बेस्ट एक्टर विल स्मिथ ने ऑस्कर में प्रेजेंटर को जड़ा तमाचा
२८ मार्च २०२२
ऑस्कर समारोह में एक तमाचे ने तहलका मचा दिया. भारत की डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘राइटिंग विद फायर’ अवॉर्ड जीतने में नाकाम रही जबकि एक बहरे एक्टर ने पहला ऑस्कर जीता.
सैम्युल एल जैक्सन के साथ विल स्मिथतस्वीर: Brian Snyder/REUTERS
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94वें ऑस्कर समारोह में उस वक्त सन्नाटा छा गया जब एक्टर विल स्मिथ ने मंच पर जाकर प्रस्तुतकर्ता क्रिस रॉक को तमाचा जड़ दिया. विल स्मिथ को अपनी पत्नी जेडा पिंकेट स्मिथ के बारे में सुनाया गया क्रिस रॉक का एक चुटकुला बुरा लगा था.
94वें ऑस्कर समारोह की शुरुआत बड़े विवाद के साथ हुई. जाने माने एक्टर विल स्मिथ ने समारोह को पेश कर रहे हास्य कलाकार क्रिस रॉक को गाली दी और तमाचा जड़ दिया. क्रिस रॉक ने स्मिथ की पत्नी के संदर्भ में एक मजाक किया था. स्मिथ मंच के पास ही बैठे थे. उन्होंने खड़े होकर गाली देते हुए कहा, "मेरी पत्नी का नाम अपने मुंह से मत लो.”
बैटमैन का सफरः द डार्क नाइट का इतिहास
यूक्रेन में जंग के कारण वार्नर ब्रदर्स ने बैटमैन फिल्म को रूस में रिलीज करने से रोक दिया है. तस्वीरों में देखिए कई दशकों से चली आ रहे इस कहानी और उसके किरदारों को.
तस्वीर: Jonathan Olley/Warner Bros. Pictures via AP/picture alliance
'द बैटमैन' (2022)
फिल्म निर्देशक मैट रीव्स को बैटमैन सीरीज की नई फिल्म बनाने में पांच साल लगे हैं. "ट्वाइलाइट" में अभिनय करने वाले रॉबर्ट पैटीसन ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है. इस बार का बैटमैन पिछली फिल्मों की तुलना में ज्यादा युवा और आक्रामक नजर आ रहा है. यह उसकी लड़ाई का महज दूसरा साल है. अपने मां बाप के हत्यारे की तलाश में उसे एक सीरियल किलर से निबटना है.
तस्वीर: Jonathan Olley/Warner Bros. Pictures via AP/picture alliance
1943 वाली ओरिजिनल 'बैटमैन'
1939 में बॉब केन और बिल फिंगर की लिखी कॉमिक बुक से जन्मा मास्क वाला यह सुपरहीरो 15 अध्याय वाली सीरीज के रूप में 1943 में पहली बार पर्दे पर उतरा. दूसरे विश्वयु्द्ध के दौरान बनी इस सीरीज में हिटलर की बुराइयों की भी चर्चा हुई है. सेंसरशिप के डर से बैटमैन को एक स्वघोषित प्रतिशोधी की बजाय अंडरकवर एफबीआई एजेंट के रूप में दिखाया गया.
तस्वीर: Everett Collection/picture alliance
1949 में बैटमैन की दूसरी सीरीज
15 कड़ियों वाले बैटमैन की दूसरी सीरीज बैटमैन एंड रॉबिन में बैटमैन आज के बैटमैन से काफी अलग था. आज की स्लीक बैटमोबाइल की जगह रॉबर्ट लॉरी बैटमैन के रूप में कंवर्टिबल मर्करी में गोथम शहर के चक्कर काटते हैं. पहनावा भी बहुत सरल था और उसे कॉमिक से मिलता जुलता ही रखा गया था.
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1966 में हुआ अपग्रेड
पहली फुल लेंथ बैटमैन फिल्म में हमारा हीरो थोड़ा और तैयार हुआ. तब ये किरदार एडम वेस्ट ने निभाया था. बैटमोबाइल से लैस होने के साथ ही उसे बैट सिग्नल से पुकारे जाने की क्षमता मिली साथ ही उसे एक स्पीडबोट भी मिल गई. इसमें बैटमैन और रॉबिन आपने चिरशत्रु द जोकर, कैटवूमन, रिडलर और पेंग्विन को हराने में कामयाब हुए. वैसे ये किरदार इस फिल्म में आखिरी बार नहीं दिखे थे.
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'बैटमैन' (1989)
करीब 20 सालों तक दुनिया के बैटमैन से मुक्त रहने के बाद टिम बर्टान ने मास्क वाले हीरो को वापस बड़े पर्दे पर उतारा. इस वर्जन में बैटमैन का किरदार माइकल किटॉन ने निभाया. इसमें पहली बार अपने भरोसेमंद साथी रॉबिन के बगैर उसने जोकर से लोहा लिया. इस भूमिका में जैक निकोल्सन भी खूब चमके.
जब तक कोई महिला जोड़ीदार या प्रतिद्वंद्वी ना हो बैटमैन क्या कर लेगा? बैटमैन रिटर्न्स में मास्क वाले हीरो की मुलाकात कैटवूमन से हुई. यह किरदार मिषेले फाइफर ने निभाया था. यह पात्र पहली बार 1940 के कॉमिक में दिखा था और यह साफ नहीं था कि वह दुष्ट है या फिर अच्छा. उसकी अपनी नीतियां थीं और वो उनके बारे में बात करती. कैटवूमन कभी बैटमैन की विरोधी होती तो कभी उसके साथ दूसरों से लड़ती.
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'बैटमैन फॉरएवर' (1995)
निर्देशक योएल शूमाखर के सिनेमान में कई सितारे थे. बैटमैन के रूप में वाल किल्मर, रिडलर के रूप में जीम केरी और टॉमी ली जोन्स. टीम बर्टान ने जो धुंधला सा ब्रह्मांड रचा था उसके मुकाबले इस रंगीन दुनिया में दर्शक खो गए. फिल्म कारोबारी तौर पर हिट रही लेकिन इसे बैटमैन फिल्मों में बेहतरीन एडेप्टेशन नहीं माना जाता है.
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'बैटमैन एंड रॉबिन' (1997)
डार्क नाइट का अगला रोमांच 1997 में आया और इसमें भी सितारों की कमी नहीं थी. जॉर्ज क्लूनी बैटमैन बने और उनके सामने दो घनघोर खलनायक थेः पॉइजन इवी के रूप में उमा थुर्मान और मि. फ्रीज बने थे अरनॉल्ड श्वार्जनेगर. हालांकि सितारों की ताकत काम नहीं आई और कहानी के झोल में फिल्म उलझ कर रह गई.
तस्वीर: Everett Collection/imago images
'बैटमैन बिगिन्स' (2005)
बैटमैन की फिल्में एक बार फिर आलोचकों की पसंद बनने लगीं और उसका श्रेय क्रिस्टोफर नोलान की ट्रायोलॉजी को है. बैटमैन के रोमांच में रहस्य और एक्शन के साथ ही कहानियों को भी उभरने की जगह मिल गई. उदास, भावुक बैटमैन बने अभिनेता क्रिश्चियान बेल को असल जिंदगी के शैतानों के साथ अपने आप से भी लड़ना पड़ा.
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'दि डार्क नाइट' (2008)
द डार्क नाइट में बैटमैन की मुलाकात मनोविकारी जोकर से होती है जिसे हीथ लेजर ने बड़े शानदार तरीके से दिखाया. 2008 में लेजर की मौत हो गई और उन्हें इस भूमिका के लिए मरणोपरांत ऑस्कर मिला. इस फिल्म में जोकर का लक्ष्य गोथम शहर में अफरातफरी मचाना है, हालांकि बैटमैन उसे रोक कर शहर को बचा लेता है.
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'दि डार्क नाइट राइजेज' (2012)
डार्क नाइट फिल्म ट्राइलॉजी की आखिरी फिल्म में बैटमैन का सामना मजबूत बाजुओं वाले खलनायक बेन से होता है जिसका किरदार टॉम हार्डी ने निभाया था. एक्शन से भरे फिल्म की कहानी में रोमांच और भावुकता खूब थी. हालांकि कुछ अटपटे तत्वों की वजह से इसे क्रिस्टोफर नोलान की ट्राइलॉजी की सबसे कमजोर फिल्म का दर्जा मिला.
2016 की इस फिल्म में डीसी कॉमिक्स के दो सुपरहीरो एक साथ आए. सुपरमैन हेनरी काविल का सामना उम्रदराज होते ब्रूस वेन से होता है जिसका किरदार बेन एफ्लेक ने निभाया था. इस फिल्म में निढाल हुआ ब्रूस वायने बैट का लिबास पहन लेता है और सुपरमैन के सामने खड़े होने की कोशिश करता है, जिसके पास फिल्म में बड़ी भूमिका है. आखिर में दोनों मिलकर दुनिया में अच्छाई के लिए लड़ते हैं.
पिछली फिल्म ने जहां कहानी छोड़ी थी जस्टिस लीग वहीं से शुरू होती है. सुपरमैन और बैटमैन के बाद डीसी कॉमिक्स के दूसरे किरदार भी दुष्टों के खिलाफ लड़ने के लिए साथ आते हैं. द जस्टिस लीग कॉमिक्स में तो 1960 के दशक में ही आ गई थी. जाहिर है कि फिल्म एक्शन से भरी है लेकिन कहानी के आखिर में खुलने वाले रहस्य जैसा कुछ भी नहीं.
रॉबर्ट पैटीसन ने 2022 के फिल्म में बैटमैन की मास्क पहनी है. वो कैटवूमन का साथ देते हैं जिसकी भूमिका जो क्रावित्ज ने निभाई है. ये फिल्म अमेरिका में 4 मार्च को पर्दे पर उतरेगी जबकि कई अंतरराष्ट्रीय सिनेमाघरों में 3 मार्च को ही. यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण वार्नर ब्रदर्स ने कुछ समय के लिए फिल्म को रूस में नहीं दिखाने का फैसला किया है.
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विल स्मिथ ने बाद में मंच पर पहुंच कर रॉक को तमाचा जड़ दिया. उसके बाद प्रेजेंटर डेनियल कालूया और एक्टर डेंजल वॉशिंगटन उनके पास आए और उन्हें मंच के बगल में ले गए. दोनों ने उनसे बात की. एक्टर टाइलर पेरी ने भी उनसे बात की.
बाद में उन्होंने बेस्ट एक्टर का ऑस्कर जीता. फिल्म 'किंग रिचर्ड' में भूमिका के लिए यह अवॉर्ड जीतने वाले स्मिथ ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी और कहा, 'प्यार इंसान से कुछ भी करवा सकता है.'
किसे मिला ऑस्कर
दुनिया के पहले बहरे एक्टर ट्रॉय कॉत्सर को सपोर्टिंग एक्टर का ऑस्कर मिला है. इसके अलावा, आरियाना डेबोस सपोर्टिंग एक्टर का ऑस्कर जीतने वालीं पहली लैटिन अमेरिकी मूल की अश्वेत महिला बन गईं.
‘वेस्ट साइड स्टोरी' के रीमेक में काम करने वालीं डेबोस को समारोह का पहला अवॉर्ड मिला. यह अवॉर्ड जीतने वालीं वह पहली एलजीबीटीक्यू एक्टर भी हैं. इससे पहले 1961 में ‘वेस्ट साइड स्टोरी' के लिए रीटा मोरेनो ने भी बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का खिताब जीता था. डेबोस ने अपने अवॉर्ड के लिए मोरेनो को भी शुक्रिया कहा.
सिनेमा दिखाकर गांव को हरा भरा बनाने की कोशिश
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डेबोस ने कहा, "खुलेआम समलैंगिक अश्वेत महिला, वह भी लातिन अमेरिकी मूल की जिसने कला और जिंदगी में अपनी मजबूती खोजी. और हम यहां इसी बात का जश्न मनाने के लिए जमा हुए हैं. इसलिए, अगर किसी ने आपकी पहचान पर सवाल उठाए हों और आप छिपकर जीने को मजबूर हों तो मैं आपको भरोसा दिलाना चाहती हूं कि हमारे लिए जगह है.”
पहला ऑस्कर
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का खिताब जीतने वाले ट्रॉय कॉत्सर सुन नहीं सकते. ऑस्कर जीतने वाले वह इतिहास के पहले बहरे एक्टर बन गए हैं. लोगों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया और तालियां बजाने के बजाय हवा में हाथ लहराकर उनका स्वागत किया.
कॉत्सर ने कहा, "यह सुनने में अक्षम सभी लोगों के लिए है. कोडा समुदाय और विकलांगों के लिए है. यह हमारा पल है.” डिज्नी की हिट फिल्म एनकांटो को बेस्ट एनिमेटेड फिल्म का पुरस्कार मिला जबकि जापानी फिल्म ‘ड्राइव माई कार' को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फिल्म चुना गया. भारत में बनी डॉक्युमेंट्री फिल्म राइटिंग विद फायर खिताब जीतने में नाकाम रही. इस श्रेणी का पुरस्कार ‘समर ऑफ सोल' ने जीता.
जर्मनी में है दुनिया का सबसे पुराना विशाल फिल्म स्टूडियो
रोमान पोलांस्की की "द पियानिस्ट", क्वेंटिन टैरेन्टीनो की "इनग्लोरियस बास्टर्ड्स" और कई मशहूर फिल्मों को एक कड़ी जोड़ती है - दुनिया का सबसे पुराना बड़े स्तर का स्टूडियो, जो है जर्मनी के बेबल्सबर्ग में.
तस्वीर: Francois Duhamel
एक फिल्म स्टूडियो का जन्म
हॉलीवुड में जब स्वतंत्र फिल्म निर्माता अपने अपने स्टूडियो बना रहे थे, उस समय जर्मन फिल्म निर्माता बर्लिन के ठीक बीच में शूटिंग कर रहे थे. लेकिन गर्म स्पॉटलाइटों की वजह से बार बार आग के अलार्म बजने लगते थे. जब निर्माताओं को शहर से बाहर कोई जगह खोजने के लिए कहा गया तो गुइदो सीबर ने बर्लिन के ठीक बाहर पोट्सडैम-बेबल्सबर्ग में एक जगह चुनी, जहां पहला स्टूडियो 1911 में बना.
पहली फिल्म: 'द डांस ऑफ द डेड'
तीन ही महीनों में बायोस्कोप नाम की कंपनी ने एक 3,250 वर्ग फुट का फिल्म स्टूडियो बना दिया. नाम दिया गया "स्मॉल ग्लासहाउस". फरवरी 1912 में वहां फिल्मांकन की जाने वाली पहली फिल्म बनी एस्टा नील्सन अभिनीत डेनिश मूक फिल्म 'द डांस ऑफ द डेड'. एक साल बाद उसी परिसर में एक और स्टूडियो और एक फिल्म लैब बनाए गए.
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टेक्नोलॉजी के पथ प्रदर्शक
1922 में जर्मन फिल्म निर्माण कंपनी यूएफए भी स्टूडियो से जुड़ गई. नई तकनीकों का विकास हुआ. "द लास्ट लाफ" फिल्म में पहली बार मूविंग कैमरा का इस्तेमाल हुआ. नई तकनीकों को सीखने हॉलीवुड के निर्देशक यहां आने लगे. हिचकॉक ने यहां तक कहा था, "मुझे फिल्में बनाने के बारे में जो भी मालूम है मैंने वो बेबल्सबर्ग में सीखा."
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क्लासिक फिल्म 'मेट्रोपोलिस'
फ्रित्ज लैंग ने बेबल्सबर्ग में दो सालों तक अपनी विज्ञान कथा फिल्म 'मेट्रोपोलिस' पर काम किया, जो मूक सिनेमा का एक मास्टरपीस है. आज के स्तर के हिसाब से उस समय इस फिल्म को बनाने में 14 लाख यूरो की लागत आई थी और यह उस समय दुनिया की सबसे महंगी फिल्म थी.
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प्रचार की मशीन
नाजियों ने सत्ता हासिल करने के बाद बेबल्सबर्ग पर भी सरकारी नियंत्रण कायम किया. 1933 से 1945 के बीच में हिटलर के प्रचार मंत्री जोसफ गोबेल्स के निर्देशन में करीब 1000 फिल्में बनाई गईं. इनमें "द जू सुस", "ट्राइंफ ऑफ द विल" आदि जैसी कई द्वेषपूर्ण प्रोपगैंडा फिल्में शामिल थीं.
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युद्ध के बाद
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1946 में बनने वाली पहली जर्मन फिल्म थी "मर्डरर्स अमंग अस". यह फिल्म नाजी शासन के तहत निजी अपराध बोध और जिम्मेदारी पर आधारित थी. इसकी शूटिंग बर्लिन के खंडहरों में हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/KPA
पूर्वी जर्मनी में
बेबल्सबर्ग स्टूडियो सोवियत अधिकृत इलाके में थे. सरकारी फिल्म कंपनी डीईएफए ने 1947 में वहां फिल्मांकन शुरू किया और पूरी जर्मनी के रहने तक 700 से ज्यादा फिल्में बनाई. इनमें कई समाजवादी प्रोपगैंडा फिल्में थीं.
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दीवार के गिरने के बाद
1989 में डीईएफए को पूर्वी जर्मनी की सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने वाले ट्रस्ट का नियंत्रण हो गया. 1992 में स्टूडियो को फ्रांसीसी कंपनी विवेन्दी यूनिवर्सल को बेच दिया गया. विवेन्दी ने इसके नवीनीकरण में करीब 50 करोड़ यूरो लगाए. ये एक आम बर्लिन की सड़क को दिखाते एक फिल्म सेट की तस्वीर है.
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आधुनिक युग
फिल्म निर्माताओं कार्ल वोबकेन और क्रिस्टोफ फिसर ने 2004 में कंपनी को खरीद लिया. आज 25,000 वर्ग मीटर में फैला 16 स्टूडियो का यह परिसर पूरे यूरोप का सबसे बड़ा स्टूडियो परिसर है. रोमान पोलांस्की की "द पियानिस्ट" (2002), क्वेंटिन टैरेन्टीनो की "इनग्लोरियस बास्टर्ड्स" (2009), "द हंगर गेम्स" की तीसरी और चौथी कड़ी जैसी मशहूर फिल्मों और टीवी सीरीज की शूटिंग यहीं हुई.
तस्वीर: Francois Duhamel
एक नया अध्याय
2022 की शुरुआत में अमेरिकी रियल एस्टेट कंपनी टीपीजी ने पोट्सडैम परिसर को खरीद लिया. लेकिन स्टूडियो बेबल्सबर्ग स्वतंत्र रूप से चलता रहेगा और सिनेमा के इतिहास के नए अध्याय रचता रहेगा. (सुजैन कॉर्ड्स)
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Hirschberger
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एक बहरे परिवार पर बनी फिल्म 'कोडा' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म चुना गया जबकि 'पावर ऑफ द डॉग' की निर्देशक जेन कैंपियन बेस्ट डाइरेक्टर बनीं. ‘द आईज ऑफ टैमी फाए' में अपनी भूमिका के लिए जेसिका चैस्टेन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब जीता. ड्यून (साउंड डिजाइन, म्यूजिक, एडिटिंग, प्रॉडक्शन डिजाइन, सिनेमेटोग्राफी, विजुअल इफेक्ट्स) ने सबसे ज्यादा छह ऑस्कर जीते जबकि कोडा को (बेस्ट फिल्म, बेस्ट अडैप्टेड स्क्रीनप्ले, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर) तीन पुरस्कार मिले.