत होगी. वीडब्ल्यू की वर्क काउंसिल के मुताबिक, यह कार निर्माता कंपनी अपने तीन संयंत्रों को बंद करने और हजारों नौकरियों में कटौती की योजना बना रही है.

मानव संसाधन से जुड़े वीडब्ल्यू बोर्ड के सदस्य आर्ने माइसविंकल ने कर्मचारियों के नेताओं से बातचीत के बाद अपनी योजना प्रस्तुत की. इसमें बोनस सिस्टम में किए गए बदलावों को भी दिखाया गया. माइसविंकल ने वोल्फ्सबुर्ग में संवाददाताओं से कहा, "हम अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हर तरह की बातचीत को तैयार हैं.”

वीडब्ल्यू की सहायक कंपनी ऑडी पहले से ही निर्णायक कदम उठा रही है. फरवरी के अंत तक ब्रसेल्स में अपने बेल्जियम प्लांट में ईवी के उत्पादन को बंद करने की योजना बना रही है. बीते मंगलवार को समाचार एजेंसी एएफपी को कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधि ने बताया कि इस कदम से ऑडी के करीब 3,000 कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है.

फोक्सवागन वेतन से जुड़े खर्चे कम करके 4 अरब यूरो की बचत करना चाहती हैतस्वीर: Hugo Ortuno/EPA/picture alliance

2019 से अब तक, कार बनाने वाली इस जर्मन कंपनी ने करीब 46,000 नौकरियां खत्म की हैं. जर्मन एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की अध्यक्ष हिल्डेगार्ड मूलर ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में स्थिति और भी खराब हो सकती है. इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार बढ़ने की वजह से जर्मन ऑटोमोटिव उद्योग को अगले दशक में 1,40,000 अतिरिक्त नौकरियां गंवानी पड़ेंगी. 

उन्होंने इस हफ्ते समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "हमारे उद्योग में बड़ा बदलाव लाना महत्वपूर्ण काम है. यह बहुत जरूरी है कि एक राजनीतिक ढांचा इस बदलाव का समर्थन करे और साथ दे.”

राजनीतिक हस्तक्षेप कितना कारगर होगा?

फोक्सवागन की स्थापना हिटलर की नाजी पार्टी ने 1938 में सरकारी स्वामित्व वाली कार निर्माता कंपनी के रूप में की थी. द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की हार के बाद भी, कंपनी का सिर्फ आंशिक तौर पर निजीकरण किया गया था. वीडब्ल्यू का मुख्यालय वोल्फ्सबुर्ग शहर में है और यह जर्मनी के लोअर सैक्सनी राज्य में स्थित है. आज भी लोअर सैक्सनी वीडब्ल्यू में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है और सुपरवाइजरी बोर्ड में एक सीट रखता है.

यही कारण है कि लोअर सेक्सनी के मुख्यमंत्री स्टेफान वाइल ‘आम सहमति आधारित समाधान खोजने के लिए' भारी कटौती की जगह ‘वैकल्पिक समाधान' की मांग कर रहे हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राजनीति को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए. इसमें ईवी की खरीद के लिए प्रोत्साहन और यूरोपीय संघ के उत्सर्जन मानकों में ढील दी जानी चाहिए. इस मानक के तहत ही, यूरोपीय संघ में तैयार किए गए वाहनों से निकलने वाले सीओ2 की मात्रा तय की जाती है.

जर्मनी: क्या फोक्सवागन के संकट से उबर पाएगा वोल्फ्सबुर्ग शहर

वाइल वीडब्ल्यू में सुपरवाइजरी की अपनी भूमिका को अपने राज्य के आम लोगों के हित के साथ संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, जर्मन मार्शल फंड के बर्लिन कार्यालय की निदेशक सुधा डेविड-विल्प का कहना है कि जर्मन कंपनियों के लिए राजनीति एक गंभीर समस्या है. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि जर्मनी की अर्थव्यवस्था खराब हालत में है, क्योंकि पिछली सरकारों ने जरूरी सुधार नहीं किए.

डेविड-विल्प कहती हैं, "चांसलर अंगेला मैर्केल का कार्यकाल जर्मनी के लिए काफी अच्छा रहा. देश कोविड महामारी की समस्या से निपटने में सफल रहा. हालांकि, लोकलुभावन पार्टियों की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, स्थापित पार्टियां चाहती हैं कि जर्मन आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करें, ताकि वे भय फैलाने वाली पार्टियों के बहकावे में न आएं.”

वीडब्ल्यू की स्थिति और भी खराब हो गई है, क्योंकि जर्मन सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट नीति नहीं बनाई है. लोअर सेक्सनी के मुख्यमंत्री वाइल इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए सरकारी सब्सिडी को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन चांसलर शॉल्त्स का सत्तारूढ़ गठबंधन अभी भी उस मांग पर ध्यान नहीं दे रहा है. 2023 के अंत में बजट की कमी के कारण, सरकार ने सब्सिडी देना बंद कर दिया था.

फ्रांक श्वोपे ने पुष्टि की है कि यह वीडब्ल्यू के लिए एक बड़ी समस्या है. वह कहते हैं कि आज कंपनी जिस संकट का सामना कर रही है उसके लिए वीडब्ल्यू के प्रबंधन की गलतियों के साथ-साथ केंद्र सरकार की बदलती नीतियां भी जिम्मेदार हैं. 

हिटलर की नाजी पार्टी ने 1938 में फोक्सवागन की स्थापना की थीतस्वीर: Christian Ohde/CHROMORANGE/picture alliance

क्या यह जर्मनी के औद्योगिक पतन का संकेत है?

जर्मन अर्थशास्त्री और आईएफओ इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक रिसर्च के पूर्व अध्यक्ष हंस-वर्नर सिन कहते हैं कि वीडब्ल्यू का पतन जर्मन उद्योग को घेरने वाली एक बहुत बड़ी समस्या का हिस्सा है. सितंबर में एक आर्थिक सम्मेलन में उन्होंने कहा था, "उद्योग का पतन भविष्य की समस्या नहीं है. यह मौजूदा समस्या है. फोक्सवागन संकट तो बस शुरुआत है. वीडब्ल्यू को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की वजह से मुश्किल आ रही है. यूरोपियन यूनियन ने कार्बन का ज्यादा उत्सर्जन करने वाली गाड़ियों पर बैन लगा दिया है और जर्मनी में ऊर्जा की कीमतें बहुत ज्यादा हैं. इन सब वजहों से वीडब्ल्यू को बहुत दिक्कत हो रही है.

लंदन में कैपिटल इकोनॉमिक्स में जर्मन अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ फ्रांसिस्का पलमास ने डीडब्ल्यू को बताया, "वीडब्ल्यू की स्थिति जर्मन उद्योग की समस्याओं को दिखाती है. जुलाई में, औद्योगिक उत्पादन 2023 की शुरुआत की तुलना में लगभग 10 फीसदी कम था. यह अब छह साल से लगातार कम हो रहा है.”

कॉमर्स बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कार्स्टन ब्रेजस्की ने डीडब्ल्यू को बताया, "पिछले 90 सालों से फोक्सवागन जर्मन अर्थव्यवस्था की सफलता का प्रतीक रहा है. हालांकि, अब ऐसा नहीं है. अब वीडब्ल्यू जर्मन कंपनियों में काम करने वाले लोगों की चिंताओं का प्रतीक बन गया है. उन्होंने तर्क दिया, "वीडब्ल्यू की समस्याएं जर्मनी के राजनेताओं के लिए अंतिम चेतावनी होनी चाहिए, ताकि निवेश और सुधारों के जरिए देश को फिर से आकर्षक बनाया जा सके.”

रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाते भारत और जर्मनी

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