दुनिया के बड़े संगठनों में महिलाओं को नहीं मिलते पदः रिपोर्ट
७ मार्च २०२३
दुनिया में के सबसे बड़े 33 बहुस्तरीय संस्थानों का इतिहास देखा जाए तो पता चलता है कि 1945 के बाद से सिर्फ 12 फीसदी महिलाएं उनके उच्च पदों पर रही हैं. एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है.
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सोमवार को जारी हुए इस अध्ययन की रिपोर्ट दिखाती है कि वर्ल्ड बैंक समेत दुनिया के जो सबसे बड़े संस्थान हैं उनमें से एक तिहाई ऐसे हैं जिनका अध्यक्ष पद कभी किसी महिला को नहीं मिला. पांच संस्थाएं ऐसी हैं जिनके इतिहास में सिर्फ एक महिला अध्यक्ष रही है और उसमें वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन की मौजूदा अध्यक्ष न्गोजी ओकोंजो शामिल हैं.
जीडब्ल्यूएल वॉइसेज ऑफ चेंज ऐंड इनक्लूजन नामक संगठन ने यह शोध किया है. इस संगठन में 62 महिलाएं हैं जो या तो अभी किसी संस्था के उच्च पद पर हैं या रह चुकी हैं. इस अध्ययन को इसी हफ्ते यूनाइटेड नेशंस कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ विमिन के सत्र में पेश किया जाना है. रिपोर्ट में मांग की गई है कि बहुस्तरीय संगठनों में महिलाओं को बराबर की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.
न्याय और काबिलियत की बात
इक्वेडोर की विदेश मंत्री रह चुकीं मारिया फर्नांडा एस्पीनोसा कहती हैं कि सच्चाई यही है कि आंकड़ों से फर्क पड़ता है. 2018-19 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष रही एस्पीनोसा ने कहा, "हम दुनिया की आबादी का आधा हिस्सा हैं तो मामला जनसांख्यिकीय न्याय का है. लेकिन मैं यह भी मानती हूं कि महिलाएं नेतृत्वक्षमता के साथ-साथ बुद्धिमत्ता, समानुभूति और कई बार दुनिया की घटनाओं के बारे में ज्यादा समझ अपने साथ लाती हैं.”
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अध्ययन दिखाता है कि 1945 से अब तक दुनिया के 33 बड़े संस्थानों में 382 अध्यक्ष हुए हैं लेकिन उनमें से सिर्फ 47 महिलाएं थीं. हालांकि हाल के सालों में इस दिशा में कुछ प्रगति हुई है लेकिन तब भी इन संस्थानों में एक तिहाई ही हैं जिनकी अध्यक्षता किसी महिला को मिली.
जीडब्ल्यूएल वॉइसेज ने कहा कि वह सितंबर में इस रिपोर्ट का और विस्तृत रूप जारी करेगी जिसमें उच्च प्रबंधन के स्तर पर महिलाओं की भागीदारी का भी आकलन किया जाएगा.
जहां महिलाएं कभी नहीं रहीं अध्यक्ष
रिपोर्ट में शामिल संस्थानों में 13 ऐसे हैं जिनमें दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से कभी किसी महिला को अध्यक्ष नहीं बनाया गया. इन संस्थानों में वर्ल्ड बैंक, यूनाइटेड नेशंस, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संगठन और फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन जैसे अहम संस्थान शामिल हैं.
संसद में महिलाएं: किस देश का बेहतर प्रदर्शन, कौन फिसड्डी
विश्व के राष्ट्रीय संसदों के संगठन अंतर-संसदीय संघ के अनुसार वर्तमान में विश्व के चार सांसदों में से एक महिला है. साथ ही संगठन ने कहा कि हर पांच मंत्रियों में एक महिला होती है.
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चार सांसदों में केवल एक महिला
विश्व के राष्ट्रीय संसदों के संगठन अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) का कहना है कि मौजूदा समय में विश्व के चार सांसदों में से एक महिला है. 2011 में यह आंकड़ा पांच में से एक था.
तस्वीर: bdnews24.com
रवांडा की संसद मिसाल
आईपीयू के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में छह देशों में कम से कम आधी सांसद महिलाएं हैं. रवांडा इस मामले में सबसे बेहतर स्थिति में है. यहां 60 फीसदी से ज्यादा सांसद महिलाएं हैं. इसके अलावा क्यूबा में करीब 53 फीसदी और निकारागुआ में करीब 52 फीसदी सांसद महिलाएं हैं. न्यूजीलैंड, मेक्सिको और संयुक्त अरब अमीरात में महिला और पुरुष सांसदों की संख्या लगभग बराबर है.
2006 तक संयुक्त अरब अमीरात की संघीय राष्ट्रीय परिषद में कोई महिला नहीं थी लेकिन 2019 में राष्ट्रपति ने संसद में लैंगिक समानता लाने का फरमान जारी किया था. जिसके बाद वहां स्थिति बदल गई.
तस्वीर: Ali Haider/picture alliance/dpa
दक्षिण एशिया में स्थिति
बांग्लादेश के 350 सांसदों में 277 पुरुष और 73 महिलाएं हैं यानी यह दर 20.86 फीसदी है. भारत में लोकसभा सदस्य करीब 15 फीसदी और राज्य सभा में महिलाओं का प्रतिशत 10 है. पाकिस्तान में 20.47 फीसदी, नेपाल में 33.09 फीसदी और मालदीव में 4.6 फीसदी महिला सांसद हैं. 1960 में दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में पदभार ग्रहण किया. पिछले 25 सालों में देश में महज पांच फीसदी महिला सांसद चुनी गईं.
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यमन में एक भी महिला सांसद नहीं
आईपीयू के मुताबिक यमन में संसद की एक भी महिला सदस्य नहीं है जबकि प्रशांत महासागर के बीचोबीच बसे देश वानुआतु में केवल एक है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Huwais
10 प्रतिशत से भी कम
20 से ज्यादा देशों में महिला सांसदों की संख्या 10 फीसदी से भी कम है उदाहरण के लिए नाइजीरिया में 3.6 प्रतिशत, कतर में 4.4 प्रतिशत और ईरान में केवल 5.6 प्रतिशत सांसद महिलाएं हैं.
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जापान में केवल 10 फीसदी सीट
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक जापान सबसे निचले पायदान पर है, यहां महिलाओं के पास केवल 10 फीसदी सीटें हैं.
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पांच मंत्रियों में एक महिला
दुनिया में हर पांच में से एक मंत्री महिला है. उन्हें आमतौर पर स्वास्थ्य, परिवार, सामाजिक मामलों और पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जाती है.
तस्वीर: Sergio Lima/AFP
महिला के नेतृत्व वाली कैबिनेट
जिन देशों ने महिला-बहुसंख्यक मंत्रिमंडलों को नियुक्त किया है उनमें स्पेन, अल्बानिया, कोलंबिया और रवांडा शामिल हैं.
तस्वीर: Reuters/E. Naranjo
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एस्पिनोसा ने कहा कि यह निराशाजनक है कि वर्ल्ड बैंक में सबसे बड़े हिस्सेदार अमेरिका ने पिछले महीने एक पुरुष को ही इस संस्थान के अध्यक्ष पद के लिए चुना. मास्टर कार्ड के पूर्व सीईओ भारतीय मूल के अजय बंगा को इस पद के लिए नामित किया गया जबकि कई महिला संगठन किसी महिला को ही इस पद के लिए नामित करने की मांग कर रहे थे.
एस्पीनोसा ने कहा कि वह बंगा जैसे व्यक्ति को इस पद पर बिठाए जाने का समर्थन करती हैं, जिनका जन्म और शिक्षा भारत में हुई और वहां उन्होंने अपना बचपन गुजारा, लेकिन ऐसी महिलाओं की कमी नहीं है जो समान शिक्षा और योग्यता रखती हैं.