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कतर के वर्ल्ड कप-दूत ने कहा, दिमाग की खराबी है समलैंगिकता

९ नवम्बर २०२२

इस्लामिक देश कतर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप को लेकर समलैंगिक प्रशंसकों द्वारा जाहिर की गईं चिंताओं के बीच प्रतियोगिता के एक दूत ने कहा है कि “समलैंगिकता हराम है क्योंकि यह दिमाग में खराबी है”.

पत्रकार योखेन ब्रेयर और कतर के खेल दूत खालिद सलमान
पत्रकार योखेन ब्रेयर और कतर के खेल दूत खालिद सलमानतस्वीर: Mateusz Smolka/ZDF

कुछ ही दिन पहले कतर के विदेश मंत्री ने कहा था कि वर्ल्ड कप के दौरान समलैंगिकों समेत सभी लोगों का उनके देश में स्वागत होगा. लेकिन प्रतियोगिता के एंबैस्डर और पूर्व कतरी खिलाड़ी खालिद सलमान ने कहा है कि यह एक "आध्यात्मिक नुकसान” है और "दिमाग में खराबी” है.

इसी महीने की 21 तारीख से कतर में वर्ल्ड कप शुरू होना है. उसी सिलसिले में जर्मनी के सार्वजनिक प्रसारक जेडडीएफ पर प्रसारित होने वाली एक डॉक्युमेंट्री के लिए इंटरव्यू में सलमान ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस बात से दिक्कत है कि बच्चे समलैंगिक लोगों को देखें क्योंकि तब "वे कुछ ऐसा सीखेंगे जो उन्हें नहीं सीखना चाहिए."

सलमान ने कहा, "मैं कोई कट्टर मुसलमान नहीं हूं. लेकिन यह हराम क्यों है? यह आध्यात्मिक हानि है.”

जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फाएजेर ने इस टिप्पणी की आलोचना की है. उन्होंने कहा, “बेशक, ऐसे बयान खौफनाक हैं. यही वजह है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि कतर में हालात बेहतर होंगे.”

क्या बोले सलमान?

जर्मनी के खेल पत्रकार और टीवी प्रेजेंटर योखेन ब्रेयर की इस डॉक्युमेंट्री ‘गेहाइमजाखे कतर' यानी ‘कतर के राज' के कुछ अंश सोमवार को जेडडीएफ पर प्रसारित किए गए. इन अंशों में देखा जा सकता है कि जैसे ही सलमान ने समलैंगिकता के बारे में बोलना शुरू किया, प्रेस ऑफिसर ने इंटरव्यू को बीच में ही रोक दिया.

एक अन्य अंश में सलमान ने कहा, "वर्ल्ड कप के दौरान बहुत सारी चीजें देश में आएंगी. मिसाल के तौर पर आइए, समलैंगिकों की बात करें. सबसे अहम बात यह है कि हर कोई उनका आना स्वीकार करेगा. लेकिन उन्हें हमारे नियम मानने होंगे.”

कतर में सार्वजनिक रूप से समलैंगिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं और इनके लिए सात साल तक की जेल हो सकती है. दुनिया के कई फुटबॉल खिलाड़ी और टीमें समलैंगिकों के शोषण के खिलाफ अभियान का हिस्सा हैं. इस अभियान के तहत जर्मनी, फ्रांस और इंग्लैंड समेत कई देशों की टीमों के कप्तान कतर में खेलते वक्त अपनी बांह पर सतरंगी निशान लगाएंगे.

चिंताएं और तसल्लियां

कतर में फुटबॉल वर्ल्ड कप का ऐलान होने के बाद ले मध्य-पूर्व का यह इस्लामिक देश लगातार आलोचनाओं के घेरे में रहा है. वहां मानवाधिकार उल्लंघन और विदेशी कामगारों के साथ बर्ताव को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता बोलते रहे हैं. हाल ही में जर्मनी में एक मैच के दौरान दर्शकों ने इस आयोजन का बहिष्कार करने का आहवान करने वाले बैनर लहराए थे, जिन्हें टीवी पर भी देखा गया.

जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फाएजेर ने कहा है कि वह तभी वर्ल्ड कप के लिए कतर जाएंगी जबकि कतर के प्रधानमंत्री समलैंगिक दर्शकों की सुरक्षा की गारंटी देंगे. फाएजेर ने पहले कहा था कि बर्लिन के दृष्टिकोण से कतर में वर्ल्ड कप का होना ‘बहुत पेचीदा' मामला हो सकता है. इस बयान पर कतर नाराज हो गया था और उसने अपने यहां जर्मनी के दूत को समन किया था.

फुटबॉल संघों की अंतरराष्ट्रीय संस्था फीफा ने जोर देकर कहा है कि कतर में वर्ल्ड कप के लिए सभी प्रशंसकों का स्वागत होगा. कतर की आयोजन समिति ने भी यह बात कही है. हालांकि, कतर के अमीर तमीम बिन हमाद अल थानी ने हाल ही में कहा था कि "हमारी संस्कृति” के सम्मान की अपेक्षा है.

समलैंगिक अधिकार समूहों ने फीफा से आग्रह किया है कि कतर पर समलैंगिकता को कानूनी रूप से स्वीकार करने के लिए दबाव बनाए. 21 सितंबर से शुरू होकर एक महीने चलने वाले फुटबॉल विश्व कप के लिए लगभग 20 लाख पर्यटकों के कतर जाने की संभावना है.

रिपोर्टः काइली मैकिनन

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