शतरंज में तूफान उठ खड़ा हुआ है. सर्वकालिक महानतम कहे जाने वाले विश्व चैंपियन माग्नुस कार्लसन ने पहली बार खुलकर अपने प्रतिद्वन्द्वी हांस नीमान पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं.
विज्ञापन
पिछले करीब एक दशक से शतरंज की बादशाहत पर कायम नॉर्वे के खिलाड़ीमागनुस कार्लसन ने अपने प्रतिद्वन्द्वी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. एक बयान में कार्लसन ने कहा कि उन्हें लगता है "नीमान ने हाल ही में बार-बार धोखाधड़ी की- जितना उन्होंने स्वीकार किया है उससे कहीं ज्यादा.” हालांकि कार्लसन ने कोई सबूत नहीं दिया. यह पहली बार है जब कार्लसन ने सीधे स्पष्ट शब्दों में नीमान पर आरोप लगाए हैं. हालांकि इसी महीने उन्हें हराने वाले हैंस नीमान के बारे में वह पहले भी बोलते रहे हैं.
19 साल के नीमान ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि कार्लसन उनका करियर बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि नीमान ने माना है कि उन्होंने पहले धोखाधड़ी की थी. उन्होंने माना है कि जब वह 12 और 16 साल के थे तब ऑनलाइन धोखाधड़ी की थी. लेकिन उन्होंने कहा कि आमने-सामने के खेल में उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया और कहा कि अपने आपको साबित करने के लिए वह सारे कपड़े उतारकर मैच खेलने को भी तैयार हैं.
कब शुरू हुआ बवाल?
शतरंज में धोखाधड़ी का यह बवाल इसी महीने की शुरुआत में उठ खड़ा हुआ जब सिंकेफील्ड कप में नीमान ने कार्लसन को हरा दिया. लगातार 53 जीत के बाद कार्लसन की यह पहली हार थी. लेकिन छह मैच बाकी रहते कार्लसन ने प्रतियोगिता बीच में ही छोड़ दी और एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें फुटबॉल मैनेजर होजे मॉरिन्हो कह रहे हैं, "अगर मैं बोलूंगा को बड़ी मुसीबत में फंस जाऊंगा.”
भारत में हुआ इन खेलों का जन्म
सैकड़ों और हजारों साल पहले भारत में कई खेलों का जन्म हुआ. मुगल और ब्रिटिश काल के दौरान यह खेल दुनिया भर में फैले. जानिए कौन कौन से हैं ये भारतीय खेल.
तस्वीर: Fotolia/Konstantin Li
1. सांप सीढ़ी
कुछ इतिहासकार कहते हैं कि यह खेल ईसा पूर्व खोजा गया था. कुछ कहते हैं कि इसे 13वीं शताब्दी में संत ज्ञानदेव ने खोजा. प्राचीनकाल में इस खेल को मोक्ष पत्तम, परम पदम और मोक्षपट के नाम से जाना जाता था. ऐसी धारणा थी कि इंसान अच्छे बुरे कर्म करता हुआ आगे बढ़ता है और 100 साल तक जीने की इच्छा रखता है. अंग्रेजों ने इस खेल का नाम बदलकर (स्नैक्स एंड लैडर्स) सांप सीढ़ी किया.
तस्वीर: imago/Ikon Images
2. ताश
प्राचीन भारत में क्रीडा पत्रम नाम का खेल खेला जाता था. पत्तों में महाभारत और रामायण के किरदार बनाए जाते थे. इसे राजसी और उच्च घराने के लोग खेला करते थे. दस्तावेजों के मुताबिक ताश राजपूताना, कश्यप मेरू (कश्मीर), उत्कला (ओडिशा), दक्कन और नेपाल में भी खेला जाता था. अबु फजल की आइन ए अकबरी में भी इसका जिक्र है.
तस्वीर: Rolf Vennenbernd/dpa/picture-alliance
3. शतरंज
इतिसकारों के मुताबिक शतरंज खेल का असली नाम चतुरंगा था. यह खेल 280 से 550 ईसवी के बीच गुप्त साम्राज्य के दौरान खोज गया. अरबी और फारसी दस्तावेजों में भी भारतीय खेल चतुरंगा का जिक्र है. फारसी में इसे शतरंज कहा गया.
तस्वीर: DW/C. Nippard
4. कबड्डी
कबड्डी का खेल 4,000 साल पुराना माना जाता है. इसकी खोज दक्षिण भारत में हुई. भारत में आज भी संजीवनी, गामिनी, अमर और पंजाबी स्टाइल की कबड्डी होती है.
तस्वीर: DW/S. Petersmann
5. मार्शल आर्ट्स
मार्शल आर्ट्स की विधा भारत में जन्मी. अलग अलग इलाकों में इसे भिन्न नामों से पुकारा जाता था. दक्षिण भारत में आज भी इसे कलारिपयट्टू के नाम से जाना जाता है. युद्ध की इस कला को 300 ईसा पूर्व पुराना माना जाता है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/R. Pal Singh
6. लूडो
इस खेल की शुरुआत भी भारत में ही हुई. भारत के कई इलाकों में आज भी इसे चौसर या पव्वा के नाम से जाना जाता है. छठी ईसवी के आस पास सामने आए इस खेल का चित्र अजंता की गुफाओं में भी मिलता है.
तस्वीर: picture-alliance/Arco Images GmbH
7. कुश्ती
भारत का सबसे पहला और पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध माना जाता है. इस खेल का विस्तार आदिकाल के भारत में रहा है. प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में बलराम, भीम, हनुमान के नाम मल्ल युद्ध में प्रसिद्ध है. ऐसा माना जाता है कि मल्ल जाति को द्वंद्व युद्ध में इतनी महारथ हासिल थी कि उसका मुकाबला कोई और नहीं कर सकता था. मल्ल जाति को मनुस्मृति में लिछिबी के नाम से जाना जाता है.
तस्वीर: Getty Images/S.Kanojia
7 तस्वीरें1 | 7
उसके बाद पिछले हफ्ते नीमान और कार्लसन एक बार फिर आमने-सामने हुए लेकिन कार्लसन ने सिर्फ एक चाल चलने के बाद मैच छोड़ दिया. माना जाता है कि उन्होंने नीमान के खेलने के विरोध में ऐसा किया था. कार्लसन ने टूर्नामेंट जीता और कहा कि वह धोखाधड़ी के बारे में और बोलेंगे क्योंकि "शतरंज में धोखाधड़ी से सख्ती से निबटा जाना चाहिए.”
सोमवार को कार्लसन ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंन कहा, "मैं परेशान हो गया हूं. मैं सर्वोच्च स्तर पर शतरंज खेलना जारी रखना चाहता हूं. मेरा मानना है कि शतरंज में धोखाधड़ी बहुत बड़ी बात है और इसके वजूद के लिए खतरा है. मैं मानता हूं कि आयोजक और शतरंज की पवित्रता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को सुरक्षा उपायों और धोखाधड़ी पकड़ने के तरीके लागू करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.”
उसके बाद उन्होंने नीमान पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा, "मेरा मानना है कि नीमान ने कई बार धोखाधड़ी की है. हाल ही में की है और जितना उन्होंने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है उससे कई ज्यादा बार की है.”
उन्होंने कहा कि हाल के सालों में नीमान का तेजी से "असामान्य” उभार देखकर उन्हें संदेह हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगा "सिंकफील्ड कप के दौरान वह (नीमान) तनाव में नहीं थे और पूरा ध्यान भी नहीं दे रहे थे. और काले मोहरों से खेलते हुए” जीत गए जो क्षमता "मुट्ठीभर लोगों में है.” उन्होंने कहा कि वह और भी बहुत कुछ बोलना चाहते हैं लेकिन "नीमान की इजाजत के बिना ऐसा नहीं कर सकते.”
विज्ञापन
नीमान ने क्या कहा?
सोमवार को कार्लसन द्वारा जारी बयान पर तो नीमान ने अभी कुछ नहीं कहा है लेकिन इस महीने की शुरुआत में जब विवाद शुरू हुआ था तब नीमान ने धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन किया था. उन्होंने कहा था, "अगर वे चाहते हैं कि मैं सारे कपड़े उतार दूं तो मैं वो भी कर दूंगा.”
नीमान ने कहा, "मुझे परवाह नहीं है क्योंकि मैं साफ हूं. आप चाहते हैं कि मैं एक बंद बक्से में खेलूं जहां कोई इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन ना हो, मुझे परवाह नहीं है. मैं यहां जीतने के लिए आया हूं और जो भी हो जाए, वही मेरा लक्ष्य है.”
10 खेल जो करते हैं दिमाग तेज
आप जानते ही हैं शतरंज 'दिमाग वालों' का खेल है. चलिए ऐसे ही और दस खेलों के बारे में जानें जो करते हैं दिमाग को दुरूस्त.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Warnecke
शतरंज: खेलों का बादशाह
तीसरी से लेकर छठी शताब्दी के बीच हिंदुस्तान में विकसित हुए इस खेल को नवाबों का खेल माना जाता रहा है. शतरंज की बिसात काले और सफेद 64 छोटे छोटे वर्गों में बिछती है. 16-16 मोहरों के साथ इस खेल को दो लोग आपस में खेलते हैं. हर एक का मकसद होता है दूसरे के बादशाह को 'शह और मात' देना. मतलब मोहरों का ऐसा जाल बिछाना कि बादशाह कहीं हिल ही न सके.
तस्वीर: MEHR
गो: एशियाई खेल
'गो' नाम का खेल चीन की पैदाइश है. लेकिन ये अधिकतर विकसित हुआ कोरिया और जापान में. इसे काले और सफेद पत्थरों के साथ एक तख्ती में खेला जाता है जिसमें 19-19 खड़ी और तिरछी रेखाएं बिछी रहती हैं. जहां ये रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं पत्थर वहीं रखे जाते हैं. मकसद होता है अधिकतर तख्ती में अपने रंग के पत्थरों से कब्जा करना.
तस्वीर: Imago/Xinhua
शोगी : जापानी शतरंज
ये शतरंज की ही तरह का एक जापानी खेल है जिसे नौ हिस्सों में बटी एक तख्ती में खेला जाता है. कुछ लोग इसे बड़ी तख्ती में खेलते हैं और कुछ छोटी में. शोगी और शतरंज में एक खास अंतर है. शोगी में शतरंज की तरह मोहरों का बटवारा नहीं किया गया है, दोनों ही खिलाड़ी किसी भी मोहरे का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन दोनों ही खेलों में मकसद एक ही है 'शह और मात'.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/K. Sasahara
चेकर्स : कूदो और कब्जा करो
चेकर्स का बोर्ड भी शतरंज की ही तरह होता है लेकिन नियमों में भारी अंतर है. यहां खिलाड़ी अपने मोहरों को केवल काले खानों में तिरछे ही बढ़ा सकते हैं. और बार में सिर्फ एक खाना. सामने विरोधी का मोहरा आ जाए तो कूद कर उस पर कब्जा करना होता है. जीतता वो है जो सबसे पहले विरोधी के सारे मोहरों पर कब्जा कर लेता है. चेकर्स को जर्मन में 'डेम' भी कहा जाता है जिसका मतलब है 'महिला'.
तस्वीर: Getty Images/AFP/G. Bouys
नाइन मेन्स मॉरिस : 'मिल' का खेल
इसके बोर्ड में एक दूसरे में पिरोए हुए घटते आकार के तीन वर्ग बने होते हैं. खेल में दो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं हर एक के पास नौ गोटियां होती हैं. इसमें तीन गोटियों को एक पंक्ति में लगाना होता है. इसे 'मिल' कहते हैं, इससे आप अपने विरोधी की गोटी हटा सकते हैं. जीतता वह है जो ऐसा करते हुए विरोधी के पास बस दो गोटियां बचने दे और अपनी तीन 'मिल' बना ले.
तस्वीर: Imago/Schöning
टिक टैक टो : गोल या चौकोर?
ये सबसे आसान खेल है. क्योंकि आपको बस एक पेंसिल चाहिए और एक कागज का टुकड़ा. टिक टैक टो की शुरूआत 12वीं शताब्दी में हुई. इसे दो लोग खेलते हैं. तस्वीर में दिखाए गए तरीके से कागज में दो सीधी और खड़ी रेखाएं खींच लेते हैं. इससे बने 9 खानों में एक खिलाड़ी X बनाता है दूसरा O. जो सपसे पहले सीधे, तिरक्षे या खड़े खानों को भर लेता है जीत उसी की होती है.
तस्वीर: imago/J. Tack
'कनेक्ट फोर' : खड़ा बोर्ड
है तो यह खेल भी बोर्ड गेम ही लेकिन इसमें बोर्ड खड़ा होता है. ''कनेक्ट फोर'' नाम का ये खेल 1974 में बनाया गया. इसमें भी दो ही खिलाड़ी खेलते हैं. जो भी पहले अपने रंग की चार गोटियों को सीधे, आड़े या तिरछे तरीके से कतार में लगा लेता है वो जीत जाता है. ये भी टिक टैक टो की तरह ही है लेकिन इसमें 9 के बजाय 42 खाने होते हैं.
तस्वीर: imago/blickwinkel
'सिविलाइजेशन' : बोर्ड से स्क्रीन तक
'सिविलाइजेशन' यानि 'सभ्यता' नाम का ये खेल 1980 में एक बोर्ड गेम के बतौर शुरू हुआ. ये थोड़ा सा जटिल है. इस खेल में सभ्यता को प्राचीन युग की कठिनाइयों को पार करते हुए लौह युग तक पहुंचाना होता है. इस खेल को सात लोग साथ खेल सकते हैं और एक गेम 10 घंटों तक भी खिंच सकता है. इस खेल ने 1991 में एक कंप्यूटर गेम का रूप लिया और दुनियाभर में मशहूर हुआ.
तस्वीर: 2007 Free Software Foundation, Inc.
ऐनो : लोगों और संसाधनों का गेम
ऐनो के लिए काफी कुछ चाहिए. इसकी शुरुआत 1998 में हुई. इस खेल में खिलाड़ी को दूर दराज द्वीप ढूंढ कर उस पर लोगों को बसाना और उनकी जरूरतों को पूरा करना होता है. खिलाड़ी एक दूसरे के साथ व्यापार या एक दूसरे के इलाके पर हमला भी कर सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Stratmann
'स्टारक्राफ्ट' : उम्दा टाइम पास
हो सकता है कि किसी को ये अजीब लगे लेकिन दक्षिण कोरिया में यह टाइम पास करने का राष्ट्रीय तरीका है. इसकी शुरूआत 1998 में हुई और ये कंप्यूटर के कुछ सबसे मशहूर गेम्स में रहा है. खिलाड़ी एक बेस बनाते हैं, संसाधन जुटाते हैं और विरोधियों से लड़ने के लिए सैनिकों का इंतजाम करते हैं. इससे जुड़े ऑनलाइन टूर्नामेंट दक्षिण कोरिया में काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Warnecke
10 तस्वीरें1 | 10
19 वर्षीय हैंस नीमान अमेरिकी खिलाड़ी हैं. सिंकफील्ड कप में वह सबसे निचली रैंकिंग के खिलाड़ी थे और उन्होंने नॉर्वे के 31 वर्षीय मागनुस कार्लसन को 53 गेम्स में हरा दिया था. उसके बाद कार्लसन ने छह मैच बाकी रहते टूर्नामेंट बीच में छोड़ दिया. बाद में शतरंज के सबसे बड़े ऑनलाइन मंच चेस डॉट कॉम ने कहा कि ‘धोखाधड़ी के कारण' उसने नीमान को अपने यहां से हटा दिया है.
पहले भी हुई है धोखाधड़ी
शतरंज में धोखाधड़ी के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं. कई खिलाड़ियों को गुपचुप तरीके से धोखाधड़ी करते पकड़ा गया है. अब ऐसे बहुत सारे ऐप मौजूद हैं जो किसी भी अच्छे शतरंज खिलाड़ी से ज्यादा तेज और बेहतर चालें सोच सकते हैं. इसीलिए आमने-सामने हो रहे बोर्ड गेम मैच में फोन पर प्रतिबंध है.
फिर भी, कई खिलाड़ियों ने धोखाधड़ी के तरीके निकाले हैं. एक बार एक भारतीय खिलाड़ी ध्रुव कक्कड़ को अपनी टांग पर टेप से फोन चिपकाए और कान में माइक्रोफोन के साथ पकड़ा गया था. 2015 में जब यह घटना हुई थी जब इस खिलाड़ी ने एक ग्रैंड मास्टर को हरा दिया था. इससे पहले डॉ. हेडगेवार ओपन चेस टूर्नामेंट में एक अन्य भारतीय खिलाड़ी को तब चोरी करते पकड़ा गया जब उसने शौचालय में फोन छिपा रखा था, जिसकी वह खेल में मदद ले रहा था.
जादुई शतरंज
01:15
2006 में शतरंज खिलाड़ी वेसेलिन टोपालोव की टीम ने विश्व चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था क्योंकि उनका शौचालय जाना "संदिग्ध नहीं तो अजीब जरूर था.” 1978 में विक्टर कोर्चनोई की टीम ने तत्कालीन वर्ल्ड चैंपियन अनातोली कारपोव पर संदेह जताया था कि उन्हें ब्लूबेरी यॉगर्ट भेजी गई जो ‘एक विशेष चाल चलने का संकेत हो सकता है.'